ड्रैगन फ्रूट के पौधे में सड़न की समस्या हो रही है? जानिए कारण और असरदार उपाय – Dragon Fruit Plant Rotting Problem? Know The Causes And Solutions In Hindi

Why Is My Dragon Fruit Plant Rotting In Hindi: ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) एक ऐसा फल है जो अपने न्यूट्रिशन, स्वाद और सुंदरता के लिए जाना जाता है। इसकी खेती अब भारत के कई हिस्सों में की जा रही है, लेकिन बरसात या अधिक नमी वाले मौसम में इसके पौधों में सड़न की समस्या आम हो जाती है। यह सड़न मुख्य रूप से जड़, तना या फल के आस-पास के हिस्सों में होती है, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है और उत्पादन पर असर पड़ता है। यदि समय रहते इसका समाधान न किया जाए, तो पूरा प्लांट खराब हो सकता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि, ड्रैगन फ्रूट का पौधा क्यों सड़ रहा है, ड्रैगन प्लांट सड़ने के कारण क्या हैं और ड्रैगन पौधा सड़ने से बचाने के उपाय और ड्रैगन फ्रूट प्लांट की देखभाल कैसे करें, ताकि पौधा हेल्दी ग्रोथ कर सके।

ड्रैगन फ्रूट में सड़न किन कारणों से होती है – What Causes Rot In Dragon Fruit Plants In Hindi

ड्रैगन फ्रूट में सड़न किन कारणों से होती है - What Causes Rot In Dragon Fruit Plants In Hindi

फलों के पेड़ों में रोग और सड़न की समस्या होना एक आम बात है। यह निम्न कारणों से हो सकता है-

  • अधिक पानी देना (Overwatering) – ड्रैगन फ्रूट कैक्टस प्रजाति का पौधा है, जिसे बहुत अधिक पानी की जरूरत नहीं होती। लगातार गीली मिट्टी (wet soil) में पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं।
  • पानी की निकासी न होना (Poor Drainage) – यदि गमले या गार्डन की मिट्टी में पानी रुकता है तो यह सड़न का मुख्य कारण बनता है। यह रूट रॉट (root rot) को बढ़ावा देता है।
  • लंबे समय तक नमी रहना (Prolonged Moisture) – बरसात के मौसम में जब लंबे समय तक नमी बनी रहती है, तो तने और फल के आस-पास फंगल संक्रमण (fungal infection) होने लगता है।
  • संक्रमित मिट्टी या पानी (Infected Soil/Water) – अगर मिट्टी या सिंचाई का पानी पहले से संक्रमित है, तो पौधे में फंगस या बैक्टीरिया तेजी से फैल सकते हैं।
  • कम धूप मिलना (Lack of Sunlight) – पौधे को पर्याप्त धूप नहीं मिलती है तो मिट्टी सूख नहीं पाती, जिससे लगातार नमी बनी रहती है और फंगल ग्रोथ बढ़ती है।
  • गलत किस्म की मिट्टी (Wrong Soil Type) – भारी मिट्टी या चिकनी मिट्टी (clay soil) पानी को रोकती है, जिससे जड़ों में ऑक्सीजन नहीं पहुंचती और सड़न शुरू हो जाती है।
  • फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण (Fungal/Bacterial Attack) – खासतौर पर Fusarium, Pythium जैसे फंगस ड्रैगन फ्रूट में सड़न के मुख्य कारक होते हैं।

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ड्रैगन फ्रूट के पौधे में सड़न की समस्या होने पर करें ये उपाय – Facing Rot In Dragon Fruit? Follow These Tips In Hindi

जब ड्रैगन फ्रूट के प्लांट में सड़न की समस्या हो जाए, तो आपको तुरंत ये उपाय करना चाहिए-

1. संतुलित मात्रा में पानी दें – Control Watering in Hindi

ड्रैगन फ्रूट में सड़न का सबसे बड़ा कारण ज्यादा पानी देना होता है। जब मिट्टी गीली रहती है, तो जड़ें ऑक्सीजन नहीं ले पातीं और सड़ने लगती हैं। इसलिए पौधे को पानी तभी दें जब मिट्टी ऊपर से सूखी लगे। बरसात के मौसम में पानी देना कम कर दें और नियमित अंतराल पर मिट्टी की नमी जांचते रहें।

2. अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का इस्तेमाल करें – Use Well Drained Soil in Hindi

ऐसी मिट्टी चुनें जो पानी को सोखने के बाद जल्दी सुख जाए। रेत, कोकोपीट और जैविक खाद का मिश्रण सबसे अच्छा रहता है। भारी या चिकनी मिट्टी पानी रोकती है, जिससे सड़न जल्दी फैलती है। मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी होगी तो पौधा स्वस्थ रहेगा और फंगल इंफेक्शन से भी बचा रहेगा।

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3. फंगसनाशी दवा का छिड़काव करें – Spray Fungicide in Hindi

यदि सड़न की शुरुआत हो गई है, तो Carbendazim या Trichoderma जैसे जैविक या रासायनिक फंगसनाशी का छिड़काव करें। यह फंगल बीजाणुओं को नष्ट करता है और बीमारी को फैलने से रोकता है। दवा छिड़कते समय निर्देशों का पालन करें और पत्तों व तनों पर भी स्प्रे करें।

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4. संक्रमित हिस्से हटा दें – Remove Infected Parts in Hindi

जो भी तना, शाखा या हिस्सा काला या सड़ा दिखे, उसे साफ ब्लेड या चाकू से काट दें। संक्रमण को और फैलने से रोकने के लिए कटे हुए भाग पर दालचीनी पाउडर या नीम पाउडर लगाएँ। यह एक प्राकृतिक फंगसनाशक की तरह काम करता है और घाव को जल्दी भरने में मदद करता है।

5. गमले में छेद जरूर हो – Use Pots with Drainage Holes in Hindi

अगर आप ड्रैगन फ्रूट को गमले में उगा रहे हैं तो ध्यान रखें कि गमले के नीचे पानी निकासी के छेद हों। बिना छेद वाले गमले में पानी जमा हो सकता है, जिससे जड़ें गलने लगती हैं। आप चाहें तो नीचे पत्थर या कोलतार की परत भी डाल सकते हैं ताकि पानी आसानी से बाहर निकले।

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6. धूप और हवा का इंतजाम करें – Provide Sunlight and Ventilation in Hindi

ड्रैगन फ्रूट को धूप और खुली हवा बहुत पसंद होती है। इसे ऐसे स्थान पर रखें जहाँ कम से कम 6 घंटे की सीधी धूप मिले और हवा का प्रवाह भी अच्छा हो। बंद जगह या बहुत नमी वाले क्षेत्र में फंगल संक्रमण तेजी से फैलता है। अच्छी हवा सड़न को रोकने में सहायक होती है।

7. नीम का तेल इस्तेमाल करें – Use Neem Oil in Hindi

नीम के तेल में प्राकृतिक फंगसनाशक और कीटनाशक गुण होते हैं। सप्ताह में एक बार नीम तेल का स्प्रे करें। यह पत्तियों, तनों और मिट्टी पर मौजूद हानिकारक जीवाणुओं को खत्म करता है और सड़न से बचाव करता है। 5 ml नीम तेल को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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8. जैविक उपाय अपनाएं – Try Organic Remedies in Hindi

फंगल संक्रमण को रोकने के लिए छाछ (दही का पानी), गौमूत्र या तुलसी अर्क जैसे जैविक विकल्पों का उपयोग करें। ये उपाय पौधे में लाभकारी सूक्ष्मजीवों को बढ़ाते हैं जो हानिकारक फंगस को दबा देते हैं। जैविक उपाय सुरक्षित होते हैं और मिट्टी की सेहत भी सुधारते हैं।

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9. ऊँची क्यारी में रोपाई करें – Plant on Raised Beds in Hindi

अगर ड्रैगन फ्रूट को जमीन में उगा रहे हैं, तो 6–8 इंच ऊँची क्यारी या उठी हुई बेडिंग बनाएं। इससे बारिश का पानी आसानी से बह जाएगा और पौधे की जड़ें गीली नहीं रहेंगी। क्यारी में रेत और गोबर की खाद मिलाने से मिट्टी की जलनिकासी क्षमता भी बढ़ती है।

10. नए पौधों की रोपाई से पहले मिट्टी की तैयारी करें – Prepare Soil Before Plantation in Hindi

जब आप नया पौधा लगाएं, तो मिट्टी को पहले धूप में सुखाकर उसमें नीम खली, ट्राइकोडर्मा या वर्मी कम्पोस्ट मिलाएं। इससे मिट्टी में फंगस नहीं पनपेगा और पौधा शुरू से ही स्वस्थ रहेगा। बीज या कटिंग लगाने से पहले उन्हें भी जैविक फफूंदनाशक में डुबो सकते हैं।

निष्कर्ष:

ड्रैगन फ्रूट के पौधे में सड़न की समस्या अक्सर अधिक नमी, खराब जलनिकासी और फंगल संक्रमण के कारण होती है। यदि समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो पूरा पौधा नष्ट हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम नियमित देखभाल करें, पानी की मात्रा नियंत्रित रखें, अच्छी मिट्टी और जैविक उपायों का इस्तेमाल करें। नीम तेल और फफूंदनाशकों का प्रयोग संक्रमण को रोकने में सहायक होता है। इन उपायों को अपनाकर न सिर्फ पौधे की सड़न को रोका जा सकता है, बल्कि उसकी ग्रोथ और उत्पादन भी बेहतर किया जा सकता है।

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