टमाटर सीडलिंग की परेशानी? ये 8 बातें जरूर जानें – 8 Common Tomato Seedling Problems And Solutions In Hindi

How To Save Tomato Seedlings In Hindi: घर की बागवानी हो या खेत में टमाटर की खेती, सीडलिंग की सही शुरुआत ही सफल पौधों की पहचान होती है। अक्सर गार्डनर्स यह देखते हैं कि अंकुर निकलने के कुछ ही दिनों बाद टमाटर सीडलिंग की समस्या शुरू हो जाती है—कभी पौधे कमजोर पड़ जाते हैं, तो कभी अचानक मुरझाकर मर जाते हैं। सही जानकारी न होने पर टमाटर की सीडलिंग मरने लगती है और गार्डनर की मेहनत बेकार चली जाती है। टमाटर के पौधे शुरुआत में बहुत नाज़ुक होते हैं, इसलिए इस समय टमाटर सीडलिंग की देखभाल सही तरीके से करना बेहद जरूरी होता है।

पानी, धूप, मिट्टी और पोषण में थोड़ी-सी गलती भी सीडलिंग को नुकसान पहुँचा सकती है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि, टमाटर सीडलिंग में होने वाली समस्याएं कौन सी हैं, टमाटर की सीडलिंग मरने के कारण और बचाने के उपाय क्या हैं, ताकि आप अपने गमलों या किचन गार्डन में स्वस्थ, मजबूत टमाटर के पौधे तैयार कर सकें और अच्छी पैदावार मिल सके।

टमाटर सीडलिंग में होने वाली सामान्य समस्याएं और उपाय – Common Problems And Solutions For Tomato Seedlings In Hindi

टमाटर ग्रोइंग टाइम में सीडलिंग अवस्था सबसे नाज़ुक और महत्वपूर्ण होती है। इस समय थोड़ी-सी लापरवाही पौधों की बढ़वार और उत्पादन दोनों को प्रभावित कर सकती है। सही समय पर समस्या पहचानकर उचित उपाय अपनाने से स्वस्थ पौधे और बेहतर पैदावार पाई जा सकती है। नीचे टमाटर सीडलिंग में होने वाली सामान्य समस्याएँ, उनके कारण और उपाय बताए गए हैं।

1. सीडलिंग का लंबा और पतला हो जाना

सीडलिंग का लंबा और पतला हो जाना

कारण:

जब गार्डन या नर्सरी में धूप कम मिलती है और पौधे बहुत पास-पास उगते हैं, तब सीडलिंग ऊपर की ओर तेजी से बढ़ती है। नाइट्रोजन की अधिक मात्रा भी पौधे को कमजोर और पतला बना देती है। ऐसी सीडलिंग रोपाई के बाद गिरने लगती है और खराब हो जाती है।

उपाय:

सीडलिंग को खुली धूप में रखें और बीजों की बुवाई सही दूरी पर करें, साथ ही पौधों को 6 से 8 घंटे की धूप मिलनी चाहिए या ग्रो लाइट्स का इस्तेमाल करें। नाइट्रोजन उर्वरक का संतुलित प्रयोग करें। समय पर रोपाई करके पौधों को मजबूत बनने का मौका दें।

(यह भी जानें: टमाटर को बीज से कैसे उगाएं…)

2. टमाटर के पौधे पीले पड़ना

कारण:

सीडलिंग की पत्तियाँ पीली होना नाइट्रोजन की कमी या अधिक पानी देने का संकेत है। जल निकास खराब होने पर जड़ें पोषक तत्व नहीं ले पातीं, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है और पत्तियां पीली होने लगती हैं।

उपाय:

मिट्टी में जल निकास अच्छा रखें और जरूरत से ज्यादा पानी न दें। हल्की मात्रा में नाइट्रोजन युक्त खाद का प्रयोग करें। मिट्टी में जैविक खाद मिलाने से टमाटर की सीडलिंग सही से ग्रो करती है।आप पौधे की मिट्टी में घरेलू लिक्विड खाद भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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3. सीडलिंग मुरझाना

सीडलिंग मुरझाना

कारण:

बहुत कम पानी या अधिक नमी, फंगल संक्रमण या अचानक मौसम परिवर्तन से सीडलिंग मुरझाने लगती है। जड़ों के कमजोर होने से पौधा पानी और पोषण सही से नहीं ले पाता।

उपाय:

सही तरीके से पानी दें और जलभराव न होने दें। हवा के अच्छे आवागमन की व्यवस्था करें। संक्रमित पौधों को तुरंत हटा दें, ताकि रोग या अन्य प्रकार का संक्रमण न फैले।

4. पौधे का रंग बदलना

कारण:

फॉस्फोरस या सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से पौधे का रंग हल्का बैंगनी हो जाता है। खराब या सख्त मिट्टी में भी पोषक तत्वों का अवशोषण कम हो जाता है। हालांकि कभी-कभी बैंगनी रंग हो जाना स्वाभाविक होता है।

उपाय:

संतुलित पोषक तत्वों वाली जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट, बोन मील या NPK खाद का उपयोग करें। नर्सरी में मिट्टी भुरभुरी और उपजाऊ रखें। ठंड के समय सीडलिंग को सुरक्षा प्रदान करें।

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5. पत्तियां भूरी हो जाना

कारण:

पोटाश की कमी या मिट्टी में लवणता अधिक होने से पत्तियाँ भूरी होकर सूखने लगती हैं। तेज धूप और अनियमित सिंचाई भी इसका कारण हो सकती है।

उपाय:

पोटाश युक्त खाद संतुलित मात्रा में दें। सिंचाई नियमित रखें और तेज धूप में हल्की छाया की व्यवस्था करें। साथ ही मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार करें। अगर संक्रमण बहुत ज्यादा फैल गया है, तो आप सीडलिंग को हटा सकते हैं।

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6. धीमी ग्रोथ होना

कारण:

खराब मिट्टी, पोषक तत्वों की कमी और कम तापमान से सीडलिंग की बढ़वार धीमी हो जाती है। जड़ों का विकास ठीक से नहीं हो पाता।

उपाय:

उपजाऊ मिट्टी का इस्तेमाल करें या मिट्टी को अच्छा बनाने के लिए मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाएँ। मौसम के अनुसार नर्सरी प्रबंधन करें। हल्की मात्रा में संतुलित पोषण दें।अच्छी ग्रोथ के लिए सीडलिंग ट्रे को गर्म जगह पर रखें।

7. टमाटर सीडलिंग का मर जाना

टमाटर सीडलिंग का मर जाना

कारण:

डैम्पिंग ऑफ रोग के कारण सीडलिंग तने के पास से गलकर गिर जाती है। यह रोग अत्यधिक नम और ठंडी में होने वाली फफूंद संबंधी समस्या है। अधिक नमी और संक्रमित मिट्टी इस रोग को बढ़ावा देती है।

उपाय:

इस रोग से ग्रसित सीडलिंग को फिर से सही नही किया जा सकता। आप टमाटर के बीज बोने से पहले मिट्टी की जांच करें। पानी सीमित मात्रा में दें। नर्सरी को साफ और हवादार रखें।

(यह भी जानें: मिट्टी तैयार करने के लिए करें, इन गार्डनिंग टूल्स का इस्तेमाल…)

8. सीडलिंग की पत्तियों पर धब्बे दिखना

कारण:

फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण से पत्तियों पर भूरे या काले धब्बे बन जाते हैं। अधिक नमी और घनी बुवाई से रोग तेजी से फैलता है और टोमेटो नर्सरी खराब हो जाती है।

उपाय:

समय-समय पर सीडलिंग को चेक करें और संक्रमित पौधों को अलग करें। नर्सरी में नमी नियंत्रित रखें। जरूरत पड़ने पर नीम तेल या जैविक फंगीसाइड का इस्तेमाल करें।

निष्कर्ष:

टमाटर की सीडलिंग को स्वस्थ रखना सफल बागवानी और अच्छी पैदावार की पहली शर्त है। समय पर समस्या पहचानकर सही देखभाल और उचित उपाय अपनाने से सीडलिंग को आसानी से बचाया जा सकता है। थोड़ी समझदारी और नियमित निगरानी से मजबूत टमाटर पौध तैयार की जा सकती है। यह लेख आपको कैसा लगा, कमेंट में जरूर बताएं। ऐसे ही गार्डनिंग से जुड़े लेख पढ़ने के लिए फॉलो करें—organicbazar.net

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