घर पर पान का पौधा कैसे लगाएं – How To Grow Betel Leaf Plant At Home In Hindi

पान के पत्ते का पौधा एक जड़ी बूटी है, जो पिपेरेसी (Piperaceae) परिवार का सदस्य है। पान का वैज्ञानिक नाम पाइपर बेटले (Piper betle) है तथा इसे पाइपर सुपारी के नाम से भी जाना जाता है। पान आमतौर पर एक बहुमुखी सदाबहार बेल वाला पौधा है, जो लगभग 1-2 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है। पान (Betel leaf) के पत्ते में डिटॉक्सिफाइंग (Detoxifying) गुण होते हैं, तथा इसका उपयोग खाने व दवा के रूप में भी किया जाता है। घर पर पान के पत्ते का पौधा कब और कैसे लगाएं, कटिंग से पान के पौधे की बेल या लता कैसे उगाएं तथा पौधे की देखभाल कैसे करें, पान प्लांट लगाने की विधि और बेटल लीफ प्लांट केयर जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें। (Paan Plant In Hindi)

पान की बेल लगाने का सही समय – Best Time To Grow Betel Leaf Plant In Hindi

होम गार्डन में गमले या गार्डन की मिट्टी में हर्ब प्लांट पान के पत्ते को 10°C से अधिक तापमान पर साल के किसी भी महीने में लगाया जा सकता है। आप अपने आस-पास की जलवायु के अनुसार पान के पौधे को अत्यधिक ठण्ड या गर्मी में तेज धूप से बचाते हुए बरसात के समय और वसंत के मौसम में उगा सकते हैं। हालांकि, पान का पौधा आर्द्र और गर्म जलवायु में तेजी से ग्रो करता है।

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गमले या ग्रो बैग
पॉटिंग मिट्टी
गोबर खाद
वर्मीकम्पोस्ट
कोकोपीट
नीम तेल
स्प्रे पंप
वॉटर केन
शेड नेट
प्रूनर

पान का पौधा लगाने के लिए मिट्टी – Best Soil For Grow Betel Leaf Plant in Hindi

पान के पत्ते लगाने के लिए मिट्टी - Best Soil For Grow Betel Leaf Plant in Hindi

अच्छी जलधारण क्षमता व उचित जलनिकासी वाली थोड़ी अम्लीय रेतीली दोमट मिट्टी पान के पत्ते के पौधे उगाने के लिए सबसे अच्छी होती है। घर पर गमले की मिट्टी में पान की बेल या लता लगाने से पहले मिट्टी तैयार करते समय मिट्टी में जैविक खाद जैसे- वर्मीकम्पोस्ट, सड़ी हुई पुरानी गोबर खाद और प्रोम खाद, इत्यादि को मिलाना चाहिए, ताकि पान की लताओं को बढ़ने के लिए पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त हो सकें। पान की बेल लगाने के लिए अच्छी तरह से सूखी मिट्टी का उपयोग करें।

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पान की बेल लगाने के लिए गमले का साइज – Good Container Size To Grow Betel Leaf Plant In Hindi

पान के पौधे की जड़ों को अच्छी तरह विकसित होने के लिए घर पर पान के पौधे को बड़े आकार के गमले या ग्रो बैग में लगाना बेस्ट होता है आप इसे कम से कम 9 इंच गहराई के गमले या ग्रो बैग में लगाएं। पान की बेल उगाने के लिए आप निम्न आकार के गमले या ग्रो बैग का चयन कर सकते हैं:

आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी बड़े आकार का गमला या ग्रो बैग चुन सकते हैं।

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पान का पौधा घर पर गमले में कैसे लगाएं  – How To Grow Betel Leaf In Indoor Pot In Hindi

इनडोर गमले में पान की बेल कैसे उगाएं - How To Grow Betel Leaf In Indoor Pot In Hindi

पान के पत्ते के पौधे को आप घर पर गार्डन या इनडोर गमले की मिट्टी में कटिंग से आसानी से उगा सकते हैं। ऑर्गेनिक खाद युक्त रेतीली दोमट मिट्टी में पान की बेल या कटिंग को लगाना चाहिए। चूंकि, पान के पौधे रोजाना आंशिक धूप में उगना पसंद करते हैं, इसीलिए इनडोर गमले में पान के पत्ते लगाते समय गमले को किसी अप्रत्यक्ष प्रकाश वाली खिड़की या कम धूप वाले स्थान पर रखना चाहिए, इसके अलावा पान की बेल को तेज हवाओं से बचाया जाना चाहिए। आइये जानते हैं कटिंग या कलम से पान के पत्ते उगाने की विधि के बारे में।

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पान की बेल कटिंग से कैसे उगाएं – How To Grow Betel Leaf Plant From Cuttings In Hindi

गमले या गार्डन की मिट्टी में पान के पत्ते के पौधे बेल या लताओं के रूप में बढ़ते हैं, जिनको कलम या कटिंग से उगाना बहुत ही आसान है और इन्हें विकसित होने में भी कम समय लगता है। कटिंग से पान का पौधा लगाने के लिए निम्न तरीके अपनाएं, जैसे:

  • पान के एक स्वस्थ पौधे से लगभग 6-8 इंच लम्बी कलम काटें।
  • स्टेम कटिंग (stem cutting) के निचले हिस्से से पत्तियों को काटकर अलग कर दें। लेकिन ध्यान रखें कटिंग में लीफ नोड और कुछ पत्तियां होनी चाहिए।
  • अब कटिंग लगाने के लिए आप 2 विधि अपना सकते हैं, पहला कटिंग को सीधे गमले की मिट्टी में लगाएं, दूसरा कटिंग को पानी में ग्रो करना।

कटिंग को मिट्टी में लगाना – 

  • कटिंग को गमले या गार्डन की मिट्टी में लगाने के लिए सर्वप्रथम गमले में मिट्टी को भरें।
  • गमले में भरी मिट्टी को पर्याप्त पानी दें जिससे की मिट्टी अच्छी तरह से गीली हो जाए।
  • पानी देने के बाद कटिंग को लीफ नोड सहित मिट्टी में लगा दें, ध्यान रखें कटिंग का कम से कम एक लीफ नोड 1 इंच मिट्टी से ढका होना चाहिए।
  • पान की कटिंग मिट्टी में लगाने के बाद पान के पत्ते को बौछार के रूप में पानी दें और पर्याप्त नमीं बनाए रखने के लिए आप हल्की घास की मल्चिंग भी कर सकते हैं।
  • कटिंग लगाने के बाद दिन में 2-3 बार स्प्रे के रूप में पर्याप्त पानी दें जिससे की पौधा पर्याप्त रूप से गीला हो जाए।
  • इस तरह लगभग 10 से 20 दिनों में पान की कटिंग में जड़ें विकसित हो जाती हैं और पौधा हरा भरा दिखने लगता हैं।

कटिंग को पानी में ग्रो करना – 

  • पान की बेल को पानी में आप मनी प्लांट की तरह ग्रो कर सकते हैं।
  • स्टेम कटिंग (stem cutting) के निचले हिस्से से पत्तियों को अलग करने के बाद, पान की कलम को किसी पानी वाले जार में डुबो दें, जिससे कुछ ही दिनों में कटिंग में जड़ विकसित हो जाएंगी।
  • पानी में कलम लगाने के बाद इस बात का ध्यान रखें कि लीफ नोड पानी में पूर्ण तरीके से डूबी रहनी चाहिए, क्योंकि लीफ नोड से ही जड़ों का विकास होता हैं।
  • अब गमले की मिट्टी में विकसित जड़ वाली कटिंग को लगाएं और पानी दें, ताकि कलम अच्छी तरह स्थापित हो जाए।
  • अब कलम को अच्छे से बढ़ने के लिए पौधे लगी हुई गमले या गार्डन की मिट्टी को समान रूप से नम रखें। लगभग 4-6 हफ्ते में आपके लगाए हुए पान के पौधे बड़े हो जाएंगे।

नोट – पान की कटिंग को पानी में ग्रो करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, इसलिए पान की कलम या कटिंग को गमले या गार्डन की मिट्टी में लगाना उचित होता है।

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ऊपर आपने देखा कि, पान के पत्ते कटिंग से कैसे लगाते हैं और इन्हें उगाना कितना आसान है। लेकिन अच्छी ग्रोथ के लिए पान के पौधे की देखभाल करने की जरूरत होती है। आइये जानते हैं, बढ़ते पान की बेल या लता की देखभाल कैसे करना चाहिए।

पान के पौधे की देखभाल कैसे करें – Betel Leaf Plant Care At Home In Hindi

पान के पौधे की देखभाल कैसे करें - Betel Leaf Plant Care At Home In Hindi

होम गार्डन में बढ़ती हुई पान की बेल की उचित तरीके से देखभाल करने के लिए निम्न बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जो निम्न हैं।

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पानी – Water Requirement For Betel Leaf Plant In Hindi

पान के पौधे लगातार नम मिट्टी में उगना पसंद करते हैं, लेकिन जलभराव से पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं। अतः पौधों को उनकी आवश्यकता अनुसार ही पानी देना चाहिए। पान के पौधे लगे गमले की मिट्टी शुष्क नहीं होनी चाहिए, मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए आप पौधों के आस-पास मृदा (मिट्टी) में मल्चिंग भी कर सकते हैं। पौधा लगाने के बाद दिन में 2-3 बार फुहार के रूप में पानी दें, तथा मिट्टी को लगातार नम बनाए रखें। जब पान का पौधा 4-6 इंच का हो जाये तब आप आवश्यकतानुसार 1-2 बार पानी दे सकते हैं। चूँकि पान की बेल बारहमासी होती हैं, अतः गर्मियों के समय पौधे को अधिक पानी दें तथा मिट्टी को सूखने न दें।

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धूप – Sunlight To Grow Betel Leaf Plant In Hindi

पान लीफ के पौधे आंशिक धूप में अच्छी तरह पनपते हैं, इसीलिए घर पर इन पौधों को किसी ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए, जहाँ इन्हें अप्रत्यक्ष धूप मिल सके। पान के पौधे डायरेक्ट सनलाइट में अच्छी तरह नहीं पनप पाते और कई बार तो पौधे तेज धूप से नष्ट भी हो जाते हैं। अत्यधिक गर्मी के समय तेज धूप से पान के पौधों को बचाने के लिए दोपहर की छाया देना सुनिश्चित करें। पान के पौधों को छाया देने के लिए आप शेड नेट का उपयोग कर सकते हैं।

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तापमान – Betel Leaf Plant Growing Temperature In Hindi

पान की बेल 10°C-35°C के बीच के तापमान में अच्छी तरह से बढ़ सकती है, लेकिन ये पौधे अत्यधिक ठण्ड और गर्मी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसीलिए अधिक ठण्ड होने पर गमले में लगे पान के पौधों को घर के अन्दर ले जाना चाहिए तथा अधिक गर्मी व तेज धूप से पान के पौधों को बचाने के लिए किसी छायादार स्थान पर रखना चाहिए। पान के पौधे को अधिक ठंड और पाले से बचाने के लिए उचित उपाय अपनाएं।

खाद – Homemade Fertilizer For Betel Leaf Plant In Hindi

खाद - Homemade Fertilizer For Betel Leaf Plant In Hindi

पान के पौधों को मुख्य रूप से इसके पत्तों के लिए उगाया जाता है तथा इसे अच्छी तरह बढ़ने के लिए नाइट्रोजन युक्त जैविक खाद की जरूरत होती है। पान की बेल को नियमित रूप से जैविक खाद देना चाहिए, जैविक खाद और उर्वरक के रूप में आप पान के पौधों को वर्मीकम्पोस्ट, गोबर खाद, नीम केक, मस्टर्ड केक तथा प्रोम खाद, इत्यादि दे सकते हैं। 1 महीने के अंतराल से आप खाद को तरल या पाउडर के रूप में पान लगे गमले की मिट्टी में मिला सकते हैं।

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कीट तथा रोग – Prevent Betel Leaf Plants From Pests And Diseases In Hindi

लीफ रोट (leaf rot), लीफ स्पॉट (leaf spot) और पाउडरी मिल्ड्यू (powdery mildew) आदि पान के पत्ते के मुख्य रोग हैं, इन रोगों से पान के पौधों को बचाने तथा पान के पत्ते में लगने वाले कीट नियंत्रण के लिए आप पौधों पर जैविक कीटनाशकों जैसे- नीम तेल, सरसों तेल, कीटनाशक साबुन और होममेड पेस्टीसाइड इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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पान प्लांट की प्रूनिंग – Betel Leaf Plant Pruning In Garden In Hindi

बेटल लीफ अर्थात् पान की पत्तियों को तोड़ने (प्रून करने) से नई वृद्धि, मीठी और कोमल पत्तियों को बढ़ावा मिलता है। प्रूनिंग अर्थात् कटाई छंटाई पौधे को कीट तथा किसी भी प्रकार के रोग से भी सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है, इसीलिए पीली व मुरझाई पत्तियों को हटाने और पान की बेल को स्वस्थ बढ़ने के लिए आप इसे प्रून कर सकते हैं। शुरुआती वृद्धि के दौरान जब तक पौधा 2-3 फीट का नहीं हो जाता तब तक किसी भी प्रकार के सकर्स को न बढ़ने दें।

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पान के पत्ते कब तोड़े – When To Harvest Betel Leaves At Home In Hindi

पान के पत्ते कब तोड़े - When To Harvest Betel Leaves At Home In Hindi

गमले या ग्रो बैग्स में कटिंग से पान के पौधे लगाने के बाद उचित देखभाल मिलने पर लगभग 3-4 महीनों में पान की बेल से पत्ते तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। पान के पौधे एक बार अच्छी तरह स्थापित होने के बाद लगातार कई साल या कम से कम 3 सालों तक आपको इनकी पत्तियों का इस्तेमाल करने को मिल जाएगा। इसके अलावा पान की बेल को 3-4 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद आप पत्तियों को तोड़ सकते हैं।

पान के पत्ते के पौधे को कटिंग से बड़ी ही आसानी से लगाया जा सकता है, इन टिप्स को अपनाकर आप भी अपने होम गार्डन में या इनडोर गमले में पान के पत्ते का पौधा उगा सकते हैं। पान की बेल की उचित तरीके से देखभाल कर आप जल्दी ही इसकी ताज़ी पत्तियों का इस्तेमाल खाने के लिए कर सकते हैं। गार्डनिंग से रिलेटेड महत्वपूर्ण लेख पढ़ने के लिए Organicbazar.net पेज पर जाएं। इस आर्टिकल से संबंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हैं, हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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