3g कटिंग क्या है, करने का तरीका और पूरी जानकारी – 3G Cutting in plants full guide in Hindi

3G कटिंग एक ऐसी तकनीकी है जिसका इस्तेमाल सब्जियों के पौधे की वृद्धि, विकास और उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाता है, इसकी मदद से आप सब्जियों के उत्पादन में 10-30% तक वृद्धि कर सकते हैं। गार्डन में 3G कटिंग का उपयोग मुख्य रूप से खीरे, लौकी, तुरई, कद्दू इत्यादि सब्जी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाता है। बता दें कि 3G कटिंग सब्जियों की वृद्धि के लिए कोई नई तकनीक नहीं है बल्कि इसका इस्तेमाल वेजिटेबल गार्डन में काफी समय से किया जा रहा है। अगर आप भी घर पर सब्जी लगाते हैं तो फलों और सब्जियों के विकास और उत्पादन को बढ़ाने के लिए पौधों की 3जी कटिंग तकनीक के बारे में अवश्य जानना चाहिए। आइये जानते हैं पौधों की 3g कटिंग क्या होती हैं और कैसे की जाती है, पौधों की 3g कटिंग करने का तरीका और फायदे के बारे में।

3जी कटिंग क्या है – What is 3G Cutting in Hindi

3G कटिंग फसल की तीसरी पीढ़ी है। इस तकनीक में पौधों की पहली (1st Generation) और दूसरी पीढ़ी (2nd Generation) की शाखाओं को काटकर या पिंच करके हटाकर तीसरी पीढ़ी ( 3rd Generation) शाखाओं को बढ़ने (या ग्रो करने) दिया जाता है।

आपको बता दें कि जब इस तरह की कटिंग से जो नई शाखाएं निकलती है तो उनकी संख्या ज्यादा होती है। 3जी कटिंग में जब पहली (1st Generation) और दूसरी पीढ़ी (2nd Generation) शाखाओं को काटा जाता है तो वहां से 2 या इससे ज्यादा नई शाखा निकलती हैं। सबसे पहले जब बीज के अंकुरण के बाद मुख्य तना निकलता है तो उसे पहली पीढ़ी (first generation) कहा जाता है। जब पहली पीढ़ी या तने की शाखा, दूसरी शाखाएँ बनाती है तो उन्हें दूसरी पीढ़ी (second generation) की शाखाएँ कहा जाता है। इसके बाद जब दूसरी पीढ़ी की शाखा से अन्य शाखाएँ निकलती हैं तो उन्हें तीसरी पीढ़ी (third generation) की शाखा कहते हैं।

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3g कटिंग के फायदे – Benefits of plants 3g cutting in Hindi

रिसर्च से यह पता चला है कि कुकुरबिटेसी परिवार की सब्जियों में पहली और दूसरी जनरेशन की शाखाएं नर फूलों का उत्पादन ज्यादा और मादा फूलों का उत्पादन कम करती है। बता दें कि पहली और दूसरी जनरेशन की शाखाओं में लगभग 14:1 (नर: मादा) के अनुपात यानी मादा की तुलना में अधिक नर फूल का उत्पादन होता है। जिसकी वजह से इनमे ज्यादा फूल होने पर भी फल कम दिखाई देते हैं। लेकिन तीसरी पीढ़ी की शाखाएं नर फूलों की तुलना में मादा फूलों का उत्पादन ज्यादा करती हैं। इसलिए सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए 3जी कटिंग तकनीकी का इस्तेमाल किया जाता है, इससे पौधों में अधिक संख्या में फल लगते हैं जिससे उत्पादन में काफी ज्यादा बढ़ोतरी होती है। इस प्रकार आप एक ही पौधे से 5 गुना अधिक फल या सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं।

3 जी कटिंग किन पौधों की जाती है – which plant is 3G cutting technique used in Hindi

आपको बता दें कि 3 जी कटिंग तकनीक का उपयोग मुख्य रूप से कुकुरबिटेसी परिवार की सब्जियों या वेल वाली सब्जियों के पौधे में किया जाता है 3 जी कटिंग से उगाई जाने वाले कुछ प्रमुख सब्जियां निम्न हैं, जैसे:

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3g कटिंग कैसे करें – How to do 3G cutting in Hindi

3g कटिंग कैसे करें - How to do 3G cutting in Hindi

अगर आपने अपने घर पर सब्जी के पौधे लगाये हैं और आप 3जी कटिंग तकनीक के द्वारा उनका उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको नीचे दी गई स्टेप्स को फॉलो करना होगा। 3g कटिंग करने का तरीका इस प्रकार हैं:

3जी कटिंग करने के लिए सबसे पहले घर पर गमले में या होम गार्डन में लगाए गए पौधे को 6-7 फीट की ऊंचाई तक बढ़ने देना चाहिए। इस दौरान ध्यान रखें कि पौधे की प्राथमिक शाखा से किसी भी दूसरी शाखा का उत्पादन नहीं होने देना चाहिए। इससे पौधे का आधार मजबूत होगा। पौधे के 6-7 फीट बड़े होने के बाद मुख्य शाखा के ऊपरी भाग को काट देना चाहिए। इससे पौधे के शिखर से 2G यानी सेकंड जनरेशन शाखाओं का उत्पादन होने में मदद मिलेगी। अब पौधे से उत्पन्न होने वाली सेकंड जनरेशन शाखाओं की संख्या को 3-4 रखना होगा और उन्हें 2-3 फीट तक बढ़ने दें।

बता दें कि जब 2जी या सेकंड जनरेशन शाखाएं 2-3 फीट तक बढ़ जाएँ तो उन्हें भी ऊपर से यानी नोक से काटना होगा। अब इनसे 3जी यानी कि थर्ड जनरेशन शाखाओं का उत्पादन होगा। अब अंत में 3जी शाखाओं को बढ़ने दिया जाता है, इन शाखाओं में लगने वाले फलों का उत्पादन अधिक होता है।

3जी कटिंग के नुकसान और कमियाँ – Disadvantages and Drawbacks of 3G Cutting in Hindi

सब्जियों के उत्पादन को 3जी कटिंग के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इस तकनीकी का सही तरह से इस्तेमाल करने के लिए अच्छे तकनीशियन या मेनपॉवर की आवश्यकता पड़ती है। यह काम आपको बोरिंग (Boring) लग सकता है क्योंकि इसमें नियमित रूप से पौधे पर ध्यान देने और कटाई की आवश्कता पड़ती है। जब 3जी कटिंग की प्रक्रिया की जाती है तो इसमें पौधों के संक्रमित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। भले ही इस विधि से उत्पादन काफी ज्यादा होता है लेकिन इसमें थोड़ा ज्यादा समय भी लग सकता है।

3जी कटिंग करते समय ध्यान देने योग्य बातें – Things to keep in mind while doing 3G cutting in Hindi

  • आपको बता दें कि आप जिस भी पौधे पर 3जी कटिंग (3G cutting) कर रहें हैं उसे पर्याप्त और उचित रूप से धूप मिलना चाहिए।
  • इस प्रक्रिया को करते समय पौधे लगे गमले की मिट्टी में पर्याप्त रूप से नमी होना चाहिए।
  • जब इस तकनीकी को करते समय आप पौधों की शाखाओं को काटते हैं तो पौधे में कई तरह के रोगों (diseases) के होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आपको इस विधि को करते समय पौधे का सूर्य के संपर्क में होना जरूरी है।
  • याद रहे कि जब तक पौधा सही उंचाई तक नहीं बढ़ जाता, तब तक आपको अन्य शाखाओं को बढ़ने नहीं देना चाहिए।
  • पौधे में शाखाओं की संख्या को कम से कम रखना चाहिए। इससे पौधे को सूर्य प्रकाश और हवा मिलने में बहुत आसानी होगी और आपका पौधा स्वस्थ भी रहेगा।

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निष्कर्ष – Conclusion

इस लेख में आपने जाना कि, पौधों की 3g कटिंग क्या होती है, इसे कैसे करें तथा इसका इस्तेमाल किन किन सब्जियों के उत्पादन के लिए किया जाता है और भी बहुत कुछ जाना। उम्मीद है कि, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। गार्डनिंग से जुड़े हुए और भी उपयोगी लेख पढ़ने के लिए Organicbazar.net पर विजिट करें। इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट करके जरूर बताएं।

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