घर पर दालचीनी का पौधा कैसे लगाएं – How To Grow Cinnamon Plant At Home In Hindi

अगर आप अपने घर या टैरेस गार्डन में खुशबूदार और उपयोगी पौधे लगाना पसंद करते हैं, तो दालचीनी का पौधा एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल आपके घर की हवा को शुद्ध करता है बल्कि इसकी छाल और पत्तियाँ औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि दालचीनी का पौधा/पेड़ कैसे लगाएं, तो आपको जानकर खुशी होगी कि इसे घर या छत पर आसानी से लगाया जा सकता है। सही मिट्टी, उचित धूप और नियमित देखभाल से यह पौधा तेजी से बढ़ता है। आगे हम जानेंगे कि, कटिंग से दालचीनी कैसे उगाएं, दालचीनी का पौधा लगाने की विधि क्या है और दालचीनी के पौधे की देखभाल कैसे करें, ताकि आप भी अपने घर में प्राकृतिक सुगंध और हरियाली का आनंद ले सकें।

दालचीनी लगाने का सही समय – Best Time To Plant Cinnamon In Hindi

गमले या गार्डन में दालचीनी का पौधा लगाने का सबसे अच्छा समय बरसात का मौसम (जुलाई से सितंबर) होता है। इस समय मिट्टी में नमी रहती है, जिससे पौधे को जड़ें जमाने में आसानी होती है। आप इसे फरवरी-मार्च में भी लगा सकते हैं, जब तापमान 25°C से 30°C के बीच हो। लेकिन इस समय पौधे की अधिक देखभाल करनी होगी।

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दालचीनी के लिए बेस्ट मिट्टी – Best Soil For Cinnamon Tree In Hindi

रेतीली दोमट मिट्टी (Loamy Soil) दालचीनी के पौधे के लिए सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली और हल्की अम्लीय से उदासीन होनी चाहिए। बहुत भारी या पानी रोकने वाली मिट्टी पौधे के लिए हानिकारक होती है। मिट्टी में गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालने से पौधे की वृद्धि तेज़ होती है। पौधा लगाने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह पलटकर और जैविक खाद मिलाकर मुलायम बना लेना चाहिए।

दालचीनी पौधे के लिए गमले – Pots Size For Cinnamon Plants In Hindi

दालचीनी पौधे के लिए गमले - Pots Size For Cinnamon Plants In Hindi

अगर आप दालचीनी का पौधा घर में लगाना चाहते हैं, तो पौधे को बढ़ने और परिपक्व होने के लिए कम से कम 18 इंच गहराई और चौड़ाई वाला गमला या ग्रो बैग चुनें। गमले के नीचे पानी निकलने के लिए छेद जरूर होना चाहिए, ताकि जड़ों में सड़न न हो। पौधे लगे गमले को धूप वाली जगह पर रखें, लेकिन गर्मियों में सीधे तेज धूप से बचाएँ। आप अपनी जरूरत के अनुसार गमले या ग्रो बैग में पौधे को ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।

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दालचीनी का पौधा लगाने की विधि – Method Of Growing Cinnamon Plant In Hindi

वैसे तो दालचीनी के पौधे को कई विधियों से ग्रो कर सकते हैं, लेकिन यहाँ हम बीज और कटिंग दोनों विधियों से पौधा उगाने के बारे में जानेंगे। दोनों ही आसान हैं, पर कटिंग से तेजी से पौधा मिलता है, जबकि बीज से बढ़ने में थोड़ा समय लगता है। चलिए जानते हैं दालचीनी का पौधा उगाने की विधि के बारे में, जो कि निम्न हैं।

1. विधि: बीज से

  • ताजे और स्वास्थ्यवर्धक दालचीनी के बीज लें।
  • अब गमले में तैयार की हुई मिट्टी भरें, लेकिन गमले को ऊपर से 1 से 2 इंच खाली रखें ताकि पानी बहे न, आप बीजों को गार्डन की मिट्टी में भी लगा सकते हैं।
  • बीज को मिट्टी में लगाएं और मिट्टी की हल्की परत से ढक दें।
  • पौधे की मिट्टी में हल्की नमी बनाए रखें, लेकिन जलभराव न हो।
  • बीज से अंकुर निकलने में समय लगता है, 2–6 सप्ताह में अंकुर दिख सकते हैं।
  • दालचीनी के पौधे को नियमित रूप से थोड़ी खाद और पानी देते रहें।

2. विधि: कटिंग से

  • 10 से 12 महीने पुराने पौधे से स्वस्थ, मोटी और 20–30 सेमी लंबी पत्तियों वाली शाखा चुनें।
  • कटिंग ताजी हो और निचले पत्ते हटा दें, ताकि वो मिट्टी में दबकर सड़ें न।
  • तेज ग्रोथ के लिए कटिंग में रूटिंग हार्मोन लगाएं।
  • अब दालचीनी की कटिंग को नमी वाले कम्पोस्ट मिश्रण में लगाएं या पानी में जड़ आने तक रखें।
  • पानी में जड़ बनने के बाद आप उसे गमले में लगा सकते हैं, कटिंग में जड़ बनने में कई महीने लग सकते हैं।
  • कटिंग को सीधे तेज धूप से बचाकर हल्की छाया में रखें और मिट्टी को लगातार नम रखें, लेकिन जल जमा न हो।
  • जब पौधे में जड़ बनने लगे और पौधा मजबूत हो जाए, तो आप उसे बड़े गमले में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।

अगर आप ये स्टेप्स फॉलो करेंगे तो बीज या कटिंग दोनों से दालचीनी का अच्छा पौधा मिल सकता है।

नोट – आप चाहें तो नर्सरी से पौधा खरीदकर या एयर लेयरिंग विधि का इस्तेमाल करके भी दालचीनी प्लांट उगा सकते हैं।

दालचीनी पौधे की देखभाल – Cinnamon Plant Care In Hindi

दालचीनी का पौधा सुंदर और सुगंधित होता है, लेकिन इसे स्वस्थ बनाए रखने के लिए नियमित देखभाल जरूरी होती है। सही धूप, पानी, खाद और सुरक्षा से यह पौधा तेजी से बढ़ता है और इसकी छाल उच्च गुणवत्ता की बनती है। आप नीचे बताए गए तरीकों को अपनाकर पौधे की देखभाल कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं।

1. धूप की आवश्यकता

दालचीनी के पौधे को रोजाना 6–8 घंटे की धूप मिलनी चाहिए। बहुत तेज धूप में आधी छाया देना बेहतर रहता है। तेज धूप में पौधे की पत्तियाँ झुलस सकती हैं, इसलिए पौधे को हल्की छाया में रखें। इसके अलावा बहुत ज्यादा ठंड या पाला पड़ने पर पौधे को घर के अंदर या किसी गर्म जगह पर रखें। अगर आप पौधे को घर के अंदर नहीं रख सकते तो कपड़े, शेड नेट आदि से ढककर सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।

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2. पानी

दालचीनी की मिट्टी को पूरी तरह सूखने न दें जब मिट्टी की ऊपरी सतह सूख जाए, तब पानी दें लेकिन जलभराव न होने दें। जड़ों को ठंडा रखने और मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए घास, पुआल आदि से मल्चिंग करें। ठंड के मौसम में पौधों को पानी देना कम कर दें।

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3. खाद और उर्वरक

खाद और उर्वरक

हर 30–40 दिन में गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट या NPK खाद दें, इससे पौधा हरा-भरा और मजबूत बनता है। खाद डालते समय मिट्टी को हल्का ढीला कर लें ताकि पोषक तत्व जड़ों तक आसानी से पहुँच सकें। खाद देने के बाद पौधे को हल्का पानी जरूर दें, इससे पौधा तेजी से पोषण सोख पाता है और उसकी बढ़त बेहतर होती है।

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4. पौधे की छटाई

वैसे तो दालचीनी के पौधे को छटाई की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन पौधे के स्वस्थ विकास के लिए सूखी, क्षतिग्रस्त या रोग ग्रस्त शाखाओं को हटा देना चाहिए।

5. कीट नियंत्रण

अगर पत्तियों पर कीड़े जैसे एफिड, मिली बग, या स्पाइडर माइट, घुन दिखें तो नीम का तेल या किसी जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें। इससे पौधे की पत्तियाँ सुरक्षित रहेंगी और उसकी बढ़त पर कोई असर नहीं पड़ेगा। छिड़काव सुबह या शाम के समय करें ताकि धूप में पत्तियाँ झुलसें नहीं।

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6. तापमान और आद्रता

दालचीनी का पौधा गर्म और नम वातावरण पसंद करता है। आदर्श तापमान 25°C से 30°C होता है। पौधे के लिए आर्द्रता भी महत्वपूर्ण है; मिट्टी हल्की नमी वाली होनी चाहिए और हवा में 60–70% आद्रता पौधे को स्वस्थ बनाए रखती है। बहुत सूखी या बहुत ठंडी हवा पौधे की पत्तियों को नुकसान पहुंचा सकती है और पौधे की ग्रोथ धीमी हो सकती है।

7. रोग नियंत्रण

अधिक नमी या लगातार गीली मिट्टी से पत्तियों पर सफेद या काली परत बन सकती है। ऐसे में नीम तेल का स्प्रे करें और पानी देना कम करें। अगर पौधा मुरझाने लगे तो मिट्टी की जल निकासी जांचें। गमले के नीचे से पानी आसानी से निकलना चाहिए, नहीं तो पौधे में जड़ सड़न हो सकता है।

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8. हार्वेस्टिंग

हार्वेस्टिंग

दालचीनी के पौधे की छाल 2–3 साल में उपयोग योग्य हो जाती है। छाल निकालने के बाद पौधे को कुछ समय आराम दें, ताकि नई छाल फिर से विकसित हो सके। आप दालचीनी की पहली हार्वेस्टिंग 2 से 3 साल में और उसके बाद हर 2 साल में कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

अब तो आप समझ ही गए होंगे कि दालचीनी के पौधे उगाना कितना आसान और सरल है। इसकी हल्की खुशबू और औषधीय गुण आपके घर के वातावरण को ताजगी से भर देते हैं। इसे उगाने के लिए बस सही मौसम, उपजाऊ मिट्टी और थोड़ी नियमित देखभाल की जरूरत होती है। थोड़े से ध्यान से यह पौधा न केवल हरा-भरा रहेगा, बल्कि आपके घर में प्राकृतिक सुगंध और सेहतमंद माहौल भी देगा।

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