कम्पेनियन गार्डनिंग कैसे करें, जानें 5 प्रमुख टिप्स – Top 5 Secret For Successful Companion Gardening In Hindi

अगर आप अपने होम गार्डन में कम्पेनियन प्लांटिंग शुरू करना चाहते हैं, तो आप इस आर्टिकल में दी गयी टिप्स और टेक्निक का सहारा ले सकते हैं। गार्डन में पौधे लगाने पर कई बार उनमें कीट लग जाते हैं, जिसके कारण पौधे अच्छे से ग्रोथ नहीं कर पाते हैं, और गार्डनर्स को बहुत निराशा होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि कुछ पौधों को कॉम्बिनेशन में लगाने से सभी पौधों की ग्रोथ बहुत अच्छे से होती है, पौधों को साथ-साथ उगाने की इस प्रक्रिया को साथी रोपण या कम्पेनियन प्लांटिंग कहा जाता है। यह माना जाता है कि कुछ पौधों को एक-दूसरे के करीब उगाने से कीटों को रोकने, ग्रोथ को बढ़ावा देने और यहां तक ​​कि स्वाद में सुधार करने में भी मदद मिल सकती है, इसके विपरीत कुछ अन्य पौधों को एक-दूसरे के नजदीक लगाने से वह एक दूसरे की ग्रोथ को रोक सकते हैं।

इस लेख में आप जानेंगे कि कम्पेनियन प्लांटिंग क्या है, किन पौधों को एक साथ लगाना चाहिए और किन पौधों को एक दूसरे के साथ नहीं लगाना है? एक अच्छा कम्पेनियन गार्डन कैसे तैयार करें, कम्पेनियन पौधे लगाने की टिप्स जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

कम्पेनियन प्लांटिंग क्या है – What is Companion Planting In Hindi

जब गार्डन में कई अलग-अलग पौधों को एक-दूसरे के फायदे के लिए एक साथ उगाया जाता है, तो इसे ही कम्पेनियन प्लांटिंग या साथी रोपण कहा जाता है। इस तरह पौधे उगाने से कई फायदे होते हैं, जैसे हानिकारक कीटों का कम होना, लाभकारी कीटों और पोलीनेटर्स आकर्षित होना, गार्डन वैरायटी से भरा और ब्यूटीफुल दिखना आदि। कम्पेनियन गार्डनिंग का सबसे अच्छा उदहारण- थ्री सिस्टर्स प्लांटिंग (Three sisters companion planting) है, जिसमें बीन्स, मकई और स्कैश प्लांट को एक साथ उगाया जाता है, जो खरपतवार और कीटों को रोकते हैं, मिट्टी में सुधार करते हैं, और एक दूसरे को बढ़ने के लिए सपोर्ट करते हैं।

(यह भी जानें: कम्पेनियन प्लांटिंग वेजिटेबल चार्ट…)

सफलतापूर्वक कम्पेनियन गार्डन तैयार करने की 5 प्रमुख टिप्स – 5 Tips For Successful Companion Planting In Hindi

यदि आप जानना चाहते हैं कि सफलतापूर्वक कम्पेनियन प्लांटिंग करने का तरीका क्या है, (how to do companion planting) तो हम आपको आगे 5 प्रमुख टिप्स के बारे में बताने जा रहें हैं, जिनको जानकर आप आसानी से एक कम्पेनियन गार्डन तैयार कर सकते हैं।

  1. जानें किन पौधों को एक साथ नहीं लगाना चाहिए।
  2. गार्डन में लाभकारी कीड़ों (पोलीनेटर्स) को आकर्षित करने वाले साथी पौधे लगायें।
  3. लम्बे पौधों के साथ छाया पसंद करने वाले छोटे पौधों को लगाएं।
  4. ऐसे पौधे लगायें जो हार्मफुल कीटों को गार्डन से दूर रखते हों।
  5. कम्पेनियन गार्डनिंग में ट्रैप क्रॉप मेथड अपनाएं।

भूलकर भी एक साथ न लगाएं यह पौधे – Plants That Should Not Be Planted Together In Hindi

कम्पेनियन गार्डन तैयार करने के लिए यह बात जानना काफी जरूरी है, कि किन पौधों को एक-दूसरे के साथ बिल्कुल भी नहीं लगाना चाहिए और क्यों? आइये जानते हैं एक साथ न लगाये जाने वाले पौधों के बारे में:

  1. जो पौधे एक जैसे कीटों और रोगों से प्रभावित होते हैं, उन्हें एक साथ नहीं लगाना चाहिए। उदाहरण के लिए टमाटर, कॉर्न और आलू को एक साथ नहीं लगाया जाता है, क्योंकि टमाटर का पौधा हॉर्नवॉर्म और इयरवॉर्म जैसे हार्मफुल कीटों को अट्रैक्ट करता है जो मकई और आलू पर भी हमला करते हैं, इसीलिए रोगों से बचाव के लिए इन पौधों की कम्पेनियन प्लांटिंग नहीं की जाती है।
  2. जिन पौधों को ग्रोथ करने के लिए अलग-अलग पानी और प्रकाश की मात्रा की जरूरत होती है, उनको एक साथ नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि ऐसे पौधे एक दूसरे की ग्रोथ में रूकावट का कारण बनते हैं।
  3. हैवी फीडर पौधों को भी एक साथ नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि ये पौधे एक-दूसरे से पानी और पोषक तत्वों के लिए कॉम्पीटीशन करते हैं। उदाहरण के लिए आलू के साथ खीरा और मेलन को नहीं लगाया जाता है।

यह कम्पेनियन पौधे करते हैं पोलिनेटर्स को अट्रैक्ट – Companion Planting To Attract Pollinators In Home Garden In Hindi

आइये जानते हैं एक साथ पौधे लगाने की कम्पेनियन प्लांटिंग विधि से, गार्डन में अधिक लाभकारी कीड़े और पोलिनेटर कैसे आकर्षित होते हैं:

  1. सबसे पहली बात तो यह कि यदि आप कम्पेनियन प्लांट लगाकर पोलिनेटर्स को आकर्षित करना चाहते हैं, तो पौधों पर किसी भी पेस्टीसाइड का उपयोग न करें, क्योंकि इससे हानिकारक कीटों के साथ-साथ लाभकारी कीट भी नष्ट हो जाते हैं।
  2. साथी रोपण के दौरान ऐसे पौधों को अपने गार्डन में लगायें, जो अधिक से अधिक लाभकारी कीट और पोलीनेटर्स जैसे मधुमक्खी, भंवरा आदि को अट्रैक्ट करें। एलिसम, तुलसी, बोरेज, धनिया, डिल, लैवेंडर, मैरीगोल्ड, पुदीना, आदि पोलीनेटर फ्रेंडली पौधे हैं।
  3. फूल लगाते समय बगीचे में एक पंखुड़ी वाले फूल भी लगायें। एकल-पंखुड़ी वाले फूल (single petal flower) अधिक मधुमक्खियों को आकर्षित करने के लिए जाने जाते हैं, क्योंकि अन्य पौधों की तुलना में उनमें अधिक परागण होते हैं।
  4. गार्डन में ऐसे पौधे लगाना जो नीले, बैंगनी, गुलाबी, सफेद या पीले रंग के हों। यह रंग, नारंगी या लाल फूलों की तुलना में अधिक मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं, इसलिए एक अलग फूलों की क्यारी लगाएं, जिसमें केवल इन्हीं रंगों के फूल हों।
  5. एक महत्वपूर्ण ध्यान रखने योग्य बात यह है, कि आपके बगीचे में पोलीनेटर्स को आकर्षित करने वाले फूल या हर्ब्स के पौधे साल भर लगे रहें। यदि आपके गार्डन में वर्ष के एक ही समय पर ये पौधे लगे होंगे, तो गार्डन में केवल उतने ही समय के लिए मधुमक्खियां होंगी।
  6. कम्पेनियन प्लांटिंग में फूलों के पौधों के साथ-साथ कुछ फल और सब्जियों के पौधे लगाना भी एक अच्छा विचार है। फल देने वाले पौधे जैसे ब्लैकबेरी, खरबूज, स्ट्रॉबेरी और तरबूज मधुमक्खियों को आकर्षित करने में बहुत अच्छे होते हैं। फलों और सब्जियों के साथ-साथ कुछ जड़ी-बूटियाँ भी लगाने की कोशिश करें।

(यह भी जानें: मधुमक्खियों को आकर्षित करने के लिए लगाएं, यह पौधे…)

लम्बे पौधों के साथ लगाए छाया पसंद करने वाले छोटे पौधे – Planting Shade-Loving Short Plants With Tall Plants In Garden In Hindi

साथी रोपण (कम्पेनियन प्लांटिंग) में लम्बे पौधों को उन छोटे पौधों के साथ लगायें, जिनको ग्रोथ करने के लिए आंशिक छाया या सपोर्ट की आवश्यकता होती है। लंबे पौधे, धूप के प्रति संवेदनशील छोटे पौधों के लिए छाया प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए आप भिन्डी, कॉर्न, अम्रंथ जैसे लम्बे सहारा देने वाले पौधों के साथ पोल बीन्स, चेरी टमाटर, खीरा आदि बेल वाले पौधों को लगा सकते हैं। लूफा (luffa), सूरजमुखी, मक्का, खीरा, आदि छाया प्रदान करने वाले लम्बे पौधे हैं और पालक, स्ट्राबेरी आदि छाया पसंद करने वाले छोटे पौधे हैं, जिन्हें एक साथ लगाया जा सकता है।

(यह भी जानें: छाया में बेल या लता पर उगने वाली सब्जियां…)

कीट रिपेलेंट प्लांट लगाकर करें कम्पेनियन प्लांटिंग – Companion Planting To Repel Pests In Hindi

कम्पेनियन प्लांटिंग करने का मुख्य लक्ष्य यही है कि गार्डन में कम से कम हानिकारक कीट हों, ताकि पौधे अच्छे से ग्रोथ कर सकें। इसमें मुख्य पौधा जो कीटों से प्रभावित होता है, उसको उन पौधों के साथ लगाया जाता है, जो उस खास कीट को रिपेल करते हैं ,यानि दूर रखते हैं। उदाहरण के लिए पालक के बीच मूली लगाने से लीफ माइनर (leafminers) इन्सेक्ट पालक से दूर रहता है, जिससे पालक की ग्रोथ अच्छे से हो पाती है। आगे कुछ कम्पेनियन प्लांट्स के बारे में बताया गया है, जो विशेष कीटों को गार्डन से दूर रखते हैं:

पौधा 
 कम्पेनियन प्लांट 
 कीट जो दूर रहते हैं 
टमाटर
तुलसी
हॉर्नवोर्म, थ्रिप्स
आलू
पुदीना
पोटैटो बीटल्स
कोलार्ड ग्रीन
ब्रसिकास (brassicas)
कैमोमाइल, डिल, सेज, थाइम
कैबेज वोर्म्स (cabbage worms)

पौधों को हानिकारक कीटों से बचाने के लिए अपनाएं ट्रैप क्रॉप मेथड – Trap Cropping In Companion Planting To Control Pests In Hindi

ट्रैप क्रॉप मेथड में ऐसे पौधों को लगाया जाता है, जो कुछ खास कीटों (जैसे एफिड्स, थ्रिप्स) को बहुत अधिक मात्रा में अट्रैक्ट करते हैं, और जब कीट इन पौधों पर इकट्ठे हो जाते हैं, तो इनके अन्य पौधों पर फैलने से पहले इस पौधे को उखाड़ कर फेंक दिया जाता है, और इस तरह मुख्य पौधे को कीटों से बचा लिया जाता है। आप जिन कीटों को आकर्षित कर गार्डन से हटाने का सोच रहें हैं, उन कीटों के अनुसार ही ट्रैप क्रॉप को चुना जाता है। यदि पौधा कीट के लिए पर्याप्त रूप से आकर्षक नहीं है, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा, इसलिए सही पौधा चुनना महत्वपूर्ण है।

  1. अधिकांश कीट किसी मौसम विशेष में अधिक एक्टिव होते हैं जैसे स्प्रिंग (फरवरी से मार्च) और ऑटम (सितम्बर से नबम्बर) के मौसम में एफिड्स का आक्रमण अधिक होता है, इसीलिए कीटों के सक्रिय होने तक ट्रैप क्रॉप को पूर्ण रूप से विकसित होना महत्वपूर्ण है।
  2. बढ़ने में अधिक समय लेने वाले पौधों के साथ ट्रैप प्लांट को एक से अधिक बार उगाकर, आप मुख्य पौधे को ग्रो होने तक कीटों से दूर रख सकते है।
  3. नैस्टर्टियम प्लांट्स एफिड्स (ब्लैकफ्लाई, ग्रीनफ्लाई, व्हाइटफ्लाई) कीट को बहुत अधिक आकर्षित करते हैं।
  4. फ्रेंच मैरीगोल्ड को गार्डन में स्लग और थ्रिप्स को आकर्षित करने के लिए ट्रैप प्लांट के रूप में लगाया जा सकता है।
  5. लेट्यूस के साथ सॉरेल उगाया जाता है, क्योंकि सॉरेल एक ऐसा तेजी से बढ़ने वाला पौधा है, जो अपने घने तनों और पत्तियों में नमी बनाए रखता है, जो स्लग और घोंघे के रहने के लिए एकदम सही जगह होती है।

(यह भी जानें: हाउस प्लांट में लगने वाले कीट और उनकी रोकथाम…)

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कम्पेनियन गार्डन तैयार करने की कुछ अन्य टिप्स – Some Other Tips For Making A Companion Garden In Hindi

आइये जानते हैं, कम्पेनियन गार्डनिंग करने की कुछ और टिप्स के बारे में:

  1. अच्छे कम्पेनियन प्लांट्स की लिस्ट तैयार करें और जानें कि कौन-कौन से पौधे एक साथ अच्छी तरह से उगते हैं। जैसे टमाटर-तुलसी, गुलाब-लहसुन, टमाटर-गोभी, मकई-बीन्स, मूली-पालक, नास्टर्टियम-गेंदा आदि अच्छे कम्पेनियन प्लांट्स हैं।
  2. अपने होम गार्डन में विभिन्न प्रकार की सब्जियों, जड़ी-बूटियों और फूलों को एक साथ लगायें।
  3. बगीचे में बारहमासी हर्ब्स के पौधों को लगायें।
  4. अलग-अलग समय पर पौधों की रोपाई करें। उदाहरण के लिए, जैसे ही ठंड के मौसम के पौधे समाप्त होते हैं, तुरंत गर्म मौसम वाले पौधे लगायें।
  5. गार्डन में यदि खाली जगह बची हुई है, तो वहां भी कुछ पौधे लगा दें।

ऊपर बताई गई कम्पेनियन गार्डनिंग टिप्स को अपनाकर आप भी एक अच्छा कम्पेनियन गार्डन तैयार कर सकते हैं। यदि आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो या इससे सम्बंधित आपके कोई सवाल या सुझाव हों, तो उन्हें कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं।

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