Sardi Aur Garmi Me Khad Dene Ke Niyam In Hindi: पौधों को मजबूत, हरा-भरा और लगातार बढ़ते हुए रखने का सबसे बड़ा रहस्य सही खाद देना है। लेकिन हर मौसम की अपनी जरूरत होती है। सर्दियों में पौधों की बढ़वार धीमी हो जाती है, इसलिए यह जानना जरूरी है कि सर्दी में कौन सी खाद का उपयोग करें, ताकि पौधों को हल्का और संतुलित पोषण मिल सके। वहीं गर्मियों में तेज धूप और अधिक वृद्धि के कारण पौधों को ज्यादा ताकत की जरूरत होती है, ऐसे में यह सवाल आम है कि गर्मी में कौन सी खाद डालनी चाहिए। इसी वजह से सर्दी और गर्मी में खाद देने के नियम अलग-अलग होते हैं।
इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि सर्दियों में किस तरह की खाद पौधों के लिए सही रहती है, गर्मियों में कौन-से पोषक तत्व सबसे अधिक असरदार होते हैं, और कैसे एक सही मौसमी खाद शेड्यूल बनाकर आप अपने गार्डन को पूरे साल स्वस्थ, हरा-भरा और खिलता हुआ रख सकते हैं।
सर्दियों में खाद देने के जरूरी नियम – Essential Fertilizer Rules In Winter In Hindi
ठंड यानि सर्दियों में पौधों की ग्रोथ धीमी होती है, इसलिए खाद देने के तरीके और मात्रा का सही पालन करना बेहद जरूरी है ताकि पौधे स्वस्थ और हरे-भरे बने रहें। इसके लिए आप ये उपाय आजमा सकते हैं, जैसे-
1. हल्की और धीमी असर वाली खाद चुनें – Use Light and Slow Release Fertilizers in Hindi
सर्दियों में पौधों की ग्रोथ बहुत धीमी हो जाती है, इसलिए उन्हें हल्की और धीरे-धीरे असर करने वाली खाद ही दी जानी चाहिए। वर्मी-कंपोस्ट, पत्तों की खाद और गोबर खाद इस मौसम के लिए सबसे सुरक्षित रहती हैं। तेज़ असर वाली या केमिकल खादें जड़ों को ठंड में नुकसान पहुँचा सकती हैं क्योंकि पौधा ठंड के कारण पोषक तत्व तुरंत अवशोषित नहीं कर पाता। हल्की खाद देने का फायदा यह होता है कि पौधों को बिना किसी तनाव के ज़रूरी पोषण मिलता रहता है और उनकी जड़ें स्वस्थ बनी रहती हैं, जिससे पूरा पौधा मजबूत रहता है।
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2. नाइट्रोजन की मात्रा कम रखें – Limit Nitrogen During Winter in Hindi
ठंड में नाइट्रोजन अधिक मात्रा में देने से पौधे नरम और कमजोर हो जाते हैं। ठंड के मौसम में नई पत्तियाँ आसानी से झुलस जाती हैं, इसलिए नाइट्रोजन कम मात्रा में देना ही सुरक्षित होता है। नाइट्रोजन की अधिकता से पौधे तेजी से कोमल ग्रोथ निकालते हैं, जो सर्द हवा और पाले का सामना नहीं कर पाती। सर्दियों में नाइट्रोजन-युक्त खाद की जगह संतुलित ऑर्गेनिक खाद दें, जो धीरे-धीरे असर करती है। इससे पौधा तापमान के अनुसार एडजस्ट रहता है और कमजोर होने का खतरा कम होता है।
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3. तरल खाद की मात्रा सीमित करें – Reduce Liquid Fertilizer Usage in Hindi
सर्दियों में पौधे पानी बहुत कम लेते हैं, इसलिए तरल खाद का उपयोग सीमित मात्रा में करें। अधिक तरल खाद देने से मिट्टी में अधिक नमी जमा हो जाती है, जिससे जड़ सड़ सकती है। इस मौसम में महीने में केवल एक बार हल्की मात्रा में लिक्विड फीड देना काफी होता है। तरल खाद देने का समय भी सुबह रखें ताकि मिट्टी दिन में थोड़ा गर्म हो सके। तरल खाद का ज़्यादा उपयोग पौधों को नुकसान पहुँचा सकता है; इसलिए सर्दियों में केवल सूखी और संतुलित खाद ज्यादा उपयुक्त रहती है।
4. सूखी खाद का इस्तेमाल अधिक करें – Prefer Dry Organic Fertilizers in Hindi
सर्दी के मौसम में सूखी खादें जैसे वर्मी-कंपोस्ट, नीम की खली, बोनमील आदि सबसे अच्छी रहती हैं क्योंकि इनका असर धीरे-धीरे पड़ता है और पौधे पर कोई झटका नहीं आता। सूखी खाद मिट्टी में नमी संतुलित रखती है और धीरे-धीरे घुलकर पौधे को लंबे समय तक पोषण देती है। यह उन पौधों के लिए भी सुरक्षित रहती है जो ठंड में डॉर्मेंट हो जाते हैं। सूखी खाद जड़ों को गर्माहट देने में भी मदद करती है क्योंकि यह मिट्टी की संरचना सुधारती है और नमी को लंबे समय तक रोके रखती है।
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5. हर पौधे की जरूरत समझें – Understand Plant-Specific Needs in Hindi
विंटर में सभी पौधों को समान मात्रा या प्रकार की खाद नहीं चाहिए होती। जैसे कैक्टस और सक्युलेंट बहुत कम खाद मांगते हैं, जबकि फूलदार पौधों को हल्की लेकिन नियमित खाद की जरूरत पड़ती है। पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी और धनिया सर्दियों में अच्छी ग्रोथ करती हैं, इसलिए उन्हें थोड़ी अधिक कंपोस्ट की आवश्यकता होती है। इसलिए हर पौधे की प्रजाति, उसकी ग्रोथ स्टेज और मिट्टी की स्थिति को देखकर खाद देना सबसे समझदारी भरा तरीका है।
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गर्मियों में खाद देने के अलग और यूनिक नियम – Unique And Different Fertilizer Rules For Summer In Hindi
गर्मियों में तेज़ धूप और उच्च तापमान के कारण पौधों की खाद की जरूरत अलग होती है, इसलिए हल्की मात्रा में नमी-संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर खाद देना जरूरी है।
1. गर्मियों में पोटाश की मात्रा बढ़ाएँ – Increase Potash Content in Summer in Hindi
गर्मी के मौसम में पोटाश पौधों के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व बन जाता है। पोटाश पौधों को गर्म हवाओं और तेज धूप से बचाता है, जड़ों को मजबूत करता है और पत्तियों में नमी बनाए रखता है। यदि मिट्टी में पोटाश की कमी हो जाए तो पौधा जल्दी मुरझाता है और पत्तियाँ पीली होने लगती हैं। गर्मियों में आप केला छिलका खाद, लकड़ी की राख या पोटाश-युक्त ऑर्गेनिक मिश्रण दे सकते हैं। इससे पौधे स्वस्थ, मजबूत और गर्मी सहन करने में सक्षम बनते हैं।
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2. फास्फोरस से जड़ों को मजबूत करें – Use Phosphorus for Better Root Strength in Hindi
समर में जड़ों को मजबूत पोषण की आवश्यकता होती है ताकि वे मिट्टी की नमी और खाद को बेहतर तरीके से पकड़ सकें। फास्फोरस जड़ों को गहराई तक बढ़ने में मदद करता है और पौधे को गर्मी के झटके से बचाता है। यदि जड़ें कमजोर हों तो पौधा बहुत जल्दी मुरझाता है। इसलिए गर्मियों में बोनमील, रॉक फॉस्फेट या जैविक पीके मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं। इससे जड़ें अधिक स्वस्थ बनती हैं और पौधे की ग्रोथ स्थिर रहती है।
3. दोपहर में खाद बिल्कुल न दें – Avoid Fertilizing During Hot Noon in Hindi
तेज धूप में खाद देने से पौधों पर “फर्टिलाइज़र बर्न” का खतरा बढ़ जाता है। यदि इस समय खाद दी जाए तो पत्तियाँ झुलस सकती हैं और जड़ें भी कमजोर पड़ सकती हैं। इसलिए गर्मियों में सुबह 7–10 बजे या शाम 5 बजे के बाद ही खाद देना सुरक्षित माना जाता है। इस समय तापमान संतुलित होता है, जिससे पौधे बिना तनाव के पोषक तत्व ग्रहण करते हैं और उनकी ग्रोथ स्थिर बनी रहती है।
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4. लिक्विड फीडिंग को प्राथमिकता दें – Prefer Liquid Feeding in Summer in Hindi
गर्मी में ठोस खाद की तुलना में तरल खाद ज्यादा प्रभावी रहती है क्योंकि पौधे इसे तुरंत अवशोषित कर लेते हैं। तरल खाद से पौधे चंद घंटों में ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं और पत्तियाँ तुरंत ताज़ा दिखने लगती हैं। लिक्विड कंपोस्ट टी, ह्यूमिक एसिड घोल और फिश-एमिनो जैसे घोल गर्मियों में पौधों को तुरंत राहत देते हैं। इसे सप्ताह में एक बार हल्की मात्रा में देने से पौधे गर्मी से नहीं झुलसते और उनकी ग्रोथ नियंत्रित रहती है।
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5. गर्मियों में सूक्ष्म पोषक तत्व ज़रूर दें – Add Micronutrients in Summer in Hindi
गर्मियों में पौधों में जिंक, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम की कमी जल्दी दिखाई देती है। इस वजह से पत्तियाँ पीली होना, नसें हल्की दिखना और नई ग्रोथ कमजोर होना आम समस्या है। इसलिए गर्मियों में माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स का सप्लीमेंट देना बहुत जरूरी है। आप समुद्री शैवाल घोल, एप्सम सॉल्ट या माइक्रो-न्यूट्रिएंट मिक्स दे सकते हैं। इससे पौधे गर्मी में सक्रिय रहते हैं और पत्तियाँ भी ज्यादा चमकदार व स्वस्थ दिखती हैं।
निष्कर्ष:
सर्दियों और गर्मियों दोनों मौसमों में पौधों की खाद जरूरतें अलग होती हैं, इसलिए एक मौसमी फर्टिलाइज़र शेड्यूल अपनाना बेहद ज़रूरी है। सर्दियों में पौधे धीमी ग्रोथ मोड में रहते हैं; उन्हें हल्की, कम मात्रा वाली और धीरे-धीरे असर दिखाने वाली ऑर्गेनिक खाद चाहिए, जिससे उनकी जड़ों पर बोझ न पड़े। वहीं गर्मियों में तेज धूप, गर्म हवाएँ और पानी की तेज़ कमी पौधों से ज़्यादा ऊर्जा मांगती हैं; इसलिए उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर, नमी-संतुलित खाद और लगातार मॉइश्चर मैनेजमेंट चाहिए।
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