क्या आप जानते हैं प्लांट्स की ग्रोथ के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व नाइट्रोजन होता है, जिसकी 78 प्रतिशत मात्रा वायुमंडल में पाई जाती है। वातावरण में चारों ओर इतनी अधिक नाइट्रोजन होने के बावजूद भी पौधों में नाइट्रोजन की कमी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसका कारण यह होता है कि पौधे वायुमंडलीय नाइट्रोजन को सीधे उपयोग नहीं कर पाते हैं। पौधों में नाइट्रोजन की कमी को उन ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर से दूर किया जा सकता है जिनमें नाइट्रोजन की मात्रा अधिक होती है। यदि आप जानना चाहते हैं कि ऑर्गेनिक नाइट्रोजन समृद्ध खाद या उर्वरक क्यों आवश्यक हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें, जिसे पढने के बाद आप जानेगें कि जैविक नाइट्रोजन उर्वरक कौन कौन से हैं तथा पौधों पर किस नाइट्रोजन युक्त फर्टिलाइजर के उपयोग से कौन से फायदे देखने को मिलते हैं।
पौधों में नाइट्रोजन उर्वरक के कार्य – Advantages Of Nitrogen Fertilizers Uses In Plants In Hindi
पौधों के विकास के लिए नाइट्रोजन जरूरी प्राथमिक पोषक तत्वों में से एक है, क्योंकि पौधों को भोजन बनाने की प्रक्रिया जिसे फोटो सिंथेसिस कहा जाता है, को पूरा करने में सनलाइट के साथ-साथ नाइट्रोजन की भी जरूरत पड़ती है। नाइट्रोजन की जरूरत अन्य सब्जियों की अपेक्षा पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, पत्ता गोभी को अधिक होती है। साथ ही चुकंदर, ब्रोकली, गोभी, गाजर, ककड़ी, मटर, मूली आदि पौधों को भी हाई नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नाइट्रोजन उर्वरक से पौधों में कौन कौन से फायदे होते हैं तो इस लेख को आगे पढ़ते रहें।
- पौधे की जड़ों में उपस्थित नाइट्रोजन, मिट्टी से पानी व अन्य आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने में पौधे की मदद करता है।
- नाइट्रोजन, पौधे में एमिनो एसिड के बनने में मदद करता है एवं एमिनो एसिड पौधों में प्रोटीन निर्माण करता है।
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पौधों में नाइट्रोजन की कमी के लक्षण – Nitrogen Deficiency Symptoms In Plants In Hindi
- पौधों में नाइट्रोजन की कमी से पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, क्योंकि नाइट्रोजन क्लोरोफिल के निर्माण में सहायक होता है जिसके कारण ही पौधे की पत्तियां हरी रहती हैं।
- नाइट्रोजन की कमी के कारण पौधे कमजोर हो सकते हैं और उनमें कीट या बीमारी लगने की संभावना भी बढ़ जाती है।
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नाइट्रोजन उर्वरक की सूची – High Nitrogen Organic Fertilizers for Plants In Hindi
यदि आप जानना चाहते हैं कि बेस्ट जैविक नाइट्रोजन उर्वरक कौन से हैं, जिनके इस्तेमाल से पौधे हरे भरे हो जाते हैं तो इस लेख को आगे पढ़ते रहें। आइये जानते हैं हाई नाइट्रोजन आर्गेनिक फर्टिलाइजर के नाम और गार्डन में उनके उपयोग की सम्पूर्ण जानकारी के बारे में:
- ब्लड मील (blood meal)
- फीदर मील फर्टिलाइजर (Feather Meal)
- फिश इमल्शन फर्टिलाइजर (Fish emulsion)
- कॉफी ग्राउंड (Coffee Grounds)
- सीवीड लिक्विड फर्टिलाइजर (Seaweed)
- पोल्ट्री मेन्योर (Poultry Manure)
- गोबर खाद (Cow Dung Manure)
- वर्मीकम्पोस्ट (Worm Castings)
- अल्फाल्फा फर्टिलाइजर (Alfalfa fertilizer)
- चायपत्ती खाद (Chai Patti manure)
- घांस के तिनके Grass Clippings
- वीड टी (Weed Tea)
- बैट गुआनो (Bat Guano)
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ब्लड मील फर्टिलाइजर – Nitrogen Rich Blood Meal Organic Fertilizer In Hindi
ब्लड मील फर्टिलाइजर मुख्य नाइट्रोजन स्रोत में से एक है जिसमें 13 प्रतिशत से ज्यादा नाइट्रोजन पाया जाता है। जंतुओं के खून (Blood) को पाउडर फॉर्म में बदल कर नाइट्रोजन रिच ब्लड मील फर्टिलाइजर को तैयार किया जाता है। ब्लड मील फर्टिलाइजर, पौधों में जड़ों की मजबूती तथा फ्लावरिंग के लिए उपयोगी है। सब्जियों तथा फूलों वाले पौधों में ब्लड मील फर्टिलाइजर का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। पौधे की मिट्टी में ब्लड मील फर्टिलाइजर को अवशोषित होने में 3 से 4 महीने का समय लग जाता है।
पौधों में उच्च नाइट्रोजन ब्लड मील फर्टिलाइजर के फायदे –
यदि सब्जी वाले पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ रही हों या उनका हरा रंग फीका पड़ रहा हो तो ब्लड मील ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर को पौधों में उपयोग करने से मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी पूरी हो जाती है जिसके फलस्वरूप पौधे फिर से हरे भरे हो जाते हैं।
- ब्लड मील फर्टिलाइजर की विशेष गंध के कारण छछून्दर, गिलहरी पौधे से दूर रहती हैं।
कैसे इस्तेमाल करें – सब्जियों वाले पौधों में दो तरीके से ब्लड मील नाइट्रोजन उर्वरक का उपयोग पौधों पर किया जा सकता है, पहला यह कि इसको गमले की ऊपरी मिट्टी में छिडकाव कर अच्छे से मिलाया जा सकता है और दूसरा पानी में घोलकर भी ब्लड मील फर्टिलाइजर को पौधे की जड़ों में डाला जा सकता है।
फीदर मील फर्टिलाइजर – Feather Meal Semi Slow Release Nitrogen Fertilizer In Hindi
यदि आपके होम गार्डन में लगे पौधों में नाइट्रोजन की कमी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो आप फीदर मील फर्टिलाइजर का इस्तेमाल अपने पौधों में कर सकते हैं। फीदर मील फर्टिलाइजर में 12 प्रतिशत से ज्यादा नाइट्रोजन पायी जाती है। यह नाइट्रोजन युक्त उर्वरक हरी पत्तियों की ग्रोथ को बढाता है और मिट्टी की संरचना में सुधार करता है। यह एक स्लो रिलीज होने वाला नाइट्रोजन फर्टिलाइजर है जो टमाटर, मिर्च एवं काली मिर्च उगाने के लिए सबसे अच्छा माना है। पौधे की मिट्टी में अवशोषित होने में फीदर मील फर्टिलाइजर 3 से 6 महीने का समय लेता है।
कैसे इस्तेमाल करें – फीदर मील फर्टिलाइजर के पाउडर की एक से दो चम्मच मात्रा को पौधे लगे गमले की मिट्टी में अच्छे से मिलाएं व मिलाने के बाद पौधे की मिट्टी पर पानी छिडकें।
फिश इमल्शन फर्टिलाइजर – Organic Fish emulsion Fertilizer Source Of Nitrogen In Hindi
मछली से बनने वाला फिश इमल्शन एक लिक्विड फर्टिलाइजर होता है, जिसमें 9:4:1 का NPK पाया जाता है। नाइट्रोजन युक्त फिश मील फर्टिलाइजर के उपयोग से पौधों में क्लोरोफिल का प्रोडक्शन तीव्र गति से होता है जिसके कारण पत्तियां हरी भरी रहती हैं। फिश इमल्शन फर्टिलाइजर के पौधों में इस्तेमाल से पौधों की नाइट्रोजन की जरूरत तो पूरी होती ही है साथ ही पौधा कीट व फंगस से भी सुरक्षित रहता है। यह स्लो रिलीज़ नाइट्रोजन फर्टिलाइजर है जो पौधे की मिट्टी में अवशोषित होने में 3 से 4 महीने का समय लेता है।
कैसे इस्तेमाल करें – एक चम्मच फिश इमल्शन उर्वरक को एक लीटर पानी में घोलकर पौधे की मिट्टी में डालें या पौधे की पत्तियों पर छिडकाव करें।
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गोबर खाद – Cow Dung Manure Nitrogen Fertilizer In Hindi
होम गार्डन में पौधों के लिए गोबर खाद का बहुत महत्त्व है जिसमें 50% नाइट्रोजन पाई जाती है साथ ही इसमें फास्फोरस एवं पोटेशियम पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। गोबर खाद के इस्तेमाल से पौधों में नाइट्रोजन व अन्य पोषक तत्वों की कमी को दूर करने में मदद मिलती है, जिससे पौधे की पूर्ण ग्रोथ होती है। इसके इस्तेमाल से मिट्टी की संरचना में सुधार होता है, जिससे मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ जाती है। नाइट्रोजन से भरपूर गोबर खाद सभी तरह के पौधों के लिए अच्छी मानी जाती है।
कैसे इस्तेमाल करें – अच्छा पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए मिट्टी में गोबर खाद को मिलाया जा सकता है या पौधे की ग्रोइंग स्टेज में भी पौधे की जड़ों में गोबर खाद को डाला जा सकता है।
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अल्फाल्फा फर्टिलाइजर – Best Nitrogen Fertilizer Alfalfa In Hindi
अल्फाल्फा फर्टिलाइजर भी नाइट्रोजन का एक मुख्य स्रोत है जिसमें 3 प्रतिशत नाइट्रोजन पाई जाती है। इस ऑर्गेनिक उर्वरक में ट्राइकोंटानोल (Triacontanol) नामक हार्मोन पाया जाता है जो सब्जियों वाले पौधों की ग्रोथ को बढाता है। अल्फाल्फा फर्टिलाइजर के पौधों में इस्तेमाल से फोटो सिंथेसिस प्रक्रिया होने में मदद मिलती है। यह एक धीरे-धीरे अपघटित होने वाला फर्टिलाइजर है।
कैसे इस्तेमाल करें– अल्फाल्फा नाइट्रोजन रिच फर्टिलाइजर को इस्तेमाल करने के लिए या तो आप इसे पॉटिंग मिक्स में मिला सकते हैं या फिर कम्पोस्ट में मिलाकर भी पौधों की मिट्टी में डाल सकते हैं या आप चाहें तो डायरेक्टली पौधों की जड़ों पर भी डाल सकते हैं। यह ध्यान रहे कि अल्फाल्फा पैलेट्स को डायरेक्टली पौधों की जड़ों में डालने के बाद उनमें पानी जरूर डाल दें क्योंकि ये पानी में ही घुलनशील होते हैं।
चायपत्ती खाद – Chai Patti Nitrogen Rich Fertilizer In Hindi
चाय पत्ती खाद में नाइट्रोजन की 4.4% मात्रा पाई जाती है साथ ही 0.24% फास्फोरस एवं 0.25% पोटेशियम भी पाया जाता है। नाइट्रोजन युक्त चायपत्ती खाद का पौधों में इस्तेमाल करने से मिट्टी की संरचना में सुधार होता है व मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है। महीने में एक बार गमले के साइज़ के अनुसार चायपत्ती खाद की मात्रा को पौधे लगे गमले की मिट्टी में उपयोग किया जा सकता है।
(यह भी जानें: चाय पत्ती से खाद कैसे बनाएं…)
पोल्ट्री मेन्योर – Poultry Manure As Nitrogen fertilizer In Hindi
पोल्ट्री मेन्योर में नाइट्रोजन की अधिक मात्रा के साथ-साथ फास्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जिसके इस्तेमाल से पौधों में लगभग सभी पोषक तत्वों की पूर्ती हो जाती है। पोल्ट्री मेन्योर मिट्टी की उर्वरता में सुधार करता है और जड़ प्रणाली के विकास तथा पौधों को रोगों और कीटों से सुरक्षित रखता है। पोल्ट्री मेन्योर पौधो में तेजी से पोषक तत्वों को रिलीज़ करता है जिसके कारण इसको कम्पोस्ट में मिलाकर या मिट्टी में मिलाकर पौधों की जड़ों में डाला जाता है। पोल्ट्री मेन्योर पौधों में ज्यादा गर्मी भी बढाता है इसीलिए इसका इस्तेमाल गर्मी के सीजन में नहीं करना चाहिए।
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कॉफी ग्राउंड – Used Coffee Grounds For Nitrogen Deficient Plants In Hindi
कॉफी ग्राउंड में लगभग 1.45 % नाइट्रोजन पाया जाता है एवं मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम भी पाया जाता है। कॉफी ग्राउंड उर्वरक की कुछ मात्रा को सीधे पौधों की मिट्टी में मिलाया जा सकता है। यदि आप इसकी लिक्विड खाद बनाना चाहते हैं तो एक कप इस्तेमाल की गयी कॉफ़ी को 10 लीटर पानी में अच्छे से घोलकर या तो पौधे की मिट्टी में डाल दें या पत्तियों पर छिडकाव भी कर सकते हैं।
सीवीड लिक्विड फर्टिलाइजर – Effect Of Seaweed Nitrogen Fertilizer On Plant Growth In Hindi
सीवीड लिक्विड फर्टिलाइजर में 1.2 % नाइट्रोजन पाया जाता है जिसके इस्तेमाल से मिट्टी में माईक्रोब्स की संख्या बढ़ जाती है और फलस्वरूप मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होती है। आलू, टमाटर, मिर्च आदि सब्जियों वाले पौधों पर सीवीड लिक्विड नाइट्रोजन उर्वरक का उपयोग अच्छे परिणाम देता है। 2 से 4 ml सीवीड लिक्विड फर्टिलाइजर को एक लीटर पानी में घोलकर या तो पौधों पर स्प्रे किया जाता है या मिट्टी पर भी डाला जा सकता है।
(यह भी जानें: सीवीड फर्टिलाइजर क्या है? जानिए गार्डनिंग में इसका उपयोग और फायदे…)
बैट गुआनो – Bat Guano Nitrogen Fertilizer In Hindi
बैट गुआनो फर्टिलाइजर में 10 प्रतिशत से ज्यादा नाइट्रोजन पाई जाती है। नाइट्रोजन के साथ इसमें फास्फोरस तथा पोटेशियम भी कुछ मात्रा में पाया जाता है। बैट गुआनो फर्टिलाइजर पौधों में रूट ग्रोथ, फ्लावरिंग में वृद्धि एवं तनों को मजबूत बनाता है। इसमें ट्राइकोंटानोल नामक हार्मोन पाया जाता है जो बीज के अंकुरित होने की गति को बढाता है। बैट गुआनो एक स्लो रिलीज होने वाला फर्टिलाइजर है जो 2 से 8 महीने में पौधे की मिट्टी में पूर्ण रूप से अवशोषित होता है। बैट गुआनो फर्टिलाइजर को इस्तेमाल करने से पहले ग्लव्स एवं मास्क जरूर पहन लें क्योंकि यदि यह सांस लेने पर अन्दर चला गया तो स्वस्थ्य को नुक्सान पहुंचा सकता है।
कैसे इस्तेमाल करें – बैट गुआनो फर्टिलाइजर की 1 कप मात्रा को 5 लीटर पानी में घोलकर रात भर रखा रहने दें एवं सुबह पौधों की जड़ों में इसका उपयोग करें।
वीड टी – Weed Tea Nitrogen Fertilizer Benefits In Hindi
गार्डन की मिट्टी में उगने वाली खरपतवार भी नाइट्रोजन का अच्छा स्रोत होती हैं जिनको नाइट्रोजन रिच लिक्विड फर्टिलाइजर के रूप में पौधे की मिट्टी में डाला जा सकता है। वीड टी बनाने के लिए खरपतवारों को तोड़कर पानी में एक से दो सप्ताह के लिए रख दें, जब पानी का रंग ब्राउन हो जाए तब आप उस पानी को पौधे की मिट्टी में डाल सकते हैं।
वर्मीकम्पोस्ट – Nitrogen Fertilizer Worm Castings In Hindi
वर्मीकम्पोस्ट में नाइट्रोजन की मात्रा 1 से 2 प्रतिशत पाई जाती है, इसके इस्तेमाल से मिट्टी में माईक्रोब्स की संख्या बढती है तथा मिट्टी अच्छी भुरभुरी व उपजाऊ बनती है। पौधे को लगाने के दौरान मिट्टी तैयार करते समय इसको मिट्टी में मिलाया जा सकता है। यह खाद मिट्टी में 3 से 6 महीने तक पोषक तत्वों को प्रदान करती है।
(यह भी जानें: वर्मीकम्पोस्ट का आर्गेनिक गार्डनिंग में उपयोग, इसके फायदे और बनाने की विधि…)
घांस की कतरन – Grass Clippings Nitrogen Fertilizer For Plants In Hindi
घांस की कतरनों को कलेक्ट करके पौधे की मिट्टी के चारो और बिछा दें। इससे पौधे की मल्चिंग भी हो जायेगी और पौधे की मिट्टी को नाइट्रोजन की मात्रा भी मिलती रहेगी।
(यह भी जानें: मल्चिंग क्या है? अपने गार्डन को मल्च कैसे करें…)
निष्कर्ष – Conclusion
इस आर्टिकल को पूरा पढ़कर आप जान ही गए होंगे कि, बेस्ट जैविक नाइट्रोजन उर्वरक कौन से हैं व उनका इस्तेमाल कैसे करना है ताकि पौधे भी हेल्दी रहें और अच्छे फल, फूल, सब्जियाँ प्राप्त हों। उम्मीद करते हैं, यह लेख आपको पसंद आया होगा। इस लेख से सम्बंधित आपके कोई भी सवाल या सुझाव हों तो हमें कमेन्ट में जरूर बताएं। गार्डनिंग से जुड़े और भी उपयोगी लेख पढ़ने के लिए Organicbazar.net पेज पर जाएं।