कभी-कभी घर पर गमले या गार्डन की मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होने तथा पौधों को ठीक से पानी न देने के कारण पौधों में फूल नहीं लगते हैं या पौधों की ग्रोथ रुक जाती है। इसके अलावा पौधे की मिट्टी बहुत अधिक अम्लीय होने के कारण भी पौधों की ग्रोथ रुक सकती है। इस लेख के माध्यम से आप अम्लीय मृदा से पौधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानेंगे। अम्लीय मिट्टी (acidic soil) या एसिडिक सॉइल क्या है, इसका ph मान कितना होता है, मिट्टी के एसिडिक होने के कारण तथा अम्लीय मिट्टी का पौधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
अम्लीय मिट्टी क्या होती है – What Is Acidic Soil In Hindi
आमतौर पर यदि पी एच (PH) स्केल पर मान 7 से कम होता है, तो उसे अम्लीय मान लिया जाता है, लेकिन मिट्टी के सन्दर्भ में जब मिट्टी का PH मान 6.5 से 7 के बीच में होता है, तो उसे अम्लीय नहीं माना जाता है। अतः जब गमले या गार्डन की मिट्टी का पी एच मान 6.5 या इससे कम होता है, तो उसे अम्लीय मिट्टी कहा जाता है। इसके अलावा मिट्टी का पीएच स्तर 6.5 से जितना कम होगा, मिट्टी उतनी ही अम्लीय व पी एच स्तर जितना अधिक होगा, मृदा (मिट्टी) उतनी ही क्षारीय होगी। आप मिट्टी की अम्लता को निम्न प्रकार डिवाइड कर सकते हैं, जैसे:
- थोड़ी अम्लीय – 6.1-6.5 PH
- मध्यम अम्लीय – 5.5-6.0 PH
- अधिक अम्लीय – 0.0-5.5 PH
मिट्टी अम्लीय होने के कारण – What Causes Soil Acidity In Garden In Hindi
गमले या गार्डन की मिट्टी के अम्लीय (एसिडिक) होने का पहला कारण तेज बारिश के कारण मिट्टी से कैल्शियम, मैग्नेशियम व पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों का बह जाना, क्योंकि ये पोषक तत्व मिट्टी को अम्लीय (Acidic) होने से रोकते हैं।
अम्लीय मिट्टी की पहचान कैसे करें – How To Test Soil Acidity At Home In Hindi
मिट्टी की अम्लता और क्षारीयता का पता लगाने का सबसे आसान तरीका यह है कि, मिट्टी को बर्तन में लें और इस मिट्टी में ऊपर से थोड़ा सिरका (vinegar) डालें और रिजल्ट देखें। यदि,
- मिट्टी में सिरका डालने पर बहुत अधिक झाग बने, तो मिट्टी क्षारीय है।
- बहुत ही कम झाग बनता है, तो मिट्टी मध्यम अम्लीय है।
- यदि मिट्टी में झाग बिलकुल भी न आए, तो मृदा (soil) अम्लीय है।
अम्लीय मिट्टी से पौधों को होने वाले नुकसान – Harmful Effects Of Soil Acidity On Plants In Hindi
एसिडिक या अम्लीय मिट्टी के पौधों पर निम्न हानिकारक प्रभाव दिखाई देते हैं, जैसे:
- पौधे की मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होना।
- माइक्रोबियल एक्टिविटी (Microbial Activity) प्रभावित होना।
- मिट्टी में आयरन टॉक्सिसिटी (Iron Toxicity) होना।
- गार्डन या गमले की मिट्टी में एल्यूमिनियम की मात्रा बढ़ जाना।
- प्लांट्स की पत्तियों का पीला पड़ना, आदि।
मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी – Nutrient Deficiencies In Acidic Soil In Hindi
बहुत अधिक अम्लीय या एसिडिक मिट्टी (लगभग 5.5 PH से कम) होने के कारण मिट्टी में मुख्य पोषक तत्व जैसे – नाइट्रोजन, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटाश, बोरान, आदि की कमी हो जाती है, जिस कारण से पौधों की ग्रोथ रुक जाती है। यदि अम्लीय मिट्टी में सुधार न किया जाए, तो मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में खाद व उर्वरक डालने के बाद भी पौधों में इन पोषक तत्वों की कमी के लक्षण देखे जा सकते हैं।
(यह भी जानें: पौधों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण और निदान…)
मिट्टी में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया नष्ट होना – Beneficial Bacteria Destroyed Due To Acidic Soil In Hindi
पौधों की मिट्टी में कई उपयोगी बैक्टीरिया (जैसे राइजोबियम बैक्टीरिया) पाये जाते हैं, जो माइक्रोबियल एक्टिविटी (microbial activity) कर, मिट्टी की संरचना में सुधार करते हैं, फलस्वरूप मृदा (मिट्टी) में नाइट्रोजन व अन्य पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन जब मिट्टी अधिक एसिडिक (acidic) हो जाती है, तो ये लाभकारी बैक्टीरिया सरवाइव (Survive) नहीं कर पाते और मर जाते हैं, जिसके कारण मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
नोट – जब मिट्टी का पीएच मान 5.5 या इससे कम हो जाता है, तो मिट्टी में मौजूद उपयोगी बैक्टीरिया और कवक नष्ट होने लगते हैं।
आयरन टॉक्सिसिटी – Increased Iron Content In Acidic Soil In Hindi
पौधों में आयरन टॉक्सिसिटी होने का मुख्य कारण मिट्टी का अधिक अम्लीय होना है। पौधे की मिट्टी में जरूरत से ज्यादा आयरन (Iron) की मात्रा होना आयरन टॉक्सिसिटी कहलाती है। आयरन की मात्रा आवश्यकता से अधिक होने पर पौधों की ग्रोथ रुक जाती है और पत्तियों पर भूरे व पीले रंग के धब्बे (spot) आने लगते हैं।
मिट्टी में एल्यूमिनियम की अधिकता – Low Ph Causes Aluminium Toxicity In Plants In Hindi
एल्युमिनियम तत्व, जिसकी पौधों को आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन मिट्टी में मौजूद होता है। जब मिट्टी अधिक अम्लीय (5 से कम PH) होती है, तब एल्यूमीनियम तत्व मिट्टी में मिल जाता है, इसके मिट्टी में मिलने से एल्यूमिनियम टॉक्सिसिटी हो जाती है, जिससे पौधों की जड़ों की ग्रोथ रुक जाती है। इसके अलावा मिट्टी में एल्यूमीनियम की मात्रा बढ़ने से पौधे उतने पोषक तत्व व पानी की मात्रा अवशोषित नहीं कर पाते हैं, जितनी उन्हें आवश्यकता होती है।
पौधे की पत्तियों में पीलापन – Acidic Soil Causes Yellowing Plants Leaves In Hindi
यदि आप देखते हैं कि, आपके पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ रही हैं, तो यह अम्लीय मिट्टी के कारण हो सकता है। अम्लीय मिट्टी में मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व की कमी हो जाती है, जिसके कारण पौधे की पत्तियां पीली (Yellowing Leaves) पड़ने लगती हैं। पत्तियों का पीला पड़ना मिट्टी में एल्युमिनियम और मैंगनीज टॉक्सिसिटी के कारण भी हो सकता है।
(यह भी जानें: पौधों में पोषक तत्वों (प्लांट न्यूट्रिएंट्स) के कार्य और कमी के लक्षण…)
अम्लीय मिट्टी में उगने वाले पौधे – Plants That Grow In Acidic Soil In Hindi
कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जो एसिडिक सोइल (acidic soil) में अच्छी तरह से ग्रो करते हैं। अम्लीय मिट्टी में ग्रो करने वाले पौधे निम्न हैं, जैसे:
- कालीमिर्च (Peppers)
- स्क्वैश (Squash)
- शकरकंद (Sweet potatoes)
- मूली (Radishes)
- आलू (Potatoes)
- रुबर्ब (Rhubarb)
- थाइम (Thyme)
- ओरिगैनो (Oregano)
- सेज (Sage)
- पार्सले (Parsley)
- लहसुन (Garlic)
- रोजमेरी (Rosemary)
- तुलसी (Basil), इत्यादि।
(यह भी जानें: मिट्टी की अम्लता क्या है, इसे कैसे बढ़ाएं…)
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इस लेख में आपने जाना कि, अम्लीय मिट्टी क्या है, एसिडिक मिट्टी होने से पौधों पर कौन से प्रभाव पड़ते हैं, तथा इस मिट्टी में कौन से पौधे लगाए जा सकते हैं, और भी बहुत कुछ जाना। उम्मीद करते हैं, इस आर्टिकल में दी गयी जानकारी आपके लिए हेल्पफुल होगी। इस लेख से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हों, कमेन्ट में जरूर बताएं।