Dragon Fruit Plant Ki Dekhbhal Kaise Kare In Hindi: अगर आप अपने घर की बालकनी, टैरेस या गार्डन में कुछ नया और आकर्षक उगाना चाहते हैं, तो ड्रैगन फ्रूट का पौधा एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह पौधा न सिर्फ अपने अनोखे आकार और सुंदर हरे तनों के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके लाल और सफेद गूदेदार फल सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी होते हैं। चूँकि यह कैक्टस परिवार से जुड़ा है, इसलिए इसकी देखभाल साधारण पौधों से थोड़ी अलग होती है।
सही मिट्टी, उचित पानी, समय पर छटाई और कीटों से बचाव करके आप घर पर ही आसानी से ड्रैगन फ्रूट के पौधे उगा सकते हैं और उनका आनंद ले सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि, घर पर ग्रो बैग या गमले में लगे ड्रैगन फ्रूट के पौधे की देखभाल कैसे करें (Dragon Fruit Plant Care In Hindi), ताकि आपको dragon fruit के स्वस्थ व स्वादिष्ट केमिकल फ्री फल घर पर ही खाने को मिल जाएं।
घर पर ड्रैगन फ्रूट के पौधे की देखभाल कैसे करें – Dragon Fruit Plant Care In Hindi
आप इस लेख को पढ़कर घर पर ही अपने ड्रैगन फ्रूट के पौधे की देखभाल कर सकते हैं। आप निम्न प्रकार से अपने dragon fruit के पौधे की dekhbhal कर सकते हैं, जैसे –
1. प्रकाश
ड्रैगन फ्रूट के पौधे में अधिक फूल व फल लगने के लिए रोजाना 5 से 6 घंटे की धूप की जरूरत होती है, इसलिए ड्रैगन के पौधे लगे गमले या ग्रो बैग ऐसे स्थान पर रखें, जहां इसे उचित मात्रा में धूप प्राप्त हो सके।हालाँकि ड्रैगन फ्रूट के पौधे को गर्म मौसम पसंद है, लेकिन बहुत तेज धूप पौधे को नुकसान पहुँचा सकती है, इसलिए तेज धूप से पौधे को बचाने के लिए कपड़े या शेड नेट का इस्तेमाल करें।
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2. उपजाऊ मिट्टी
Dragon Fruit का पौधा अच्छी जल निकासी वाली कार्बनिक पदार्थों से युक्त रेतीली दोमट (पीएच 6 से 7) मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है। यदि आपके घर या गार्डन में उपजाऊ मिट्टी उपलब्ध नहीं है, तो आप सामान्य मिट्टी में रेत, वर्मी कम्पोस्ट और कोकोपीट मिलाकर पॉटिंग मिक्स तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा गर्मी के दिनों में मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए तने के पास घास, पुआल आदि से मल्चिंग करें।
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3. समय पर पानी
ड्रेगन फ्रूट का पौधा कम पानी मिलने पर भी उग सकता है, लेकिन जब गमले या गार्डन की मिट्टी सूखी हुई दिखाई दे, तब पौधे को स्प्रे पंप या वॉटर कैन की मदद से पानी दें। ड्रेगन फ्रूट के पौधे गीली मिट्टी में उगना पसंद नहीं करते हैं, इसलिए जब आपको लगे कि पौधे की मिट्टी गीली है, तब पौधे को 1-2 दिन तक पानी देना बंद कर दें। ग्रो बैग या गमले की मिट्टी में ओवरवाटरिंग, पौधे की जड़ों को सड़ा सकता है, इसलिए पौधे की मिट्टी में जरूरत के अनुसार ही पानी दें।
4. तापमान और आद्रता
ड्रैगन फ्रूट के पौधे ठंड और गर्म दोनों तरह के मौसम को सहन कर सकते हैं, लेकिन पौधे की अच्छी ग्रोथ और प्लांट में फूल व फल लगने के लिए 10 से 32 डिग्री सेल्सियस का तापमान बेस्ट होता है। यदि आपने ठंडे क्षेत्र या मौसम में इस पौधे को लगाया है, तो बहुत कम तापमान होने पर आप इस पौधे को घर के अंदर रख सकते हैं या चादर बगैरा से ढककर सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
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5. खाद व उर्वरक
गमले या गार्डन की मिट्टी में लगे ड्रेगन फ्रूट के पौधों को अच्छी तरह से ग्रो करने के लिए महीने में 1-2 बार जैविक खाद जरूर दें, ताकि पौधे को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें। आप पोषक तत्व जोड़ने के लिए मिट्टी में जैविक खाद जैसे – वर्मीकम्पोस्ट, गोबर खाद और प्रोम खाद आदि मिला सकते हैं।
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6. परागण
सभी ड्रैगन फ्रूट के पौधे स्व-परागण नहीं करते हैं, कुछ किस्मों को फलने के लिए पर-परागण की जरूरत भी होती है। अगर आपके ड्रैगन फ्रूट के पौधे स्व-परागण वाले नहीं हैं, तो आपको एक से अधिक अलग किस्म के पौधे लगाने की जरूरत होगी। dragon fruit के पौधे के फूल रात में खिलते हैं, जब पास में मधुमक्खियाँ नहीं होती, तब इनका परागण चमगादड़ और कीट-पतंगों से होता है।
कुछ किस्मों के फूल सुबह के समय खुले रहते हैं, हो सकता है कि वे मधुमक्खियों के द्वारा परागित हो जाएं। अगर आप ऐसी किस्म उगा रहें हैं, जो स्व-परागण नहीं करती, तो आप हाथ से भी परागण कर सकते हैं।हाथ से परागण (pollination) करने के लिए एक किस्म के पुंकेसर (stamen) से पराग (pollen) इकट्ठा करें और उसे दूसरी किस्म के वर्तिकाग्र (stigma) पर हल्के से थपथपाएं, इससे फूल से फल बनने की प्रक्रिया में मदद मिलेगी।
7. पौधे की छटाई
ड्रेगन के पौधे को रोगमुक्त रखने और अधिक फल लगने के लिए समय-समय पर प्रूनिंग यानि छटाई करना बहुत जरूरी है। प्रूनिंग के दौरान पौधे से मृत, रोगग्रस्त व अधिक पुरानी शाखाओं को गार्डनिंग टूल्स प्रूनर की मदद से काटकर अलग कर दें, ताकि पौधे में नई वृद्धि को बढ़ावा मिल सके। आप पौधे से फल तोड़ने के बाद छटाई (pruning) कर सकते हैं। ड्रैगन फ्रूट के पौधे में छोटे और मोटे कांटे होते हैं, जो चुभने पर दर्द करते हैं इसलिए सावधानी से छटाई करें और गार्डनिंग हैंड ग्लव्स जरूर पहनें।
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8. सामान्य कीट और रोग
ड्रेगन फ्रूट के विकसित होने वाली अवस्था में पतंगे, थ्रिप्स, एफिड्स व स्केल्स जैसे कीट तथा पौधे में फल आने की अवस्था के दौरान भी कुछ कीट जैसे – मक्खियां, माइलबग्स, बदबूदार कीड़े, भृंग व घोंघे आदि कीट पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं, अतः इन कीटों से बचाव के लिए पौधे पर जैविक कीटनाशक या नीम तेल का स्प्रे करें।
इस फ्रूट प्लांट को आमतौर पर ड्रैगन स्पॉट डिजीज नुकसान पहुंचा सकती है, इस बीमारी के फलस्वरूप पौधे के तनों व पत्तियों पर धब्बे दिखाई देते हैं, साथ ही संक्रमण अधिक होने पर पौधे के तने गलने लगते हैं, अतः इस बीमारी के शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर पौधे पर जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें। इसके अलावा आप पौधों को कीट और रोग से बचाने के लिए अन्य उपाय भी अपना सकते हैं।
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9. जब पौधा बड़ा हो जाए, तो सहारा दें
गमले या गार्डन में बढ़ते हुए ड्रैगन फ्रूट के पौधे को सहारे की आवश्यकता होती है। आप ड्रैगन फ्रूट के पौधे को क्रीपर नेट, रस्सी या लकड़ी का सहारा दे सकते हैं, जिससे यह पौधा सफलतापूर्वक वृद्धि करेगा और पौधे का कोई भी हिस्सा डैमेज होने से बच जाएगा।
निष्कर्ष:
थोड़ी देखभाल और सही तरीके से लगाने पर ड्रैगन फ्रूट का पौधा घर पर आसानी से फल देता है। उचित मिट्टी, नियंत्रित पानी, समय पर छटाई और कीटों से सुरक्षा इत्यादि ही इसकी सफलता की कुंजी है। इस लेख से रिलेटेड आपके सुझाव हों, तो कमेंट में जरूर बताएं।
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