पौधे हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं, जो हमें भोजन, ऑक्सीजन, प्राकृतिक वातावरण और सौंदर्य प्रदान करते हैं। हालांकि इंसानों की तरह पौधे भी बीमार पड़ सकते हैं और पौधों की बीमारियाँ गार्डन के लिए एक बड़ा खतरा हो सकती हैं। यदि इन पादप रोग का इलाज सही समय पर नहीं किया गया, तो बीमारी की छोटी सी शुरुआत से आपके होम गार्डन के सारे पौधे संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए अपने गार्डन के पौधे को स्वस्थ तथा रोगमुक्त रखने के लिए प्लांट रोग और उनके बचाव के तरीके की जानकारी होना बहुत जरूरी है। यदि आप एक गार्डनर है और जानना चाहते हैं कि, पौधों में कौन से रोग होते हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा, जिसमें हम आपको पौधों के रोग अर्थात प्रमुख पादप रोग और इन बीमारियों की रोकथाम की जानकारी देंगे।
पौधों में होने वाले रोग – Common Plant Diseases And Organic Control In Hindi
आमतौर पर गार्डन में लगे पौधे कई तरह के रोग से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन किसी भी बीमारी का इलाज करने या संक्रमण को रोकने के लिए उसके लक्षण की पहचान करना महत्वपूर्ण है। आइये जानते हैं- पौधों की बीमारियों के लक्षण और उनकी रोकथाम के तरीके के बारे में।
- मिल्ड्यू रोग (Mildew Disease)
- रस्ट फंगस (Rust Fungus)
- रूट रॉट (Root Rot Disease)
- लीफ स्पॉट (Leaf Spot)
- ब्लाइट रोग (Blight Disease)
- वायरस रोग (Plant Virus Disease)
- बैक्टीरियल कैंकर (Bacterial Canker)
(यह भी जानें: कैसे पहचान करें कि, पौधे में कौन सा रोग है….)
1. मिल्ड्यू रोग – Mildew Disease In Plants In Hindi
यह एक फंगल रोग है, जिसके संक्रमण से पौधे की पत्तियों पर सफेद या ब्राउन रंग का पाउडर जैसा पदार्थ दिखाई देता है। संक्रमण अधिक होने पर पत्तियां पीले रंग की होकर मुरझाने लगती हैं और अंततः पौधे से गिरने लगती हैं। पौधे में यह बीमारी नमी की अधिकता, तनावग्रस्त स्थिति तथा वायु संचरण ठीक से न हो पाने की वजह से होती है।
मिल्ड्यू रोग के प्रकार – Types Of Mildew Disease In Hindi
पौधों की बीमारियों में शामिल मिल्ड्यू रोग दो तरह का होता है-
- पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew)
- डाउनी मिल्ड्यू (Downy Mildew)
पौधों में मिल्ड्यू रोग का नियंत्रण – How To Control Mildew On Plants In Hindi
- पौधे को धूल और रोगजनकों से मुक्त रखें।
- गार्डन में हवा का प्रवाह बनाए रखें।
- पौधे को अधिक नमी से बचाएं।
- संक्रमण दिखाई देने पर पौधे पर जैविक कवकनाशी नीम के तेल का स्प्रे करें।
2. रस्ट रोग – Rust Disease On Plants In Hindi
रस्ट पौधों में होने वाला एक अन्य कवक रोग है, जो पौधों की पत्तियों को प्रभावित करता है। इस रोग के प्रभाव से पत्तियों पर पीले या नारंगी रंग के जंग जैसे धब्बे बन जाते हैं और जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है, ये धब्बे बड़े, लाल-ब्राउन रंग के दानों में विकसित हो जाते हैं तथा तने को भी प्रभावित करने लगते हैं। गंभीर रूप से संक्रमित पौधों की वृद्धि रुक जाती है।
पौधों में रस्ट फंगस की रोकथाम के उपाय – Control Of Rust Disease On Plants In Hindi
- गार्डन में स्वच्छता बनाए रखने के लिए खरपतवार को हटाएं।
- पानी देते समय पौधे की पत्तियों को गीला करने से बचें।
- पौधे के संक्रमित हिस्से की प्रूनिंग करें तथा मलबे को नष्ट करें।
- गार्डन में पौधों की रोग प्रतिरोधी किस्मों को लगाएं।
- पौधों पर जैविक फंगीसाइड का स्प्रे करें।
(यह भी जानें: जानिए रस्ट फंगस (जंग कवक) रोग क्या है और पौधों को कैसे बचाएं…)
3. रूट रॉट – Root Rot Plant Disease In Hindi
गार्डन में रूट रॉट एक पौधों में होने वाला बैक्टीरियल रोग है, जो जड़ों को प्रभावित करता है। आमतौर पर पौधों की यह बीमारी अत्यधिक गीली मिट्टी या खराब जल निकासी के कारण उत्पन्न होती है। रूट रॉट के संक्रमण से पौधा पीला होकर मुरझाने लगता है तथा उसकी जड़ें मुलायम, गंधयुक्त तथा ब्राउन रंग की हो जाती हैं।
पौधों की रूट रॉट बीमारी का उपचार – Root Rot Disease Control In Hindi
- पौधे को ओवरवाटरिंग से बचाएं और मिट्टी में उचित वेंटिलेशन और वायु संचरण प्रदान करें।
- कार्बनिक पदार्थ जोड़कर गमले की मिट्टी की जल निकासी में सुधार करें,
- रोग ग्रस्त पौधे को रिपोट करते समय क्षतिग्रस्त जड़ों की प्रूनिंग करें।
- इस बीमारी के शुरुआती स्तर के संक्रमण को कम करने में मदद मिल सकती है, लेकिन गंभीर रूप से प्रभावित पौधे को गार्डन से हटा देना चाहिए।
4. लीफ स्पॉट – What Is Leaf Spot Disease In Hindi
प्लांट लीफ स्पॉट रोग एक सामान्य कवक (Fungal) रोग है, जो फलों, फूलों और सब्जियों सहित सभी पौधों को प्रभावित करता है। यह प्लांट रोग मुख्य रूप से पौधे की पत्तियों को संक्रमित करती है, जिसके संक्रमण से काले या ब्राउन रंग के अनियमित आकार के धब्बे बन जाते हैं तथा संक्रमण फैलने पर पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं और समय से पहले ही गिर जाती हैं।
लीफ स्पॉट रोग के प्रकार – Types Of Leaf Spot Disease In Hindi
- सेप्टोरिया लीफ स्पॉट (Septoria Leaf Spot)
- सर्कोस्पोरा लीफ स्पॉट (Cercospora Leaf Spot)
- एन्थ्रेक्नोज (Anthracnose)
लीफ स्पॉट रोग से पौधे को कैसे बचाएं – Leaf Spot Disease Prevention Tips In Hindi
- होम गार्डन में पौधों की रोग-प्रतिरोधी किस्मों को लगायें।
- पौधे की नियमित रूप से जांच करें।
- रोग के लक्षण दिखाई देने पर जैविक फंगीसाइड नीम तेल का स्प्रे करें।
- गार्डन से अनावश्यक खरपतवारों को हटाएं।
- पौधों के संक्रमित हिस्से की प्रूनिंग करें तथा मलबे को गार्डन से हटाएं।
(यह भी जानें: खरपतवार हटाने के लिए आवश्यक गार्डनिंग टूल्स….)
5. ब्लाइट रोग – Blight Disease In Plants In Hindi
यह विभिन्न कवक और बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है, जो कई अलग-अलग प्रकार से पौधों को प्रभावित करते हैं। ब्लाइट पौधों की एक गंभीर बीमारी है, जिसके प्रभाव से पौधे कमजोर होकर मुरझा जाते हैं तथा संक्रमण अधिक होने पर पौधे की मृत्यु हो जाती है।
ब्लाइट पादप रोग के प्रकार – Types Of Blight Disease In Hindi
- अर्ली ब्लाइट (Early Blight)
- लेट ब्लाइट (Late Blight)
- फायर ब्लाइट (Fire Blight)
- बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट (Bacterial Leaf Blight)
पौधे को ब्लाइट रोग के संक्रमण से बचाने के उपाय – Blight Disease Treatment In Hindi
- रोग-प्रतिरोधी पौधों की किस्मों को लगाएं।
- पौधों के आसपास सफाई बनाए रखें।
- पत्तियों पर जैविक फंगीसाइड का स्प्रे करें।
- पौधों के संक्रमित हिस्सों को हटा दें।
- गार्डन के पौधों को स्वस्थ रखें, क्योंकि रोग तनावग्रस्त स्थिति में अधिक प्रभावी होते हैं।
- यदि संक्रमण गंभीर है या पूरे पौधे में फैल चुका है, तो प्रभावित पौधे को हटाना आवश्यक हो सकता है।
(यह भी जानें: अपने ऑर्गेनिक गार्डन में रोग नियंत्रण कैसे करें….)
6. वायरस रोग – Viral Diseases In Plants In Hindi
पौधों में वायरल रोग विषाणुओं अर्थात वायरस के कारण होते हैं। यह रोग पौधों की सामान्य वृद्धि और विकास को बाधित करते हैं। पौधों में वायरल रोगों का संक्रमण कीट प्रभावित, रोगजनित, दूषित मिट्टी तथा संक्रमित पौधों की सामग्री के कारण हो सकता है।
पौधों में होने वाले वायरल रोगों के प्रकार – Types Of Viral Disease In Plants In Hindi
- कुकुम्बर मोजेक वायरस (Mosaic Virus)
- टोमेटो स्पॉटेड विल्ट वायरस (Tomato Spotted Wilt Virus)
- तम्बाकू मोज़ेक वायरस (Tobacco Mosaic Virus)
- पोटेटो वायरस (Potato Virus)
- साइट्रस ट्रिस्टेज़ा वायरस (Citrus Tristeza Virus)
पौधे के वायरल रोगों की रोकथाम के उपाय – How To Control Viral Diseases In Plants In Hindi
- पौधे लगाने के लिए नया पॉटिंग मिक्स तैयार करें।
- स्वस्थ और रोग-मुक्त बीज का चयन करें।
- पौधों की प्रूनिंग करते समय उपकरणों (Tools) को कीटाणुरहित करें।
- हार्मफुल कीट जैसे एफिड्स, थ्रिप्स और व्हाइटफ्लाइज़ आदि रोग के संक्रमण को फैलाते हैं, अतः गार्डन में कीट नियंत्रण के उपायों को अपनाएं।
- पौधों के पास पर्याप्त धूप आने दें।
- गार्डन के पौधों को क्षति पहुँचाने से बचें।
(यह भी जानें: गर्मियों में लगाने के लिए सबसे अच्छे बीज कहाँ से खरीदें….)
7. बैक्टीरियल कैंकर – Common Disease In Plants Bacterial Canker In Hindi
बैक्टीरियल कैंकर बैक्टीरिया स्यूडोमोनास सिरिंज (Pseudomonas Syringae) के कारण होने वाली बीमारी है, जो फलों के पेड़, सजावटी पौधे और सब्जियों सहित कई पौधों को प्रभावित करती है। इस रोग को नियंत्रित करना आम गार्डनर के लिए एक मुश्किल काम हो सकता है। पौधों में होने वाले रोग बैक्टीरियल कैंकर का सबसे शुरूआती असर पौधे की छाल या तने पर दिखाई देता है, इसके बाद यह फल को भी प्रभावित करने लगता है और गंभीर प्रभाव होने से पौधे की शाखाएं मरने लगती हैं।
बैक्टीरियल कैंकर पादप रोग का इलाज – Treatment Of Bacterial Canker In Plants In Hindi
- पौधे के सभी संक्रमित भागों (टहनियों, शाखाओं और फलों सहित) को प्रूनर से काट कर हटा दें।
- संक्रमण के लक्षण दिखने पर कॉपर-युक्त कवकनाशी (Fungicide) का स्प्रे करें।
- पौधे को स्वस्थ रखने के लिए जरूरतअनुसार जैविक खाद और उर्वरक दें।
- पानी देते समय पत्तियों को गीला न करें।
- रोग प्रतिरोधी किस्में लगाएं।
(यह भी जानें: पौधों के लिए बेस्ट हैं यह 8 प्राकृतिक कीटनाशक…)
इस लेख में आपने जाना पौधों की बीमारियाँ अर्थात प्रमुख पादप रोग और रोकथाम के उपाय के बारे में। आशा करते हैं लेख आपको पसंद आया हो, लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।