पौधों में ओवरवाटरिंग के लक्षण व बचाने के तरीके – Overwatering Plants Effects And Ways To Save Plants In Hindi

पानी की कमी का पौधे पर क्या प्रभाव पड़ता है यह तो लगभग सभी लोग जानते हैं, लेकिन जरुरत से ज्यादा पानी पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है और पौधे से फूल, फल बनने से पहले ही गिरने लगते हैं, यह शायद बहुत कम लोग ही जानते होंगे। इसलिए आपको गार्डन या गमले की मिट्टी में लगे पौधों को कितना पानी देना है, इसके बारे में पता होना चाहिए। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से पौधों को पानी देने के सही तरीके के बारे में बताएँगे, पौधों में अधिक पानी देने के लक्षण व पौधे में ज्यादा पानी डालने से क्या होता है तथा पौधों में ओवरवाटरिंग रोकने के तरीके और बहुत अधिक पानी देने से ख़राब हुए प्लांट को कैसे ठीक करें, जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

पौधों में ओवरवाटरिंग क्या है – What Is Overwatering In Plants In Hindi

श्वसन के लिए पौधे की जड़ें, मृदा में उपस्थित वायु से ऑक्सीजन प्राप्त करती हैं लेकिन जब पौधा लगे गमले या गार्डन की मिट्टी में जरूरत से ज्यादा पानी दिया जाता है, तो मिट्टी में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और ऑक्सीजन की कमी के कारण पौधे मुरझाने लगते हैं या नष्ट हो जाते हैं, इसी को ओवर वाटरिंग कहते हैं। यदि आप पौधों में पानी की अधिकता अर्थात ओवरवाटरिंग के लक्षणों को जानना चाहते हैं, तो इस लेख को आगे तक पढ़ते रहें।

(यह भी जानें: पौधों को पानी कब दें, जानें पानी देने का सही समय क्या है…)

पौधों में बहुत अधिक पानी देने के लक्षण – Signs Of Overwatering In Plants In Hindi

पौधों में बहुत अधिक पानी देने के लक्षण – Signs Of Overwatering In Plants In Hindi

यदि आप ग्रो बैग या गार्डन में लगे पौधे को बहुत ज्यादा पानी देते हैं, तो इसके पौधो पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं, जैसे:

  • मिट्टी में जलभराव से पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं, फलस्वरूप पौधा सूखने या मुरझाने लगता है।
  • जरुरत से ज्यादा पानी देने से पौधों में फफूंद रोग और कीट लगने लगते हैं।
  • मिट्टी चिपचिपी और दलदली हो जाती है, जिससे पौधों का विकास रुक सकता है।
  • पौधे से पत्तियां गिरने लगती हैं।
  • होमगार्डन में लगे पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं।
  • पत्तियों का रंग, गहरा हरा न होना।

(यह भी जानें: पौधों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण और निदान…)

पौधों को ओवरवाटरिंग से कैसे बचाएं – How To Avoid Over Watering In Plants In Hindi

पौधे लगे गार्डन या गमले की मिट्टी में जलभराव या पानी की अधिकता को रोकने के कई तरीके हैं, आइये जानते हैं पौधों में पानी की अधिकता को रोकने अर्थात ओवरवाटरिंग से बचाने के कुछ महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में।

अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चयन करें – Choose Good Quality Soil For Plants In Hindi

अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चयन करें – Choose Good Quality Soil For Plants In Hindi

गमले की मिट्टी तैयार करते समय मिट्टी में रेत मिला लेनी चाहिए, इससे मिट्टी की जल निकासी क्षमता बढ़ जाती है एवं गमले में मिट्टी को भरने से पहले गमले में नीचे बालू या बजरी डाल देनी चाहिए, इससे पानी गमले के अन्दर जमा नही हो पाता, जिससे पौधे में ओवर वाटरिंग की समस्या नहीं होती है। अतः पौधे लगाने से पहले ओवर वाटरिंग से पौधों को बचाने के लिए एक अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी तैयार करने पर जोड़ देना चाहिए।

(यह भी जानें: पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी…)

जल निकासी के लिए गमलों में हो ड्रेनेज होल – Drilling Holes In Pots For Drainage In Hindi

यदि आप ओवर वाटरिंग से अपने पौधों को बचाना चाहते हैं, तो गमलों में पौधों को लगाने से पहले यह जरूर जांच लें, कि गमले में से अतिरिक्त पानी बाहर निकलने के लिए तली में ड्रेनेज होल या जल निकासी छिद्र जरूर हो। इस तरीके को अपनाकर आप अपने पौधों को ओवर वाटरिंग के खतरे से बचा सकते हैं। अतिरिक्त जल निकासी वाले गमले या ग्रो बैग खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें।

पौधों को पानी देने का सही तरीका चुनें – Watering Plants When Soil Is Dry in Hindi

पौधों को पानी देने का सही तरीका चुनें - Watering Plants When Soil Is Dry in Hindi

पौधों पर पानी डालने से पहले पौधे की मिट्टी को हाथ से छू कर चेक करें, मिट्टी सूखी (dry) होने पर ही गमले में लगे पौधों में पानी डालें और यदि मिट्टी में पहले से ही पर्याप्त नमी हो तो मिट्टी में पानी डालने से बचे। मिट्टी की नमी को चेक कर आप पौधे को ओवर वाटरिंग से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है व इस तरीके से पौधे में पानी देने से पौधे की जड़ें अच्छे से विकसित होती हैं। पौधे में पानी बौछार के रूप में डालें न की तेज धार से, इस तरीके से पौधों में पानी देने से मिट्टी में पानी जमा नहीं होता व आसानी से मिट्टी द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। पौधों को पानी देते समय मौसम का भी ध्यान रखें, क्योंकि ठण्ड में हवा में आद्रता होने की वजह से पौधों को कम पानी की आवश्यकता होती है।

(यह भी जानें: पौधों में पानी देने के नियम…)

पौधों को तेज बारिश से बचाएं – Protect Potted Plants From Heavy Rain In Hindi

पौधों को तेज बारिश से बचाएं - Protect Potted Plants From Heavy Rain In Hindi

वैसे तो बारिश का पानी पौधों की ग्रोथ के लिए अच्छा माना जाता है, मगर वही पानी यदि आवश्यकता से अधिक हो जाए, तो पौधे नष्ट भी हो सकते हैं। तेज बारिश से पौधों को बचाने के लिए आप निम्न स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं:

  • गमले या ग्रो बैग में ड्रेनेज के लिए गमले के नीचे जल निकासी छिद्र होना चाहिए।
  • पौधों को उचित जल निकासी वाली मिट्टी में लगाएं।
  • गमले या गार्डन में लगे पौधों की मल्चिंग करें, जिससे तेज बारिश पौधे की मिट्टी को बहाकर न ले जा पाए।

नोट – बारिश के मौसम में पौधों के ऊपर ग्रीन शेड नेट से छाया बना दें, जिससे बारिश होने पर गमले में लगे पौधों को तेजी से पानी न लगे।

पौधे को छाया में रखें – Keep Plants In Shade In Hindi

पौधे को छाया में रखें - Keep Plants In Shade In Hindi

पौधा यदि फुल सनलाइट में उगने वाला है तब भी ओवरवाटर्ड प्लांट को उठाकर छाँव में रख दें, क्योंकि जब पौधे को जरूरत से ज्यादा पानी दे दिया जाता है, तब पौधे की जड़ें पानी को पौधे केऊपरी हिस्सों तक नही पहुंचा पाती, जिसके कारण यदि पौधा धूप में रखा होता है तो पौधे की पत्तियां सूखने लगती हैं। इसीलिए पौधे को सूखने से बचाने के लिए छाँव या शेड का इस्तेमाल करें।

(यह भी जानें: टेरिस गार्डन के लिए शेड नेट के उपयोग और फायदे…)

ज्यादा पानी देने से खराब हुए प्लांट्स को ठीक कैसे करें – How To Fix Plants Damaged From Over Watering In Hindi

यदि आपके पौधे में ऊपर बताये गए पानी की अधिकता के लक्षण दिख रहे हैं, तो आप पौधों को स्वस्थ रखने के लिए निम्न उपाय कर सकते हैं, जैसे:

  • गीली मिट्टी को सुखाना
  • पौधे की गीली जड़ों को सावधानीपूर्वक बाहर निकालना
  • गमले या गार्डन में लगे पौधों से क्षतिग्रस्त जड़ों को अलग करना
  • पौधे को उचित आकार के गमले या ग्रो बैग में रिपॉट (Repot) करना, आदि।

पौधे की गीली मिट्टी को सूखने दें – Drying Wet Soil Of Overwatered Potted Plant In Hindi

पानी से भरे गमले की मिट्टी और पौधे की जड़ को सुखाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि, आप पुराने रद्दी अख़बार लें एवं उन अख़बारों को सूखी जगह पर अच्छे से बिछा लें। अब पौधे में पानी की अधिकता से गीली हुई मिट्टी व जड़ों को सुखाने के लिए गमले में से निकाले हुए प्लांट को जमीन पर बिछाए अख़बारों पर रख दें व 10 से 12 घंटों के लिए रखा रहने दें। ध्यान रखे कि जड़ें न्यूज़ पेपर पर ही रखीं हो जिससे कुछ समय में जड़ें आराम से सूख जायेंगी तथा मिट्टी को गमले में ही सूखने के लिए रखा रहने दें।

(यह भी जानें: पौधे ग्रो करने के लिए मिट्टी और कोकोपीट में बेहतर क्या…)

पौधे की गीली जड़ों को गमले से बाहर निकाले – Wet Roots Out Of Pot To Save Overwatered Plants In Hindi

होमगार्डन या गमले की दलदली मिट्टी को सुखाने के लिए, प्लांट को आराम से जड़ सहित गमले से बाहर निकालें। यदि मिट्टी में पानी की अधिकता होगी, तो पौधा आसानी से बाहर निकल जाएगा। अब आप अपनी अँगुलियों से जड़ों के आस पास की गीली मिट्टी को निकाल दें तथा जितनी मिट्टी आराम से निकल सके, उतनी ही मिट्टी निकालें। ध्यान रखें कि, इस दौरान पौधे की जड़ों को कोई नुकसान न पहुंचे।

पौधों की क्षतिग्रस्त जड़ों को करें प्रून – Overwatered Plants Recover By Root Pruning In Hindi

पौधों की कटाई छंटाई (प्रूनिंग) के बारे में तो सभी जानते हैं पर क्या आप जानते हैं कि, रूट प्रूनिंग (root pruning) क्या है? हम आपको बता दें कि पौधे की जो जड़ें पानी की अधिकता या अन्य कारण से सड़ या गल चुकी हैं, उन्हें काट कर अलग करना रूट प्रूनिंग कहलाता है। जड़ प्रूनिंग करने से पौधे में केवल स्वस्थ जड़ें बचती हैं, जिसे फिर से गमले में लगाने से पौधा जल्दी हरा भरा होने लगता है। हेल्दी जड़ों की पहचान यह है कि, वे सफ़ेद एवं मजबूत होती हैं। इसके अलावा यदि पौधे में स्वस्थ जड़ें अधिक होगी, तो आपका पौधा फिर से फल फूल सकता है।

(यह भी जानें: गार्डन में पेड़-पौधों की प्रूनिंग कैसे करें, जाने सही तरीका…)

पौधे को उचित आकार के गमले में करें ट्रांसप्लांट – Reduce Soil Waterlogging With Repotting In Hindi

पौधे को उचित आकार के गमले में करें ट्रांसप्लांट - Reduce Soil Waterlogging With Repotting In Hindi

बहुत अधिक पानी भरे गमले से पौधों को निकालकर किसी दूसरे गमले में लगाएं, अन्य नए गमले में पौधे को शिफ्ट करने के लिए फ्रेश व अच्छी जल निकास वाली पॉटिंग मिट्टी (potting soil) लें। मिट्टी की जल निकासी में सुधार करने के लिए आप मिट्टी में कुछ रेत भी मिला सकते हैं। गमले में मिट्टी को डालने से पहले उसमें नीचे कुछ छोटे छोटे पत्थर या बजरी डालें, जिससे गमले या ग्रो बैग से जल निकासी अच्छे से होती रहे।

ओवरवाटरिंग से खराब हुए पौधों को ठीक होने में लगा समय – Overwatered Plant Recovery Time In Hindi

ऊपर बताई गई स्टेप्स को अच्छे से फॉलो किया जाए तो बहुत ज्यादा पानी देने से खराब हुए पौधे 7 से 14 दिन में स्वस्थ होने लगते हैं, पर यदि जल भराव से पौधा ज्यादा ही खराब हो चुका है तो उसे ठीक होने में थोड़ा और टाइम लग सकता है। ओवर वाटरिंग से खराब हुए पौधे को दूसरे गमले में लगाने के बाद पानी थोड़ा-थोड़ा डालें एवं पौधे लगे गमले की मिट्टी में जरूरत के अनुसार ही पानी दें।

निष्कर्ष – Conclusion

इस लेख में आपने जाना कि, पौधों में पानी की अधिकता के लक्षण क्या हैं, एवं ओवरवॉटरिंग से मुरझाए पौधे को ठीक कैसे करें व पौधों को पानी देने का सही तरीका क्या है, और भी बहुत कुछ। आशा करते हैं यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसी तरह के और भी लेख पढ़ने के लिए आप हमारी साईट Organicbazar.net पर विजिट कर सकते हैं। इस लेख से रिलेटेड आपके जो भी सवाल या सुझाव हों, कमेंट में जरूर बताएं।

FAQ

प्रश्न 1. क्या पानी की अधिकता से खराब हुआ पौधा अपने आप ठीक हो सकता है?

उत्तर: नहीं, मुरझाए पौधे को ठीक करने के लिए आपको ही कुछ कदम उठाने होंगे।

प्रश्न 2. ओवर वाटरिंग के लक्षण क्या हैं?

उत्तर: गार्डन या गमले में लगे पौधों में पानी की अधिकता से निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं:

  • पत्तियां पीली होना
  • पत्तियों का गिरना
  • जड़ों का सड़ना, आदि।

प्रश्न 3. पौधों में पानी की अधिकता व कमी में क्या अंतर है?

उत्तर: निम्न लक्षणों से पौधे में पानी की अधिकता और कमी की पहचान की जा सकती है, जैसे:

  • पानी की कमी – पौधे का सूखना व पत्तियों का मुरझाना।
  • मिट्टी में पानी की अधिकता – मिट्टी दलदली होना व पौधे की पत्तियां पीली होना व गिरना, आदि।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *