क्या आप बरसात के मौसम में गार्डनिंग की शुरूआत करने की सोच रहें हैं या गार्डन में लगे पेड़-पौधों की बारिश में अच्छे से देखभाल करना चाहते हैं लेकिन आपको पता नहीं है कि बारिश के मौसम में गार्डनिंग कैसे करें या पौधों की देखभाल कैसे की जाती है तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। बारिश के सीजन में पौधों में कीट और रोग लगने तथा पानी की अधिकता से पौधों के खराब होने की सम्भावना ज्यादा होती है, इसलिए इस समय पौधों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इस आर्टिकल में आप बारिश या मानसून के मौसम में गार्डनिंग करने के टिप्स व गार्डन में लगे पेड़-पौधों की देखभाल करने के तरीके जानेंगे।
मानसून में गार्डनिंग करने की टॉप 12 टिप्स – Top 12 Tips For Gardening At Monsoon In Hindi
आसमान में मानसूनी बादल छाने लगे हैं और चिलचिलाती गर्मी धीरे-धीरे कम होने लगी है। बरसात का मौसम जल्द ही शुरू होने वाला है इस मौसम में यदि आप गार्डन के पौधों की अच्छी ग्रोथ चाहते हैं और उनसे ज्यादा से ज्यादा पैदावार लेना चाहते हैं तो आपको इस मौसम में गार्डनिंग करने की कुछ खास टिप्स के बारे में जरूर पता होना चाहिए। आइए जानते हैं बारिश के मौसम में गार्डनिंग करने की टॉप 12 टिप्स:
- मिट्टी तैयार करना
- ग्रो बैग में पौधे लगाना
- गमले या ग्रो बैग से जल निकासी की व्यवस्था
- वाटरिंग का ध्यान
- उर्वरकों का इस्तेमाल
- प्रूनिंग और डेडहेडिंग
- इनडोर पौधों को बाहर शिफ्ट करना
- गार्डन में शेड तैयार करना या रेन कवर का उपयोग
- कीटों से बचाव के तरीके अपनाना
- प्लांट्स के लिए वर्षा जल संग्रहण
- बारिश में पौधों को सहारा देना
- सही पौधे लगाना
बारिश में पौधे लगाने के लिए बेस्ट मिट्टी – Prepare Soil For Rainy Season Planting In Hindi
अगर आप मानसून के मौसम में पौधे लगाने की सोच रहे हैं तो पौधे लगाने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी कैसे तैयार की जाती है, इस बारे में जरूर जानना चाहते होंगे। बरसात के समय पौधों को लगाने के लिए आपको इस तरह की मिट्टी तैयार करनी चाहिए, जिसमे बारिश के दौरान जल भराव की समस्या उत्पन्न न हो। रैनी सीजन में गार्डन की मिट्टी तैयार करने संबंधी टिप्स इस प्रकार हैं:
- मौसम की पहली बारिश होने से पहले गार्डनिंग के लिए मिट्टी तैयार कर लेनी चाहिए।
- मिट्टी तैयार करने के लिए आदर्श मिश्रण इस प्रकार होगा:– 40% नॉर्मल गार्डन की मिट्टी, 30% खाद (गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट), 20% कोकोपीट, 10% रेत, पर्लाइट या वर्मीकुलाईट।
- होम गार्डन में लगे पौधे के पास की मिट्टी को ढीला करें अर्थात मिट्टी की गुड़ाई करें।
- भारी वर्षा के दौरान मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए पौधों की जड़ों को जैविक गीली घास से ढक दें। आप इसके लिए सूखी पत्तियों, घास या अन्य सूखे रसोई कचरे का उपयोग कर सकते हैं।
(यह भी जानें: पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी…)
बरसात में गार्डनिंग करने के लिए ग्रो बैग का इस्तेमाल – Gardening In Grow Bags At Rainy Season In Hindi
यदि आप जानना चाहते हैं कि बारिश के सीजन में टेरेस गार्डन में पौधों को किसमे लगाएं, तो आप इस समय ग्रो बैग या गमलों में पेड़-पौधों को लगा सकते हैं। आप ग्रो बैग का इस्तेमाल टैरेस गार्डन के साथ-साथ आउटडोर गार्डनिंग के लिए भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं ग्रो बैग का उपयोग करने संबंधी कुछ मुख्य बातें:
- बारिश में पौधों को ओवरवाटरिंग से बचने के लिए ग्रो बैग में पौधे लगाना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि इनमें पानी ज्यादा रुकता नहीं है। ये पौधे को जड़ सड़न रोग (root rot disease) से बचाते हैं।
- ग्रो बैग के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी तैयार करें। वेल ड्रेनेज सॉइल में कोकोपीट आदि भी मिलाएं, ताकि जल ग्रो बैग में जमा न हो और मिट्टी में हवा का प्रभाव बना रहे।
- यदि आपको लगता है कि ग्रो बैग में होल की संख्या या आकार बढाने की जरूरत है, तो बढ़ा लें। ताकि तेज बारिश में भी उनमें से जल निकासी बेहतर तरीके से हो सके।
(यह भी जानें: ग्रो बैग में गार्डनिंग करने के लिए 5 जरूरी टिप्स…)
बरसात में गमलों में जल निकासी छिद्र का रखें ध्यान – Take Care Of Drainage In Pots During Rainy Season In Hindi
मानसून या बरसात के दिनों में यदि आपके गमले या ग्रो बैग में लगे पौधों में जल भराव हो रहा है, तो उन पॉट में जल निकासी छिद्र की जांच अवश्य करलें। हो सकता है ग्रो बैग का ड्रेनेज होल पूरी तरह से कठोर मिट्टी से भरा हुआ हो। यदि ऐसा है तो उस मिट्टी को पेंचकस (Screw Driver) या रसोई के चाकू का इस्तेमाल कर हटा दें और छेद को साफ कर दें। यदि गमले या ग्रो बैग में ड्रेनेज होल की संख्या या साइज बढ़ाने की आवश्यकता हो तो बढ़ा दें जिससे उनमें से जल आसानी से बाहर निकल सके और बरसात में पेड़ पौधों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न न हो पाए।
बारिश के मौसम में जरूरत के अनुसार दे पौधों को पानी – Watering Plants In Rainy Season In Hindi
वैसे तो बरसात में पौधों को पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन फिर भी पौधों को जरूरत के अनुसार पानी दें। बारिश में पौधों में पानी तभी दें जब ऊपर की मिट्टी पूरी तरह से सूख जाए और आपके पौधे मुरझाने लगें। पानी हर पौधे के लिए जरूरी है फिर भी इसकी अधिकता पौधों के लिए आपदा का कारण बन सकती है। विशेष रूप से मानसून या बरसात के मौसम में पानी सावधानी से दिया जाना चाहिए। यह एक वैज्ञानिक रूप से सिद्ध तथ्य है कि गार्डन के पौधे पानी की कमी की तुलना में अधिक पानी के कारण ज्यादा मरते हैं। इसीलिए गमलों और गार्डन में जलभराव की नियमित जांच करें।
(यह भी जानें: पौधों को पानी देते समय न करें ये 7 गलतियां…)
बारिश में पौधों को खाद देने का सही समय – Best Time To Fertilize Plants In Monsoon Gardening In Hindi
यदि आप बरसात के मौसम में पौधों की तेजी से ग्रोथ चाहते हैं या ज्यादा पैदावार चाहते हैं तो बारिश का मौसम शरू होने से 15-20 दिन पहले पौधों में स्लो रिलीज ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर डाल सकते हैं। स्लो रिलीज होने वाले उर्वरक बरसात भर पौधों को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करते रहते हैं। बरसात के दौरान उर्वरक देने के लिए फोलिअर स्प्रे सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि इस समय पौधे पत्तियों और मुलायम तनों के माध्यम से पोषक तत्वों को तेजी से अवशोषित करते हैं।
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बरसात के मौसम में पौधों की प्रूनिंग – Prune Garden Plants Before Monsoon In Hindi
अगर आप चाहते हैं कि वर्षा ऋतु में आपके पौधे तेजी से व अच्छे से ग्रोथ करें, तो किसी भी पौधों के लिए नियमित प्रूनिंग और डेडहेडिंग बहुत महत्वपूर्ण है। प्रूनिंग करने के लिए एक तेज चाकू या प्रूनर का उपयोग करें। बारिश के मौसम से पहले गार्डन में लगे पौधों की अतिरिक्त शाखाओं की छटाई तथा सभी मृत और सड़ने वाली पत्तियों और शाखाओं को काट देना चाहिए। मानसून के दौरान प्रूनिंग आपके पौधों को संक्रमित कर सकती है। बरसात के दिनों में एक भी संक्रमण स्थान आपके पूरे पौधे को नष्ट कर सकता है। यदि आप बारिश के मौसम में शाखाओं को प्रून करते हैं तो पौधे पर कवकनाशी या कीटनाशक घोल स्प्रे जरूर करें। इससे पौधों में कोई संक्रमण नहीं फैल पाएगा।
(यह भी जानें: जानें पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए प्रूनिंग करने का सही समय…)
वर्षा ऋतु में इनडोर पौधों को बाहर ले जाएं – Move Indoor Plants Outside In Rainy Season In Hindi
यदि आपने घर के अन्दर इनडोर प्लांट्स लगाये हुए हैं तो उनकी अच्छी ग्रोथ के लिए आप उन्हें बरसात के मौसम में कुछ दिनों के लिए बाहर स्थानांतरित कर सकते हैं। इंडोर पौधों को नमी पसंद होती है। इंडोर पौधों को बरसात के मौसम में बाहर रखने से उनकी ग्रोथ बढ़ जाती है। लेकिन यह ध्यान रहे कि पौधों को शेड में ही रखें, ताकि उन्हें बाहर के वातावरण की नमी तो मिल सके, लेकिन उन पर बारिश की तेज बौछार न पड़े। एक या दो सप्ताह के बाद उन पौधों को अंदर ले जाएं।
(यह भी जानें: गमले में लगे पौधों को भारी बारिश से कैसे बचाएं…)
बरसात के मौसम में गार्डनिंग के लिए शेड तैयार करना – Prepare Shed For Gardening In The Rainy Season In Hindi
मानसून के दिनों में तेज बारिश से पौधों की सुरक्षा करने के लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली शेड का प्रयोग बहुत जरूरी है, क्योंकि बारिश की तेज बूंदों से पौधे आसानी से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। शेड तैयार करने के लिए पारदर्शी प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्लास्टिक बारिश के पानी को सीधे पौधों पर गिरने से रोकेगा इसके अलावा सूर्य का प्रकाश इन पारदर्शी चादरों से आसानी से गुजर सकता है जो कि हर पौधे के लिए जैव क्रिया में सहायक है। पौधों के लिए छाया बनाने के लिए आप नेट शेड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे पानी सीधा पौधों पर नहीं गिरता बल्कि बूँद बूँद करके पौधों पर गिरता है जिससे पौधों को नुकसान नहीं पहुँच पाता। बरसात के मौसम में टैरेस गार्डन के लिए पॉलीथिन शेड बनाना भी कारगर हो सकता है।
(यह भी जानें: टेरिस गार्डन के लिए शेड नेट के उपयोग और फायदे…)
बारिश में पौधों को कीटों से बचाने के तरीके – Protect Plants From Insects During Rainy Season In Hindi
यदि बारिश के मौसम में पौधे एफिड्स, फफूंदी और थ्रिप्स जैसे कीटों से प्रभावित हैं और उनकी ग्रोथ रुक गई है तो आप सभी पौधों पर सप्ताह में एक बार नीम आयल का स्प्रे कर सकते हैं। 5 मिली नीम का तेल, 10 मिली लिक्विड सोप और 1 लीटर पानी का घोल बनाकर पौधों पर स्प्रे करें। यदि आप नीम के तेल और साबुन से अधिक प्रभावी और बेहतर कुछ चाहते हैं तो आप किसी भी कवकनाशी का उपयोग कर सकते हैं। 1 लीटर पानी में 2 ग्राम कवकनाशी का प्रयोग करें और पौधों पर नियमित रूप से छिड़काव करें। बरसात में पौधों पर कीटनाशकों का इस्तेमाल करने का सबसे अच्छा समय सुबह या शाम का है।
(यह भी जानें: गमले के पौधों को कीट से बचाने के तरीके…)
प्लांट्स के लिए बारिश का पानी करें स्टोर – Store Rainwater For Plants In Hindi
बारिश का पानी होम गार्डन में लगे प्लांट्स के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यदि आप टेरेस गार्डनिंग करते हैं तो रेन वाटर को ड्रम आदि में स्टोर करके रख सकते हैं और जब तेज धूप निकले और पौधों की मिट्टी सूखी दिखे, तब इस पानी का उपयोग पौधों पर कर सकते हैं। इससे पौधों की ग्रोथ अच्छे से होगी। यदि आपके पास गार्डन में पर्याप्त जगह है तो आप गड्डे बनाकर रेन वाटर को एकत्रित कर सकते हैं।
बागवानी के लिए जरूरी चीजें यहाँ से खरीदें:
गमले या ग्रो बैग |
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पॉटिंग मिट्टी |
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गोबर खाद |
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वर्मीकम्पोस्ट |
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कोकोपीट |
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वर्मीकुलाईट (Vermiculite) |
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पर्लाइट (Perlite) |
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नीम तेल |
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स्प्रे पंप |
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वॉटर केन |
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शेड नेट |
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प्रूनर |
बारिश में लम्बे पौधों को दें सहारा – Support Tall Plants In Rainy Season In Hindi
मानसून की तेज हवाओं के दौरान टेरेस गार्डन में लगे पौधे अक्सर टूट जाते हैं या गिर जाते हैं। पौधों को तेज मानसूनी हवाओं का सामना करने के लिए सहारा देना जरूरी होता है। बेल वाले पौधों को सपोर्ट देने के लिए क्रीपर नेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। तथा कुछ पौधों को लकड़ी या रस्सी की मदद से भी सहारा दिया जा सकता है। इस तरह आप बरसात में पौधों को तेज हवाओं के कारण गिरने से बचा सकते हैं।
बरसात के मौसम में गार्डनिंग के लिए सही पौधे लगाएं – Planting Rainy Season Growing Plants In Home Garden In Hindi
मानसून के मौसम में सभी पौधे अच्छे से ग्रो नहीं होते हैं। कुछ पौधों को बढ़ने के लिए गर्म मौसम की आवश्यकता होती है, तो कुछ को ठंडे मौसम की आवश्यकता होती है। अतः मानसून में अच्छी तरह से ग्रो होने वाले पौधे लगाने से आप इस मौसम का अच्छे से फायदा उठा सकते हैं और अच्छे से गार्डनिंग कर सकते हैं।
(यह भी जानें: बारिश के मौसम में गार्डन में लगाए जाने वाले पौधे…)
निष्कर्ष – Conclusion
बरसात के मौसम में आसानी से गार्डनिंग करने की सभी आवश्यक टिप्स के बारे में इस आर्टिकल में बताया गया है। अगर आपको इनमें से कोई मददगार लगे या इनके बारे में कुछ सवाल हो तो कमेंट करके अवश्य बताएं।यदि आप गार्डनिंग के शौकीन है और गार्डनिंग के बारे में और जानना चाहते हैं तो आप organicbazar.net साईट विजिट कर सकते हैं।