Why Is Chrysanthemum Not Blooming In Hindi: अक्सर बागवानी करते समय हमें यह चिंता होती है कि मेरे गुलदाउदी में फूल क्यों नहीं आ रहे हैं, जबकि पौधा देखने में बिल्कुल स्वस्थ लगता है। गुलदाउदी में फूल न आने की वजह आमतौर पर पानी, धूप, मिट्टी या खाद से जुड़ी छोटी-छोटी गलतियाँ हो सकती हैं, जिन पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। सही जानकारी और नियमित देखभाल से इस समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि, गुलदाउदी में फूल लाने के उपाय क्या हैं (Guldaudi Me Fool Kaise Laye In Hindi), साथ ही यह भी समझेंगे कि रोजमर्रा में गुलदाउदी के पौधे की देखभाल कैसे करें (Chrysanthemum Plant Care In Hindi), ताकि आपका पौधा समय पर कलियों से भर जाए और बगीचा रंग-बिरंगा तथा फूलों से खिलता हुआ दिखे।
गुलदाउदी के पौधे में फूल न आने के कारण और उपाय – Reasons And Solutions For No Flowers In Chrysanthemum In Hindi
कई बार सही देखभाल के बावजूद गुलदाउदी के पौधे में फूल नहीं आते, जिससे बागवान परेशान हो जाते हैं। इसके पीछे पानी, धूप, मिट्टी, खाद या कीट-रोग जैसी कई वजहें हो सकती हैं। इनमें से कोई भी कारण गुलदाउदी में फूल न आने की समस्या पैदा कर सकता है। सही कारण पहचानकर समय पर उपाय करने से पौधे में दोबारा खूब फूल खिल सकते हैं। चलिए जानते हैं क्रिसेन्थेमम में फूल न आने के कारण और उपाय, जो कि निम्न हैं-
1. पानी
कारण:
गुलदाउदी को ज़्यादा या बहुत कम पानी मिलने पर पौधा कमजोर हो जाता है। लगातार गीली मिट्टी से जड़ें सड़ने लगती हैं, जिससे फूल नहीं बनते या बहुत कम बनते हैं। वहीं कम पानी से पौधा तनाव में आ जाता है। इसके अलावा गमले में जलभराव के कारण जड़ सड़न हो सकता है और पौधा कमजोर पड़ने लगता है।
उपाय:
पौधे को तभी पानी दें, जब ऊपर की मिट्टी सूखी लगे। गमले में जल निकास का छेद होना ज़रूरी है। सर्दियों में पानी कम और गर्मियों में संतुलित मात्रा में दें। इसके अलावा गमले की मिट्टी में जलभराव न होने दें। पौधों को सही से पानी देने के लिए वॉटरिंग कैन का इस्तेमाल करें।
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2. सूर्य प्रकाश
कारण:
गुलदाउदी को पर्याप्त धूप न मिलने पर केवल पत्तियाँ बढ़ती हैं, फूल नहीं आते। बहुत अधिक छांव या घर के अंदर रखने से फूलों पर असर पड़ सकता है।
उपाय:
पौधे को रोजाना कम से कम 5–6 घंटे की सीधी धूप दें। गमले को ऐसी जगह रखें जहाँ सुबह की धूप अच्छे से मिले। जरूरत पड़ने पर स्थान बदलते रहें। लेकिन पौधे को गर्मी में दोपहर की तेज धूप से बचाएं, इसके लिए आप ग्रीन शेड नेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
गुलदाउदी के पौधे के लिए 15–28 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे अच्छा रहता है। यह पौधा हल्की ठंड सहन कर लेता है, लेकिन 10 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में इसकी बढ़त रुक जाती है। ऐसे में इसे ठंडी हवा से बचाकर घर के अंदर रखना चाहिए या कपड़े आदि से ढकना चाहिए।
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3. उपजाऊ मिट्टी
कारण:
भारी, सख्त या पोषक तत्वों की कमी वाली मिट्टी में पौधा सही तरह से विकसित नहीं हो पाता। ऐसी मिट्टी में जड़ों को हवा नहीं मिलती, जिससे फूलों का विकास रुक सकता है या पौधे में बड्स (buds) तो आते हैं, लेकिन फूल नही खिल पाते।
उपाय:
मिट्टी हल्की, भुरभुरी और जल निकास वाली रखें। गार्डन मिट्टी में रेत और कंपोस्ट मिलाकर उपयोग करें। हर सीजन में मिट्टी को थोड़ा ढीला करते रहें। आप चाहें तो उपजाऊ मिट्टी organicbazar.net से ऑनलाइन खरीद सकते हैं, वो भी उचित प्राइज में।
4. जैविक खाद
कारण:
टाइम पर पौधों को खाद न देने से मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे पौधा स्वस्थ नहीं रहता और फूल नहीं बनते। सिर्फ पत्तियाँ बढ़ती हैं लेकिन कली नहीं आती।
उपाय:
हर 15–20 दिन में वर्मीकम्पोस्ट या अच्छी तरह सड़ी गोबर की खाद दें। आप फूल आने से पहले हल्की मात्रा में तरल जैविक खाद जैसे प्लांट ग्रोथ प्रमोटर, NPK खाद या कम्पोस्ट टी दे सकते हैं।लेकिन बहुत अधिक खाद देने से बचना चाहिए।
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5. छटाई और डेडहेडिंग
कारण:
समय पर छटाई (pruning) न करने से पौधा पुरानी टहनियों पर ही ऊर्जा खर्च करता है। सूखे फूल लगे रहने से नई कलियाँ नहीं बनतीं।
उपाय:
गुलदाउदी के पौधे से सूखे फूलों (deadheading) को हटाते रहें, इससे पौधे की उर्जा व्यर्थ नहीं जाती। फूलों के मौसम से पहले हल्की छटाई जरूर करें। इससे नई शाखाएँ और ज्यादा फूल आते हैं। इसके अलावा पौधे से सूखी टहनियां, खराब या रोग ग्रस्त भागों को हटा दें।
6. कीट से बचाव
कारण:
एफिड्स, माइट्स और अन्य छोटे-छोटे कीट पौधे में लग जाते हैं और पौधे का रस चूस लेते हैं। जिससे पौधा कमजोर हो जाता है और फूल नहीं लगते या बहुत कम लगते हैं।
उपाय:
पत्तियों की नियमित जाँच करें और कीट दिखाई देने पर नीम तेल का घोल हर 7–10 दिन में छिड़कें। आप कीटों को मैन्युअली भी हटा सकते हैं। अगर कीट बहुत ज्यादा लग गए हैं, तो उन्हें हटाने के लिए उचित जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें।
7. रोगों की रोकथाम
कारण:
फंगल या बैक्टीरियल रोग पौधे की बढ़वार को रोक देते हैं। पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं और फूल आना बंद हो जाता है।
उपाय:
पौधे को हवा वाली जगह रखें और ज़्यादा नमी से बचाएँ। रोग दिखते ही प्रभावित हिस्से हटाएँ। ज़रूरत पड़ने पर जैविक फंगीसाइड का उपयोग करें।
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8. नियमित पौधों को चेक करें
कारण:
लंबे समय तक पौधे पर ध्यान न देने से छोटी-छोटी समस्याएँ बड़ी बन जाती हैं। सही समय पर कारण पता नहीं चल पाता।
उपाय:
हर कुछ दिनों में पौधे की पत्तियाँ, मिट्टी और तनों को देखें। समस्या शुरुआत में पकड़ लेने से समाधान आसान हो जाता है। नियमित देखभाल से गुलदाउदी में भरपूर फूल आते हैं।
निष्कर्ष:
गुलदाउदी में फूल न आना कोई बड़ी समस्या नहीं है, बस सही कारण को पहचानना ज़रूरी होता है। पानी, धूप, मिट्टी, खाद और नियमित देखभाल पर थोड़ा ध्यान देने से यह पौधा फिर से स्वस्थ होकर खूब फूल देता है। यदि आप बताए गए घरेलू उपायों को सही समय पर अपनाते हैं और पौधे की नियमित जाँच करते रहते हैं, तो गुलदाउदी में भरपूर और सुंदर फूल खिलना तय है। यह लेख आपको कैसा लगा, कमेंट में जरूर बताएं। ऐसे ही गार्डनिंग से जुड़े लेख पढ़ने के लिए फॉलो करें—organicbazar.net।
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