फूलों के पौधे हमारे गार्डन में खूबसूरती बढ़ाने के साथ हमें प्रकृति से भी जोड़ने का कार्य करते हैं। अक्सर हम इन पौधों को अपने होम गार्डन के गमलों में लगाते हैं और बहुत केयर के साथ इन्हें बड़ा करते हैं। कभी-कभी आपने देखा होगा, कि यह खिलते हुए फूल के पौधे अचानक से मुरझा जाते हैं, पीले पड़ जाते हैं या फिर इनके फूल झड़ने लगते हैं। दरअसल इसकी एक वजह इन फ्लावर प्लांट्स में कीटों और रोगों का संक्रमण हो सकता है। फूल वाले पौधों में कीट और रोग लगने से फूल नहीं खिल पाते हैं और पौधे मरने लगते हैं। हालाँकि कुछ कीट और रोग प्रबंधन के उपाय अपनाकर इन फूलों को कीट व रोगों के संक्रमण से बचाया जा सकता है, जिनकी जानकारी हम आपको इस लेख में देंगे।
अपने फूल के पौधों को कीट व रोगों से कैसे बचाएं (Pest And Disease Management In Flowers In Hindi), बचाने के उपाय या तरीके जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
फूलों को कीटों और रोगों से कैसे बचाएं – Control Pest And Disease Of Flower Plants In Hindi
अगर आप अपने गार्डन में लगे फूलों के पौधों को कीट या बीमारियों से बचाना चाहते हैं, तो हम आपको फूलों में कीट व रोग नियंत्रण के कुछ उपाय बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप फूल वाले पौधों में कीट और रोग लगने से बचा सकते हैं:-
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गार्डन में फूलों के स्वस्थ पौधे लगाएं – Plant Healthy Flowering Plants In Garden In Hindi
अगर आप अपने गार्डन में लगाने के लिए नर्सरी से फूल के पौधे खरीदते हैं, तो उनकी अच्छी तरह जांच करें और गार्डन के अन्य पौधों के साथ लगाने से पहले उसे कुछ दिनों के लिए बाकि पौधों से अलग रखें। यदि पौधे पर किसी कीट व रोग के लक्षण जैसे स्पॉट्स, रंग फीका पड़ना या मुरझाना आदि दिखाई देते हैं, तो ऐसे पौधे को अपने गार्डन में न लगाएं।
अपने फूल के पौधों की नियमित जांच करें – Check Your Flowering Plants Regularly In Hindi
गार्डन के गमले में लगे फूल वाले पौधे की नियमित जाँच करना जरूरी है। अगर आपको पौधे की पत्तियों में छेद, उनके आकार में परिवर्तन, स्पॉट्स या मुरझाने जैसे कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो कीटों या बीमारियों की सही पहचान करें और नियंत्रण के प्राकृतिक उपायों को अपनाएं। आप अपने टेरेस गार्डन में लगे पौधों के आसपास स्टिकी ट्रैप लगाकर भी कीटों की उपस्थिति पर नजर रख सकते हैं।
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गार्डन में अच्छा वायु परिसंचरण बनाए रखना – Promote Good Air Circulation In Garden In Hindi
अधिकांश कीट और रोग नमी की अधिकता की वजह से फैलते हैं, जिसे रोकने के लिए पौधों के आस-पास उचित वायु परिसंचरण होना आवश्यक है। फूल वाले पौधों के उचित दूरी बनाएं तथा अधिक घने पौधों की पत्तियों की प्रूनिंग करें। इसके अलावा किसी भी मृत या क्षतिग्रस्त पौधे को हटा दें, क्योंकि ऐसे पौधों से कीट और रोग आकर्षित होते हैं।
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खरपतवार को उगने से रोकें – Remove Weeds Regularly In Garden In Hindi
होम गार्डन की अनावश्यक खरपतवार फूल वाले पौधों से पोषक तत्वों को अवशोषित करती है और हार्मफुल कीटों को गार्डन में आकर्षित करती है। इन कीटों के माध्यम से पौधे रोगों से संक्रमित हो जाते हैं, अतः मिट्टी की निराई-गुड़ाई करें और गार्डन में खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए प्राकृतिक तरीकों को अपनाएं।
गार्डन में लाभकारी कीटों को आकर्षित करें – Attract Beneficial Insects In Flower Garden In Hindi
फूल वाले पौधों के आसपास लाभकारी शिकारी कीटों को आकर्षित करने वाले पौधों को लगाकर भी कुछ हद तक कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है। गार्डन के कुछ कीट जैसे लेडीबग या लेसविंग आदि शिकारी कीट कहलाते हैं, यह कीट एफिड्स और कैटरपिलर जैसे कई हानिकारक कीड़ों को खाते हैं, जिससे वह हार्मफुल कीट फूल के पौधों से दूर रहते हैं।
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फ्लावर प्लांट्स की मल्चिंग करें – Mulching Flower Plants For Protect Pest And Disease In Hindi
गमले की मिट्टी की मल्चिंग करने से नमी प्रतिधारण (Water Holding), खरपतवार नियंत्रण और तापमान नियंत्रण जैसे कई लाभ होते हैं। अतः अपने फूल के पौधों को कीट व रोगों से बचाने का एक उपाय जैविक पदार्थों (अर्थात गीली घास, पुआल, लकड़ी के चिप्स या कटी हुई पत्तियों आदि) से उनकी मल्चिंग करना भी है, यह सामग्री फूलों को कीटों और रोगों से बचाने के साथ-साथ, सड़ने पर मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती है।
अत्याधिक खाद का उपयोग करने से बचें – Avoid Using Too Much Fertilizer On Flower Plants In Hindi
अत्यधिक खाद और उर्वरक मिट्टी में पोषक तत्वों के स्तर को असंतुलित कर सकते हैं, जिससे पौधे तनावग्रस्त स्थिति में आ सकते हैं तथा कीटों और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील भी हो सकते हैं, इसलिए पौधे की पोषक तत्वों की आवश्यकता के अनुसार सही खाद और उर्वरक चुनें और उचित मात्रा में उनका प्रयोग करें।
(नोट:- फूल वाले पौधों पर किसी भी केमिकल युक्त सिंथेटिक फर्टिलाइजर का प्रयोग न करें, इससे पौधों की कीट व रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है।)
गार्डन में स्वच्छता बनाए रखें – Keep Your Flower Garden Clean In Hindi
अधिकाँश कीट संक्रमित पौधों की सामग्री, मलवे और गंदगी की ओर आकर्षित होते हैं और यह आगे चलकर आपके स्वस्थ फूलों के पौधे को भी संक्रमित कर सकते हैं। अतः रोग को और फैलने से रोकने तथा पौधों में कीट और रोग प्रबंधन के लिए संक्रमित पौधे की सामग्री को गार्डन से हटाकर नष्ट कर दें। ध्यान रहे, इस सामग्री का उपयोग कम्पोस्ट खाद बनाने में न करें, इसमें बैक्टीरिया छिपे हुए हो सकते हैं। अपने पौधे की प्रूनिंग करते समय प्रूनिंग टूल्स को कीटाणुरहित करें।
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फूल के पौधों की उचित देखभाल करें – Take Proper Care Of Flowering Plants In Hindi
स्वस्थ पौधे कीटों और रोगों के प्रति कम संवेदनशील होते हैं, इसलिए अपने पौधों को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त पानी, धूप और पोषक तत्व प्रदान करें। अपने पौधों को अत्यधिक पानी देने से बचें, क्योंकि ओवरवाटरिंग से उनमें फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। इसके अतिरिक्त आप पौधे के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यकतानुसार जैविक संतुलित उर्वरक जैसे- बायो NPK, प्लांट ग्रोथ प्रमोटर, PROM फर्टिलाइजर, सीवीड फर्टिलाइजर आदि प्रदान कर सकते हैं।
फूल वाले पौधों को पानी देते समय पत्तियों को गीला न करें, इससे पत्तियों पर लगातार नमी बनी रहने की वजह से उनमें फंगस लग सकती है।
ऊपर बताए गए फूलों को कीट व रोग से बचाने के उपाय को अपनाने के बावजूद भी अगर आपके फ्लावर प्लांट्स कीट व रोगों से संक्रमित हो जाते हैं, तो संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए पौधे पर जैविक कीटनाशक साबुन और प्राकृतिक फंगीसाइड नीम के तेल का स्प्रे करें।
इस लेख में आपने फूलों के पौधों में कीट व रोग नियंत्रण/प्रबंधन या फूल वाले पौधे को कीटों और रोगों से कैसे बचाएं? के बारे में जाना। यदि आपने फ्लावर गार्डन तैयार किया है, तो अपने फूलों को कीट व रोग से बचाने के लिए ऊपर बताए गए तरीके या उपाय अपना सकते हैं। फिर भी यदि इस लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं।