बरसात के मौसम में होम गार्डन में लगाए जाने वाले फल – Fruits That Grow In Rainy Season At Home In Hindi

क्या आप भी चाहते हैं कि, आपका फलदार पौधों का एक गार्डन हो, जिसमें बरसात के मौसम में रसदार व सुंदर फल लगे हों? अगर आपको लगता है कि फलों वाले पौधों को बारिश के मौसम में टेरिस गार्डन या रूफ टॉप गार्डन में नहीं उगाया जा सकता है, तो आप गलत हैं। हम आपको बता दें कि बरसात के मौसम में घर पर आसानी से उगाने वाले कुछ ऐसे फल वाले पौधे हैं जो ग्रो बैग या गमले में काफी तेजी से बढ़ते हैं और वर्षा ऋतु में आपके गार्डन को हरा भरा बनाते हैं। अगर आप भी बारिश के मौसम में घर पर रसदार फलों के पेड़ उगाना चाहते हैं, तो यह लेख पूरा पढ़ें, जिसमें आप जानेंगे कि वर्षा ऋतु या बारिश के मौसम में कौन कौन से फल आते हैं और उगाए जाने वाले फलों के नाम कौन-कौन से हैं तथा उन्हें घर पर कैसे लगाएं।

बारिश के मौसम में उगाए जाने वाले फलों के पौधे – Rainy Season Growing Fruits In Hindi

जल्द ही बरसात का मौसम आने वाला है और यदि आप एक गार्डनर हैं तथा फल देने वाले पौधे अपने गार्डन में लगाना चाहते हैं, तो इस मौसम का भरपूर फायदा उठाने के लिए आपको यह मालुम होना चाहिए कि मानसून के दौरान लगाए जाने वाले फलदार पौधे कौन कौन से हैं तथा उन्हें उगाने के लिए किन बातों का ध्यान अवश्य रखा जाना चाहिए। तो आइए जानते हैं बरसात के मौसम में उगाए जाने वाले फलों के पौधों के नाम:

  1. पपीता (Papaya Fruit)
  2. अनार (Pomegranate)
  3. केला (Banana)
  4. लीची (Lychee)
  5. सेव (Apple)
  6. जामुन (Java plum)
  7. सीताफल (Custard Apple)
  8. अनानास (Pineapple)
  9. चेरी (Cherry)
  10. नाशपाती (Pears Fruit)
  11. आलूबुखारा (Plum Fruit)
  12. आडू फल (Peach fruit)

(यह भी जानें: मानसून की गार्डनिंग की ये 10 बातें आपको कोई नहीं बताएगा….)

बरसात में उगाए जाने वाले टॉप 10 फल – 10 Healthy Fruits That Grow In Rainy Season In Hindi

क्या आप जानना चाहते हैं कि रेनी सीजन में कौन से फल वाले पौधों को घर पर आसानी से ग्रो किया जा सकता है? यदि हाँ तो आइए जानते हैं वर्षा ऋतु में टेरेस गार्डन में सरलता से उगने वाले टॉप 10 फल:

(यह भी जानें: कम समय में उगने और फल देने वाले 10 शानदार पेड़…)

जामुन – Grow Black Plum At Home In Rainy Season In Hindi

जामुन – Grow Black Plum At Home In Rainy Season In Hindi

मानसून के मौसम में उगाए जाने वाला सबसे मुख्य फल जामुन है। जामुन को ब्लैक प्लम (black plum) तथा जावा प्लम (Java Plum) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें आयरन, प्रोटीन, फोलेट, विटामिन बी, विटामिन ए, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर, कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। जामुन के फलों के पकने और उसके आकार, स्वाद और रंग के विकास के लिए शुरूआती बारिश को फायदेमंद माना जाता है। जामुन में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो दस्त, हृदय रोग और गठिया के इलाज में उपयोगी होते हैं। यदि आप बरसात के मौसम में अपने गार्डन में जामुन को उगाना चाहते हैं तो जामुन को उगाने की टिप्स इस प्रकार हैं:

  • जामुन के बीज को पहले सीडलिंग ट्रे आदि में जर्मीनेट करलें, फिर अंकुरित होने के बाद जामुन के पौधे को 24 x 24 इंच के या उससे अधिक साइज़ के ग्रो बैग में ट्रांसप्लांट कर दें।
  • जामुन के पौधे को ट्रांसप्लांट करने के लिए 60% नॉर्मल मिट्टी में 20% रेत और 20% ऑर्गेनिक कम्पोस्ट खाद मिलाएं।
  • पौधा ट्रांसप्लांट करने के बाद पौधे की मिट्टी में गहराई से पानी दें।

(यह भी जानें: पौधों को पानी देते समय न करें ये 7 गलतियां…)

पपीता – Papaya Tree Growing In Rainy Season In Hindi

पपीता – Papaya Tree Growing In Rainy Season In Hindi

पपीता एक ऐसा फल है जिसको बरसात तथा गर्मी दोनों मौसम में आसानी से उगाया जाता है। पपीता एक सदाबहार पेड़ है जिससे कई सालों तक फल प्राप्त किये जा सकते हैं। पपीते में विटामिन-E विटामिन-C विटामिन-A, जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं, इसीलिए इसके कच्चे तथा पके फल को खाया जाता है। यदि आप बारिश के मौसम में पपीते के पौधे लगाना चाहते हैं तो निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें:

  • पपीते के बीज को ग्रो बैग, गमले या कंटेनर में लगाया जा सकता है।
  • इस फल के पौधे को पर्याप्त धूप में रखें और साथ ही पानी की भी पर्याप्त मात्रा देते रहें।
  • पौधे को लगाने के 9 से 11 महीने में पौधे में पपीते आने लगते हैं।

(यह भी जानें: पपीते के फूल क्यों गिरते हैं, जानें कारण और नियंत्रण के उपाय…)

अनार – Pomegranate Trees Grow Well In Rainy Season In Hindi

अनार – Pomegranate Trees Grow Well In Rainy Season In Hindi

अनार के पेड़ को बारिश के सीजन में बीज या नर्सरी से पौधा खरीदकर लगाया जा सकता है। अनार में आयरन, फाइबर, विटामिन सी तथा और भी अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनके सेवन से हमारे शरीर को कई लाभ होते हैं। यदि आप भी बारिश के मौसम में घर पर अनार उगाना चाहते हैं तो निम्न बातों का ख्याल रखे:

  • घर पर गमले या ग्रो बैग में अनार को बीज रोपण द्वारा या ट्रांसप्लांट विधि द्वारा उगाया जा सकता है।
  • अनार के पौधे को ऐसी जगह लगाना चाहिए, जहाँ उसे पर्याप्त मात्रा में धूप मिलती रहे।
  • पौधे में पानी की उचित मात्रा का ध्यान अवश्य रखें, अनार का पौधा लगे गमले की मिट्टी में बारिश के पानी को जमा न होने दें।

लीची – Litchi Monsoon Fruit In Hindi

लीची – Litchi Monsoon Fruit In Hindi

बरसात के मौसम में उगने वाला लीची फ्रूट कई न्यूट्रीएंट्स जैसे आयरन, विटामिन-B, विटामिन-C, फास्फोरस, प्रोटीन से भरपूर होता है। लीची को खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। बरसात के समय गार्डन में लीची फल का पौधा उगाने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करें:

  • लीची के बीजों को या तो ऑनलाइन खरीद लें या लीची को खाने के बाद उसके बीज को इकट्ठा कर लें और अच्छे से सुखा लें।
  • लीची को लगाने के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी तैयार करते समय मिट्टी में कोकोपीट, रेत तथा कम्पोस्ट खाद भी मिलाएं।
  • गमले में लीची के बीजों को लगाने के बाद गमले में उचित मात्रा में पानी डालें।

(यह भी जानें: पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी…)

चेरी – Cherry Trees Grow Best In Rainy Climate In Hindi

चेरी – Cherry Trees Grow Best In Rainy Climate In Hindi

चेरी मानसून के मौसम में, अच्छे से उगने वाले फलों में से एक है। इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं तथा इसके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। बारिश के मौसम में घर पर गमले में चेरी का पौधा उगाने के लिए निम्न टिप्स को फॉलो करें:

  • इसे बीज या नर्सरी से पौधा लाकर ग्रो किया जा सकता है।
  • चेरी के पौधे को ग्रोथ करने के लिए अच्छी धूप की जरूरत होती है।
  • गमले में लगे चेरी के पौधे की मिट्टी जब सूखी लगे तभी पानी दें, तथा इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बारिश का पानी गमले में स्टोर न हो।
  • चेरी के पौधे में फल लगने में काफी समय लग जाता है, इसीलिए फल आने तक पौधे की अच्छे से केयर करते रहना चाहिए।

(यह भी जानें: इन जैविक तरीकों से करें फलों के पेड़ की देखभाल…)

नाशपाती – Pears Rainy Time Fruit In Hindi

नाशपाती – Pears Rainy Time Fruit In Hindi

वर्षा ऋतु में अच्छे से ग्रोथ करने वाला नाशपाती उन फलों में से एक है जिसके सेवन से शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। नाशपाती स्वादिष्ट फल वाला पौधा हैं जिन्हें विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है। वे आसानी से छोटे गार्डन में फिट हो जाते हैं। मानसून के दौरान नाशपाती के पौधे को उगाने के लिए नीचे दी गई टिप्स को ध्यान में रखें:

  • बारिश में नाशपाती उगाना आम तौर पर आसान होता है, क्योंकि उनमें कीट और रोग की समस्या कम होती है।
  • इस पौधे को बीज से उगाया जाता है।
  • नाशपाती को अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी में लगाएं तथा पौधे को पूर्ण सूर्यप्रकाश में रखें।
  • नाशपाती पेड़ की बौनी किस्मों की प्लांटिंग के लगभग 2 से 3 साल बाद पौधे में फल लगना शुरू हो जाते हैं।

(यह भी जानें: पौधों से एफिड्स कैसे निकालें…)

आलूबुखारा – Plum Fruit Growing Best In Rainy Season In Hindi

आलूबुखारा - Plum Fruit Growing Best In Rainy Season In Hindi

आलूबुखारा को इंग्लिश में प्लम कहते हैं। प्लम में विटामिन-C तथा फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है जिन्हें बरसात के मौसम में आसानी ग्रो कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल जैम तथा जैली बनाने में भी किया जाता है। कच्चे आलूबुखारा का स्वाद खट्टा होता है तथा पके फल का स्वाद मीठा होता है। वर्षा ऋतु में प्लम फ्रूट ट्री को उगाने के लिए निम्न टिप्स का ध्यान रखें:

  • प्लम को फलने-फूलने के लिए पूर्ण सूर्य और अच्छी रेतीली मिट्टी की आवश्यकता होती है।
  • विकास को बढ़ावा देने के लिए उचित मात्रा में पानी देना सुनिश्चित करें।
  • प्लांटिंग के लगभग दो साल बाद प्लम के पौधे फल देना शुरू करते हैं।

(यह भी जानें: होम गार्डन में उगाने के लिए 10 शानदार फल देने वाले पेड़…)

केला – Banana Growing In Rainy Weather In Hindi

केला – Banana Growing In Rainy Weather In Hindi

आप बरसात के समय केले के पेड़ों को भी गमले या ग्रो बैग में लगा सकते हैं। केला पोटेशियम, विटामिन तथा फाइबर से भरपूर होता है यदि आप बारिश के समय घर पर केला उगाना चाहते हैं तो निम्न बातों का ध्यान रखे:

  • घर पर केला उगाने के लिए केले की बौनी किस्म को लगाना चाहिए।
  • केले के पौधे को बड़े आकार के गमले में लगाना चाहिए।
  • केले के पौधे को अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में लगाना चाहिए।
  • पौधा लगाने के लगभग 9 से 12 महीने में पौधे में केले लग जाते हैं।

(यह भी जानें: केले के छिलके की खाद कैसे बनाएं…)

आड़ू – Growing Peaches Fruit Plant In Rainy Season In Hindi

आड़ू – Growing Peaches Fruit Plant In Rainy Season In Hindi

आडू या पीच फ्रूट प्लांट को बारिश के सीजन में आसानी से गार्डन में लगाया जा सकता है, क्योंकि इस सीजन में यह पौधा अच्छे से ग्रोथ करता है। पीच फ्रूट में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, कार्बोहाइड्रेट तथा प्रोटीन पाया जाता है और यह सर्दी को भी दूर रखता है। आड़ू का एक अनूठा स्वाद होता है जिसके सेवन से त्वचा में निखार आता है तथा पाचन में मदद करता है। बरसात के मौसम में आडू फल के पौधे को लगाने के निम्न बातों का ध्यान रखें:

  • आडू फल के पौधे को बढ़ने के लिए अच्छी धूप की जरूरत होती है क्योंकि छाया में लगाने से इस पौधे में कीट या बीमारी लगने का खतरा रहता है।
  • पीच फ्रूट के पेड़ों को खासकर पहले दो वर्षों में उचित मात्रा में पानी दें, क्योंकि इस समय वे ग्रो कर रहे होते हैं।
  • आडू फल के पौधे को ट्रांसप्लांट करने के बाद दो से चार साल में यह पेड़ फल देना शुरू कर देता है।

(यह भी जानें: टॉप 10 फलों के पेड़, जिन्हें बीज से उगाना है आसान…)

सीताफल – Custard Apple Rainy Time Tree In Hindi

सीताफल - Custard Apple Rainy Time Tree In Hindi

बरसात के मौसम में सीताफल को छत या गार्डन में आसानी से ग्रो किया जा सकता है, क्योंकि बारिश का मौसम होने की वजह से, पौधों को ग्रोथ करने के लिए आदर्श वातावरण मिलता है। सीताफल को इंग्लिश में कस्टर्ड एप्पल (Custard Apple) कहते हैं। इसमें शीतलन गुण होते हैं जो शरीर के तापमान को कम करते हैं और आपको कुछ गर्मी से बचाते हैं। इसे वर्षा ऋतु के दौरान घर पर उगाने के लिए नीचे दी गई बातों को ध्यान में रखें:

  • सीताफल के बीज को 18×18 इंच के ग्रो बैग या इससे बड़े साइज़ के ग्रो बैग या गमले में लगायें।
  • यह पौधा रेतीली तथा दोमट मिट्टी में अच्छे से ग्रो करता है।
  • पौधा लगाने के 1 से 2 साल में पौधे में फल लगना शुरू होते हैं।

(यह भी जानें: गमले में उगाने के लिए 10 फल देने वाले पेड़…)

निष्कर्ष – Conclusion

इस आर्टिकल में आपने बरसात के मौसम में उगाए जाने वाले फलदार पौधों के नाम तथा उन्हें उगाने के तरीके के बारे में जाना। यदि आप इसी तरह के और भी आर्टिकल को पढ़ना चाहते हैं तो organicbazar.net वेबसाइट पर विजिट करें। इस लेख से सम्बन्धित आपके जो भी सवाल या सुझाव हों, उन्हें कमेन्ट करके अवश्य बताएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *