गमले में उगाने के लिए 10 फल देने वाले पेड़ -10 fruit trees you can easily grow in pot in Hindi

यदि आप ताजे कटे हुए फलों का आनंद लेना चाहते हैं, लेकिन फलों वाले पेड़ उगाने के लिए गार्डन की जगह नहीं है तो आप निराश मत हों। हम इस लेख में कुछ ऐसे फल वाले पेड़ों के बारे में बताने जा रहें हैं, जिन्हें आप बालकनी या टैरिस पर गमले या ग्रो बैग में उगा सकते हैं। चाहे आप सेब को उगाने की कोशिश कर रहे हों या फिर ताजा नींबू चाहते हों, तो आप उन्हें उगाने से सम्बंधित केवल कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। आप इस लेख में जानेंगे कि, 10 बेस्ट फल वाले पौधों को कैसे आसानी से गमले या कंटेनर में ग्रो कर सकते हैं।

गमलों में फलों के पेड़ उगाने के कई फायदे हैं। गमले में लगाये वाले बौने पेड़ आपको साल के लगभग किसी भी समय मनचाहा स्वादिष्ट फल देंगे। इसके अतिरिक्त आप गमले में लगे पौधों का स्थान परिवर्तन भी कर सकते हैं।

आइये जानते हैं इन 10 फलों वाले पेड़ों के बारे में,

गमले में उगाएं जाने वाले 10 फल वाले पेड़ – 10 Potted Fruit Trees in Hindi

यहां आप जानेंगे गमले में आसानी से उगाएं जाने वाले 10 फल वाले पेड़ों के बारे में, जो निम्न हैं –   

  1. सेब (Apple)
  2. चेरी (cherry)
  3. अंजीर (Fig)
  4. अनार (Pomegranate)
  5. शरीफा या रामफल (custard apple)
  6. आम (Mango)
  7. नींबू (Lemon)
  8. चीकू (Chikoo)
  9. अमरूद (Guava)
  10. संतरा (Orange)

(और पढ़ें: गमलों में फलों के पेड़ उगाने के 7 सीक्रेट तरीके…)

सेब – Apple fruits to grow in pots in Hindi

सेब - Apple fruits to grow in pots in Hindi

  • आप नर्सरी से सेब का ग्राफ्टेड पौधा खरीदकर गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में लगाएं।
  • अत्यधिक गर्म या अत्यधिक ठंडे स्थान को छोड़कर,सेब के पेड़ को कहीं भी उगाया जा सकता है।
  • अपने सेब के पौधों को उचित प्रकार की दोमट मिट्टी में लगाएं, इसके पौधों को अच्छी तरह से सूखी मिट्टी की जरुरत होती है, लेकिन मिट्टी में जरुरत के अनुसार नमी बनाए रखें। सेब के पौधों को समय-समय पर आवश्यकतानुसार पानी दें, ताकि मिट्टी में उचित मात्रा में नमी बनी रहे।
  • सूर्य की रोशनी में उगाए जाने पर सेब के पौधे सबसे अच्छा उत्पादन करते हैं, अतः आप पौधों को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहां उन्हें 6 से 8 घंटे की धूप प्राप्त हो सके।
  • एक बार में एक साथ एक से अधिक सेब के पौधे उगाएं, ताकि वे एक दूसरे को परागित (pollinated) कर सकें।
  • सेब के पौधों को कीटों औए रोगों से बचाने के लिए आप नियमित रूप से पौधों की देखभाल करें, कीटों से बचाव के लिए पौधे पर नीम तेल का छिड़काव करें, तथा नियमित रूप से जरुरत के अनुसार, पौधों की प्रूनिंग (pruning) या छटाई करते रहें।
  • आप पौधे को अच्छे वायु संचरण वाले स्थान पर लगाएं, ताकि बारिश या सिंचाई के बाद पत्ते जल्दी से सूख जाएं, क्योंकि पत्तों पर पानी ज्यादा देर तक रहने से, पौधे में फफूंदी लगने की बीमारी हो सकती है।

चेरी – Cherry best fruit trees for small spaces in Hindi

चेरी - Cherry best fruit trees for small spaces in Hindi

  • आप चेरी के बीजों को गमले या ग्रो बैग में लगभग 0.5 या 1 इंच गहरा लगा सकते हैं, इसके अतिरिक्त इसके पौधों को कटिंग के द्वारा भी उगाया जा सकता है।
  • चेरी का पौधा नम, लेकिन सूखी दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से विकसित होता है। लेकिन ध्यान रखें कि, पौधा लगे हुए गमले की मिट्टी में पानी भरा न रहे, क्योंकि पानी भरा रहने से पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं, और पौधा नष्ट हो सकता है।
  • पौधों को अच्छी तरह से पानी देते रहें, ताकि मिट्टी में उचित मात्रा में नमी बनी रहे और चेरी के पौधे रसदार फल विकसित कर सकें।
  • चेरी के पौधे पूर्ण सूर्य प्रकाश में अच्छी तरह से ग्रो करते हैं, हालाँकि इसके पौधे आंशिक छाया में भी विकसित हो सकते हैं।
  • पौधों को कीटों और रोगों से बचाने के लिए आप नीम तेल का स्प्रे करें।
  • चूंकि, पक्षी चेरी के फलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, अतः फलों को पक्षियों से बचाने के लिए, आप एंटी मंकी प्रोटेक्शन नेट का उपयोग कर सकते हैं।
  • आप पौधों के उत्पादन में वृद्धि करने के लिए कम्पोस्ट, बोनमील और नीम केक का उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें: पौधों में पोषक तत्वों (प्लांट न्यूट्रिएंट्स) के कार्य और कमी के लक्षण…)

अंजीर – Easy fruit to grow in pots Fig tree in Hindi

अंजीर - Easy fruit to grow in pots Fig tree in Hindi

  • अंजीर का पौधा रेतीली दोमट मिट्टी या तैयार किए हुए पॉटिंग मिश्रण और अच्छी जल निकसी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से ग्रो करता है।
  • गमले में अंजीर के नए पौधों को रोपित करने के बाद नियमित रूप से पानी दें, यदि आप समय पर पानी नहीं देते हैं, तो पौधों से पत्ते गिरने लगते हैं या फल उत्पादन कम हो सकता है। इसके अतिरिक्त पानी की कमी से पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं। अतः मिट्टी में जरुरत के अनुसार, नमी बनाए रखें।
  • गर्म मौसम और अधिक सूर्य प्रकाश में अंजीर का पौधा तेजी से विकसित होता है, लेकिन यह अधिक ठंड को सहन नहीं कर सकता है। अतः आप पौधे को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहां इसे अवश्यकतानुसार सूर्य प्रकाश प्राप्त हो सके।
  • खरपतवारों को रोकने और पौधों की जड़ों में नमी बनाए रखने के लिए, आप पौधों के चारों ओर गीली घास की एक परत लगा सकते हैं।
  • आप पौधों की समय – समय पर प्रूनिंग करते रहें। अंजीर के पौधे के विकास के लिए प्रूनर के माध्यम से रोगग्रस्त या कमजोर शाखाओं को काट दें।
  • अंजीर के पौधे से सकर्स को पूरी तरह से हटा दें।
  • इसके पौधों को विकसित करने के लिए आप गोबर की खाद, बोनमील, वर्मीकम्पोस्ट और मस्टर्ड केक इत्यादि जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं।
  • रोगों और कीटों से बचाव के लिए आप पौधे पर नीम तेल का स्प्रे करें।

अनार – Pomegranate fruit trees grow in pots in Hindi

अनार - Pomegranate fruit trees grow in pots in Hindi

  • आप अनार के पौधों को कटिंग या बीजों के द्वारा गमले या ग्रो बैग में आसानी से उगा सकते हैं।
  • ये पौधे किसी भी प्रकार की मिट्टी में उगाएं जा सकते हैं, लेकिन जैविक सामग्री से भरपूर दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से ग्रो करते हैं।
  • आप अनार के पौधे को जरुरत के अनुसार पानी देते रहें, क्योंकि यदि पौधे को ठीक से पानी नहीं दिया जाता है, तो समय से पहले ही फल गिरने लगते हैं। इसके अतिरिक्त सर्दियों के समय में पानी देना कम कर दें, लेकिन ध्यान रखें की मिट्टी में नमी बनी रहे।
  • अनार के पौधे को फूलने और फलने के लिए भरपूर मात्रा में धूप कीजरूरत होती है। इसलिए इसके पौधे को ऐसी जगह लगाएं, जहां इन्हें 6 से 8 घंटे की धूप प्राप्त हो सके।
  • पौधे से फल को तब तोड़े, जब फल का क्रस्ट पूरी तरह से गहरा लाल हो जाए। आप तेज प्रूनर या कटर का उपयोग करके फल के तने को काट सकते हैं।
  • गमले या ग्रो बैग में लगे अनार के पौधे में अक्सर जिंक की कमी हो जाती है, जिसका संकेत पत्तियों के पीले पड़ने से मिलता है। इसे दूर करने के लिए, आप पत्ते पर जिंक के घोल का छिड़काव कर सकते हैं।
  • अनार के पौधों को रोगों और कीटों से बचाने के लिए, पौधों पर नीम तेल या अन्य किसी उपयुक्त कीटनाशक का उपयोग करें।

सीताफल – Fruit to Easy grow in pots Custard apple in Hindi

सीताफल - Fruit to Easy grow in pots Custard apple in Hindi

  • आप सीताफल (कस्टर्ड एप्पल) के पौधों को बीजों और कलम दोनों प्रकार से लगा सकते हैं। इसका पौधा अप्रैल और मई के बीच खिलता है, और अगस्त और नवंबर के बीच यह फल देने लगता है।
  • सीताफल का पौधा सूखी, रेतीली और दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से ग्रो करता है। 2 से 6.8 के बीच मिट्टी का पीएच (PH) मान इसके पौधे के लिए आदर्श होता है। इसके बीज लगभग 18 °C से 30 °C के बीच तापमान में जल्दी से अंकुरित होते हैं।
  • जब पौधे सक्रिय रूप से बढ़ रहें हों, तो पौधों को नियमित रूप से पानी दें। और जब पौधे पर फूल आने लगें, तो पानी देना कम कर दें। मिट्टी में जरुरत के अनुसार, नमी बनाए रखें।
  • ऐसे स्थान पर सीताफल के पौधों को लगाएं, जहां इन्हें उचित मात्रा में सूर्य प्रकाश प्राप्त हो सके। सीताफल का पौधा पूर्ण सूर्य और हल्के तापमान में अच्छी तरह से ग्रो करता है। हालांकि, ये पौधे आंशिक छाया में भी बढ़ सकते हैं।
  • आप सीताफल के पौधों को उर्वरक के रूप में गोबर की खाद, नीम केक और बोनमील आदि का प्रयोग कर सकते हैं।
  • सीताफल (कस्टर्ड एप्पल) के पौधे को रोगों और कीटों से बचाने के लिए आप नीम तेल का उपयोग करें।

(और पढ़ें: ग्रो बैग में पौधे कैसे उगाएं, जानें ग्रो बैग के प्रयोग की सम्पूर्ण जानकारी…)

आम – Mango fruit tree that can be grown in pots in Hindi

आम - Mango fruit tree that can be grown in pots in Hindi

  • आम के पौधे को बीजों और कटिंग दोनों के द्वारा उगाया जा सकता है। आप बीजों या कटिंग को तैयार किये हुए पॉटिंग मिश्रण (मिट्टी) में लगाएं।
  • अगर आप आम के पौधे को गमले या ग्रो बैग में उगाना चाहते हैं, तो आप ‘पामर’ या ‘सेंसेशन’ जैसी बौनी किस्मों का चयन करें।
  • लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में आम का पौधा ग्रो कर सकता हैं, लेकिन यह सूखा दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से ग्रो करता है।
  • पौधा लगाने के शुरूआती समय में रोपण करते समय गमले की मिट्टी में नमी बनाए रखें, तथा पौधे को उचित मात्रा में पानी देते रहें।
  • आम का पौधा सूर्य प्रकाश में अच्छी तरह से ग्रो करता है, अतः पौधे को ऐसे स्थान पर रखें, जहां इसे उचित मात्रा में सूर्य प्रकाश प्राप्त हो सके।
  • आम के पौधे का विकास करने के लिए आर्गेनिक उर्वरक का उपयोग करें, आप आर्गेनिक उर्वरक के रूप में गोबर की खाद, बोनमील, मस्टर्ड केक और नीम केक का उपयोग कर सकते हैं।
  • पौधे को कीटों और रोगों से बचाने के लिए आप नीम तेल का स्प्रे करें। आप नीम तेल net से खरीद सकते हैं।

नींबू – Lemon fruit plants for home in Hindi

नींबू - Lemon fruit plants for home in Hindi

  • नींबू के पौधे को उगाने के लिए, आप बहुत सारे कार्बनिक पदार्थों और पुरानी खाद के साथ अच्छी तरह से जल निकासी वाले पॉटिंग मिश्रण (मिट्टी) का उपयोग करें। मिट्टी का पीएच स्तर लगभग 5 से 7 होना चाहिए, क्योंकि यह पौधा अम्लीय मिट्टी में अच्छी तरह से ग्रो करता है।
  • इसके पौधे को स्वस्थ फल पैदा करने के लिए लगातार पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए आप उचित मात्रा में पौधे को पानी देते रहें, जिससे की पौधा लगे हुए गमले की मिट्टी में नमी बनी रहे।
  • नींबू का पौधा पूर्ण सूर्य प्रकाश में अच्छी तरह से ग्रो करता है, आप पौधा लगे हुए गमले को ऐसे स्थान पर रखें, जहां इसे लगभग 6 से 8 घंटे की धूप प्राप्त हो सके।
  • पौधों से रोगग्रस्त या मृत शाखाओं को काट दें, शाखाओं को काटने के लिए आप प्रूनर (pruner) का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन शाखाओं की बहुत अधिक कटाई न करें, क्योंकि अधिक कटाई के फलस्वरूप पौधे से फलों का उत्पादन कम हो सकता है।
  • पौधे में सकर्स की तलाश करते रहें, और अगर कोई मिल जाए, तो उन्हें तुरंत छांट दें।
  • माइलबग्स, स्पाइडर माइट्स, एफिड्स और स्केल्स जैसे कीट और रोगों से बचाव के लिए आप पौधे पर नीम तेल का स्प्रे करें।

चीकू – Chikoo best fruit to grow in pots indoors in Hindi

चीकू - Chikoo best fruit to grow in pots indoors in Hindi

  • नर्सरी से लाया गया ग्राफ्टेड (बौना) चीकू का पौधा जल्दी से ग्रो करता है। इसे आप एक गमले से दूसरे गमले में भी प्रत्यारोपित कर सकते हैं।
  • लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में चीकू का पौधा उगाया जा सकता है, लेकिन गहरी जलोढ़ ,रेतीली दोमट और अच्छी जल निकासी वाली मध्यम काली मिट्टी में, यह पौधा अच्छी तरह से विकसित होता है।
  • चीकू के पौधे को नियमित रूप से पानी दें, ताकि पौधा लगे हुए गमले की मिट्टी में नमी बनी रहे। लेकिन आप पत्तियों को गीला न करें, क्योंकि गीले पत्तों के कारण फंगल संक्रमण का खतरा हो सकता है।
  • चीकू के पौधों को फूलने और फलने के लिए लगभग 6 से 8 घंटे की धूप की जरुरत होती है, इसलिए पौधे को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहां पौधे को उचित मात्रा में सूर्य प्रकाश प्राप्त हो सके। हालांकि ये पौधे आंशिक धूप में भी पनप सकते हैं।
  • पौधे को बहुत अधिक ठंड से बचाना चाहिए ,क्योंकि अत्यधिक ठंड से पौधे मुर्झा सकते हैं या नष्ट हो सकते हैं। पौधे को ठंड से बचाने के लिए आप पौधे को कपड़े, कंबल या पलास्टिक कवर से ढक सकते हैं।
  • चूंकि, चीकू के पौधे को पोषक तत्वों की अधिक जरुरत होती है, इसलिए आप पौधे को उर्वरक के रूप में गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट, बोनमील और मस्टर्ड केक का उपयोग कर सकते हैं।
  • चीकू के पौधों को कीटों और रोगों से बचाने के लिए पौधों पर नीम तेल का स्प्रे करें, इसके अतिरिक्त आप घरेलु उपायों से भी पौधे की देखभाल कर सकते हैं।

अमरूद – Fruit that can be grown in pots Guava in Hindi

अमरूद - fruit that can be grown in pots Guava in Hindi

  • अमरूद के पौधे को आप कटिंग और लेयरिंग विधि का उपयोग करके गमले या ग्रो बैग में उगा सकते हैं।
  • लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में अमरूद का पौधा उग सकता है, लेकिन मुख्य रूप से रेतीली दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से विकसित होता है।
  • पौधा लगे हुए गमले की मिट्टी में नमी बनाए रखें, लेकिन जब पौधे में फूल और फल लगने लगें तो, पानी देना कम कर दें, क्योंकि इस समय ज्यादा पानी देने से फूल गिर सकते हैं।
  • अमरूद का पौधा सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में तेजी से विकसित होता है, अतः इस पौधे को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहां पौधे को 6 से 8 घंटे की धूप प्राप्त हो सके।
  • पौधों को अधिक फल उत्पादन के लिए कुछ मैग्नीशियम के साथ नाइट्रोजन, फॉस्फोरिक एसिड और पोटाश की उच्च मात्रा की आवश्यकता होती है। इन तत्वों की पूर्ति के लिए आप पौधे को बोनमील, मस्टर्ड केक और रॉक फास्फेट का उपयोग कर सकते हैं।
  • अमरूद के पौधे को कीटों से बचाने के लिए, आप पौधे पर नीम तेल का स्प्रे करते रहें, और रोगग्रस्त शाखाओं को काट दें।

संतरा – Orange Best Fruit Tree You Can Easily Grow in Pot in Hindi

संतरा - Orange Best Fruit Tree You Can Easily Grow in Pot in Hindi

  • आप संतरे के पौधे को बीज या कटिंग के द्वारा गमले या ग्रो बैग में उगा सकते हैं।
  • संतरे का पौधा अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में सही से ग्रो करता है तथा गमले या ग्रो बैग का आकार बड़ा चुनें, ताकि पौधे की जड़ें फैलने में कोई रुकावट न आए।
  • पौधे को अच्छी तरह से विकसित होने के लिए पानी देते रहें, खासकर शुरुआत में मिट्टी में नमी बनाए रखें, लेकिन जैसे – जैसे पौधा बड़ा होता जाता है, तो पौधे को नियमित रूप से पानी दें। और पौधे में फूल आने पर पानी देना कम कर दें।
  • पौधा घर के अंदर हो या बाहर, 24 ºC से 32 ºC के बीच वाले तापमान में अच्छी तरह विकसित होता है। लेकिन कई दिनों तक 38ºC से ऊपर का निरंतर तापमान, पत्तियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • संतरे के पौधे की पत्तियों पर धूल और जमी हुई गंदगी को हटा दें, क्योंकि पत्तियों पर जमी हुई गंदगी प्रकाश संश्लेषण को कम कर सकती है या रोक सकती है, जिससे पौधों की वृद्धि रुक सकती है। अतः आप समय – समय पर धूल या गंदगी को साफ करते रहें।
  • संतरे के पौधे से एफिड्स, बोरर्स और स्पाइडर माइट्स जैसे – कीटों को हटाने के लिए आप पौधे पर नीम तेल का स्प्रे करें या कीटों से युक्त भाग को पानी या कपड़े से साफ करें।
  • आप पौधे के विकास के लिए जैविक उर्वरक – बोनमील, मस्टर्ड केक और नीम केक का उपयोग कर सकते हैं।

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