Good Fertilizer For Fruit And Vegetable Plants In Hindi: स्वस्थ फल और सब्जियों के पौधों के लिए केवल पानी और धूप ही पर्याप्त नहीं होते, बल्कि उन्हें सही पोषण यानी अच्छे फर्टिलाइजर की भी ज़रूरत होती है। हर पौधा अपनी ग्रोथ, फ्लावरिंग और फ्रूटिंग के अलग-अलग चरणों में अलग प्रकार के पोषक तत्त्व मांगता है। फलों के पौधों को ज्यादा फास्फोरस और पोटाश की जरूरत होती है, जबकि सब्जियों के पौधों को नाइट्रोजन और जैविक खाद अधिक फायदेमंद होती है, इसलिए फल व सब्जी वाले पौधों को अलग-अलग खाद या उर्वरक देना सही रहता है। इस लेख में हम जानेंगे कि, सब्जी के लिए कौन सी खाद सबसे अच्छी है, फलों के पेड़ों के लिए कौन सी खाद सबसे अच्छी है और फल व सब्जी पौधों के लिए सबसे अच्छा उर्वरक या फर्टिलाइजर कौन सा है। ताकि उनकी ग्रोथ बेहतर हो, फूल और फल भरपूर लगें।
फलों के पौधों के लिए बेस्ट खाद – Best Fertilizers For Fruit Plants In Hindi
जब फलों के पौधों को खाद देने का समय आता है तो हमें नीचे दिए गए फर्टिलाइजर में से ही कोई एक खाद इस्तेमाल करना चाहिए-
1. गोबर की सड़ी खाद – Well-Rotted Cow Dung Manure in Hindi
गोबर की सड़ी खाद फलों के पौधों के लिए सबसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाने वाली जैविक खाद है। यह मिट्टी में जैविक पदार्थों की मात्रा बढ़ाती है और सूक्ष्म जीवाणुओं को सक्रिय करती है। यह खाद धीरे-धीरे पोषण देती है और लंबे समय तक असर बनाए रखती है। फलों के पौधों की शुरुआती ग्रोथ और जड़ विकास के लिए यह बेहद उपयोगी होती है। हर 3-4 महीने में इसकी एक परत डालना फायदेमंद होता है।
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2. वर्मी कम्पोस्ट – Vermicompost in Hindi
वर्मी कम्पोस्ट, केंचुए की सहायता से तैयार की गई जैविक खाद है, जो फलों के पौधों को संतुलित पोषण प्रदान करती है। यह खाद नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसके इस्तेमाल से पौधे की जड़ें मजबूत होती हैं, फूल और फल की संख्या बढ़ती है और मिट्टी में लाभकारी जीवाणुओं की संख्या बढ़ती है। वर्मी कम्पोस्ट की खास बात यह है कि यह पौधों को जलने से बचाता है और लगातार धीरे-धीरे पोषण देता है।
3. बोन मील – Bone Meal in Hindi
बोन मील एक फॉस्फोरस युक्त खाद है जो जानवरों की हड्डियों को पीसकर तैयार की जाती है। यह फलों के पौधों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होती है जब पौधे फूल और फल लाने की स्थिति में होते हैं। फॉस्फोरस जड़ों के विकास, फूलों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका उपयोग 3-4 महीने में एक बार किया जा सकता है।
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4. नीम खली – Neem Cake Fertilizer in Hindi
नीम खली जैविक खाद होने के साथ-साथ कीटों से रक्षा करने वाला प्राकृतिक उपाय भी है। यह मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाने के साथ-साथ फंगल इंफेक्शन, दीमक और अन्य जड़ों के कीटों को रोकती है। फलों के पौधों में इसका प्रयोग जड़ों की सुरक्षा और पोषण दोनों के लिए किया जाता है। इसे सीधे मिट्टी में मिलाकर या पानी में भिगोकर घोल के रूप में दिया जा सकता है।
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5. एनपीके मिश्रित खाद – NPK Mixed Fertilizer in Hindi
NPK खाद में तीन मुख्य पोषक तत्व होते हैं, नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), और पोटाश (K)। फलों के पौधों की वृद्धि के अलग-अलग चरणों के अनुसार अलग-अलग अनुपात में यह खाद दी जाती है, जैसे ग्रोथ स्टेज में NPK 10:10:10 और फलन के समय NPK 5:10:10 या 0:0:50। इसका प्रयोग बहुत सावधानी से और सीमित मात्रा में करना चाहिए क्योंकि अधिक मात्रा में रासायनिक खाद पौधों की जड़ों को नुकसान पहुँचा सकती है।
सब्जियों के पौधों के लिए खाद – Fertilizers For Vegetable Plants In Hindi
होम गार्डन या टेरेस गार्डन में सब्जियों के पौधों की ग्रोथ बढ़ाने और कीट व रोगों से बचाने के लिए निम्न फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए-
1. पत्तियों की खाद – Leaf Mold Fertilizer in Hindi
पत्तियों की खाद खासतौर पर पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, मेथी, बथुआ आदि के लिए बहुत फायदेमंद होती है। यह खाद सूखी पत्तियों को सड़ाकर तैयार की जाती है और इसमें कार्बन की भरपूर मात्रा होती है। यह मिट्टी को ढीला बनाती है, जल धारण क्षमता को बढ़ाती है और पौधों की जड़ों तक ऑक्सीजन आसानी से पहुंचने देती है।
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2. मूँगफली खली खाद – Groundnut Cake Fertilizer in Hindi
मूँगफली खली एक उच्च प्रोटीन और नाइट्रोजन युक्त खाद है, जो सब्जियों की ग्रोथ को तेज़ करती है। यह खासकर टमाटर, शिमला मिर्च, भिंडी जैसे पौधों में फूल और फल आने की दर बढ़ाती है। इसे सूखा या पानी में घोलकर मिट्टी में डाल सकते हैं। यह जैविक होने के कारण पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती।
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3. धान की भूसी खाद – Rice Husk Fertilizer in Hindi
धान की भूसी एक प्राकृतिक खाद है जो मिट्टी की संरचना को बेहतर बनाती है। इसमें सिलिका और कार्बन होते हैं जो पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और मिट्टी की जलनिकासी को सुधारते हैं। यह खासकर उन इलाकों में उपयोगी है जहां भारी बरसात के कारण मिट्टी में पानी भरने की समस्या होती है। इसे सीधे मिट्टी में मिलाया जा सकता है या कंपोस्ट के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है।
4. छाछ खाद – Buttermilk Fertilizer in Hindi
छाछ या पतली दही जैविक फंगस और बैक्टीरिया से भरपूर होती है, जो सब्जियों की जड़ों को मज़बूत करती है। यह विशेषकर मिट्टी में माइक्रोबायोलॉजिकल एक्टिविटी को बढ़ाती है, जिससे पौधों की जड़ों से पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है। छाछ को पानी में मिलाकर 10:1 के अनुपात में पतला करके सप्ताह में एक बार छिड़का जा सकता है।
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5. चायपत्ती खाद – Used Tea Waste Fertilizer in Hindi
सब्ज़ियों के छोटे पौधों के लिए उपयोग की गई चायपत्ती बहुत ही बेहतरीन जैविक खाद होती है। इसमें टैनिन, फॉस्फोरस और पोटैशियम होता है, जो पौधों की पत्तियों को हरा-भरा और चमकदार बनाता है। इसे कंपोस्ट में मिलाकर या सीधे पौधों की जड़ों के पास डालकर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह खाद मिट्टी के pH को संतुलित रखती है और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर बनाती है।
निष्कर्ष:
फलों और सब्जियों के पौधों के लिए अलग-अलग खादों का चयन करना पौधों की सेहत, उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। जहां फलों के पौधों को अधिक पोटैशियम और फॉस्फोरस की जरूरत होती है, वहीं सब्जियों के लिए नाइट्रोजन और जैविक सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति जरूरी होती है। सही समय पर और संतुलित मात्रा में दी गई खादें पौधों की जड़ों को मजबूत बनाती हैं, पत्तियों को हरा-भरा रखती हैं और रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाती हैं।
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