अंतिम बरसात अर्थात् मानसून के बाद का समय आपके गार्डन में एक नई शुरूआत करने का समय है, जहाँ गार्डनर्स अपने गार्डन में कुछ सुधार कार्य करके विंटर गार्डनिंग की तैयारी करते हैं। दरअसल बरसात के समय आउटडोर गार्डन में कई तरह के अवांछनीय पौधे उगकर आपके गार्डन की सुन्दरता को कम करते हैं, साथ ही तेज बारिश से आपके गार्डन की मिट्टी और पौधों पर भी असर पड़ता है, जिन्हें मानसून के बाद ठीक करने के लिए कुछ जरूरी काम करने की आवश्यकता होती है। अगर आप बिगिनर्स हैं और जानना चाहते हैं कि, मानसून के बाद गार्डन में कौन से जरूरी काम करना चाहिए, तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें, जहाँ आप जानेंगे कि मानसून के बाद गार्डन में किये जाने वाले जरूरी काम कौन से हैं। monsoon ke bad garden me kon se kaam karna chahiye.
मानसून के बाद गार्डन में किये जाने वाले काम – Garden Work After Monsoon In Hindi
अंतिम बरसात के सीजन में मानसून निकल जाने के बाद अधिकतर गार्डनर को यह पता नहीं होता कि हम गार्डन में क्या काम करें, जिससे कि पौधे स्वस्थ रहें, तो हम आपको गार्डन के कुछ जरूरी काम के बारे में बताने जा रहें, जो कि निम्न हैं:
- गार्डन से खरपतवार हटाएं
- गार्डन से पुरानी मल्च को हटाएं
- मिट्टी की संरचना में सुधार करें
- पौधों की प्रूनिंग करें
- कीट नियंत्रित करें
(यह भी जानें: सर्दियों के मौसम में गार्डन की देखभाल कैसे करें….)
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गार्डन की सफाई कर खरपतवार हटाएं – Remove Weeds From Garden After Monsoon In Hindi
बरसात के समय आपने अक्सर देखा होगा कि आपके लगाए हुए पौधों के आस-पास अनचाहे पौधे, घास-पूस इत्यादि खरपतवार उग आते हैं, जो न केवल आपके होम गार्डन की सुन्दरता को कम करते हैं, बल्कि गार्डन की मिट्टी से आवश्यक पोषक तत्व भी ग्रहण करते हैं, जिससे आपके पौधों को पोषक तत्वों की कमी का सामना करना पड़ता है, जिससे पौधे कमजोर व बीमार नजर आने लगते हैं। मानसून के बाद का समय इन सभी खरपतवारों को निकालने के लिए सबसे अच्छा समय होता है, जब आप अपने होम गार्डन से, हैण्ड वीडर या अन्य वीड रिमूविंग टूल्स की सहायता से खरपतवार को पूरी तरह हटा सकते हैं और अपने गार्डन को स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं।
(यह भी जानें: खरपतवार हटाने के लिए आवश्यक गार्डनिंग टूल्स….)
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गार्डन से पुरानी मल्च को हटाएं – Remove Old Mulch From Garden After Monsoon In Hindi
बरसात के समय हम अपने आउटडोर गार्डन में लगे हुए पौधों को तेज बारिश व अन्य किसी सम्भावित नुकसान से बचाने के लिए पौधों की मल्चिंग करते हैं। बरसात के बाद इस मल्च के नीचे मानसून के प्रमुख कीट, स्लग और घोंघे आपके गार्डन में अपना घर बना सकते हैं और भविष्य में आपके पौधों को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसीलिए पौधों की हेल्दी ग्रोथ को बनाये रखने या पौधों को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए मानसून के बाद मल्चिंग को हटा देना चाहिए।
(यह भी जानें: गार्डनिंग टूल्स की देखभाल करने के टिप्स….)
मिट्टी की संरचना में सुधार करें – Improve Soil Structure After Monsoon In Hindi
मानसून के समय पौधों को जो प्राकृतिक पानी मिलता है, उसमें हाइड्रोजन पेरोक्साइड तथा अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व इत्यादि मौजूद होते हैं, जिसके कारण पौधों को अतिरिक्त खाद या उर्वरकों की आवश्यकता नहीं होती। इसके अलावा बरसात के समय पौधों को दिए हुए खाद व उर्वरक तेज बारिश के प्रभाव के कारण मिट्टी से धुल सकते हैं, जिसके कारण मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी आ जाती है, इसीलिए आपको मानसून के बाद अपनी गार्डन सॉइल का परीक्षण कर मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करना चाहिए। मिट्टी में पोषक तत्वों की पूर्ति करने एवं मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए आप उसमें जैविक खाद, नीम केक, वर्मी कम्पोस्ट खाद या पुरानी गोबर की खाद आदि का उपयोग कर सकते हैं।
बरसात में गार्डन की मिट्टी संकुचित होने या पौधे की जड़ों के आस-पास की मिट्टी बह जाने की सम्भावना बहुत अधिक होती है, अतः मानसून के बाद अपनी गार्डन सॉइल को पोरस बनाने के लिए निराई-गुड़ाई करनी चाहिए, तथा पौधों के पास की धुली हुई मिट्टी की जगह नई पॉटिंग सॉइल का उपयोग कर पौधों की जड़ों को ढँक देना चाहिए।
(यह भी जानें: पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी….)
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पौधों की प्रूनिंग करें – Prune Your Garden Plants After Monsoon In Hindi
बरसात के समय पौधे सक्रिय रूप से बढ़ रहे होते हैं, जिससे हम उनकी कटाई-छंटाई इत्यादि अच्छे से नहीं कर पाते, लेकिन मानसून के बाद का समय पौधों की प्रूनिंग करने का सबसे अच्छा समय है, जब आप अपने वार्षिक फूल वाले पौधों की डेडहेडिंग एवं अन्य झाड़ीदार पौधों की प्रूनिंग कर सकते हैं। सेमी हार्डवुड या हार्डवुड पौधों की प्रूनिंग करने के लिए हमेशा तेज धारदार प्रूनर्स या अन्य प्रूनिंग टूल्स का उपयोग करना चाहिए। मानसून के बाद आप अपने होम गार्डन में लगे हुए उन बेकार वार्षिक पौधों को काटकर अलग भी कर सकते हैं जिन्होंने फलना-फूलना बंद कर दिया हो।
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कीट नियंत्रित करें – Control Pests After Monsoon Gardening In Hindi
बरसात का समय कम तापमान तथा उच्च आर्द्रता वाला मौसम होता है, जिसमें पौधों में कई तरह के कीट व रोग होने की सम्भावना अधिक होती है, इसीलिए मानसून के बाद आपको पौधों की नियमित रूप से जांच करना चाहिए, तथा किसी भी कीट या रोग का संक्रमण दिखाई देने पर उचित पेस्टीसाइड (कीटनाशक) या फंगीसाइड का उपयोग करना चाहिए। मानसून के बाद पौधों में कीट नियंत्रण के लिए आप स्टिकी ट्रेप, नीम तेल, कीटनाशक साबुन तथा होममेड 3 जी पेस्टीसाइड का छिड़काव अपने गार्डन प्लांट्स पर कर सकते हैं।
(यह भी जानें: गमले के पौधों को कीट से बचाने के तरीके…..)
उपरोक्त आर्टिकल में आपने जाना कि मानसून या बरसात के बाद अपने गार्डन को हरा भरा बनाये रखने तथा पौधों को तेजी से बढ़ने के लिए होम गार्डन में कौन-कौन से काम करना चाहिए। उम्मीद है, यह लेख आपको पसंद आया होगा। इस लेख से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हैं, हमें कमेंट में अवश्य बताएं।
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