How To Stop Radish Bolting In Hindi: मूली एक ऐसी वेजिटेबल है जिसे ज्यादातर लोग अपने किचन गार्डन या फील्ड में उगाना पसंद करते हैं। लेकिन कई बार मूली के प्लांट्स में जल्दी फूल (bolting) आ जाते हैं, जिससे रूट की सही ग्रोथ रुक जाती है और क्वालिटी भी खराब हो जाती है। यह प्रॉब्लम कई कारणों से होती है। अगर मूली के प्लांट्स को सही क्लाइमेट, बैलेंस्ड नमी और टाइम टू टाइम पोषण मिलें, तो फूल आने की समस्या से आसानी से बचा जा सकता है। इस लेख में हम मूली में फूल आने का कारण क्या है, मूली में फूल आने से कैसे रोकें अर्थात मूली में बोल्टिंग रोकने के उपाय क्या हैं और साथ ही मूली की देखभाल कैसे करें, के बारे में जानेंगे, ताकि आपको स्वादिष्ट व ताजी मूली खुद के ही गार्डन से मिल सके।
मूली में फूल आने का कारण – Why Are My Radishes Flowering In Hindi
गमले या गार्डन में लगी मूली में समय से पहले फूल आना ज्यादातर गलत मौसम में बुवाई, असंतुलित तापमान और अनुचित देखभाल के कारण होता है। इस समस्या से मूली की जड़ मोटी होने की बजाय फूल बनने लगते हैं, जिससे पैदावार और स्वाद दोनों पर असर पड़ता है। आइये जानते हैं कि, मूली में फूल क्यों आने लगते हैं?
- गलत मौसम में बुवाई– मूली ठंडी फसल है। अगर इसे गर्म मौसम में लगाया जाए तो पौधा सीधा फूल और बीज बनाने लगता है।
- असंतुलित तापमान– बहुत ज्यादा ठंड या अचानक गर्मी पड़ने पर पौधे पर स्ट्रेस आता है और वह जल्दी फूल देता है।
- पोषण की कमी– अगर पौधे को पर्याप्त नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश न मिले तो उसकी ग्रोथ रुक जाती है और फूल बनने लगते हैं।
- सिंचाई की गड़बड़ी– बहुत ज्यादा या बहुत कम पानी मिलने से पौधे की जड़ों पर असर पड़ता है और बोल्टिंग शुरू हो जाती है।
- खुदाई में देरी– मूली को समय पर न खोदने पर पौधा रूट छोड़कर फल-फूल और बीज बनाने लगता है।
- गलत किस्म का चुनाव– कुछ किस्में जल्दी फूल देती हैं। यदि सीजन के अनुसार वैरायटी न चुनें तो जल्दी फलन शुरू हो सकता है।
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मूली में फूल आने की समस्या का समाधान – Follow These Tips When Radish Starts Flowering in Hindi
जब मूली में फूल आने लगते हैं, तो कई बार इसकी ग्रोथ रुक जाती है। मूली को फूलने से बचाने के लिए ये उपाय अपनाने चाहिए, जैसे –
1. मूली की सही बुवाई का समय – Sow Radish in the Right Season in Hindi
मूली ठंडे मौसम की फसल है और अगर इसे गर्म मौसम में लगाया जाए तो जल्दी फूल आने लगते हैं। बुवाई के लिए अक्टूबर से दिसंबर तक का समय सबसे उपयुक्त होता है। इस दौरान टेम्प्रेचर 15–25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जो मूली की रूट डेवलपमेंट के लिए अच्छा है। अगर गर्म मौसम में बुवाई करेंगे तो पौधा सीधा फूल और बीज बनाने की तरफ बढ़ जाएगा। इसलिए सही सीजन में मूली लगाकर आप इसकी ग्रोथ को कंट्रोल में रख सकते हैं और फूल आने से बचा सकते हैं।
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2. सही किस्म लगाएं – Choose the Right Variety in Hindi
मूली की कई वैरायटीज़ होती हैं और हर वैरायटी का अपना ग्रोथ पैटर्न होता है। कुछ वैरायटीज़ जल्दी फूल देती हैं जबकि कुछ देर से। यदि आप फूल आने से बचना चाहते हैं तो ऐसी किस्में चुनें जो लंबे समय तक केवल रूट फॉर्मेशन पर ध्यान दें। देर से फूल आने वाली इम्प्रूव्ड या हाइब्रिड किस्में बेहतर रहती हैं। सही वेरायटी चुनने से पौधा ज्यादा समय तक हेल्दी रहता है और फूल बनने की संभावना कम हो जाती है।
3. उचित तापमान बनाए रखें – Maintain Proper Temperature in Hindi
मूली के पौधे का फूल जल्दी आना तापमान पर बहुत निर्भर करता है। अगर अचानक ज्यादा गर्मी या ठंड पड़ जाए तो पौधा स्ट्रेस में आकर फूल बना लेता है। इसलिए कोशिश करें कि प्लांट को ऐसे मौसम में उगाएं जिसमें तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच स्थिर रहे। अगर गार्डन में उगा रहे हैं तो गर्म दिनों में पौधे को शेड नेट से कवर करें और सर्द दिनों में हल्का मल्चिंग करें। इस तरह सही क्लाइमेट कंडीशन बनाए रखने से मूली में फूल आने से बचा जा सकता है।
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4. मिट्टी की सही तैयारी करें – Prepare Soil Properly for radish in Hindi
मूली को हल्की, रेतीली और जैविक पदार्थों से भरपूर मिट्टी पसंद होती है। अगर मिट्टी सख्त हो या पोषण की कमी हो तो पौधा जल्दी फूल बनाने लगता है। बुवाई से पहले मिट्टी को अच्छी तरह जोतें और उसमें कंपोस्ट या गोबर की खाद मिलाएं। इससे पौधे को संतुलित न्यूट्रिएंट्स मिलेंगे और उसकी ग्रोथ स्मूद रहेगी। मिट्टी ढीली होने पर रूट डेवलपमेंट भी सही होगा और पौधा बिना फूल दिए लंबे समय तक बढ़ेगा।
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5. संतुलित सिंचाई करें – Maintain Balanced Watering in Hindi
मूली की जड़ों को हमेशा हल्की नमी चाहिए, लेकिन ओवरवॉटरिंग या ड्राईनेस दोनों ही फूल आने का कारण बन सकते हैं। अगर पौधा पानी की कमी महसूस करता है तो वह जल्दी बीज बनाने लगता है। वहीं, ज्यादा पानी मिलने पर जड़ें खराब होकर पौधा स्ट्रेस में चला जाता है। दोनों ही स्थितियों में बोल्टिंग की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए सिंचाई हमेशा नियमित और बैलेंस्ड रखें।
6. पौधों को पर्याप्त पोषण दें – Give sufficient Nutrition for Radish in Hindi
मूली की सही ग्रोथ के लिए संतुलित खाद और पोषण जरूरी है। अगर पौधे को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का बैलेंस नहीं मिलेगा तो वह जल्दी फूल देना शुरू कर देगा। बुवाई से पहले मिट्टी में कंपोस्ट और वर्मी कम्पोस्ट डालें। साथ ही ग्रोथ स्टेज पर लिक्विड जैविक खाद जैसे जीवामृत या नीम खली का प्रयोग करें। यह पौधे को हेल्दी रखेगा और फूल बनने की प्रक्रिया को डिले करेगा।
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7. समय–समय पर निराई–गुड़ाई करें – Do Timely Weeding and Hoeing in Hindi
मूली के पौधों के आसपास अगर खरपतवार (weeds) ज्यादा बढ़ेंगे तो पौधे को पर्याप्त न्यूट्रिएंट और पानी नहीं मिल पाएगा। इससे पौधा स्ट्रेस में जाकर जल्दी फूल बना सकता है। इसलिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करते रहना जरूरी है। इससे मिट्टी ढीली रहती है, हवा का संचार अच्छा होता है और पौधे की जड़ों को पोषण आसानी से मिलता है। गुड़ाई करने से पौधा स्ट्रॉन्ग बनता है और फूल बनने की प्रवृत्ति कम हो जाती है।
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8. मूली को सही दूरी पर लगाएं – Maintain Proper Spacing in Hindi
अगर मूली के पौधे बहुत पास-पास लगाए जाते हैं तो वे एक-दूसरे से पोषण और स्पेस के लिए कंपटीशन करते हैं। इससे पौधे पर स्ट्रेस बढ़ता है और वह जल्दी फूल बनाने लगता है। उचित दूरी पर पौधे लगाने से उन्हें पर्याप्त धूप, नमी और पोषण मिलता है। मिट्टी में कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 8–10 सेंटीमीटर रखना बेहतर रहता है। गार्डन पॉट में भी एक ही जगह ज्यादा बीज न बोएं।
9. सही समय पर खुदाई करें – Harvest at the Right Time in Hindi
मूली को खेत या गार्डन में ज्यादा दिनों तक छोड़ना भी फूल आने का कारण बनता है। यदि मूली को समय पर नहीं निकाला जाए, तो पौधा रूट छोड़कर सीधा फूल और बीज बनाने लगता है। इसलिए हर किस्म की मूली की सही समय में ही खुदाई करें। सामान्यत: मूली को 40 से 60 दिनों के बीच खोद लेना चाहिए।
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10. रोग और कीट नियंत्रण करें – Control Pests and Diseases in Hindi
यदि पौधा रोगों या कीटों से प्रभावित होता है तो वह कमजोर होकर जल्दी फूल बनाने लगता है। खासकर एफिड्स और फंगल डिजीज मूली की ग्रोथ को प्रभावित करती हैं। इसके लिए समय-समय पर नीम ऑयल स्प्रे, ट्राइकोडर्मा या अन्य जैविक उपाय अपनाएं। पौधों को हेल्दी रखने से उनकी एनर्जी रूट डेवलपमेंट पर खर्च होती है, न कि फूल बनाने पर। कीट और रोग नियंत्रण से पौधे लंबे समय तक ताजगी से बढ़ते हैं और बोल्टिंग की समस्या कम हो जाती है।
निष्कर्ष:
मूली में समय से पहले फूल आना यानी बोल्टिंग गार्डनर्स के लिए बड़ी समस्या है, क्योंकि इससे जड़ों की क्वालिटी और प्रोडक्शन पर सीधा असर पड़ता है। यह समस्या मुख्य रूप से गलत मौसम में बुवाई, असंतुलित तापमान, अधिक या कम सिंचाई, पोषण की कमी और कटाई में देरी के कारण होती है। यदि सही सीजन में बुवाई करें, बेहतर किस्म चुनें, पौधों को संतुलित पानी और पोषण दें तथा समय पर कटाई करें तो फूल आने की समस्या से आसानी से बचा जा सकता है।
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