इतने तरह के होते हैं फर्टिलाइजर, जानिए यूज करने का तरीका और फायदे – Types Of Fertilizers, Use And Benefits In Hindi

Fertilizer Types And Benefits In Hindi: पौधों की अच्छी ग्रोथ और हेल्दी डेवलपमेंट के लिए सही तरह के फर्टिलाइजर का इस्तेमाल बेहद जरूरी होता है। जब हम किसी भी प्लांट को ग्रो करते हैं, तो उसकी सॉयल में सभी न्यूट्रिएंट्स पर्याप्त मात्रा में नहीं होते, जिससे उसकी हेल्दी ग्रोथ रुक सकती है। ऐसे में अलग-अलग तरह के फर्टिलाइजर (Types Of Fertilizer In Hindi) जैसे ऑर्गेनिक, इनऑर्गेनिक और बायोफर्टिलाइजर प्लांट की न्यूट्रिशन जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं। इस आर्टिकल में हम, उर्वरक (Fertilizer) के प्रकार, फर्टिलाइजर का उपयोग कैसे करें (Fertilizer Uses In Hindi) और फर्टिलाइजर के फायदे समझेंगे ताकि आप अपने प्लांट की ग्रोथ और सॉयल हेल्थ को मेंटेन रख सकें।

फर्टिलाइजर कितने प्रकार के होते हैं? – How many types of fertilizers are there in Hindi

फर्टिलाइजर कितने प्रकार के होते हैं? - How many types of fertilizers are there in Hindi

फर्टिलाइजर पौधों को जरूरी न्यूट्रिशन देकर मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखते हैं। लेकिन फर्टिलाइजर भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं, और हर प्रकार का अपना अलग महत्व और उपयोग होता है, आइए जानते हैं फर्टिलाइजर के प्रकार

1. नाइट्रोजन फर्टिलाइजर – Nitrogen Fertilizer in Hindi

गार्डन में घास, पत्तेदार सब्जियां और प्लांट की हरी ग्रोथ बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन फर्टिलाइजर जरूरी होते हैं। यह पौधों में क्लोरोफिल बनने में मदद करते हैं जिससे प्लांट की पत्तियां गहरी हरी और स्वस्थ रहती हैं। अगर आपके लॉन की घास पीली पड़ रही है या ग्रोथ धीमी है, तो यूरिया या अमोनियम सल्फेट का हल्का स्प्रे या मिट्टी में मिक्स करके डाल सकते हैं। यह सर्दियों में भी घास की हरी ग्रोथ बनाए रखने में मदद करता है।

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2. फॉस्फोरस फर्टिलाइजर – Phosphorus Fertilizer in Hindi

पौधों की रूट डेवलपमेंट, फ्लावरिंग और फ्रूट सेट के लिए फॉस्फोरस फर्टिलाइजर बहुत जरूरी हैं। गार्डन में जब आप नए पौधे लगाते हैं, उस समय सॉयल में DAP या बोन मील जैसी फॉस्फोरस युक्त खाद डाल सकते हैं ताकि पौधों की जड़ें मजबूत बनें और जल्दी ग्रोथ हो। फॉस्फोरस फ्लावरिंग प्लांट में फूलों की संख्या बढ़ाने में भी मदद करता है।

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3. पोटाश फर्टिलाइजर – Potash Fertilizer in Hindi

फूलों और फलों की क्वालिटी, रंग और स्वाद को बेहतर बनाने के लिए पोटाश फर्टिलाइजर का उपयोग किया जाता है। यह पौधों में पानी को नियंत्रित करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है। यदि आपके गार्डन में फ्लावरिंग प्लांट या फ्रूटिंग प्लांट जैसे गुलाब, टमाटर, मिर्च आदि हैं तो म्यूरेट ऑफ पोटाश या सल्फेट ऑफ पोटाश का हल्का प्रयोग कर सकते हैं जिससे फूल लंबे समय तक टिके और फल अच्छे बनें।

4. ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर – Organic Fertilizer in Hindi

गार्डनिंग में ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का इस्तेमाल सॉयल हेल्थ को बेहतर बनाए रखने और पौधों को नेचुरल न्यूट्रिशन देने के लिए किया जाता है। गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट, घर का किचन वेस्ट कंपोस्ट या बोन मील जैसी ऑर्गेनिक खाद पौधों में धीरे-धीरे न्यूट्रिशन रिलीज करती हैं। यह मिट्टी की नमी बनाए रखते हैं और माइक्रोबियल एक्टिविटी बढ़ाते हैं। इसके नियमित उपयोग से पौधों में फ्लावरिंग बेहतर होती है और मिट्टी लंबे समय तक उपजाऊ बनी रहती है।

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5. लिक्विड फर्टिलाइजर – Liquid Fertilizer in Hindi

गार्डनिंग में तुरंत असर के लिए लिक्विड फर्टिलाइजर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। यह पानी में घोलकर पौधों की जड़ों में डाल सकते हैं या पत्तों पर स्प्रे कर सकते हैं। लिक्विड फर्टिलाइजर जैसे लिक्विड कंपोस्ट टी, फिश इमल्शन और सीवीड एक्सट्रैक्ट पौधों में ग्रोथ को तेजी से बढ़ाते हैं और फूल-फल को भी बेहतर बनाते हैं।

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6. माइक्रो न्यूट्रिएंट फर्टिलाइजर – Micronutrient Fertilizer in Hindi

गार्डनिंग में कई बार पत्तियों में पीलापन, फ्लावर ड्रॉप या स्लो ग्रोथ माइक्रो न्यूट्रिएंट की कमी के कारण होती है। इसके लिए जिंक, आयरन, बोरॉन जैसे सूक्ष्म तत्व वाले फर्टिलाइजर का प्रयोग कर सकते हैं। यह पौधों की इम्युनिटी बढ़ाते हैं और हेल्दी ग्रोथ में मदद करते हैं।

फर्टिलाइजर को प्लांट में यूज करने का तरीका – How to use fertilizer for plants in Hindi

फर्टिलाइजर को प्लांट में यूज करने का तरीका - How to use fertilizer for plants in Hindi

फर्टिलाइजर प्लांट की हेल्दी ग्रोथ, फ्लावरिंग और फ्रूटिंग के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन इनका सही तरीके से उपयोग करना बेहद जरूरी है ताकि पौधों को पूरा न्यूट्रिशन मिले और नुकसान न हो। आप अपने गार्डन में fertilizer ka upyog निम्न प्रकार कर सकते हैं-

1. फर्टिलाइजर डालने से पहले मिट्टी की नमी चेक करें – Check soil moisture before applying fertilizer in Hindi

  • फर्टिलाइजर देने से पहले मिट्टी हल्की गीली होनी चाहिए।
  • बहुत सूखी मिट्टी में फर्टिलाइजर देने से पौधों की जड़ें जल सकती हैं।
  • बारिश के बाद या पानी देने के अगले दिन फर्टिलाइजर देना सही रहता है।

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2. सही मात्रा का ध्यान रखें – Use the right amount in Hindi

  • फर्टिलाइजर हमेशा पौधों की जरूरत और पैक पर दिए गए निर्देश के अनुसार दें।
  • ज्यादा मात्रा देने से पौधों की जड़ें जल सकती हैं और पत्तियां पीली पड़ सकती हैं।
  • छोटे गमले में कम मात्रा और बड़े गमले/बेड में ज्यादा मात्रा दें।

3. खाद सही तरीके से दें – Apply in the correct way in Hindi

  1. ग्रेन्युलर फर्टिलाइजर (दानेदार खाद): पौधे के तने से थोड़ी दूरी पर गोलाई में मिट्टी में हल्का सा गड्ढा बनाकर डालें। मिट्टी से कवर कर दें और पानी दें।
  2. लिक्विड फर्टिलाइजर: पानी में घोलकर सीधे पौधों की जड़ों में डाल सकते हैं। पत्तों पर स्प्रे के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है, लेकिन शाम या सुबह का समय चुनें।

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4. फर्टिलाइजर देने का सही समय – Give fertilizer at the right time in Hindi

  • ग्रोथ सीजन (जैसे गर्मियों में) में हर 15-20 दिन में हल्का फर्टिलाइजर दे सकते हैं।
  • फ्लावरिंग सीजन में पोटाश और फॉस्फोरस वाले फर्टिलाइजर देना फायदेमंद रहता है।
  • बरसात के मौसम में बारिश के समय फर्टिलाइजर देने से बचें, क्योंकि यह बह सकता है। जब बारिश ना हो और मौसम साफ़ हो तब गार्डन के पौधों में फर्टिलाइजर डालें.

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5. ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का उपयोग – Use organic fertilizer in Hindi

  • महीने में एक बार वर्मी कंपोस्ट, गोबर खाद या कंपोस्ट गमलों में ऊपरी सतह पर डालें।
  • यह धीरे-धीरे पौधों को न्यूट्रिशन देता है और मिट्टी की हेल्थ को भी सुधारता है।
  • ऑर्गेनिक लिक्विड फर्टिलाइजर जैसे कंपोस्ट टी, फिश इमल्शन को पानी में घोलकर हफ्ते में एक बार दे सकते हैं।

गार्डनिंग में फर्टिलाइजर के फायदे – Benefits of fertilizers in gardening in Hindi

गार्डनिंग में अलग-अलग फर्टिलाइजर या उर्वरक का उपयोग करने से पौधों को कई सारे लाभ होते हैं। आप पौधों की आवश्यकता अनुसार उर्वरक दे सकते हैं। चलिए जानते हैं कि, पौधों को उर्वरक से क्या लाभ (fertilizer ke benefits) होते हैं।

1. पौधों की तेजी से ग्रोथ

फर्टिलाइजर प्लांट को जरूरी न्यूट्रिशन देकर उनकी ग्रोथ तेजी से बढ़ाते हैं। इससे पत्ते हरे, घने और मजबूत बनते हैं। गार्डन में घास, पत्तेदार सब्जियां और फूलों वाले पौधे जल्दी बड़े होते हैं और अच्छे दिखते हैं।

2. फ्लावरिंग और फ्रूटिंग में वृद्धि

फॉस्फोरस और पोटाश वाले फर्टिलाइजर से पौधों में ज्यादा और लंबे समय तक फूल आते हैं। फल वाले पौधों में अच्छी क्वालिटी और साइज के फल बनते हैं। इससे गार्डन में ज्यादा फूल खिलते हैं और फलदार पौधों की पैदावार बढ़ती है।

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3. पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना

फर्टिलाइजर पौधों की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे पौधे बीमारियों और कीटों के हमले को झेल पाते हैं और लंबे समय तक हेल्दी रहते हैं। पोटाश युक्त खाद पौधों में सूखे और गर्मी का सामना करने की ताकत बढ़ाती है।

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4. मिट्टी की हेल्थ में सुधार

ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का उपयोग करने से मिट्टी में कार्बन की मात्रा बढ़ती है, जिससे मिट्टी की भुरभुरी बनावट और पानी रोकने की क्षमता में सुधार होता है। वर्मी कंपोस्ट और गोबर की खाद मिट्टी में माइक्रोब्स की संख्या बढ़ाते हैं, जिससे मिट्टी लंबे समय तक उपजाऊ रहती है।

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5. पौधों में रंग और स्वाद सुधारना

फर्टिलाइजर का उपयोग करने से फूलों का रंग चमकीला और ताजा रहता है, वहीं फलों और सब्जियों का स्वाद और मिठास बढ़ती है। पोटाश फर्टिलाइजर खासतौर पर फलों और फूलों की क्वालिटी सुधारने में मदद करता है।

6. समय और मेहनत की बचत

मिक्स्ड और लिक्विड फर्टिलाइजर का उपयोग करने से पौधों को एक साथ सभी जरूरी न्यूट्रिशन मिल जाते हैं। इससे बार-बार अलग-अलग खाद डालने की जरूरत नहीं रहती और गार्डनिंग में समय और मेहनत की बचत होती है।

निष्कर्ष

फर्टिलाइजर का सही उपयोग गार्डन में प्लांट की ग्रोथ, फ्लावरिंग और फ्रूटिंग को बढ़ाता है। यह पौधों को जरूरी न्यूट्रिशन देकर उन्हें हेल्दी और हरा-भरा बनाए रखता है। ऑर्गेनिक और केमिकल फर्टिलाइजर का संतुलित उपयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करता है।

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