गमले में कोनफ्लॉवर (कॉन फ्लावर) कैसे लगाएं – How To Grow Coneflower In Pot In Hindi

कॉनफ्लॉवर, डेज़ी परिवार (Asteraceae) का एक बारहमासी हर्बल प्लांट है, लेकिन इसे इसके सुंदर फूलों के लिए लगाया जाता है। इस पौधे के फूल मिड समर में खिलते हैं। यह फूल गुलाबी, नीले, बैंगनी, ऑरेंज जैसे कई रंगों की पंखुड़ियों वाले होते हैं। कोनफ्लावर लगभग 4 इंच तक के होते हैं, जिसका केंद्र चौड़ाई वाला, गोल तथा ऊपर की ओर उठा हुआ होता है तथा केंद्र के चारों ओर छोटे-छोटे पेटल होते हैं, जो इसे डेजी जैसा आकार देते हैं। यह एक उष्णकटिबंधीय पौधा है, जिसे सभी क्षेत्रों में आसानी उगाया जा सकता है। यदि आप भी कोन फ्लावर को अपने घर लगाना चाहते हैं, तो आर्टिकल को पूरा पढ़ें, जिसमें हम आपको बतायेंगे, कि गार्डन के गमले में कोनफ्लॉवर का पौधा कब और कैसे लगाएं/उउगाएं, इस पौधे के बीज लगाने की विधि तथा फ्लावर प्लांट की देखभाल कैसे करें।

कोनफ्लॉवर प्लांट लगाने संबंधित जानकारी – Information Related To Planting Coneflower Plant In Hindi

कोनफ्लॉवर प्लांट लगाने संबंधित जानकारी - Information Related To Planting Coneflower Plant In Hindi

घर पर कोनफ्लावर प्लांट उगाने के लिए निम्न जानकारी होनी जरूरी है:-

  • वानस्पतिक नाम – Echinacea (इचिनेशिया)
  • पौधे का प्रकार – बारहमासी पौधा
  • बीज लगाने का समय – फरवरी से मई और सितम्बर से नवंबर माह
  • बीज लगाने की विधि – ट्रांसप्लांटिंग विधि
  • प्लांट ग्रोइंग तापमान – 18 से 24 डिग्री सेल्सियस
  • सीड जर्मिनेशन समय – 7 से 14 दिन
  • फ्लावरिंग सीजन – ग्रीष्म ऋतु (Summer Season)
  • फ्लावर कलर गुलाबी, नीले, बैंगनी, ऑरेंज

कोनफ्लॉवर का पौधा कब लगाएं – When To Plant Coneflower Plant In Hindi

कोन फ्लॉवर का पौधा उगाने का सबसे अच्छा समय वसंत से शुरूआती गर्मियों अर्थात फरवरी से मई माह के बीच का होता है, इसके अलावा आप गर्म क्षेत्रों में इसे पतझड़ यानी सितम्बर से नवंबर महीने के मध्य भी लगा सकते हैं।

(यह भी जानें: ट्रांसप्लांट मेथड से पौधे उगाने के लिए ग्रोइंग चार्ट…)

कॉन फ्लावर का पौधा लगाने के जरूरी चीजें – Important Things To Plant Coneflower In Hindi

कोनफ्लावर के बीज (Coneflower Seeds) – कोन फ्लॉवर का पौधा लगाने के लिए आपको सबसे पहले जरूरत होगी, कोनफ्लावर के अच्छी क्वालिटी के बीज की, जिन्हें आप किसी नर्सरी या सीड स्टोर से भी खरीद सकते हैं।

सीडलिंग ट्रे (Seedling Tray) – बीज प्राप्त करने के बाद आपको इन्हें जर्मिनेट करने के लिए एक सीडलिंग ट्रे की आवश्यकता होगी, हालाँकि आप इन्हें छोटे पॉट में भी लगा सकते हैं।

गमला या ग्रो बैग (Pot Or Grow Bag) – बीज अंकुरित हो जाने के बाद पौधे लगाने के लिए आपको एक बड़े साइज के ड्रेनेज होल युक्त गमले या ग्रो बैग की आवश्यकता होगी।

इचिनेशिया अर्थात कॉन फ्लावर का पौधा 2-4 फीट तक लंबा हो सकता है, अतः आप इसे लगाने के लिए निम्न साइज के गमले या ग्रो बैग खरीद सकते हैं:-

पॉटिंग सॉइल मिक्स (Potting Soil Mix) – गमला खरीदने के बाद आपको बीज लगाने के लिए पॉटिंग सॉइल मिक्स की आवश्यकता होगी। यह पौधा कार्बनिक पदार्थों से युक्त अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में ग्रोथ करता है, अतः आप मिट्टी में गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट, मस्टर्ड केक, पर्लाइट आदि चीजें मिलाकर पॉटिंग मिक्स तैयार कर सकते हैं।

वाटर कैन (Water Can) – पौधा लगाने के बाद आपको उसे पानी देने के लिए एक फब्बारे वाली वाटर कैन की जरूरत होगी।

गार्डनिंग टूल्स (Gardening Tools) – इस फूल वाले पौधे को गार्डन में लगाने के लिए आपको कुछ गार्डनिंग टूल्स जैसे- वीडर, ट्रोवेल, खुरपा आदि की आवश्यकता भी हो सकती है।

आइये अब जानते हैं- गमले में कोनफ्लॉवर प्लांट कैसे लगाएं।

कोनफ्लॉवर प्लांट कैसे लगाएं – How To Plant Coneflower In Pot In Hindi

कोनफ्लॉवर प्लांट कैसे लगाएं - How To Plant Coneflower Plant In Hindi

कोन फ्लॉवर के बीज लगाने से पहले उन्हें कुछ समय अर्थात लगभग 24 घंटे के लिए गीले तौलिए या टिशु पेपर में लपेटकर रख दें, इससे अंकुरण तेजी से होता हैं। कोनफ्लावर प्लांट के बीज लगाने की विधि, कुछ इस प्रकार है:-

  • सबसे पहले सीडलिंग ट्रे में पॉटिंग मिक्स भरें।
  • अब प्रत्येक सेल में लगभग ½ इंच गहराई पर बीजों को लगाएं, तथा मिट्टी से ढँक दें।
  • अब इन बीजों को गहराई से पानी दें।
  • इसके बाद ट्रे को अँधेरे वाले स्थान पर रख दें, क्योंकि इन्हें अंकुरित होने के लिए अंधेरे की जरूरत होती है।
  • आदर्श तापमान 18 से 21 डिग्री सेल्सियस होने पर, बीज 7 से 14 दिनों में अंकुरित हो सकते हैं।
  • जब अंकुर मिट्टी के बाहर दिखाई देने लगें, तब आप ट्रे को फिल्टर्ड धूप या ग्रो लाइट के नीचे रख सकते हैं।
  • अंकुरण के बाद जब पौधे 4 से 6 इंच लंबाई के हो जाते हैं, तब आप इन्हें बड़े गमले या गार्डन की मिट्टी में लगा सकते हैं।

(यह भी जानें: पेपर टॉवल या मिट्टी, किसमे है बीज अंकुरित करना आसान….)

कोनफ्लॉवर प्लांट की देखभाल – Care Of Coneflower Plant In Hindi

इचिनेशिया अर्थात कोनफ्लावर के पौधे लगाने के बाद, उन्हें स्वस्थ रखने तथा अधिक फूल खिलने के लिए कुछ देखभाल की आवश्यकता होती है। आइये जानते हैं- कोनफ्लॉवर प्लांट की केयर या देखभाल के तरीके, जो कि निम्न हैं:-

पानी – Water For Growing Coneflower Plant In Hindi 

कॉन फ्लॉवर के पौधे सूखे की स्थिति को सहन कर सकते हैं, लेकिन वसंत और गर्मियों जैसे शुष्क मौसम में इन्हें पानी की अधिक आवश्यकता होती है। मिट्टी में नमी बनाए रखें, लेकिन ध्यान रहें, कि अधिक पानी देने से उनमें फंगल रोग हो सकता है।

(यह भी जानें: पौधों को पानी देने के 10 गोल्डन रूल….)

सूर्य प्रकाश – Sun Light For Growing Coneflower Plant In Hindi 

कोनफ्लावर पूरी धूप अर्थात 6-8 घंटे की धूप मिलने पर अच्छी ग्रोथ करता हैं, लेकिन यदि आपने इसे गर्म क्षेत्र में लगाया है, तो आप इसे दोपहर के समय कुछ समय के लिए शेड नेट लगाकर छाया दे सकते हैं।

तापमान – Temperature For Growing Coneflower Plant In Hindi 

यह पौधा गर्म तथा शुष्क जलवायु में अच्छी ग्रोथ करता है। इसकी अच्छी ग्रोथ के लिए 18 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान बेस्ट होता है, हालाँकि यह अधिकतम 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान को भी सहन कर सकता है।

उर्वरक – Fertilizer For Growing Coneflower Plant In Hindi

उर्वरक - Fertilizer For Growing Coneflower Plant In Hindi

आमतौर पर यह पौधा कार्बनिक पदार्थों से युक्त मिट्टी में अच्छी ग्रोथ करता है, लेकिन यदि आप इसे उर्वरक देना चाहते हैं, तो स्प्रिंग सीजन के समय उन्हें प्लांट ग्रोथ प्रमोटर, सीवीड या NPK फर्टिलाइजर आदि दे सकते हैं।

(यह भी जानें: पौधे में फूल नहीं आ रहे हैं, तो करें इन खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल….)

प्रूनिंग और डेडहेडिंग – Pruning Or Deadheading Of Coneflower Plant In Hindi 

अपने बारहमासी पौधे कोनफ्लावर को अच्छा आकार देने तथा कीट रोगों को नियंत्रित करने के लिए आप इसकी प्रूनिंग कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त लगातार फ्लावरिंग के लिए आप इसकी डेडहेडिंग भी कर सकते हैं, डेडहेडिंग के दौरान पौधे से सूखे हुए फूल और पत्तियों को पिंच कर दें।

(यह भी जानें: फ्लावर प्लांट प्रूनिंग क्या है, यह कब और कैसे करें…..)

कीट व रोग – Pest And Disease Of Coneflower Plant In Hindi

कोनफ्लावर के पौधे को एफिड्स, थ्रिप्स, बीटल्स, लीफहॉपर्स आदि सामान्य कीट प्रभावित करते हैं, इन कीटों से अपने पौधे को बचाने के लिए आप स्टिकी ट्रैप और जैविक कीटनाशक साबुन का उपयोग कर सकते हैं।

यह फूल वाला पौधा लीफ कर्ल (Leaf Curl Disease), पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew), ब्लाइट (Blight) आदि रोगों से संक्रमित होता है, इन प्रमुख रोगों से पौधे को बचाने के लिए नियमित रूप से जांच करें, तथा किसी रोग या बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर जैविक फंगीसाइड और नीम के तेल का स्प्रे करें।

कोनफ्लॉवर के पौधे में फूल कब खिलेंगे – When Will Coneflower Bloom In Hindi

कोनफ्लॉवर के पौधे में फूल कब खिलेंगे - When Will Coneflower Bloom In Hindi

कोनफ्लावर के पौधे में फूल खिलने में लगभग 60-80 दिन लगते हैं, हालाँकि इसकी कुछ किस्मों में इससे अधिक समय भी लग सकता है। इस पौधे में फूल मध्य गर्मियों से फॉल सीजन (mid summer to fall season) के बीच में खिलते हैं, अपने गार्डन के गमले में इस आकर्षक दिखने वाले फूल को जरूर लगाएं।

उपरोक्त लेख में आपने जाना, कि घर पर या गार्डन के गमले में कोनफ्लॉवर का पौधा कब और कैसे लगाएं/उगाएं, इन पौधे के बीज लगाने की विधि तथा कोनफ्लावर प्लांट की देखभाल या केयर कैसे करें। उम्मीद है यह लेख आपको अच्छा लगा हो, लेख के संबंध आपके जो भी सवाल या सुझाव हैं, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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