अपने ऑर्गेनिक गार्डन में रोग नियंत्रण कैसे करें – Organic Garden Disease Control In Hindi 

जैविक गार्डनिंग का एक पहलू, जहाँ गार्डन में पौधे लगाकर ऑर्गेनिक फल, फूल, सब्जियां उगाना है, वहीं दूसरा पहलू, गार्डन के पौधों में लगे रोगों से सामना करना भी है। ऑर्गेनिक खाद और उर्वरक की जानकारी तो सभी को होती है, लेकिन ऑर्गेनिक कीटनाशक या फंगीसाइड के बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है, जिसके कारण वह रोगों की रोकथाम के लिए केमिकल युक्त फंगीसाइड का उपयोग करते हैं। यह रसायनों से युक्त कवकनाशी स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। तो क्यों न, जब गार्डनिंग ऑर्गेनिक तरीके से की जा रही है, तो उसमें कीट तथा रोगों को नियंत्रित करने के उपाय और फंगीसाइड भी ऑर्गेनिक ही हों। आज के लेख में हम आपको रोग नियंत्रण के जैविक तरीकों के बारे में बतायेंगे। अपने ऑर्गेनिक गार्डन को रोगों से कैसे बचाएं, बचाने के तरीके और रोग नियंत्रण के जैविक उपाय जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।

ऑर्गेनिक गार्डन को रोगों से बचाने के तरीके – Ways To Protect Organic Garden From Diseases In Hindi

ऑर्गेनिक गार्डन को रोगों से बचाने के तरीके - Ways To Protect Organic Garden From Diseases In Hindi

अपने जैविक गार्डन को रोगों के संक्रमण से बचाने के लिए तथा रोगों की रोकथाम के लिए आप निम्न उपाय/तरीके अपना सकते हैं:-

  • गार्डन में पौधे के बीज लगाते समय उनकी कीट और रोग प्रतिरोधी किस्मों को चुनें।
  • अधिकांश रोग उमस भरी मिट्टी के कारण होते हैं, अतः पौधों को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगाएं।
  • पौधों को उनके उचित स्थान पर लगाएं, जैसे- धूप में उगने वाले पौधों को धूप वाले स्थान पर तथा छाया में उगने वाले पौधों को छाया वाले स्थान पर लगाएं।
  • गार्डन में लगे पौधों के बीच पर्याप्त दूरी बनाए रखें, जिससे वायु प्रवाह ठीक तरह से बना रहे।
  • अधिकांश रोग गर्मियों में अधिक प्रभावी होते हैं, इसलिए ग्रीष्म ऋतु के दौरान अपने पौधों की नियमित जांच करें।
  • जमीन की मिट्टी की बजाय रेज्ड बेड, गमले या ग्रो बैग में पौधे लगाएं। कम्पेनियन प्लांटिंग के रूप में एक साथ लगे हुए पौधे स्वस्थ और कीटों के लिए कम आकर्षक होते हैं।
  • यदि आप किसी पौधे की प्रूनिंग करते हैं, तो प्रत्येक कट के बाद प्रूनर को (फंगीसाइड सॉल्यूशन या उबलते हुए पानी से) कीटाणुरहित करें।
  • पौधों को पानी देते समय पत्तियों को गीला न करें, क्योंकि रोग अक्सर पानी की बूंदों के माध्यम से फैलते हैं। ऑर्गेनिक गार्डन में पानी देने के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं।
  • खरपतवार को कम करने के लिए अपने पौधों की मल्चिंग करें।
  • अपने गार्डन में साफ-सफाई बनाए रखें, तथा रोगग्रस्त शाखाओं और पत्तियों को नष्ट करें।
  • गार्डन में लगे पौधों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए महीने में एक बार जैविक फर्टिलाइजर जैसे- नीम केक, सीवीड फर्टिलाइजर, NPK फर्टिलाइजर, प्लांट ग्रोथ प्रमोटर आदि दें।
  • उड़ने वाले कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए पौधों के आसपास आप स्टिकी ट्रैप लगाएं।

(यह भी जानें: वेजिटेबल गार्डन के लिए टॉप 10 ऑर्गेनिक लिक्विड फर्टिलाइजर….)

जैविक गार्डनिंग में रोग नियंत्रण के उपाय – Disease Control Measures In Organic Gardening In Hindi

यदि आपके गार्डन के पौधे उचित देखभाल करने पर भी किसी रोग या बीमारी की चपेट में आते हैं, तो उन रोगों के उपचार के लिए आप निम्न जैविक तरीके/उपाय अपना सकते हैं:-

(यह भी जानें: ऑर्गेनिक गार्डनिंग क्या है, जानें इसके फायदे…)

नीम ऑयल स्प्रे – Neem Oil Spray On Plants In Hindi 

नीम ऑयल स्प्रे - Neem Oil Spray On Plants In Hindi 

अपने जैविक गार्डन में लगे पौधों से फंगस हटाने के लिए आप नीम के तेल का स्प्रे कर सकते हैं, यह एक प्रभावी फंगीसाइड होता है, जो नीम के फल से बनाया जाता है। नीम तेल पूरी तरह से ऑर्गेनिक होता है। नीम ऑयल का उपयोग न सिर्फ फंगीसाइड के रूप में, बल्कि पेस्टीसाइड के रूप में भी कर सकते हैं। यह तेल पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल और नॉन-टॉक्सिक होता है, जिसका उपयोग आप अपने ऑर्गेनिक गार्डन में कर सकते हैं।

पौधे को रिपॉट करना – Repotting The Plant For Control Fungus In Hindi 

पौधे को रिपॉट करना - Repotting The Plant For Control Fungus In Hindi 

गार्डन में लगे पौधों की जड़ों की जांच करें, यदि आपको जड़ों में रूट रॉट रोग या अन्य बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो पौधे को रिपॉट करें। रिपॉटिंग के दौरान रोगग्रस्त जड़ों की प्रूनिंग करें, इससे कुछ हद तक इस रोग से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा यदि आपके पौधे तनावग्रस्त स्थिति में दिखते हैं, तो उन्हें रिपॉट करना उचित है, जिससे उन्हें नई मिट्टी, पोषक तत्व मिल जाते हैं और पौधे स्वस्थ विकास करते हैं।

रोगग्रस्त हिस्से को हटाएँ – Remove Diseased Parts Of Plants In Hindi

रोगग्रस्त हिस्से को हटाएँ - Remove Diseased Parts Of Plants In Hindi

यदि आपके गार्डन में लगे पौधे किसी रोग या बीमारी के शिकार हो जाते हैं, तो उन्हें बचाने के उपाय में सबसे जरूरी है, पौधों के रोग प्रभावित हिस्से को हटाएं, इससे संक्रमण को फैलने से काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

(यह भी जानें: पौधों से फंगस हटाने के लिए जैविक फंगीसाइड…..)

स्टिकी ट्रैप का उपयोग – Use Sticky Traps For Control Fungus In Hindi 

स्टिकी ट्रैप का उपयोग - Use Sticky Traps For Control Fungus In Hindi 

कुछ रोग हार्मफुल कीटों जैसे- एफिड्स, थ्रिप्स आदि के माध्यम से फैलते हैं। यह कीट पौधे की पत्तियों से उनका रस चूसकर उन्हें कमजोर बना देते हैं, जिससे वह पौधे फंगस के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाते हैं और उनमें फंगस लगने का खतरा बढ़ जाता है। आप इन कीटों को नियंत्रित करने के लिए स्टिकी ट्रेप का उपयोग कर सकते हैं।

घरेलू उपाय – Home Remedies To Control Fungus In Hindi 

घरेलू उपाय - Home Remedies To Control Fungus In Hindi 

फंगस डिसीस को कंट्रोल करने के लिए आप निम्न घरेलू उपायों को अपना सकते हैं, इन होममेड स्प्रे से भी फंगस और बैक्टीरिया रोग को नियंत्रित किया जा सकता है:-

  • मिल्क का स्प्रे
  • पौधों पर हल्दी का स्प्रे
  • इथेनॉल (Ethanol) आधारित माउथवॉश का स्प्रे
  • अदरक, लहसुन और मिर्च से बना 3G पेस्टीसाइड
  • एप्पल साइड विनेगर का उपयोग।
  • बेकिंग सोडा का उपयोग।

(यह भी जानें: कीटनाशक के छिड़काव से पहले जानें यह आवश्यक 5 बातें….)

इस लेख में आपने जाना, जैविक या ऑर्गेनिक गार्डन में लगे पौधों को रोगों से कैसे बचाएं, बचाने के तरीके और रोग नियंत्रण के जैविक उपाय के बारे में। यदि आपको हमारा लेख अच्छा लगा हो, तो इसे शेयर करें तथा लेख से संबंधित आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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