गमले में मोरपंखी के पौधे कैसे उगाएं, कैसे करें देखभाल – How To Grow And Care For Thuja Plant In Pot In Hindi

ग्रीनरी और डेकोरेशन के लिए थूजा प्लांट, जिसे आम भाषा में मोरपंखी भी कहा जाता है, एक बेहद पॉपुलर पौधा है। इसकी सुई जैसी घनी हरी पत्तियाँ न केवल घर के वातावरण को आकर्षक बनाती हैं, बल्कि यह हवा को शुद्ध करने में भी मदद करती है। गमले में थूजा उगाना आसान है और थोड़ी सी देखभाल से यह लंबे समय तक हरा-भरा बना रहता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि, थूजा को गमले में कैसे लगाएं, मिट्टी कैसी हो, पानी और खाद कितनी दें, और किन बातों का ध्यान रखें, ताकि आपका पौधा स्वस्थ और सुंदर बना रहे।

मोरपंखी का पौधा गमले में लगाने की विधि – How To Grow Thuja Plant In Pot In Hindi

मोरपंखी का पौधा गमले में लगाने की विधि - How To Grow Thuja Plant In Pot In Hindi
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थूजा या मोरपंखी का पौधा देखने में बहुत ही आकर्षक व प्यारा लगता है, इसे हम घर पर गमले में आसानी से ग्रो कर सकते हैं। मोरपंखी के पौधे को गमले में कैसे लगाएं, की स्टेप्स जानने के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें-

1. सही गमला खरीदें – Choose the right pot in Hindi

थूजा पौधा दिखने में घना और लंबवत बढ़ने वाला होता है, इसलिए इसे ऐसे गमले में लगाना चाहिए जो कम से कम 12 से 16 इंच गहरा और चौड़ा हो। गमले में नीचे ड्रेनेज के लिए छेद होना आवश्यक है, ताकि एक्स्ट्रा पानी बाहर निकल सके और जड़ों में सड़न न हो। मिट्टी, प्लास्टिक या सिरेमिक गमले इस्तेमाल किए जा सकते हैं, लेकिन मिट्टी का गमला प्राकृतिक तापमान बनाए रखने में मदद करता है और पौधे के लिए बेहतर रहता है।

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2. बेहतर मिट्टी लें – Use better soil in Hindi

थूजा को पानी सोखने और बहाने वाली हल्की, भुरभुरी मिट्टी चाहिए। इसके लिए 1 भाग बगीचे की मिट्टी, 1 भाग नदी की रेत (या कोकोपीट), और 1 भाग जैविक खाद जैसे गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाएं। यह मिश्रण पौधे की जड़ों को पर्याप्त पोषण देता है, साथ ही नमी बनाए रखता है और अतिरिक्त पानी को भी रोकता नहीं है। भारी चिकनी मिट्टी से बचना चाहिए क्योंकि उसमें पानी जमने की आशंका रहती है जो जड़ सड़न पैदा कर सकता है।

3. पौधे को सही तरीके से लगाएं – Plant it properly in Hindi

पौधे को लगाने से पहले गमले के नीचे कुछ कंकड़ या ईंट के टुकड़े डालें जिससे पानी का निकास ठीक से हो। अब तैयार मिट्टी की एक परत डालें और नर्सरी से लाया गया थूजा पौधा गमले के बीच में रखें। उसके चारों ओर धीरे-धीरे मिट्टी भरें और हल्के हाथ से दबा दें। अंत में पौधे को हल्का पानी दें ताकि मिट्टी अच्छी तरह बैठ जाए। शुरुआती कुछ दिन छायादार जगह में रखें और फिर धीरे-धीरे धूप में लाएं।

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4. थूजा को हल्की धूप में रखें – Keep the Thuja plant in partial sunlight in Hindi

थूजा को हल्की सीधी धूप पसंद होती है। इसे ऐसी जगह रखें जहां दिन में कम से कम 4 से 5 घंटे की धूप मिल सके, खासतौर पर सुबह या शाम की। दोपहर की तेज गर्मी वाली धूप से बचाना चाहिए क्योंकि इससे पत्तियाँ झुलस सकती हैं। बहुत गहरी छांव में रखने पर इसकी ग्रोथ धीमी हो जाती है और रंग भी फीका पड़ सकता है। पौधे को समय-समय पर घुमाते रहें ताकि वह सभी ओर से संतुलित रूप से बढ़े।

5. पानी कब और कैसे दें – When and how to water in Hindi

थूजा यानि की मोरपंखी के पौधे को नियमित लेकिन कम पानी देना जरूरी है। गर्मियों में हर 2 से 3 दिन में एक बार और सर्दियों में सप्ताह में एक बार पानी दें। मिट्टी में ऊंगली डालकर चेक करें। अगर ऊपरी 1–2 इंच मिट्टी सूखी हो, तभी पानी दें। अधिक पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं और पौधा पीला पड़ने लगता है। पानी धीरे-धीरे डालें ताकि मिट्टी अच्छे से भीग जाए और पानी नीचे ड्रेनेज से बाहर निकल सके।

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6. खाद और पोषण  – Fertilizer and nutrition in Hindi

थूजा की अच्छी ग्रोथ के लिए समय-समय पर खाद देना जरूरी है। महीने में एक बार गोबर की सड़ी खाद, वर्मी कम्पोस्ट, या सरसों खली का तरल घोल दें। इससे पौधे को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और वह हरा-भरा बना रहता है। रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद अधिक फायदेमंद रहती है क्योंकि यह मिट्टी की उर्वरता भी बनाए रखती है। खाद देने के बाद तुरंत हल्का पानी जरूर दें, जिससे पोषक तत्व जड़ों तक पहुँच सकें।

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7. पौधे की छंटाई और नियमित देखभाल – Pruning and regular maintenance of the plant in Hindi

मोरपंखी का पौधा झाड़ीदार होता है और यदि समय-समय पर इसकी छंटाई न की जाए तो इसका आकार बिगड़ सकता है। हर 2-3 महीने में हल्के से ऊपर-ऊपर से छांटें ताकि पौधा घना और संतुलित बना रहे। सूखी या पीली पत्तियाँ हटा दें। समय-समय पर गमले की सतह की ऊपरी मिट्टी को बदलें या हिला दें ताकि हवा जड़ों तक पहुंचे। पौधे पर कीट न लगें, इसके लिए 15 दिन में नीम तेल का हल्का छिड़काव करें।

गमले में मोरपंखी की देखभाल कैसे करें – How To Take Care Of Thuja Plant In Pot In Hindi

गमले में मोरपंखी की देखभाल कैसे करें - How To Take Care Of Thuja Plant In Pot In Hindi
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थूजा या मोरपंखी प्लांट केयर (Thuja plant care in pots) करना काफी आसान है। चूंकि इसे दूसरे पौधों की तरह बहुत अधिक देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती है, इसलिए इसकी केयर करने में आसानी होती है-

  1. रोशनी – थूजा को प्राकृतिक रोशनी बहुत पसंद है। इसे ऐसी जगह रखें जहां रोजाना कम से कम 4 से 5 घंटे हल्की धूप (सुबह या शाम की) मिल सके। बहुत तेज दोपहर की धूप से पौधा झुलस सकता है, जबकि अधिक छांव में यह पीला पड़ने लगता है।
  2.  खाद देना थूजा को हर महीने या 40 दिन में एक बार जैविक खाद देना चाहिए, जैसे: वर्मी कम्पोस्ट, गोबर की सड़ी खाद, सरसों खली का घोल। खाद देने के बाद थोड़ा पानी जरूर दें ताकि पोषक तत्व नीचे तक पहुँच सकें।
  3. छंटाई मयूरपंखी एक झाड़ीदार पौधा है, इसलिए इसे हर 2-3 महीने में हल्की छंटाई दें। इससे इसका आकार सुंदर बना रहता है और यह और भी घना बनता है। सूखी, पीली या मरी हुई शाखाएं हटा दें।
  4. कीट व रोग नियंत्रण थूजा सामान्यतः बहुत अधिक कीटों से प्रभावित नहीं होता, लेकिन सावधानी रखें। हर 15 दिन में नीम तेल का छिड़काव करें। पत्तियों पर सफेद या काले धब्बे, चिपचिपाहट या मकड़ी के जाले दिखें तो तुरंत जैविक कीटनाशक का प्रयोग करें।
  5. रीपॉटिंग (गमला बदलना) – हर 1.5 से 2 साल में थूजा को नए या बड़े गमले में स्थानांतरित करें। इससे जड़ों को फैलने की जगह मिलती है। रीपॉटिंग करते समय पुरानी मिट्टी को हटाकर ताज़ा मिश्रण डालें।

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पौधे से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न –

1. मोरपंखी के पौधे की ग्रोथ कैसे बढ़ाएं – How to increase the growth of the Morpankhi plant in Hindi

मोरपंखी (थूजा) की ग्रोथ बढ़ाने के लिए इसे सुबह की हल्की धूप में रखें, मिट्टी को अच्छी जलनिकासी वाली बनाएं, हर महीने जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट या सरसों खली) दें, और समय-समय पर हल्की छंटाई करें। नियमित पानी और नीम तेल छिड़काव से पौधा स्वस्थ रहता है।

2. मोरपंखी को हरा भरा कैसे करें – How to keep the Morpankhi plant lush and green in Hindi

मोरपंखी को हरा-भरा रखने के लिए इसे पर्याप्त धूप, नियंत्रित पानी, और समय-समय पर जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट या गोबर की खाद) दें। मिट्टी को अच्छी जलनिकासी वाली रखें, और नियमित रूप से छंटाई करें। नीम तेल का छिड़काव कीटों से बचाता है और पौधे को स्वस्थ बनाए रखता है।

3. मोरपंखी का पौधा पीला क्यों होता है – Why does the Morpankhi plant turn yellow in Hindi

मोरपंखी का पौधा पीला होने का कारण अधिक पानी, खराब जलनिकासी, या पर्याप्त धूप का अभाव हो सकता है। इसके अतिरिक्त, कीटों का संक्रमण या पोषक तत्वों की कमी भी पत्तियों के पीले होने का कारण बन सकती है। इसे समय-समय पर उचित देखभाल की जरूरत होती है।

4. क्या थूजा के पौधे को धूप की जरूरत होती है – Does the Thuja plant need sunlight in Hindi

मोरपंखी के पौधे को धूप की जरूरत होती है। यह पौधा दिन में कम से कम 4–5 घंटे हल्की धूप पसंद करता है, खासकर सुबह और शाम की धूप। अधिक तेज दोपहर की धूप से बचाना चाहिए क्योंकि इससे पत्तियां जल सकती हैं। उचित रोशनी से पौधा हरा-भरा और स्वस्थ रहता है।

निष्कर्ष:-

मोरपंखी प्लांट न केवल आपके घर या बालकनी को हरा-भरा और आकर्षक बनाता है, बल्कि इसकी देखभाल भी आसान है। सही गमला, संतुलित मिट्टी, उचित रोशनी, नियंत्रित पानी और समय-समय पर खाद देने से पौधा लंबे समय तक हरा और स्वस्थ बना रहता है। थोड़ी सी छंटाई और नियमित निरीक्षण से इसका आकार सुंदर बना रहता है। यदि आप हरियाली से प्रेम करते हैं, तो मोरपंखी आपके गार्डन या घर के लिए एक बेहतर ऑप्शन है।

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