पंचगव्य क्या है, बनाने व पौधों के लिए उपयोग करने की विधि – What Is Panchagavya In Hindi

पंचगव्य क्या है: पंचगव्य भारतीय खेती में उपयोग किया जाने वाला एक पारंपरिक जैविक उर्वरक है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि यह पौधों के लिए खाद और उर्वरक दोनों का काम करता है। पंचगव्य खाद या उर्वरक को बनाने के लिए देशी गाय की गोबर, दूध, दही, घी और गोमूत्र का उपयोग किया जाता हैं। पंचगव्य बनाते समय गुड़, केला और पानी को भी इसमें मिला सकते हैं जिससे अधिक पोषक तत्वों से युक्त उर्वरक तैयार होता है। पंचगव्य में उपस्थित नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पौधों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। पंचगव्य उर्वरक में मौजूद कार्बनिक पदार्थ मिट्टी की संरचना, उर्वरता और माइक्रोबियल गतिविधियों में सुधार करते हैं, जिससे मिट्टी स्वस्थ और अधिक उपजाऊ बनती है। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि पंचगव्य क्या है (What Is Panchagavya In Hindi) और पंचगव्य बनाने की विधि व पंचगव्य के फायदे क्या हैं, तो इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।

पंचगव्य क्या है – What Is Panchagavya In Hindi

पंचगव्य क्या है – What Is Panchagavya In Hindi

पंचगव्य एक जैविक खाद और उर्वरक है जिसे देशी गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर के मिश्रण से बनाया जाता हैं। नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों की मौजूदगी की वजह से यह उर्वरक गार्डन के पौधों के लिए बेहद उपयोगी होता है। पंचगव्य का उपयोग अगर आप अपने गार्डन के पौधों पर करते हैं तो इससे फलों और सब्जियों की प्रोडक्टिविटी व गुणवत्ता में सुधार होता है। इसके अलावा पंचगव्य पौधों को सूखा, गर्मी और लवणता जैसे पर्यावरणीय तनावों को सहन करने में मदद करता है। मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ यह कीटाणु व रोगों से भी पौधों को सुरक्षा प्रदान करता है।

पंचगव्य उर्वरक बनाने के लिए सामग्री – Ingredients For Making Panchgavya Fertilizer In Hindi

  • गाय की गोबर – 10 कि.ग्रा.
  • गौमूत्र – 3 लीटर
  • गाय का दूध – 2 लीटर
  • गाय का दही – 2 लीटर
  • गाय का घी – 1 किलो
  • गुड़ (गन्ना)- 2 किलो
  • पानी – पर्याप्त मात्रा में
  • केला – 12 पके केले (वैकल्पिक)
  • नारियल पानी – 2 लीटर (वैकल्पिक)

पंचगव्य बनाने की विधि – Method Of Making Panchgavya In Hindi

  • पंचगव्य बनाने के लिए सबसे पहले आप देशी गाय का ताजा गोबर इकट्ठा करें। यह गोबर संदूषणों (Contamination) और कीटनाशकों (Pesticides) से मुक्त होना चाहिए।
  • इसके बाद गाय की गोबर को एक बड़े कम्पोस्ट बिन में रखे।
  • अब कंटेनर में गाय का गोमूत्र, दूध, दही और घी डालें।
  • गुड़ को पानी में घोलकर घोल बना लें और मिश्रण में मिला दें, यह गुड़ किण्वन के दौरान लाभकारी रोगाणुओं के लिए भोजन स्रोत के रूप में कार्य करता है।
  • खाद में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के लिए आप अन्य सामग्री जैसे पके केले और नारियल पानी भी मिला सकते हैं।
  • लकड़ी की छड़ी का उपयोग करके सभी सामग्रियों को आपस अच्छी तरह से मिला दीजिए।
  • कंटेनर को साफ कपड़े या ढक्कन से ढक दें, लेकिन हवा के आवागमन के लिए एक छोटा सा खुला स्थान छोड़ दें।
  • खाद के कंटेनर को अच्छे छायादार क्षेत्र में रखें। सीधी धूप से बचाएं क्योंकि सीधी धूप किण्वन प्रक्रिया (fermentation process) को प्रभावित कर सकती है।
  • आप 15 से 30 दिनों के लिए इसे रखा रहने दें और रोजाना एक छड़ी से घोल को हिलाते (मिक्स करें) रहें।
  • बता दें कि पंचगव्य से जब खट्टी मीठी गंध और गाढ़ी, मलाईदार स्थिरता आ जाए तो समझ लीजिए आपका उर्वरक बनकर तैयार हो गया है।

(यह भी पढ़िए – घर पर एक अच्छी गोबर खाद बनाने की सबसे आसान विधि)

पौधों में पंचगव्य के फायदे – Benefits Of Panchagavya In Hindi

पंचगव्य के फायदे - Benefits Of Panchagavya In Hindi

पंचगव्य उर्वरक गार्डन के पौधों, मिट्टी और पर्यावरण के लिए कई तरह से लाभदायक होता है। नीचे हमने पंचगव्य के फायदे के बारें में बताया है:-

पंचगव्य का उपयोग करने से पौधे स्वस्थ रहते हैं – Plants Remain Healthy By Using Panchagavya

पंचगव्य पौधों को मजबूत और बड़ा होने में मदद करता है। यह उन्हें स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। इसलिए पंचगव्य का उपयोग करने से पौधे बीमारियों और कीड़ों से सुरक्षित रहते हैं।

मिट्टी को बेहतर बनाता है पंचगव्य उर्वरक – Panchgavya Fertilizer Improves The Soil

बता दें कि पंचगव्य मिट्टी के लिए भोजन की तरह होता है और मिट्टी को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करके इसे समृद्ध बनाता है। मिट्टी को हेल्थी बनाकर पौधों की ग्रोथ को तीव्र व बेहतर करता हैं जिससे अधिक प्रोडक्टिविटी प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा पंचगव्य मिट्टी को लाभकारी सूक्ष्मजीवों से समृद्ध करता है।

पंचगव्य कैमिकल फ्री होता है – Panchgavya Is Chemical Free

पंचगव्य पूरी तरह से कैमिकल फ्री है, इसमें किसी भी तरह के सिंथेटिक रसायनों का उपयोग नही किया जाता है। यह गाय के गोबर और गोमूत्र जैसी चीजों से बना एक जैविक उर्वरक है और इसलिए यह पर्यावरण अनुकूल भी है।

घर पर पंचगव्य बनाकर पैसे बचाएं जा सकते हैं – Money Can Be Saved By Making Panchgavya At Home

पंचगव्य का एक प्रमुख फायदा यह है कि आप इसे घर पर आसानी बना सकते हैं और इसमें अधिक लागत भी नही आती है। आपको किसी स्टोर से महंगी खाद खरीदने की जरूरत नहीं है बल्कि आप घर पर ही गाय की गोबर, गोमूत्र, घी, दूध और दही का उपयोग करके आसानी से पंचगव्य बना सकते हैं।

(यह भी पढ़िए – पौधों के लिए गोबर की खाद का इस्तेमाल करने के तरीके और फायदे)

पंचगव्य के उपयोग एवं छिड़काव की विधि – Method Of Use And Spraying Of Panchagavya In Hindi

पौधों पर पंचगव्य का उपयोग करने से पहले घोल को छलनी या कपड़े से छान लें। छने हुए तरल को 1:10 के अनुपात (एक भाग पंचगव्य और दस भाग पानी) में पानी के साथ पतला करें। आइयें जानते हैं पंचगव्य के उपयोग एवं छिड़काव की विधि के बारें में।

पंचगव्य उपयोग करने से पहले पतला करें – Dilute Panchagavya Before Use

पंचगव्य का उपयोग आमतौर पर तरल पदार्थ के रूप में किया जाता है। पंचगव्य का उपयोग करने से पहले इसके एक भाग को दस भाग पानी में मिला दीजिए। जैसे 1 लीटर पंचगव्य में 10 लीटर पानी में मिलाएं।

पंचगव्य के घोल को अच्छे से तैयार करें – Prepare Panchgavya Solution Properly

छिड़काव से पहले यह सुनिश्चित करें कि पंचगव्य का घोल अच्छी तरह से मिश्रित हो गया है। इसे अच्छी तरह से मिला लें और फिर आप इस घोल को छलनी या कपड़े से छान लें।

पंचगव्य उर्वरक के छिड़काव का समय – Right Time To Spray Panchgavya Fertilizer

पंचगव्य का स्प्रे सुबह जल्दी या देर शाम जब मौसम बिल्कुल ठंडा हो तब करना सबसे अच्छा होता है। यह वाष्पीकरण को रोकने में मदद करता है और पौधों को पोषक तत्वों को ग्रहण करने में भी सहायक होता है।

कितने दिन में स्प्रे करना चाहिए – Duration Of Spraying Plants

बढ़ते मौसम के दौरान प्रत्येक 10 से 15 दिनों में एक बार पौधों पर पंचगव्य का छिड़काव किया जा सकता है। हालाँकि, पौधों की प्रतिक्रिया का निरीक्षण करना और उसके अनुसार पौधों पर पंचगव्य का स्प्रे करना सही होता है।

फूल आने की अवस्था में पंचगव्य का उपयोग करने से बचें – Avoid Using Panchgavya During Flowering Stage

पौधों में फूल आने की अवस्था के दौरान पंचगव्य का स्प्रे करने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह पॉलिनेशन में व्यवधान उत्पन्न कर सकता है। इसके बजाय आप सब्जियों की ग्रोइंग स्टेज के दौरान आप इसका उपयोग कर सकते हैं।

पौधों के आसपास की मिट्टी में डालें – Add To The Soil Around The Plants

पंचगव्य को पत्तों पर छिड़काव करने के अलावा पौधों के आधार के आसपास की मिट्टी में भी डाला जा सकता है। आवश्यक पोषक तत्व पौधों की जड़ों तक पहुंच सकें इसके लिए पंचगव्य के घोल को पतला करके गमले की मिट्टी में डाल सकते हैं।

किस तरह के पौधों में पंचगव्य डालना चाहिए – How Should Panchgavya Be Added To Which Types Of Plants

पंचगव्य डालने से पहले पौधों की विशिष्ट आवश्यकताओं पर ध्यान दें। क्योंकि कुछ पौधे जैसे – पालक और सलाद जैसी पत्तेदार सब्जियों के पत्तों पर स्प्रे करने से अच्छा रिजल्ट मिलता है तो वही गाजर और मूली जैसी जड़ वाली सब्जियों को मिट्टी में पंचगव्य के प्रयोग से अधिक फायदा हो सकता है।

(यह भी पढ़िए – गोबर की खाद का इस्तेमाल करने के तरीके)

इस लेख को पढ़ने के बाद आप यह जान ही गए होंगे कि पंचगव्य क्या है, (What Is Panchagavya In Hindi) पंचगव्य बनाने की विधि और पंचगव्य उपयोग करने की विधि क्या हैं? तो आपको हमारा लेख कैसा लगा और लेख से सम्बंधित कोई सुझाव आपके पास हैं तो हमारे साथ जरूर साझा करें, धन्यवाद।

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