गमले में जीरा के पौधे के झड़ रहे हों फूल, तो करें ये उपाय – Cumin plant flowers falling off? Try these tips in Hindi

भारतीय किचन में जीरे का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। गार्डनिंग के शौकीन लोग आजकल इसे गमले में भी आसानी से उगा लेते है। लेकिन इसकी देखभाल में थोड़ी सतर्कता की जरूरत होती है। खासकर जब पौधे में फूल आने लगते हैं, तो इसकी स्पेशल केयर की जरूरत पड़ती है। यदि इस समय फूल झड़ने लगें, तो न केवल उपज प्रभावित होती है, बल्कि पौधे की संपूर्ण ग्रोथ भी रुक सकती है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि, गमले में लगे जीरा के पौधों के फूल क्यों गिरते हैं, और साथ ही जीरे के पौधे से फूल झड़ने से रोकने के उपाय क्या हैं।

गमले में लगे जीरा के पौधों के फूल झड़ने के कारण – Reasons for flower drop in cumin plants grown in pots in Hindi

गमले में लगे जीरा के पौधों के फूल झड़ने के कारण - Reasons for flower drop in cumin plants grown in pots in Hindi
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जीरे के फूल कई कारणों से झड़ते हैं। इनमें से कुछ कारण निम्न हैं-

  1. पानी की अधिकता या कमी से पौधे कमजोर हो जाते हैं।
  2. पर्याप्त धूप न मिलने पर फूल झड़ जाते हैं।
  3. कीट या रोग लगने से फूल प्रभावित होते हैं।
  4. पोषक तत्वों की कमी से पौधे स्वस्थ नहीं रह पाते।
  5. तापमान में अधिक बदलाव से फूल झड़ सकते हैं।

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जीरा के पौधे से फूल झड़ने से रोकने के उपाय – Ways to stop flowers from falling off cumin plants in Hindi

अगर आपके गमले में लगे जीरा (Cumin) के पौधों में फूल आने के बाद वे झड़ने लगें, तो यह चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि फूल झड़ने से बीज नहीं बनते  हैं। लेकिन नीचे दिए गए टिप्स को फॉलो करके जीरे के फूल को झड़ने से रोका जा सकता है:

1. संतुलित मात्रा में पानी दें – Water in a balanced amount in Hindi

जीरा के पौधों को ज़्यादा या बहुत कम पानी देना दोनों ही नुकसानदायक होता है। यदि मिट्टी में जलभराव हो जाए, तो जड़ें सड़ने लगती हैं और पौधा कमजोर होकर फूल गिरा देता है। वहीं पानी की कमी से पौधे में तनाव उत्पन्न होता है, जिससे फूल नहीं टिकते। सिंचाई का सबसे अच्छा तरीका है कि जब मिट्टी की ऊपरी सतह हल्की सूखी महसूस हो, तभी हल्का पानी दें। गमले में ड्रेनेज होल होना जरूरी है, जिससे अतिरिक्त पानी बाहर निकल जाए। नमी बनाए रखना जरूरी है, लेकिन पानी जमा न होने दें।

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2. पर्याप्त धूप जरूरी – Adequate sunlight is essential in Hindi

जीरा एक गर्म जलवायु की फसल है जिसे बढ़ने और फूल विकसित करने के लिए प्रतिदिन 5-6 घंटे की सीधी धूप की जरूरत होती है। यदि पौधा छायादार स्थान पर रखा गया हो या उसे पर्याप्त धूप न मिले, तो उसका विकास धीमा हो जाता है और फूल झड़ने लगते हैं। गमले को ऐसी जगह रखें जहाँ सुबह की धूप अच्छी मात्रा में मिले। यदि छत या बालकनी में जगह नहीं है, तो पौधे को दिन में कुछ समय के लिए ऐसी जगह ले जाएँ जहाँ सूर्य की रोशनी मिल सके।

3. पोषक खाद दें – Provide nutrient-rich fertilizer in Hindi

जीरे के पौधों को बढ़ने के लिए पोषक तत्वों की भी जरूरत होती है। फूल झड़ने का एक बड़ा कारण मिट्टी में जरूरी पोषक तत्वों जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की कमी होता है। महीने में एक बार अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट या सरसों की खली मिट्टी में मिलाएँ। फूल आने के समय विशेषकर फॉस्फोरस युक्त खाद (जैसे बोन मील या रॉक फॉस्फेट) देने से फूल लंबे समय तक टिकते हैं।

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4. टेम्परेचर नियंत्रित रखें – Keep the temperature controlled in Hindi

जीरा के पौधे को 20°C से 30°C के बीच का तापमान अनुकूल लगता है। अधिक गर्मी या अचानक ठंडक के कारण पौधे पर तनाव बढ़ता है, जिससे फूल गिर सकते हैं। यदि अचानक तापमान गिर जाए तो गमले को घर के भीतर किसी उजाले वाली जगह पर रखें। अधिक गर्मी में हल्के पर्दे या नेट की मदद से पौधों को सीधी गर्म हवा से बचाएँ। तापमान में अचानक उतार-चढ़ाव होने पर हल्का पानी सुबह के समय छिड़क सकते हैं जिससे पौधे को राहत मिलती है।

5. कीट व रोग से बचाव – Protect from pests and diseases in Hindi

जीरे के पौधे को एफिड्स, सफेद मक्खी या फंगस जैसे कीटों और रोगों का खतरा होता है, जो फूलों पर हमला कर उन्हें झड़ने के लिए मजबूर करते हैं। जैविक नियंत्रण के लिए नीम तेल का छिड़काव सबसे असरदार उपाय है। 1 लीटर पानी में 5 मिली नीम तेल और कुछ बूंदें लिक्विड साबुन मिलाकर सप्ताह में एक बार छिड़कें।

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6. पौधों को बार-बार न हिलाएं – Avoid touching or shaking the plants frequently in Hindi

जब जीरे के पौधों को बार-बार छुआ जाता है या गमले को बार-बार स्थानांतरित किया जाता है, तो वह एक प्रकार का “पर्यावरणीय तनाव” महसूस करता है। यह तनाव फूलों की पकड़ को कमजोर कर देता है, जिससे वे समय से पहले झड़ सकते हैं। खासतौर पर फूल आने के समय पौधे को स्थिर स्थान पर रखें और अनावश्यक टच करने या हिलाने से बचें। यदि गमला किसी अस्थिर स्थान पर रखा हो, तो उसे ऐसी जगह रखें जहाँ हवा या हलका धक्का उसे हिला न सके।

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7. उचित दूरी और एयर सर्कुलेशन बनाए रखें – Maintain proper spacing and air circulation in Hindi

यदि गमले में बहुत अधिक पौधे एक साथ लगा दिए गए हों या पौधे आपस में बहुत सटे हों, तो हवा का प्रवाह रुक जाता है। इससे नमी बनी रहती है, जो फफूंदी और कीटों के फैलाव को बढ़ावा देती है, और फूल झड़ने की संभावना बढ़ जाती है। जीरे के पौधों को गमले में लगाते समय उनके बीच कम से कम 4-5 इंच की दूरी रखें ताकि प्रकाश और हवा सभी हिस्सों में पहुँच सके। नियमित रूप से मृत या पीली पत्तियों को हटाते रहें ताकि पौधे स्वस्थ बने रहें।

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8. जैविक टॉनिक या घोल का छिड़काव करें – Spray organic tonic or solution in Hindi

पौधों को फूलों के समय अतिरिक्त ऊर्जा देने के लिए जैविक टॉनिक जैसे पंचगव्य, जीवामृत या छाछ का घोल बहुत उपयोगी हो सकता है। इससे पौधे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और फूल अधिक समय तक टिकते हैं। 1 लीटर पानी में 100 मिली छाछ या 50 मिली पंचगव्य मिलाकर सप्ताह में एक बार छिड़काव करें। इसे सुबह के समय करें ताकि पौधे दिन भर प्रकाश में सक्रिय रूप से पोषण ग्रहण करें। यह एक प्राकृतिक और सस्ता तरीका है जो फूलों को झड़ने से बचाता है।

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9. सही समय पर हल्की गुड़ाई करें – Do light weeding at the right time in Hindi

गमले की मिट्टी समय के साथ कठोर हो जाती है, जिससे हवा और पानी की पहुँच जड़ों तक सही तरीके से नहीं हो पाती। ऐसे में पौधे कमजोर होकर फूल गिराने लगते हैं। महीने में एक बार गमले की ऊपरी मिट्टी को 1-2 इंच तक हल्के हाथों से कुरेदें (गुड़ाई करें), लेकिन जड़ों को नुकसान न पहुंचाएँ। इससे मिट्टी में हवा का संचार होता है, पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है और फूलों की पकड़ मजबूत बनी रहती है।

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जीरा प्लांट से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न –

1. जीरे में कौन सी दवाई डालनी चाहिए – What medicine should be used for cumin in Hindi

जीरे के पौधों को स्वस्थ रखने और फूलों व बीजों की अच्छी पैदावार के लिए दवाई का चयन समस्या के आधार पर करना चाहिए। यदि कीट जैसे एफिड्स (aphids) या सफेद मक्खी दिखें, तो नीम तेल (Neem Oil) का 5 मिली घोल 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। फफूंदी या झुलसा रोग के लिए बविस्टिन (Bavistin) या मैनकोजेब जैसी फफूंदनाशक दवा 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कना प्रभावी होता है। जैविक खेती में त्रिकोडर्मा और जीवामृत का प्रयोग भी लाभकारी रहता है। छिड़काव सुबह या शाम को करें।

2. जीरे के पौधों से पीलापन कैसे दूर करें – How to remove yellowing in cumin plant in Hindi

जीरे के पौधों में पीलापन आमतौर पर पोषक तत्वों की कमी, अधिक पानी या जल निकासी की खराब व्यवस्था के कारण होता है। इसे दूर करने के लिए सबसे पहले गमले की मिट्टी जांचें। यदि वह बहुत गीली है, तो पानी देना बंद करें और गमले की जल निकासी दुरुस्त करें। पीलापन विशेषकर नाइट्रोजन की कमी से होता है, इसलिए हर 15 दिन में एक बार गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट या सरसों की खली दें। पत्तियों के लिए 1% यूरिया या जीवामृत का हल्का छिड़काव करें। सुबह के समय 4-5 घंटे की धूप अवश्य दिलाएँ।

निष्कर्ष (Conclusion)

गमले में जीरा उगाना एक सुखद अनुभव हो सकता है, लेकिन फूल झड़ने की समस्या इस प्रक्रिया को चुनौतीपूर्ण बना सकती है। यदि समय पर कारणों की पहचान कर उचित जैविक व प्राकृतिक उपाय अपनाए जाएं, तो इस समस्या से पूरी तरह बचा जा सकता है।

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