फूलों की कलियां खिलने से पहले ही क्यों गिर जाती हैं: जानें कारण और समाधान – Problem Of Flower Buds Drop And Its Solution In Hindi

Why Do My Flower Buds Keep Falling Off In Hindi: गार्डनिंग करने वाले अधिकतर लोगों को यह समस्या देखने को मिलती है कि, पौधे में फूल आने से पहले ही उसकी कलियाँ गिरने लगती हैं। यह स्थिति तब और खराब होती है, जब पौधा पूरी तरह स्वस्थ और हरा-भरा नजर आता है, लेकिन फूल बनने से पहले ही उसकी कलियाँ मुरझा कर गिर जाती हैं। यह न केवल प्लांट ग्रोथ को प्रभावित करता है, बल्कि फूलों की क्वालिटी और संख्या दोनों को कम कर देता है।

फूलों में कलियाँ गिरने के कई कारण हो सकते हैं अगर आप जानना चाहते हैं कि, फूलों की कलियां क्यों गिरती रहती हैं या फूलों की कलियां क्यों झड़ रही हैं, तो यह लेख पूरा पढ़ें. इस लेख में हम जानेंगे कि, फूलों की कलियां क्यों गिर जाती हैं, फूलों की कलियां गिरने का क्या कारण है और फूलों की कलियां गिरने से कैसे रोकें, ताकि आपका गार्डन फिर से रंग-बिरंगे फूलों से खिल उठे.

फूलों की कलियां क्यों गिरती रहती हैं – Why Does The Problem Of Flower Bud Drop Occur In Hindi

फूलों की कलियां क्यों गिरती रहती हैं - Why Does The Problem Of Flower Bud Drop Occur In Hindi

हम अक्सर देखते हैं कि, फूलों की कलियां गिर जाती हैं जिससे लंबे समय तक फूल नहीं खिल पाते हैं। चलिए जानते हैं कि, फूलों की कलियां क्यों झड़ रही हैं या गिरने के क्या कारण हैं?

  1. अनियमित सिंचाई (Over/Under Watering): कभी बहुत ज़्यादा, कभी बहुत कम पानी देने से जड़ों पर तनाव आता है और कली तक नमी/पोषण नहीं पहुँचता, जिससे कलियाँ गिरती हैं।
  2. पोषक तत्वों की कमी (Nutrient Deficiency): खासकर फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियममैग्नीशियम की कमी से कली विकास रुकता है और शेडिंग बढ़ती है।
  3. अधिक नाइट्रोजन (Excess Nitrogen): पत्ते तो घने बनते हैं, पर कलियाँ कमजोर होकर गिर सकती हैं क्योंकि पौधा पत्ती-भारी हो जाता है।
  4. तापमान का झटका (Temperature Stress): बहुत गर्म/बहुत ठंडा, या अचानक तापमान बदलने से कली टिक नहीं पाती।
  5. नमी और हवा का असंतुलन (Humidity/Airflow): बहुत कम नमी में कलियाँ सूखती हैं, अत्यधिक नमी व कम हवा में फंगल रोग बढ़ते हैं और कली गिरती है।
  6. धूप का असंतुलन (Light Stress): बहुत तेज़ सीधी धूप से झुलसन, या बहुत कम रोशनी से कमजोर कली—दोनों स्थितियों में गिरना।
  7. परागण की कमी (Poor Pollination): मधुमक्खियों/परागणकर्ता की कमी, बंद मौसम या इनडोर में हवा न होने से फलन नहीं बनता और कलियाँ झड़ जाती हैं।
  8. कीट व रोग (Pests & Diseases): थ्रिप्स, एफिड्स, माइट्स, व्हाइटफ्लाई व फंगल/बैक्टीरियल संक्रमण कली को नुकसान देकर गिरा देते हैं।
  9. जड़ संबंधी समस्या (Root Issues): जड़ों का सड़ना, पॉट-बाउंड होना या कड़ी/जलभराव वाली मिट्टी में ऑक्सीजन की कमी से पौधा कली नहीं संभाल पाता।

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फूलों की कलियां गिर रही हैं, तो करें ये आसान उपाय – If Flower Buds Are Falling, Try These Simple Tips In Hindi

जब हम फ्लावरिंग प्लांट लगाते हैं तो देखभाल के दौरान ही हमें कई बातों को ध्यान रखना होता है, ऐसा करने से जब फूलों में कलियां आती हैं तो वे हेल्दी होती हैं। आइए जानते हैं फ्लावर की कलियां गिरने से रोकने के आसान उपाय, जो कि निम्न हैं-

1. संतुलित पानी दें – Provide Balanced Watering in Hindi

संतुलित पानी दें - Provide Balanced Watering in Hindi

पौधों को न बहुत अधिक और न बहुत कम पानी देना चाहिए। अत्यधिक पानी से जड़ें सड़ सकती हैं, जबकि कम पानी देने से पौधा स्ट्रेस में चला जाता है। दोनों ही स्थितियाँ फूलों की कलियाँ गिराने का कारण बन सकती हैं। सिंचाई का समय सुबह जल्दी या शाम को रखें और मिट्टी की नमी चेक करके ही पानी दें।

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2. फॉस्फोरस व पोटैशियम युक्त खाद डालें – Use Phosphorus & Potassium Fertilizers in Hindi

फूलों के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व फॉस्फोरस और पोटैशियम हैं। ये कलियों को मजबूती देने और फूल खिलाने में मदद करते हैं। हर 15-20 दिन में एक बार फूलों के पौधों को संतुलित खाद (NPK 10:30:20 या 13:40:13) दें। यह कली झड़ने की समस्या को काफी हद तक रोक देता है।

3. कीटों का नियंत्रण करें – Control Insects & Pests in Hindi

थ्रिप्स, एफिड्स, व्हाइटफ्लाई जैसे कीट फूलों की कलियों को चूसकर उन्हें गिरा देते हैं। नीम का तेल (Neem Oil 5 ml/L पानी) या बायोलॉजिकल कीटनाशक का उपयोग सप्ताह में 1 बार करें। यदि अधिक संक्रमण हो, तो साबुन पानी का छिड़काव भी किया जा सकता है।

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4. पौधों को भरपूर रोशनी दें – Ensure Proper Sunlight in Hindi

फूलों के पौधों को दिन में कम से कम 5–6 घंटे की सीधी धूप चाहिए होती है। अगर पौधा छाया में या बहुत कम रोशनी में है, तो वह कमजोर होगा और कलियाँ टिक नहीं पाएंगी। उन्हें छायायुक्त स्थान से निकालकर खुली, हवादार और धूप वाली जगह पर रखें।

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5. अधिक नाइट्रोजन से बचें – Avoid Excess Nitrogen in Hindi

अधिक नाइट्रोजन देने से पौधा सिर्फ पत्तियों पर ध्यान देता है और फूलों की कलियाँ झड़ने लगती हैं। इसलिए खाद चुनते समय संतुलित या लो-नाइट्रोजन उर्वरक चुनें। यदि पहले से नाइट्रोजन अधिक दे दी हो, तो कुछ दिन खाद रोककर पोटैशियम या फॉस्फोरस आधारित टॉनिक दें।

6. मिट्टी की गुणवत्ता सुधारें – Improve Soil Quality in Hindi

मिट्टी की गुणवत्ता सुधारें - Improve Soil Quality in Hindi

यदि मिट्टी बहुत कठोर, जलभराव वाली या पोषक तत्व रहित है, तो कलियाँ नहीं टिकतीं। फूलों के पौधों के लिए नरम, भुरभुरी और जैविक पदार्थों से भरपूर मिट्टी सबसे बेहतर होती है। हर मौसम में एक बार कम्पोस्ट, कोकोपीट या वर्मी कम्पोस्ट मिलाएं।

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7. कलियों की सुरक्षा करें – Protect Flower Buds from Wind/Rain in Hindi

तेज़ हवा या मूसलाधार बारिश से कोमल कलियाँ टूटकर गिर जाती हैं। इस स्थिति में पौधों को शेड नेट के नीचे रखें या सहारा (stake) देकर सुरक्षित करें। विशेष रूप से मानसून में पौधों को खुले आकाश से थोड़ा ढककर रखें ताकि कलियों को नुकसान न पहुंचे।

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8. उचित परागण का ध्यान रखें – Ensure Proper Pollination in Hindi

बाहर के पौधों में परागण कीट करते हैं, लेकिन इनडोर या बंद जगहों में परागण नहीं होने से कलियाँ गिर जाती हैं। ऐसे में ब्रश की मदद से हाथों से परागण किया जा सकता है। मधुमक्खियों को आकर्षित करने के लिए पौधों के आस-पास फूलों की विविधता रखें।

9. एंटी फंगल स्प्रे करें – Use Anti Fungal Spray in Hindi

अत्यधिक नमी और कम वेंटिलेशन से फंगल इन्फेक्शन हो सकता है, जो कली को गिरा देता है। सप्ताह में एक बार ट्राइकोडर्मा या बाविस्टिन जैसा जैविक फफूंदनाशक छिड़कें। पत्तों और कलियों पर सफेदी या सड़न दिखे तो तुरंत उपचार करें।

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10. पौधों की छँटाई करें – Do Regular Pruning in Hindi

पौधों की छँटाई करें - Do Regular Pruning in Hindi

पुराने, सूखे या बीमार तनों/पत्तियों को समय-समय पर काटना ज़रूरी होता है ताकि पौधे की ऊर्जा नए फूलों और कलियों में लगे। छँटाई से हवादारी बढ़ती है और पौधा स्वस्थ रहता है। लेकिन ध्यान रखें – छँटाई बहुत ज्यादा न हो और सही मौसम में हो।

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निष्कर्ष:

फूलों में कलियाँ गिरना एक आम लेकिन चिंता का विषय है, जो पौधों की सेहत और बागवानी के सौंदर्य को प्रभावित करता है। यह समस्या अधिकतर पानी की अनियमितता, पोषक तत्वों की कमी, कीट व रोग, और मौसम से जुड़ी गड़बड़ियों के कारण होती है। सही देखभाल, संतुलित खाद, नियमित कीटनियंत्रण और उपयुक्त जल प्रबंधन से इस समस्या को आसानी से रोका जा सकता है। यदि समय रहते समाधान अपनाया जाए, तो पौधे न केवल स्वस्थ रहेंगे, बल्कि भरपूर और सुंदर फूलों से भी भर जाएंगे।

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