अक्सर वेजिटेबल गार्डन में खरपतवार उगने और पौधों में रोग लगने जैसी समस्याएँ देखी जाती हैं और फिर इनके नियंत्रण के लिए कई उपाय और विधियाँ अपनाई जाती हैं, लेकिन क्या आप पौधों को उगाने की एक अनोखी मेथड- कम्पेनियन प्लांटिंग के बारे में जानते हैं, जिसकी मदद से इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है और सब्जियों की अच्छी पैदावार भी प्राप्त की जा सकती है। यदि नहीं, तो हम आपको बता दें कि इस मेथड में अलग-अलग विशेषताओं वाले सब्जियों, फूलों या हर्ब्स के पौधों को एक साथ ग्रो किया जाता है, जिसका फायदा सभी पौधों को मिलता है। कम्पेनियन प्लांटिंग (साथी रोपण) क्या है, इसके क्या-क्या फायदे हैं, सब्जी वाले पौधों के साथ उगाये जाने वाले साथी पौधों के नाम और वेजिटेबल कम्पेनियन प्लांटिंग चार्ट के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
कम्पेनियन प्लांटिंग क्या है – What Is Companion Planting In Hindi
साथी रोपण अर्थात् कम्पेनियन प्लांटिंग पेड़-पौधों को लगाने की एक ऐसी मेथड है, जिसमें अलग-अलग प्रकार के पौधों को उनके कुछ खास गुणों और विशेषताओं के कारण होम गार्डन में एक साथ उगाया जाता है, इस तरह के पौधों को साथी पौधे कहा जाता है। उदाहरण के लिए मक्का (Corn), बीन्स और स्क्वैश (Squash) के पौधों को एक साथ लगाया जाता है, क्योंकि बीन्स प्लांट मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाते हैं जिसका फायदा स्क्वैश और मक्का दोनों पौधों को होता है, जबकि मक्का के पौधे लम्बे और मजबूत होने के कारण बीन्स की बेल को बढ़ने में हेल्प करते हैं। स्क्वैश प्लांट के बड़े पत्ते होते हैं जो मिट्टी को ढके रहते हैं। इससे मिट्टी ठंडी और नम रहती है और जिससे खरपतवार के बीज अंकुरित नहीं हो पाते हैं, क्योंकि खरपतवार के बीजों को जर्मिनेट होने के लिए प्रकाश की आवश्यकता होती है।
कम्पेनियन प्लांटिंग के फायदे क्या हैं – What Are The Benefits Of Companion Planting In Hindi
- कम्पेनियन गार्डनिंग करने का सबसे बड़ा फायदा होता है, कीट नियंत्रण (Pest control)। उदहारण के लिए धनिया, तुलसी, नैस्टर्टियम जैसे पौधों की तेज गंध के कारण एफिड्स, व्हाइटफ्लाई और बीटल्स आदि कई हार्मफुल कीट (harmful insects) इन पौधों से दूर रहते हैं और इस तरह इनके साथ जिन भी पौधों को लगाया जाता है, वे भी इन कीटों (Pest) से सुरक्षित रहते हैं।
- इस मेथड में अधिक लम्बाई वाले पौधों के साथ उन छोटे पौधों को लगा दिया जाता है, जो छाया में अच्छे से ग्रोथ करते हैं। इस तरह लम्बे पौधों से छोटे पौधे जैसे पालक, लेट्युस आदि को नेचुरल छाया मिल जाती है।
- इस विधि में पौधे लगाने के लिए पूरे गार्डन या जहाँ भी आप गार्डनिंग कर रहे हैं (जैसे टेरेस गार्डनिंग) उस पूरी जगह का उपयोग कर लिया जाता है, जिससे खरपतवारों को उगने के लिए न ही जगह मिलती है और न ही रोशनी।
- कुछ पौधे जैसे बीन्स, मिट्टी की संरचना में सुधार करते हैं, और उसमें नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाते हैं।
- इस मेथड में अलग-अलग गुणों वाले पौधों को एक साथ उगाया जाता है, जिसका फायदा सभी पौधों को होता है। इस तरह कम्पेनियन प्लांटिंग करने से सब्जियों या फूलों आदि की पैदावार भी अच्छी होती है।
सब्जियों की कम्पेनियन प्लांटिंग करने का चार्ट – Companion Planting Chart For Vegetables In Hindi
यदि आप जानना चाहते हैं कि सब्जियों के साथ कौन-कौन से पौधे एक साथ उगाए जा सकते हैं, तो नीचे सब्जियों के साथी पौधों का चार्ट दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि किस वेजिटेबल के साथ कौन से पौधे लगाना है और किन पौधों को साथ नहीं लगाना चाहिए। आइये जानते हैं वेजिटेबल कम्पेनियन चार्ट के बारे:
क्र. |
सब्जी का नाम |
साथी पौधे (Companion Plant) |
पौधे साथ में लगाने के फायदे |
साथ न उगाए जाने वाले पौधे |
पौधे एक साथ न लगाने के कारण |
1 |
एस्परैगस (Asparagus) |
आलू, प्याज, और गाजर की गहरी जड़ें होती हैं जो कि एस्परैगस के साथ पोषक तत्वों के लिए कम्पीट करती हैं और इसकी जड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। |
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2 |
फलियाँ (Beans) |
एफिड्स को बीन्स प्लांट्स से दूर रखने के लिए नैस्टर्टियम को इसके साथ लगाया जाता है और बीन्स की नाइट्रोजन-फिक्सिंग क्षमताओं से मक्का अर्थात कॉर्न के पौधों को फायदा होता है। |
चाइव्स, लहसुन, और प्याज के पौधे, बीन्स प्लांट्स की ग्रोथ को रोक सकते हैं। |
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3 |
चुकंदर (Beets) |
चुकंदर मिट्टी में मैग्नीशियम पोषक तत्व को जोड़ता है और प्याज हानिकारक कीटों को चुकंदर से दूर रखती है। |
पोल बीन्स, सरसों |
पोल बीन्स, मस्टर्ड और चुकंदर एक दूसरे की ग्रोथ में बाधा उत्पन्न करते हैं। |
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4 |
ब्रोकली (Broccoli) |
अजवाइन, कैमोमाइल, डिल, मेंहदी, गेंदा, फूलगोभी, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स |
डिल हर्ब, ततैया कीट (wasp) को अट्रैक्ट करती है जो एफिड्स और स्पाइडर माइट्स जैसे हानिकारक कीटों को खाती है। अजवाइन, आलू और प्याज, ब्रोकली के स्वाद में सुधार करते हैं। |
पोल बीन्स, मक्का, काली मिर्च, कद्दू, स्क्वैश, स्ट्रॉबेरी |
कद्दू, स्वीट कॉर्न हैवी फीडर पौधे होते हैं जिसके कारण ब्रोकली के पास लगाने से यह पोषक तत्वों की कमी का कारण बनते हैं। |
5 |
ब्रुसेल्स स्प्राउट्स (Brussels sprouts) |
ब्रुसेल्स स्प्राउट्स के पौधे एफिड्स, बीटल्स, कटवर्म, लीफमाइनर और स्क्वैश बग सहित कई कीटों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। तुलसी, लहसुन, प्याज और पुदीना जैसे तीखी गंध वाले पौधे इन कीटों को दूर भगा सकते हैं। |
स्ट्रॉबेरी, गोभी, टमाटर, बीन्स |
पोल बीन्स, स्ट्रॉबेरी, टमाटर प्लांट्स इत्यादि ब्रुसेल्स स्प्राउट्स की ग्रोथ को रोकते हैं। |
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6 |
बैंगन (Brinjal) |
कॉर्न, जेरेनियम, सौंफ |
कॉर्न और बैंगन दोनों हैवी फीडर हैं, इसीलिए इन्हें साथ नहीं लगाते क्योंकि ये पोषक तत्वों के लिए कॉम्पिटिशन करते हैं। जेरेनियम में लीफ ब्लाइट और रूट रॉट जैसे रोग लगते हैं, जिससे ब्रिंजल का पौधा भी प्रभावित होता है। |
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7 |
पत्ता गोभी (Cabbage) |
चुकंदर, आलू, अजवायन, सेज, लहसुन, नैस्टर्टियम, गेंदा, पुदीना |
गेंदा और सुगंधित हर्ब्स जैसे पुदीना और अजवायन इत्यादि के पौधे पत्ता गोभी के पौधे में लगने वाले कीड़े (Cabbage Worm) को इससे दूर रखते हैं। अजवाइन, लहसुन, पुदीना और प्याज पत्ता गोभी के स्वाद को बढ़ा देते हैं। |
स्ट्रॉबेरी, टमाटर, पोल बीन्स, सरसों, लेट्युस, |
बीन्स की बेल पत्ता गोभी के प्लांट्स को ढक सकती है, जबकि पत्ता गोभी को बढ़ने के लिए सनलाइट की जरूरत होती है। गोभी में लगने वाले कीट टमाटर में भी फ़ैल सकते हैं, इसीलिए इन्हें भी पास-पास नहीं लगाना चाहिए। |
8 |
गाजर (Carrot) |
बुश बीन्स, पोल बीन्स, प्याज, मटर, मूली, टमाटर, सेज, रोजमेरी, लीक, चाइव्स |
चाइव्स हर्ब गाजर की ग्रोथ और स्वाद में सुधार करती है और एफिड्स, माइट्स जैसे कीटों को दूर रखती है। रोजमेरी और सेज हर्ब्स कैरट फ्लाई कीट (Carrot fly) से गाजर की सुरक्षा करती हैं। |
आलू, डिल, पार्सनिप, और रूट वेजिटेबल |
आलू, पार्सनिप जैसी जड़ वाली सब्जियों को गाजर के साथ लगाने से ये पोषक तत्वों के लिए आपस में कॉम्पिटिशन करती हैं, जिसके कारण गाजर की पैदावार कम होती है। |
9 |
फूलगोभी (Cauliflower) |
बीन्स, अजवायन, गेंदा, सेज, डिल, सौंफ, लहसुन, प्याज, पुदीना, ओरिगैनो |
गेंदा और सौंफ के पौधे लेडी बग, बटरफ्लाई, आदि उपयोगी कीड़ों को अट्रैक्ट करते हैं, जो हानिकारक कीटों को खा जाते हैं और फूलगोभी की पैदावार बढाते हैं। प्याज केटरपिलर और एफिड्स जैसे हानिकारक कीटों को दूर रखती है। |
नैस्टर्टियम, मटर, आलू, स्ट्रॉबेरी, टमाटर |
स्ट्राबेरी स्लग, स्नेल और भी अन्य कीटों को अपनी ओर अट्रेक्ट करती हैं। और मटर के पौधे, फूल गोभी की पैदावार को कम करते हैं। |
10 |
मक्का (corn) |
बीन्स, खीरा, खरबूजा, मटर, कद्दू, आलू, मूली, सनफ्लावर, डिल, पालक |
डिल हर्ब का पौधा एफिड्स, माइट्स जैसे कीटों को दूर रखता है, जिससे मक्का के पौधे भी सुरक्षित रहते हैं। बीन्स मक्का (कॉर्न) के पौधे को नाइट्रोजन उपलब्ध कराती हैं। पालक मक्का के पौधे की छाँव में अच्छे से ग्रोथ कर पाती है। |
टमाटर, अजवाइन |
टमाटर का पौधा हॉर्नवॉर्म और इयरवॉर्म हार्मफुल कीटों को अट्रैक्ट करता है जो मक्का के पौधे पर भी हमला करते हैं, इसीलिए रोगों से बचाव के लिए इन दोनों पौधो को साथ नहीं लगाया जाता है। |
11 |
खीरा (Cucumber) |
बीन, अजवाइन, सलाद पत्ता, मटर, मूली, गेंदा, ओरिगैनो, डिल, नैस्टर्टियम |
डिल हर्ब लाभकारी कीड़ों को अट्रैक्ट करती है, जो कुकुम्बर बीटल जैसे कीटों को खाते हैं। मूली बीटल्स और रस्ट फ्लाई कीटों को दूर भगाती है। |
सुगंधित हर्ब्स, खरबूज, आलू |
खीरा और खरबूज दोनों एक ही रोग से प्रभावित होते हैं, इसीलिए इन्हें साथ में नहीं लगाया जाता है और आलू में पोटैटो ब्लाइट रोग लगता है, जो खीरे के पौधे को भी प्रभावित कर सकता है। |
12 |
सलाद पत्ता (Lettuce) |
शतावरी, गाजर, मूली, स्ट्रॉबेरी, मिर्च, लहसुन, प्याज, गेंदा, चाइव्स, तुलसी |
चाइव्स, लहसुन, और प्याज की गंध एफिड्स, और अन्य कीटों को गार्डन से दूर रखती है। तुलसी लेट्युस के फ्लेवर में सुधार करती है। |
सौंफ, पार्सले, गोभी परिवार की सब्जियां (Brassicas) |
सौंफ प्लांट लेट्युस पौधे को बढ़ने से रोकता है। ब्रासिकस (Brassicas) पौधे पास में लगाने से लेट्युस के बीज अच्छे से जर्मिनेट नहीं हो पाते हैं। |
13 |
प्याज (Onion) |
ब्रोकली, सलाद पत्ता, स्ट्रॉबेरी, टमाटर, गाजर |
प्याज की तेज गंध के कारण बोरर और कटवर्म (borers and cutworms) जैसे कई हार्मफुल कीट गार्डन में नहीं आते हैं। |
बीन, मटर, सेज |
प्याज का प्लांट बीन, मटर और अन्य फलियों की जड़ों में पाए जाने वाले उपयोगी बैक्टीरिया को मार सकता है, जिससे उनकी ग्रोथ रुक जाती है। |
14 |
मटर (Peas) |
बीन्स, गाजर, मक्का, खीरा, मूली, चाइव्स, पुदीना, एलिसम |
चाइव्स हर्ब एफिड्स को दूर रखती है और पुदीना के पौधे मटर की ग्रोथ को बढाने में हेल्प करते हैं। एलिसम पॉलिनेटर और हरे रंग के लेसविंग्स (lacewings) कीट को अट्रैक्ट करता है जो एफिड्स को खाता हैं। |
प्याज, लहसुन, लीक, चाइव्स |
लीक का पौधा हानिकारक कीटों को अट्रैक्ट करता है, प्याज, लहसुन और मटर को एक जैसे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जिसके कारण पास लगाने पर ये पोषक तत्वों के लिए कम्पीटीशन करते हैं। |
15 |
आलू (Potato) |
बीन, मक्का, गोभी, मटर, बैंगन, तुलसी, धनिया, कैलेन्डुला |
बीन्स प्लांट, आलू की ग्रोथ में हेल्प करते हैं और धनिया प्लांट बीटल्स, एफिड्स, स्पाइडर माइट्स जैसे कीटों से आलू को बचाते हैं। |
खीरा, कद्दू, स्क्वैश, सूरजमुखी, टमाटर, गाजर, प्याज |
खीरा, टमाटर हानिकारक कीड़ों को अट्रैक्ट करते हैं जो आलू की ग्रोथ को रोक सकते हैं। गाजर, सौंफ, प्याज और शलजम भी आलू की पैदावार कम करने का कारण बनते हैं। |
16 |
कद्दू (Pumpkin) |
मक्का, गेंदा, पोल बीन्स, कैलेंडुला, ओरिगैनो |
कैलेन्डुला फ्लावर, कद्दू में होने वाले रोग रूट नेमाटोड को रोकता है और बीन्स कद्दू के लिए नाइट्रोजन उपलब्ध कराती हैं। |
आलू, ब्रुसेल्स स्प्राउट, फूलगोभी, ब्रोकली |
गोभी, ब्रोकली और कद्दू प्लांट पोषक तत्वों के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करते हैं। जिससे किसी भी पौधे को सही मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त नहीं हो पाते हैं। |
17 |
मूली (Radish) |
नैस्टर्टियम, मटर, सलाद, खीरा, चुकंदर, पालक, गाजर, खरबूज, स्क्वैश, टमाटर, बीन्स |
नैस्टर्टियम, एफिड्स और व्हाइटफ्लाइज़ को दूर रखता है और बीन्स प्लांट मूली के लिए नाइट्रोजन उपलब्ध कराते हैं। |
आलू, ब्रोकली, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स |
ब्रोकली, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स, और फूलगोभी, मूली की ग्रोथ को रोकती है। |
18 |
पालक (Spinach) |
अजवाइन, फूलगोभी, बैंगन, बीन्स, धनिया, ओरिगैनो, रोजमेरी, मटर |
मटर और बीन्स के पौधे पालक के लिए छाया का काम करते हैं। धनिया, ओरिगैनो, और रोजमेरी हर्ब्स हानिकारक कीटों से पालक की रक्षा करती हैं। |
लीक, स्ट्रॉबेरी, सौंफ, आलू, |
आलू की जड़ें मिट्टी में बहुत जगह लेती हैं जिससे वे मिट्टी में उपस्थित अधिकतम पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेती हैं और पालक के पौधों को वह पोषण नहीं मिल पाता है जिसकी उन्हें ग्रोथ के लिए आवश्यकता होती है। |
19 |
टमाटर (Tomato) |
शतावरी, अजवाइन, गाजर, अजमोद, गेंदा, तुलसी, बोरेज, डिल, थाइम, कैलेन्डुला |
तुलसी और अन्य हर्ब्स के पौधे व्हाइटफ्लाई, स्पाइडर माइट्स, एफिड्स जैसे कीट को गार्डन से दूर रखते हैं और इस पौधे के कारण टमाटर की पैदावार भी बढ़ जाती है। |
मक्का, सौंफ, आलू, कोल्हाबी, पत्ता गोभी, मटर, चुकंदर |
ब्रोकली, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स, पत्तागोभी और फूलगोभी के पौधे टमाटर के पास न लगाएं, क्योंकि वे टमाटर की ग्रोथ को रोक सकते हैं। मकई और टमाटर को भी एक साथ नहीं लगाया जाता, क्योंकि ये समान रोगों (earworm) से प्रभावित होते हैं। |
20 |
गिलकी (Sponge Gourd) |
बीन्स, डिल, अजवायन, अजमोद, काली मिर्च, मूली |
डिल ततैया और लेडी बग जैसे उपयोगी कीड़ों को अट्रैक्ट करती है, जो गिलकी में लगने वाले एफिड्स जैसे हानिकारक कीटों को खाते हैं। |
आलू, कद्दू |
आलू और गिलकी या तोरई दोनों पोषक तत्वों के लिए आपस में कॉम्पीट करते हैं, इसीलिए इन्हें साथ में लगाना चाहिए। |
21 |
शिमला मिर्च (Capsicum) |
तुलसी, प्याज, ओरिगैनो, मरजोरम |
तुलसी, ओरिगैनो, मरजोरम में कीट प्रतिरोधी गुण पाए जाते हैं, जिससे शिमला मिर्च के पौधे भी कीटों से सुरक्षित रह पाते हैं। |
ब्रासिका, सौंफ, बीन्स |
बीन्स की बेल मिर्च के पौधों के बीच न फैले इसीलिए इन दोनों प्लांट को एक साथ नहीं लगाया जाता है। |
22 |
जुकीनी (Zucchini) |
ओरिगैनो, ज़िन्निया, नैस्टर्टियम |
पोलीनेटर्स को अट्रैक्ट करने के लिए जुकीनी और जीनिया फूल को एक साथ लगाया जाता है। नैस्टर्टियम एफिड्स और व्हाइटफ्लाइज़ को दूर रखता है। |
खरबूज, स्क्वैश, खीरा, केल, ब्रोकली |
केल, कोहलबी, ब्रोकली, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स और फूलगोभी ब्रैसिका परिवार की सब्जियां हैं जिन्हें जुकीनी के पौधों के पास नहीं लगाया जाना चाहिए क्योंकि ये मिट्टी में उपस्थित सभी पोषक पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेते हैं जिसके कारण जुकीनी के पौधे ग्रोथ नहीं कर पाते हैं। |
23 |
सेलेरी (Celery) |
चुकंदर, पत्ता गोभी, खीरा, मटर, टमाटर, पालक, प्याज, सेम |
सेम और मटर मिट्टी में नाइट्रोजन उपलब्ध कराते हैं, और हैवी फीडर सेलेरी के पौधे को अधिक पोषक तत्व देते हैं। प्याज की तेज गंध से सेलरी के पत्ते खाने वाले कीड़े पौधे से दूर रहते हैं। |
आलू, शलजम, मक्का, गाजर, पार्सनिप |
गाजर, पार्सनिप, और सेलेरी एक ही प्रकार के कीटों से प्रभावित होते हैं इसीलिए इन्हें साथ नहीं लगाते हैं। |
24 |
पार्सले (Parsley) |
मूली, टमाटर, एस्परैगस, कॉर्न, चाइव्स |
पार्सले का पौधा लेडी बग जैसे उपयोगी कीड़े को अट्रैक्ट करता है जो टमाटर के हॉर्नवोर्म (hornworm) कीट को खाता है। चाइव्स प्लांट एफिड्स, नेमाटोड, और माइट्स जैसे हार्मफुल इन्सेक्ट को गार्डन से दूर रखते हैं। |
पालक, गाजर, पुदीना |
गाजर और पार्सले एक ही परिवार की सब्जियां हैं, इसीलिए उनकी पोषक तत्वों की आवश्यकताएं भी एक समान होती है और ये एक जैसे रोगों से प्रभावित होती हैं, इसीलिए इन्हें एक साथ नहीं लगाया जाता है। |
25 |
केल (Kale) |
चुकंदर, बीन्स, सेलेरी, डिल, लहसुन, मटर, पुदीना, आलू, रोजमेरी, सेज |
केल एक हैवी नाइट्रोजन फीडर है, जिसके लिए बीन्स या मटर के पौधे इसके पास लगाए जाते हैं, जो मिट्टी में नाइट्रोजन को उपलब्ध कराते हैं। |
ब्रोकली, फूल गोभी |
रोग के प्रसार को रोकने के लिए ब्रोकली, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स और फूलगोभी के पौधों को केल के नजदीक लगाने से बचें। |
26 |
धनिया (cilantro) |
पालक, आलू, डिल, टमाटर, तुलसी, पुदीना |
धनिया के पौधे, एफिड्स, पोटैटो बीटल्स जैसे कीटों से आलूओं को बचाते हैं। टमाटर के पौधे धनिया को छाया देते हैं। |
गाजर, डिल, सौंफ, थाइम |
धनिया को अच्छे से ग्रोथ करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है जबकि थाइम, रोजमेरी, लैवेंडर हर्ब्स को कम पानी की जरूरत होती है इसीलिए इन पौधों को एक दूसरे के नजदीक नहीं लगाया जाता है। |
इस लेख में आपने कम्पेनियन प्लांटिंग क्या है, इसके फायदे और कम्पेनियन प्लांटिंग वेजिटेबल चार्ट के बारे में जाना। उम्मीद करते हैं इस लेख में दी गयी जानकारी आपको समझ आई होगी, लेकिन यदि आपके इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई सवाल या सुझाव हों तो उन्हें कमेन्ट अवश्य करें।