अगर आप अपने होमगार्डन या टेरेस गार्डन में हरे-भरे, स्वस्थ पौधे देखना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको मिट्टी की क्वालिटी चेक करनी होगी। अगर गार्डन की मिट्टी अच्छी जल निकासी वाली, पोषक तत्वों से युक्त नहीं है, तो आपके पौधे सही से ग्रो नहीं करेंगे। इसलिए मिट्टी का सही परीक्षण और उसमें सुधार करना बहुत महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम घर पर मिट्टी का परीक्षण (Soil Test Kaise Kare) व मिट्टी में सुधार कैसे करें, मिट्टी की समस्याओं को कैसे पहचानें और उसे उपजाऊ कैसे बनाएं, के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
अच्छी मिट्टी के गुण – Good Soil Properties In Hindi
गार्डनिंग में स्वस्थ व अच्छे पौधे उगाने के लिए मिट्टी अच्छी होनी चाहिए। एक अच्छी व उपजाऊ मिट्टी में मुख्य रूप से निम्न गुण मौजूद होने चाहिए, जो कि निम्न हैं। जैसे-
- अतिरिक्त जल निकासी वाली व नमी बनाए रखने वाली हो।
- मिट्टी कार्बनिक पदार्थ व आवश्यक पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम आदि से युक्त होनी चाहिए।
- पौधों के नेचर के अनुसार PH तटस्थ या अम्लीय होना।
- दोमट बनावट – मिट्टी, रेत व गाद तीनों का संतुलित मिश्रण हो।
नोट – एक आदर्श गार्डनिंग सॉइल मिक्स आप 40% मिट्टी, 30% गोबर खाद या कम्पोस्ट, 20% रेत या कोकोपीट और 10% वर्मी कम्पोस्ट के मिश्रण से तैयार कर सकते हैं या ऑनलाइन organicbazar.net से खरीद सकते हैं।
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घर पर मिट्टी की जांच कैसे करें – How To Test Soil At Home In Hindi
अगर आपके पौधे मिट्टी में सही से ग्रो नहीं कर रहें हैं, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। यदि आपको लगता है कि, गार्डन की मिट्टी सही नहीं है, तो आप बिना किट के भी घर पर अपनी मिट्टी का परीक्षण कर सकते हैं। नीचे कुछ विधि बताई गई हैं, जिनकी मदद से आप मिट्टी की जांच (Soil Testing Methods In Hindi) कर सकते हैं। चलिए जानते हैं कि, घर पर मिट्टी परीक्षण कैसे करें और मृदा परीक्षण के तरीके क्या हैं, जिससे की हम मिट्टी की कमियों को पहचान सकें और उसमें आवश्यकता अनुसार सुधार कर सकें।
1. Method: मिट्टी बनावट परीक्षण – जार विधि
मिट्टी की बनावट जल निकासी, वायु प्रवाह और पोषक तत्वों के धारण को प्रभावित करती है।
विधि:
- एक कांच के जार को मिट्टी से आधा भरें।
- फिर इसमें पानी भरें (ऊपर से थोड़ा सा खाली रखें) और बर्तन धोने वाले साबुन की एक बूंद डालें और अच्छी तरह से मिक्स करें।
- इसे रात भर रखा रहने दें।
सुबह चेक करें:
- रेत (sand) जार की तली में बैठती है।
- गाद (silt) मध्य में परत बनाती है और
- मिट्टी (soil) की सबसे ऊपरी परत होती है।
इससे हमें यह पता चलता है कि, गार्डन की मिट्टी में रेत, गाद व मिट्टी का अनुपात कितना है।
आदर्श मिट्टी:
- इसमें लगभग 40% रेत, 40% गाद और 20% चिकनी मिट्टी होगी।
2. Method: मिट्टी का PH परीक्षण – सिरका और बेकिंग सोडा विधि
गमले या गार्डन की मिट्टी में पीएच, पौधों के लिए पोषक तत्वों की उपलब्धता को प्रभावित करता है।
विधि:
- अलग-अलग गमले में दो मिट्टी के नमूने लें।
- एक में सिरका मिलाएं, अगर इसमें बुदबुदाहट की आवाज आती है तो मिट्टी क्षारीय है।
- दूसरे में पानी और बेकिंग सोडा मिलाएं, अगर बुदबुदाहट की आवाज आती है तो मिट्टी अम्लीय है।
- अगर यह सब मिलाने से मिट्टी से बुदबुदाहट की आवाज नहीं आती है, तो पीएच लगभग 7 के आस-पास है।
नोट – पीएच एक्यूरेट जानने के लिए एक किफायती PH मीटर या घरेलू परीक्षण किट का इस्तेमाल करें।
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3. Method: जल निकासी परीक्षण
मिट्टी में खराब जल निकासी से पौधे की जड़ें सड़ जाती हैं और अत्यधिक जल निकासी से जड़ें सूख जाती हैं। इसलिए मिट्टी का जल निकासी टेस्ट करना बहुत जरूरी है।
विधि:
- एक फुट गहरा और चौड़ा गड्ढा खोदें।
- इसमें पानी भरें और इसे सूखने दें।
- पानी दोबारा भरें और अब समय देखें कि, इसे पूरी तरह से खाली होने में कितना समय लगता है।
आदर्श समय:
- अगर गड्ढा 1-2 इंच प्रति घंटा की दर से खाली होता है, तो गार्डन की मिट्टी अच्छी जल निकासी वाली है।
4. Method: मृदा संघनन परीक्षण – स्क्रूड्राइवर (screwdriver) विधि
अगर मिट्टी सघन है, तो यह जड़ों की वृद्धि और उचित वायु संचार को रोकती है। आप मृदा संघनन परीक्षण कर इस समस्या का पता लगा सकते हैं और उसमें सुधार कर सकते हैं।
विधि:
- एक पेंचकस (screwdriver) लें और उसे मिट्टी में डालें।
- यदि पेंचकस आसानी से अंदर चला जाए, तो इसका अर्थ है कि मिट्टी ढीली व स्वस्थ है।
- और यदि दबाना कठिन हो, तो इसका अर्थ है कि मिट्टी सघन हो गई है और उसे ढीला करने की आवश्यकता है।
नोट – विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आप अपनी मिट्टी का परीक्षण पास की कृषि प्रयोगशाला में भी करा सकते हैं।
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गार्डन की मिट्टी में सुधार कैसे करें – How To Improve Garden Soil Quality In Hindi
एक बार जब आप अपनी मिट्टी की जांच कर लेते हैं, तो आप उसमें आवश्यकता अनुसार सुधार कर सकते हैं (Soil Improvement Methods In Hindi)। नीचे कुछ तरीके बताए गए हैं, जिनके माध्यम से आप अपनी मिट्टी को उपजाऊ और उसमें सुधार कर सकते हैं।
1. कार्बनिक पदार्थ जोड़ें
कार्बनिक पदार्थ मिट्टी की संरचना, उर्वरता और जलधारण को बेहतर बनाते हैं।
- आप मिट्टी में खाद (सूखा रसोई का कचरा, पत्ते, बगीचे का कचरा)
- अच्छी तरह सड़ी हुई खाद
- वर्मीकम्पोस्ट आदि गार्डन की मिट्टी में मिला सकते हैं।
2. मिट्टी का पीएच मेन्टेन करें
अधिकतर पौधे थोड़ी अम्लीय से लेकर तटस्थ मिट्टी को पसंद करते हैं।
- यदि मिट्टी बहुत अधिक अम्लीय है तो, अम्लीयता कम करने के लिए उसमें चूना या लकड़ी की राख मिलाएं।
- और मिट्टी बहुत अधिक क्षारीय है, तो क्षारीयता कम करने के लिए मौलिक सल्फर, पीट मॉस या कम्पोस्ट की हुई पत्तियां डालें।
3. जल निकासी और वायु प्रवाह में सुधार करें
मिट्टी में जल निकासी और वायु प्रवाह को बेहतर करने के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं, जैसे-
- अगर मिट्टी चिकनी या चिपचिपी है, तो उसे अच्छा करने के लिए मोटी रेत, परलाइट या छोटी बजरी डालें, इसके अलावा आप बनावट को हल्का करने के लिए खाद या कार्बनिक पदार्थ मिला सकते हैं।
- और अगर मिट्टी रेतीली है, तो उसमें नमी बनाए रखने के लिए कम्पोस्ट, पीट मॉस या नारियल कॉयर मिलाएं।
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4. जैविक उर्वरक का उपयोग
अपनी मिट्टी की जांच के आधार पर पोषक तत्वों की पूर्ति करें, आप निम्न उर्वरक का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे-
- बोन मील – फॉस्फोरस को बढ़ावा
- NPK खाद– नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम को बढ़ावा
- लकड़ी की राख – पी एच और पोटेशियम बढ़ाती है
- कम्पोस्ट चाय, आदि।
5. मल्चिंग करें
पौधे की मिट्टी में मल्चिंग करने से नमी बनी रहती है, मिट्टी का तापमान नियंत्रित रहता है और खरपतवार से भी छुटकारा मिलता है।
- मल्च के रूप में आप घास, लकड़ी के टुकड़े और कटे हुए पत्ते इस्तेमाल कर सकते हैं।
- पौधों के चारों ओर 2 से 3 इंच की परत बिछाएं, लेकिन गीली घास को तने से दूर रखें।
6. कवर फसलों को लगाएं
राई, सरसों जैसी कवर फसलें लगाने से मिट्टी को कार्बनिक पदार्थ मिलते हैं और मिट्टी प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनती है। इन्हें लगाने से कई फायदे होते हैं, जैसे-
- मृदा क्षरण को रोके।
- मिट्टी में नाइट्रोजन का स्तर बढ़ाए।
- जमी हुई मिट्टी को तोड़ने में सहायक।
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अतिरिक्त सुझाव:
- मिट्टी की क्यारियों पर पैर रखने से बचें, इससे मिट्टी सघन होती है।
- हर 6 से 12 माह में मिट्टी का परीक्षण करें।
- पोषक तत्वों की कमी को रोकने के लिए गार्डन में फसल चक्र अपनाएं।
- मौसमी पौधों के अनुसार मिट्टी तैयार करें।
- गीली मिट्टी पर काम करने से बचें, अन्यथा यह चिपचिपी व सख्त हो जाएगी।
निष्कर्ष:
मिट्टी परीक्षण और उसका सुधार करना, एक बार का काम नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया है। अगर आप समय-समय पर मिट्टी का ध्यान रखें, तो आपके पौधे स्वस्थ रहेंगे और गार्डन सुंदर दिखेगा। क्या आपने अपनी मिट्टी का परीक्षण किया है? कमेंट में जरूर बताएं और इस जानकारी को शेयर करें!
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