Make Small Salad Garden In Hindi: आजकल जगह की कमी के कारण लोग छोटी सी जगह में ही सलाद गार्डन उगाने की ओर आकर्षित हो रहे हैं। बालकनी, टैरेस या किचन विंडो के पास रखी छोटी पॉट में आप आसानी से सलाद के लिए ज़रूरी लीफी ग्रीन्स और हर्ब्स के प्लांट लगा सकते हैं। इससे आपके खाने में फ्रेशनेस आती है और घर में हरियाली भी बनी रहती है। साथ ही, सलाद गार्डन की केयर करना और उसके प्लांट की ग्रोथ देखना मानसिक शांति भी देता है। छोटे कंटेनर में मिट्टी और कम्पोस्ट की सही मात्रा डालकर और सही वॉटरिंग के साथ आप अपने घर में आसानी से सलाद गार्डन ग्रो कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि छोटी जगह में घर पर सलाद कैसे उगाएं (Make Mini Salad Garden In Hindi) और बहुत कम जगह में सलाद का बगीचा कैसे उगाएं।
कम जगह में सलाद गार्डन कैसे बनाएं – How To Make Mini Salad Garden At Home In Hindi
अगर आप भी हेल्दी लाइफस्टाइल चाहते हैं तो छोटी जगह में सलाद गार्डन उगाना एक बेहतर कदम होगा। आप अपने घर पर बालकनी, टैरेस या खिड़की के पास कम जगह में भी एक छोटा सा सलाद गार्डन बना सकते हैं। नीचे कुछ तरीके बताए गए हैं, जिन्हें फॉलो करके आप अपना small salad garden तैयार कर सकते हैं।
1. बालकनी या टैरेस का इस्तेमाल करें – Use Balcony or Terrace in Hindi
छोटी जगह में सलाद उगाने के लिए बालकनी, टैरेस या खिड़की के पास की जगह का इस्तेमाल करो। यहां धूप और हवा अच्छी मिलती है। इसमें ग्रो बैग, गमले या रीसायकल डिब्बे लगाकर सलाद के प्लांट आसानी से उगा सकते हो। इससे घर में ही ताजा सलाद उगाना संभव हो जाता है, और स्पेस का सही उपयोग होता है।
(यह भी जानें: ग्रो बैग्स क्या होते हैं, पौधे लगाने में इसका उपयोग क्यों करें…)
2. साफ मिट्टी और खाद मिलाएं – Use Clean Soil and Compost in Hindi
सलाद के प्लांट की ग्रोथ के लिए साफ मिट्टी में गोबर की खाद, कम्पोस्ट या वर्मी खाद मिलाओ। मिट्टी हल्की और पानी निकालने वाली होनी चाहिए ताकि प्लांट की जड़ें सड़ें नहीं। इससे सलाद की पत्तियां हरी, कोमल और स्वादिष्ट बनती हैं। घर में बना कम्पोस्ट भी इस्तेमाल कर सकते हो, जिससे मिट्टी की ताकत बनी रहती है।
3. धूप वाली जगह चुनें – Choose Sunny Spot in Hindi
सलाद के प्लांट को रोजाना 3-4 घंटे की धूप जरूरी होती है। इसलिए ऐसी जगह चुनो जहां सीधी धूप आती हो। धूप मिलने से सलाद के पत्ते हरे और हेल्दी रहते हैं, और ग्रोथ तेजी से होती है। अगर बहुत गर्मी हो, तो छांव वाली नेट का भी उपयोग कर सकते हो ताकि धूप में जलने की समस्या न हो।
ग्रो बैग व मिट्टी खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
4. सीड्स को ज्यादा गहरा मत दबाएं – Do Not Sow Seeds Deeply in Hindi
सलाद के बीज छोटे और नाजुक होते हैं, इसलिए इन्हें ज्यादा गहराई में मत दबाओ। हल्की मिट्टी की परत डालकर ऊपर से पानी का छिड़काव करो। इससे बीज जल्दी अंकुरित होते हैं और उनकी ग्रोथ अच्छी रहती है। गहराई में बीज दबाने पर वे सड़ सकते हैं या अंकुरित नहीं होते।
(यह भी जानें: मिट्टी में सब्जी के बीज कितनी गहराई पर लगाए, जानें प्लांटिंग डेप्थ चार्ट…)
5. पानी का छिड़काव रोज करें – Water Lightly Every Day in Hindi
सलाद के प्लांट में नमी बनाए रखना जरूरी है। रोज हल्का पानी छिड़को ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे। बहुत ज्यादा पानी देने से जड़ें खराब हो सकती हैं। सुबह या शाम को पानी देना बेहतर रहता है। पानी का छिड़काव करने से पत्ते ताजे और हरे बने रहते हैं।
6. सपोर्ट देने के लिए स्टिक लगाएं – Provide Stick Support in Hindi
अगर सलाद के पत्ते बढ़ने पर झुकने लगें, तो छोटे स्टिक या पतले बांस का सहारा दे सकते हो। इससे प्लांट सीधा खड़ा रहता है और उसकी ग्रोथ में रुकावट नहीं आती। पत्ते मिट्टी से सीधे संपर्क में आने से बच जाते हैं, जिससे कीड़े लगने की समस्या भी कम होती है।
खाद व अन्य चीजें खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
7. काटो और दोबारा पाओ पद्धति अपनाएं – Use Cut and Come Again Method in Hindi
सलाद की पत्तियां पूरी तरह तोड़ने के बजाय थोड़ी-थोड़ी काटते रहो। इससे नया सलाद तेजी से आता है और लंबे समय तक ताजा पत्ते मिलते रहते हैं। यह तरीका स्पेस और समय दोनों बचाता है। इस पद्धति से एक ही प्लांट से कई बार सलाद प्राप्त कर सकते हो।
(यह भी जानें: वर्टिकल गार्डनिंग क्या है: कम जगह में ज्यादा सब्जियां कैसे उगाएं…)
8. इंटरक्रॉपिंग करें – Do Intercropping in Hindi
छोटी जगह में सलाद के साथ धनिया, पुदीना या पालक जैसे प्लांट भी उगा सकते हो। इससे स्पेस का सही इस्तेमाल होता है और अलग-अलग हरे पत्तेदार पौधे एक साथ मिल जाते हैं। इंटरक्रॉपिंग से मिट्टी में नमी बनी रहती है और कीट नियंत्रण में भी मदद मिलती है।
9. कीड़े लगने पर नीम का पानी छिड़कें – Spray Neem Water for Pests in Hindi
अगर सलाद के पत्तों पर कीड़े लग जाएं तो केमिकल का इस्तेमाल मत करो। नीम के पत्तों का पानी बनाकर छिड़क सकते हो। इससे प्लांट सुरक्षित रहते हैं और पत्ते हेल्दी रहते हैं। नीम का पानी प्राकृतिक कीट नियंत्रण का बेहतरीन उपाय है और इससे सलाद खाने लायक सुरक्षित रहता है।
(यह भी जानें: नीम तेल के फायदे और गुण जो बनाते हैं पौधों को बेहतर…)
गार्डनिंग प्रोडक्ट खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
10. हर हफ्ते लिक्विड खाद दें – Give Liquid Fertilizer Weekly in Hindi
सलाद के प्लांट को हर हफ्ते लिक्विड खाद देना चाहिए। इससे पत्तों में हरा रंग आता है और ग्रोथ तेजी से होती है। घर पर बना लिक्विड कम्पोस्ट या वर्मी लीचेट भी इस्तेमाल कर सकते हो। इससे मिट्टी में पोषक तत्व बने रहते हैं और सलाद जल्दी तैयार होता है।
सलाद गार्डन में लगाने योग्य आसान किस्में – Easy varieties to plant in a salad garden in Hindi
- लेट्यूस (Lettuce)– जल्दी ग्रोथ, कट एंड कम अगेन पद्धति में उपयोगी, मुलायम पत्ते।
- रॉकेट (Rocket/Arugula)– तीखा स्वाद, बार-बार कटकर उगने वाला।
- स्पिनच (Spinach) – आयरन से भरपूर, आसानी से उगने वाला।
- मिज़ुना (Mizuna)– हल्का तीखा, पत्तेदार ग्रीन्स।
- मस्टर्ड ग्रीन्स (Mustard Greens) – स्वाद में तीखा, जल्दी बढ़ने वाला।
- कोरिएंडर (Coriander) – खुशबूदार सलाद में स्वाद बढ़ाने के लिए।
- पुदीना (Mint)– सलाद, रायता और पानी में इस्तेमाल योग्य।
- तुलसी (Basil)– खुशबूदार पत्तियां, सलाद में स्वाद।
- अमरैंथ (Amaranth)– लाल-हरे पत्ते, आयरन से भरपूर।
- मेथी( Fenugreek)– जल्दी उगने वाली, कटकर बार-बार उगने वाली।
(यह भी जानें: किचन के प्लेटफार्म या खिड़की पर भी उगाई जा सकती हैं यह हर्ब्स…)
छोटी सी जगह में सलाद गार्डन उगाने के फायदे – Benefits of growing a salad garden in a small space in Hindi
- ये सभी किस्में कम जगह, गमलों, ग्रो बैग और प्लास्टिक बास्केट में भी उगाई जा सकती हैं।
- नियमित पानी और थोड़ी सी धूप में यह आसानी से ग्रो कर जाती हैं।
- कट एंड कम अगेन से बार-बार ताजगी भरा सलाद मिलता है।
- बाजार के सलाद पर खर्च बचता है और ताजा, ऑर्गेनिक सलाद घर पर ही मिलता है।
निष्कर्ष:
छोटी जगह में सलाद गार्डन उगाना न केवल आपके घर की हरियाली बढ़ाता है बल्कि आपकी थाली में रोज ताजा, हेल्दी सलाद भी लाता है। बालकनी, टैरेस या छोटे कोनों में प्लांट लगाकर थोड़ी सी मेहनत और नियमित देखभाल से सलाद की ग्रोथ आसानी से की जा सकती है। सही मिट्टी, धूप, पानी और लिक्विड खाद से प्लांट हेल्दी रहते हैं और लंबे समय तक कट एंड कम अगेन पद्धति से सलाद मिलता रहता है। इससे बाजार पर निर्भरता कम होती है और घर में ही ताजा, केमिकल फ्री सलाद का आनंद लिया जा सकता है।
ग्रो बैग व मिट्टी खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें: