पौधों में पानी देने के नियम – What Are The Proper Methods In Watering Plants In Hindi

यदि आप गार्डन में पौधों को उगा रहे हैं और पौधों के सूखने या नष्ट होने की समस्याओं का सामना कर रहें हैं तो हम आपको बता दें कि इसका एक प्रमुख कारण पौधों में सही तरीके से पानी न देना है। होम गार्डन के पौधों को कम पानी देने से वे मुरझा जाते हैं तथा बहुत अधिक पानी दे देने से भी पौधे नष्ट हो जाते हैं। गर्मी के मौसम के दौरान पौधों को मुरझाने से बचाने के लिए गार्डन या गमले की मिट्टी में लगे पौधों में पानी डालने का तरीका पता होना चाहिए। यदि आपके मन में सवाल आता है कि, पौधों को पानी देने का सही समय क्या है? पौधों को कितनी बार पानी देना चाहिए? तथा क्या है पौधों को पानी देने का सही तरीका? इन्ही सभी सवालों के जबाव व पौधों को पानी देने से जुड़ी जानकारी विस्तार से जानते हैं।

गार्डन में पौधों को पानी देने के रूल –  Watering rules for plants in Hindi

यदि आप गार्डनर्स हैं, और अपने होम गार्डन में लगे पौधों को पानी देने को लेकर चिंतित हैं, तो आइये जानते हैं पौधों को पानी देने के गोल्डन रूल या नियम के बारे:

  1. पानी देने से पहले प्लांट और गमले की मिट्टी को चेक करें
  2. सही समय पर पौधों को पानी दें
  3. पौधों की जड़ो को पानी दें तथा पत्तियों को गीला न करें
  4. पौधे की मिट्टी में गहराई से डालें पानी
  5. पानी बचाने वाली सिंचाई पद्धति का करें इस्तेमाल
  6. पौधे लगे गमले की मिट्टी में जल भराव न होने दें
  7. पौधे की मिट्टी सूखने पर ही दोबारा पानी दें
  8. गमले में ड्रेनेज सिस्टम या ड्रेनेज होल का रखें विशेष ध्यान

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पानी देने से पहले पौधों और मिट्टी को करें चेक – Check Plants And Soil Before Watering In Hindi

घर पर गमले या गार्डन की मिट्टी में लगे पौधों को सही समय पर पानी देने के लिए रेगुलर चेक करते रहें, ताकि पौधे को उसकी जरूरत के अनुसार पानी दिया जा सके। यदि आप पौधे को रेगुलर चेक नहीं कर पाते हैं, तो जिन पौधों को कम पानी की जरूरत होती है उन्हें एक साइड व जिन्हें ज्यादा पानी की जरूरत होती है उन्हें दूसरी साइड रख देना चाहिए। इससे विभिन्न पौधों की पानी की आवश्यकता को अलग से मिट्टी सूखी होने पर ही पौधों को पानी दें।

सही समय पर दें पौधों को पानी Give Water To Plants At Good Time In Hindi

गार्डन में पौधों को सफलतापूर्वक उगाने के लिए सही समय पर पौधों में पानी देना सबसे जरुरी टास्क है। सुबह और शाम को मौसम ठंडा होता है जिससे इस समय पौधे लगे गमले की मिट्टी भी ठंडी होती है, इसीलिए इस समय पौधों को पानी दिया जाता है तो पानी वाष्प बनके उतना नही उड़ पाता जितना दोपहर को उड़ जाता है। अतः सुबह और शाम के समय पौधों को पानी देने से दिनभर व रातभर मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में नमी बनी रहती है। इसके अतिरिक्त पानी देने से पहले मिट्टी में नमी को चेक करते रहें।

(यह भी जानें: पौधों को पानी कब दें, जानें पानी देने का सही समय क्या है…)

जड़ो को दें पानी, पत्तियों को न करें गीला – Give Water To Roots Not To Leaves in Hindi

जड़ो को दें पानी, पत्तियों को न करें गीला - Give Water To Roots Not To Leaves in Hindi

पानी देने के दौरान हमेशा यह याद रखना चाहिए कि, पानी पौधे की जड़ों को देना है न कि पत्तियों को। क्योंकि पौधे की पत्तियों के गीले रहने से धूप में उनके जलने की संभावना अधिक होती है, जिससे पत्तियां धीरे धीरे सड़ सकती हैं। इसके अलावा गीली पत्तियों से पौधे में पाउडरी मिलड्यू नामक बीमारी भी हो सकती है जिसमे पत्तियों पर फफूंद आदि लग जाती है, जिसके प्रभाव से पौधे में फूल नहीं खिल पाते।

पौधे में गहराई से डालें पानी – Deep Watering In Potted Plants in Hindi

प्लांट को बार बार पानी देने से ज्यादा जरूरी, पौधे को सही तरीके से पानी देना है। इसीलिए पौधे के आसपास चारों ओर मिट्टी पर गहराई में पानी डालना चाहिए, जिससे पौधे की जड़ों को अच्छे से पानी मिल सके और वह अच्छे से पोषक तत्वों को ग्रहण कर सकें। पौधे की मिट्टी में गहराई तक पानी डालना चाहिए ताकि जड़ें अधिक गहराई तक विकसित हो सकें और पौधा स्वस्थ रहे।

(यह भी जानें: गर्मियों में पौधों को कब और कैसे दें पानी…)

पानी बचाने वाली सिंचाई पद्धति का करें उपयोग – Irrigation Methods That Save Water in Hindi

पानी बचाने वाली सिंचाई पद्धति का करें उपयोग - Irrigation Methods That Save Water in Hindi

अक्सर देखा जाता है कि पौधे को ज्यादा पानी देने से भी नुकसान है और कम पानी देने से भी। पौधे को जितना पानी चाहिए उतना ही पानी देने की सिंचाई पद्धति का उपयोग करना चाहिए। ड्रिप इरीगेशन प्रणाली (Drip irrigation system) एक ऐसी ही सिंचाई पद्धति है जिससे पौधे लगे गमले की मिट्टी में बूंद बूंद करके पानी दिया जाता है, जिससे मिट्टी की नमी को बनाए रखने में मदद मिलती है। इस सिंचाई प्रणाली से पानी का भी बचाव होता है तथा पौधे ओवर वाटरिंग की समस्या से भी बच जाते हैं।

(यह भी जानें: ड्रिप सिंचाई प्रणाली क्या है? जानिए गार्डनिंग में इसके उपयोग…)

पौधे लगे गमले की मिट्टी में न होने दें जल भराव – Prevent Water Logging In Soil Of Potted Plant In Hindi

पौधे की मिट्टी में जल भराव से पौधे की जड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, जिससे जड़ों के नष्ट होने की सम्भावना होती है। इसीलिए यदि गमले या गार्डन की मिट्टी में अतिरिक्त पानी का भराव हो तो उसे बाहर निकाल दें।

मिट्टी सूखी दिखाई देने पर दें पानी – Give Water When Soil Appears Drying In Hindi

जिन पौधों को अच्छे से ग्रो करने के लिए लगातार नमी की जरूरत होती है, उनको एक बार पानी देने के बाद दूसरी बार पानी तब दें जब मिट्टी की ऊपरी परत थोड़ी सूख जाये।

गमले में होल ड्रेनेज सिस्टम – Drainage Holes In Pots In Hindi

यदि आप गमले या ग्रो बैग में पौधों को लगाना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित जरूर करें कि गमले या ग्रो बैग की तली में जल निकासी छिद्र जरूर हो। पौधों में पानी देने के बाद चेक करें की पानी उस होल में से निकल रहा है कि नहीं। अच्छी क्वालिटी के गमले या ग्रो बैग खरीदने के लिए यहां क्लिक करें।

(यह भी जानें: ग्रो बैग में पौधे कैसे उगाएं, जानें गार्डन में ग्रो बैग के प्रयोग की सम्पूर्ण जानकारी…)

घर से बाहर जाते समय कैसे रखें पौधों का ध्यान – How To Care For Plants When Away In Hindi

घर से बाहर जाते समय कैसे रखें पौधों का ध्यान - How To Care For Plants When Away In Hindi

यदि आप कुछ दिनों के लिए घर से बाहर जा रहें हैं और पौधों के सूखने का डर आपको सता रहा है तो आप नीचे बताए गए तरीके का इस्तेमाल करके पौधों को सूखने से बचा सकते हैं।

एक बेकार खाली बीयर बोतल लें और उसमें पानी भरें। अब पौधे लगे गमले की मिट्टी में बोतल को उल्टा करके इसके मुंह को लगभग 2 से 3 इंच की गहराई में गढ़ा दें। इससे पानी बूँद बूँद करके पौधों की जड़ों में रिसता रहेगा। जिससे आपके पौधे सूखने से बचे रहेगें और मिट्टी में भी नमी बनी रहेगी। लेकिन यदि आप अधिकांश समय घर से बाहर बिताते हैं और गार्डन के पौधों को पानी देने की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो सबसे अच्छा उपाय ड्रिप इरिगेशन सिस्टम स्थापित करना है।

(यह भी जानें: गर्मियों में गार्डन के पौधों को रखें स्वस्थ, ऐसे करें देखभाल…)

कैसे जाने पौधे में पानी की अधिकता – How To Know Excess Of Water In Plant In Hindi

गमले या गार्डन की  मिट्टी में लगे पौधों में अधिक पानी देने (ओवरवाटरिंग) से निम्न लक्षण प्रगट होते हैं, जैसे:

  • मिट्टी दलदली होना
  • जड़ों की कोशिकाओं के सड़ने से पौधे का सूखना या मुरझाना
  • पौधे में फफूंद व कीटों का लगना आदि।

(यह भी जानें: पौधों से एफिड्स कैसे निकालें…)

पानी की कमी का पौधों पर प्रभाव – Effects Of Water Lack On Plants In Hindi

गार्डन में लगे पौधों पर पानी की कमी के निम्न प्रभाव देखने को मिलते हैं जैसे:

  • पत्तियों का मुरझाना
  • पौधे की पत्तियों और फूलों का टूटकर गिरना या झड़ जाना
  • पौधे की मिट्टी का सूख जाना
  • पत्तियों का रंग हरा न होना
  • पौधे का तेजी से न बढ़ना
  • प्रकाश संश्लेषण क्रिया का स्लो होना, आदि।

(यह भी जानें: पौधों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण और निदान…)

अक्सर पूंछे जाने वाले कुछ प्रश्न – Most Frequently Asked Question About Watering in Hindi

प्रश्न 1. प्रतिदिन पौधो को कितने पानी की जरुरत होती है?

उत्तर: पौधों को रोज पानी देने की जरूरत नहीं होती है। पानी बार बार डालने से ज्यादा जरूरी है पानी को गहराई से डालना। इससे जड़ें अच्छे से ग्रोथ करती हैं। इसके अलावा मिट्टी की ऊपरी परत सूखने पर ही पौधों को पानी देना चाहिए।

प्रश्न 2. पौधों को कब कब पानी देना चाहिए?

उत्तर: पौधों को कम से कम सप्ताह में दो बार पानी देना चाहिए। यदि मौसम गर्म है तो पौधों की आवश्यकता के अनुसार नियमित रूप से पानी दें। पानी देते समय यह ध्यान रखें कि पानी मिट्टी में 6 इंच गहराई तक जरूर पहुंचे।

प्रश्न 3. पौधों को पानी देने का सबसे सही समय कौन सा है?

उत्तर: पौधों को पानी देने का सही समय सुबह का है।

निष्कर्ष – Conclusion

इस आर्टिकल में आपने पौधों में पानी डालने का तरीका, पौधों को पानी देने का सही समय के बारे में जाना, आदि। यदि आप इसी तरह के और भी आर्टिकल को पढ़ना चाहते हैं तो हमारी साईट Organicbazar.net पर विजिट कर सकते हैं। इस आर्टिकल से सम्बंधित आपके कोई सवाल या सुझाव हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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