यह टिप्स और ट्रिक्स बनाएंगी शुष्क गर्म मौसम में भी गार्डनिंग को आसान – 10 Tips For Gardening In Dry Weather In Hindi

यदि आप एक ऐसे क्षेत्र में रहते हैं, जहाँ वर्षा बहुत कम मात्रा में होती है और वहां का मौसम लगातार गर्म और शुष्क बना रहता है, तो उन क्षेत्रों में गार्डनिंग करना एक चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है। पानी की कमी और उच्च तापमान के चलते पौधों को स्वस्थ रखना मुश्किल हो जाता है। हालाँकि सूखे में बागवानी (gardening) करना एक मुश्किल काम हो सकता हैं, लेकिन असंभव नहीं। यदि आप पेड़ पौधों की उचित देखभाल करते हैं, तो शुष्क क्षेत्रों में भी आसानी से गार्डन तैयार कर सकते हैं। आज इस लेख में हम आपको शुष्क या गर्म मौसम में गार्डनिंग करने की कुछ ट्रिक्स और टिप्स बतायेंगे, जिससे सूखे के दौरान भी आप अपने क्षेत्र में हरियाली जोड़ सकते हैं। सूखे अर्थात शुष्क मौसम में गार्डनिंग कैसे करें या गार्डन कैसे बनाएं, बागवानी के तरीके या टिप्स जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

शुष्क मौसम में गार्डनिंग करने के टिप्स – Tips And Tricks Of Gardening In Dry Weather In Hindi

सूखे के दौरान अर्थात शुष्क-गर्म मौसम में गार्डनिंग करने के कुछ तरीके निम्न हैं:-

अपने पौधों को बुद्धिमानी से पानी दें – Water Your Plants Wisely In Dry Weather In Hindi 

अपने पौधों को बुद्धिमानी से पानी दें - Water Your Plants Wisely In Dry Weather In Hindi 

हम अक्सर सुनते हैं कि सब्जियों और फूल के पौधों को स्वस्थ रहने के लिए प्रति सप्ताह एक इंच पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन यह तब सही होता है, जब आप उन्हें एक बार गहराई से पानी दे चुके होते हैं। जड़ों तक पानी पहुँचने के बाद मिट्टी की सिर्फ ऊपरी परत में पानी देना उचित होता है।

इसके अतिरिक्त शुष्क मौसम के दौरान वाष्पीकरण (पानी के वाष्पित होने) से बचने के लिए तापमान ठंडा होने पर अर्थात सुबह जल्दी या देर शाम को पानी देना चाहिए। इससे पौधे पानी को धीरे-धीरे अवशोषित कर लेते हैं और पानी व्यर्थ नहीं जाता।

(नोट:- कुछ गर्म मौसम वाली सब्जियां जैसे टमाटर, खीरे आदि को प्रति दिन एक या दो बार पानी देने की आवश्यकता हो सकती है। जबकि उथली जड़ वाले पौधे जैसे पत्तेदार सब्जियों को सप्ताह में एक बार गहराई से पानी देना ठीक होता है।)

(यह भी जानें: रात में पौधों को पानी दें या ना दें, जानें फायदे और नुकसान….)

अपने गार्डन के पौधों की मल्चिंग करें – Mulching Your Garden Plants In Dry Weather In Hindi 

अपने गार्डन के पौधों की मल्चिंग करें - Mulching Your Garden Plants In Dry Weather In Hindi 

सामान्यतौर पर मल्च मिट्टी से पानी के वाष्पीकरण को कम करती है, जिससे उसमें अधिक समय तक नमी बनी रहती है। यदि आपने शुष्क गर्म क्षेत्रों में गार्डन बनाया है या फिर गार्डन बनाने जा रहे हैं, तो पौधों के चारों ओर गीली घास या पुआल आदि से मल्चिंग करके एक समान नमी बनाए रखने में मदद मिलती है।

पौधों में पानी की कमी के संकेतों की जांच करें – Check For Signs Of Water Deficiency In Plants In Hindi

अपने गार्डन में लगे पौधों में पानी की कमी की जांच करें। यदि पौधे की पत्तियां मुरझाई हुई दिखाई देती हैं, तो उन्हें पानी की आवश्यकता है, लेकिन ध्यान रहे यह स्थिति लगातार तेज धूप के प्रभाव से भी उत्पन्न हो सकती है, जो कि तापमान ठंडा होने पर ठीक हो सकती है। अगर तापमान कम होने पर भी यही स्थिति बनी रहती है, तब आप पौधे को पानी दे सकते हैं।

पौधों में पानी की कमी का दूसरा संकेत उनकी पत्ती के किनारों और उनकी शिराओं का ब्राउन होना भी होता है। अतः पौधे की नियमित जाँच करें और उन्हें आवश्यकतानुसार पानी दें।

(यह भी जानें: गर्मियों में पौधों को कब और कैसे दें पानी…)

अपने गार्डन के लिए सूखा-प्रतिरोधी पौधे चुनें – Choose Drought Resistant Plants For Your Dry Weather Garden In Hindi

सूखे क्षेत्रों में लगाने के लिए कुछ ऐसे पौधे चुनें, जो शुष्क परिस्थितियों में भी अच्छी तरह उगते हों। इसके लिए आप सकुलेंट्स, कैक्टस और अन्य रेगिस्तानी डेजर्ट पौधे लगा सकते हैं। यह पौधे कम पानी की स्थिति में भी अच्छी ग्रोथ करते हैं।

(यह भी जानें: कम पानी मिलने पर भी हरे भरे रहते हैं ये पौधे, सूखने का नहीं रहता डर….)

पौधों को एक साथ समूह में लगाएं – Group Plants Together In Dry Weather In Hindi

पौधों को एक साथ समूह में लगाएं - Group Plants Together In Dry Weather In Hindi

यदि आप शुष्क क्षेत्रों में गार्डनिंग करने जा रहे हैं, तो पौधों को उनकी पानी की आवश्यकता के अनुसार ग्रुप में लगाएं। इससे आप उन्हें अधिक कुशलता से पानी दे सकते हैं और पानी का संरक्षण भी कर सकते हैं।

अपने गार्डन की खरपतवार को नियंत्रित करें – Control Weeds In Your Garden In Hindi

गार्डन में लगी अवांछित खरपतवार मिट्टी से पोषक तत्व अवशोषित तो करती ही हैं, साथ ही यह नमी के स्तर को भी कम करती हैं, जिससे पौधों में पानी की कमी आ जाती है। हालाँकि कुछ वार्षिक खरपतवार मिट्टी को तेज धूप में सूखने से बचाती है, लेकिन बारहमासी वीड्स जैसे बाइंडवीड या ग्राउंड एल्डर आदि को जड़ समेत उखाड़कर हटा देना चाहिए।

(यह भी जानें: खरपतवार हटाने के लिए आवश्यक गार्डनिंग टूल्स….)

पौधों को पर्याप्त छाया प्रदान करें – Provide Shade Of Plants In Dry Weather In Hindi

पौधों को पर्याप्त छाया प्रदान करें - Provide Shade Of Plants In Dry Weather In Hindi

शुष्क या गर्म मौसम में मिट्टी को सूखने, पौधों को गर्म हवाओं से बचाने के लिए उन्हें छाया प्रदान करें, इसके लिए आप अपने गार्डन में ग्रीन शेड नेट लगा सकते हैं। यह धूप को फ़िल्टर करके आपके पौधों तब पहुंचाती है। शेड नेट पानी के नुकसान (पानी के वाष्पीकरण) को कम कर पौधों को हाइड्रेटेड रहने में मदद करती है।

गमले या ग्रो बैग में पौधे लगाएं – Planting Plant In Pot Or Grow Bags In Hindi

गमले या ग्रो बैग में पौधे लगाएं - Planting Plant In Pot Or Grow Bags In Hindi

यदि आप कंटेनरों, गमलों या ग्रो बैग्स में पौधे लगाते हैं, तो आप उन्हें आवश्यकतानुसार कम धूप या छाया वाले क्षेत्र में ले जा सकते हैं जिससे उन्हें तेज धूप से सुरक्षित किया जा सके।

मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों का उपयोग करें – Use Organic Matter In Soil In Dry Weather In Hindi

मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों का उपयोग करें - Use Organic Matter In Soil In Dry Weather In Hindi

आमतौर पर मिट्टी में खाद मिलाने से मिट्टी की संरचना और जल प्रतिधारण क्षमता में सुधार करने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह पोषक तत्व पौधे के स्वस्थ विकास में भी मदद करते हैं। अतः पौधे की अच्छी ग्रोथ और मिट्टी की नमी धारण क्षमता में वृद्धि करने के लिए आप पौधे लगाते समय मिट्टी में गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट, कोकोपीट तथा पर्लाइट आदि मिला सकते हैं।

लेकिन ध्यान रहे शुष्क मौसम के दौरान पौधों को उर्वरक देने से वह तनावग्रस्त स्थिति में आ सकते हैं, इसलिए मौसम ठंडा होने तक प्रतीक्षा करें, इसके बाद उन्हें पोषक तत्वों की आवश्यकतानुसार उर्वरक दें।

(यह भी जानें: तपती गर्मी में पौधों में डालें ये ठंडी खाद, होगी जबरदस्त ग्रोथ…)

अपने गार्डन के पौधों को कीटों व रोगों से बचाएं – Protect Garden Plants From Pests And Diseases In Hindi

अपने गार्डन के पौधों को कीटों व रोगों से बचाएं - Protect Garden Plants From Pests And Diseases In Hindi

आमतौर पर गर्म और शुष्क या उमस भरे मौसम में कीट व रोगों का संक्रमण अधिक होता है अतः पानी देते समय पौधे की पत्तियों को गीला करने से बचें, इससे उनमें फंगस लग सकती है। अपने गार्डन के पौधों की पत्तियों की नियमित रूप से जांच करें। यदि पौधों पर किसी कीट व रोग के लक्षण दिखाई देते हैं, तो जैविक कीटनाशक साबुन के घोल और नीम ऑयल का स्प्रे करें।

इस लेख में आपने जाना सूखे के दौरान या शुष्क-गर्म मौसम में गार्डनिंग कैसे करें या गार्डन कैसे बनाएं, गर्म मौसम में गार्डन तैयार करने की टिप्स या ट्रिक्स तथा बागवानी के तरीके के बारे में। यदि आपको हमारा लेख अच्छा लगा हो, तो अपने दोस्तों को शेयर करें तथा लेख के संबंध में अपने सुझाव हमें कमेन्ट बॉक्स में बताएं।

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