What Causes Small Tomato In Hindi: अगर आप बागवानी करते हैं तो आपने जरूर गौर किया होगा कि कभी-कभी मेहनत करने के बावजूद भी टमाटर छोटे रह जाते हैं। पौधे हरे-भरे दिखते हैं, फूल भी आते हैं, लेकिन जब फल लगते हैं तो उनका आकार उम्मीद से बहुत छोटा रह जाता है। ऐसे में अक्सर मन में सवाल आता है कि आखिर टमाटर छोटे होने के कारण क्या हैं और टमाटर छोटे होने से बचाने के उपाय क्या हैं।
असल में टमाटर की बढ़वार और फल का आकार कई चीजों पर निर्भर करता है – जैसे मिट्टी की गुणवत्ता, पानी की मात्रा और पौधों की सही देखभाल। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो टमाटर छोटे होने की बजाय बड़े आकर में होंगे। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि, टमाटर छोटे क्यों रह जाते हैं और टमाटर छोटे होने से से रोकने के उपाय क्या हैं, ताकि आपकी मेहनत रंग लाए और पौधे में लाल-लाल, बड़े और रसीले टमाटर लगें।
टमाटर छोटे रह जाने के कारण और उपाय – Causes And Remedies For Small Tomatoes In Hindi
अक्सर बागवानी करने वालों की मेहनत के बावजूद टमाटर छोटे ही रह जाते हैं। इसका कारण मिट्टी, पानी या मौसम की गड़बड़ी हो सकती है। आइए जानते हैं टमाटर छोटे रह जाने के कारण और उनसे बचने के आसान उपाय।
1. मिट्टी की खराब गुणवत्ता
अगर मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो या मिट्टी बहुत सख्त और खराब जल निकासी वाली हो, तो पौधे सही ढंग से पोषण नहीं ले पाते। इसकी वजह से टमाटर का आकार छोटा रह जाता है और फल विकास पूरा नहीं हो पाता। आप सुधार करने के लिए मिट्टी में जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, कम्पोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट आदि मिला सकते हैं, इससे पौधों का विकास सही से होगा और टोमेटो फ्रूट भी सही आकार के होंगे।
(यह भी जानें: घर पर टमाटर ग्रो करने के टिप्स…)
2. बहुत अधिक गर्मी या सूखा
अगर टमाटर के पौधे लंबे समय तक तेज गर्मी या सूखे के मौसम में रहते हैं, तो उनमें फूल और फलन की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। पानी की कमी और ज्यादा तापमान की वजह से पौधे पर्याप्त नमी नहीं ले पाते, जिससे फल छोटे और सख्त रह जाते हैं। गर्मी के मौसम में पौधों को नियमित रूप से पानी दें और मिट्टी की नमी बनाए रखें। पौधे के आस-पास मल्च (सूखी पत्तियाँ, भूसा या घास) बिछाएँ, ताकि मिट्टी में नमी लंबे समय तक बनी रहे। इसके अलावा पौधों को तेज धूप से बचाने के लिए शेड नेट या पुराने कपड़े का इस्तेमाल करें।
अच्छी क्वालिटी के टमाटर के बीज खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
3. परागण की कमी
टमाटर के पौधों में फूल तो आते हैं, लेकिन अगर उनका सही परागण (Pollination) नहीं होता तो फल छोटे रह जाते हैं। मधुमक्खियों या कीटों की कमी, अत्यधिक गर्मी-ठंड या नमी की समस्या के कारण परागण में समस्या आ सकती है। परागण की समस्या को दूर करने के लिए अपने गार्डन में मधुमक्खियों और परागण करने वाले कीटों को आकर्षित वाले गेंदा या तुलसी जैसे पौधे लगाएँ।
अगर आप ग्रीनहाउस में टमाटर उगा रहे हैं या आपके बगीचे में पोलिनेटर नहीं आते हैं, तो आप मैन्युअली भी ब्रश या कॉटन से परागण कर सकते हैं। साथ ही फूल आने के समय पौधों को हल्के से हिलाएँ, ताकि पराग एक फूल से दूसरे फूल तक आसानी से पहुँच सके, लेकिन ध्यान रखें कि पौधे से फूल न गिरे।
4. एक साथ बहुत सारे फल लगना
कभी-कभी एक ही पौधे पर बहुत अधिक फूल और फल लग जाते हैं। ऐसे में पौधे की शक्ति सभी फलों में बराबर बंट जाती है। लेकिन कभी कभी पौधे में लगे कुछ फलों को पूरा पोषण नहीं मिल पाता और वे छोटे रह जाते हैं।
जरूरत से ज्यादा फूल और छोटे-छोटे फल हटा दें, ताकि पौधे की ऊर्जा सीमित फलों पर खर्च हो। इसके अलावा समय पर हार्वेस्टिंग करें, ताकि पौधे की उर्जा परिपक्व फलों में व्यर्थ न हो और टमाटर छोटे होने से बच जाएं।
(यह भी जानें: टमाटर, बैंगन एवं मिर्च के अच्छे उत्पादन के लिए मीडियम साइज ग्रो बैग…)
5. अनावश्यक रूप से नाइट्रोजन युक्त खाद का उपयोग
टमाटर के पौधों को सही बढ़वार के लिए नाइट्रोजन की जरूरत होती है, लेकिन अगर खाद में नाइट्रोजन की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाए तो पौधे अत्यधिक पत्तियाँ और तने उगाने लगते हैं। ऐसे में फलन पर असर पड़ता है और पौधे में टमाटर छोटे व कम लग सकते हैं।
इस समस्या से बचाव के लिए आप संतुलित खाद का उपयोग करें, ताकि पौधे को नाइट्रोजन, फास्फोरस और कैल्शियम सही मात्रा में प्राप्त हो सकें। आप पौधे को गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट और NPK खाद दे सकते हैं और फल आने के दौरान फॉस्फोरस और पोटाश वाली खाद दें।
गमला खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
6. टमाटर के पौधों में लगने वाले कीट
टमाटर के पौधों पर अक्सर सफेद मक्खी, थ्रिप्स, एफिड्स और फल छेदक कीट हमला कर देते हैं। ये कीट पौधों का रस चूस लेते हैं और फूल व फल के विकास को रोकते हैं। नतीजा यह होता है कि टमाटर का आकार छोटा रह जाता है या कई बार फल सही से बन ही नहीं पाता।
गार्डन में कीटों से बचाव के लिए पौधों का नियमित निरीक्षण करें और पत्तियों के नीचे कीटों की जाँच करें। अगर आपको कीट दिखाई देते हैं तो नीम का तेल, लहसुन या मिर्च के घोल का छिड़काव करें। बहुत ज्यादा कीट बढ़ जाने पर हल्के कीटनाशक का उपयोग करें। आप फसल चक्र (Crop Rotation) अपनाकर भी कीटों को कम कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने गार्डन में स्टिकी ट्रैप या फ्रूट फ्लाई ट्रैप या दोनों का इस्तेमाल कर कीटों की संख्या को कम कर सकते हैं।
(यह भी जानें: गार्डनिंग टूल्स और उनके उपयोग की जानकारी…)
7. पौधों में होने वाले रोग
टमाटर के पौधों को कई तरह के रोग प्रभावित करते हैं, जैसे – झुलसा रोग (Blight), फफूंद रोग (Fungal Infection), मोजेक वायरस और जड़ गलन (Root Rot)। इन रोगों के कारण पौधे की जड़ें और पत्तियाँ कमजोर हो जाती हैं। परिणामस्वरूप पौधे फूल और फल को पूरा पोषण नहीं दे पाते और टोमेटो फ्रूट छोटे या अविकसित रह जाते हैं।
रोग से बचाव के लिए स्वस्थ और रोग रहित बीज/पौध का चयन करें। पौधों पर समय-समय पर जैविक फफूंदनाशक (जैसे ट्राइकोडर्मा) या नीम आधारित घोल का छिड़काव करें। रोग लगने पर प्रभावित पौधे या पत्तियाँ तुरंत हटा दें, ताकि बाकी पौधों में बीमारी न फैले।
निष्कर्ष:
सही देखभाल, समय पर पानी और पौधों की जरूरत को समझकर आप आसानी से बड़े और स्वस्थ टमाटर पा सकते हैं। थोड़ी सी सावधानी बरतकर टमाटर छोटे होने से बचाने के उपाय अपनाने से आपकी मेहनत रंग लाएगी और आपको बगीचे से बड़े-बड़े व रसीले टमाटर खाने को मिलेंगे।
अच्छी क्वालिटी के टमाटर के बीज खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें: