बीज से पौधे उगाना किसी भी गार्डनर के लिए एक रोमांचक अनुभव होता है। बीज से उगते हुए छोटे-छोटे अंकुरित पौधों को देख प्रत्येक गार्डनर एक अलग ही ख़ुशी का अनुभव करते हैं। जब पौधे पर्याप्त लंबाई और आकार में विकसित हो जाते हैं, तब समय आता है सीडलिंग को ट्रांसप्लांट करने का। आमतौर पर पौधे के बेहतर विकास के लिए सीडलिंग को सही समय पर ट्रांसप्लांट करना जरूरी होता है। यदि पौधों को बहुत जल्दी या देरी से ट्रांसप्लांट किया गया, तो नाजुक पौधे खराब हो सकते हैं। आज हम आपको सीड ट्रे से सीडलिंग को ट्रांसप्लांट कब और कैसे करें? इसकी जानकारी देंगे, इसके अलावा आप सीडलिंग को ट्रांसप्लांट करने का सही समय और स्थिति के बारे में भी जानेंगे।
ट्रांसप्लांटिंग क्या है – What Is Transplanting In Hindi
ट्रांसप्लांटिंग छोटे पौधों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की प्रक्रिया है, ताकि उन्हें बढ़ने और विकसित होने के लिए पर्याप्त स्थान मिल सके। आमतौर पर अधिकांश पौधों के बीज को जर्मिनेट करने के लिए उन्हें अनुकूल वातावरण में लगाया जाता है, जिसे सीडलिंग कहा जाता है। बीज जर्मिनेट होने के बाद जब पौधे 6 से 8 इंच लंबाई के हो जाते हैं, तब उन्हें अच्छी तरह बढ़ने के लिए बाहरी वातावरण जैसे गार्डन के गमले या कंटेनर में ट्रांसप्लांट किया जाता है। ट्रांसप्लांटिंग के दौरान पौधे की जड़ों के विस्तार के लिए पर्याप्त स्थान, बेहतर विकास के लिए पौधों के बीच की दूरी निश्चित की जाती है।
अब आगे जानेंगे- सीडलिंग को ट्रांसप्लांट कब करना चाहिए?
(यह भी जानें: ट्रांसप्लांट मेथड से पौधे उगाने के लिए ग्रोइंग चार्ट….)
सीडलिंग को ट्रांसप्लांट कब करें – When To Transplant Seedlings In Hindi
सीडलिंग को ट्रांसप्लांट कब करना चाहिए? यह बात पौधे पर निर्भर करती है। कुछ पौधे जैसे प्याज और लेट्यूस, यह ठंडे मौसम की सब्जियां हैं, अतः इन्हें बहुत गर्म तापमान होने से पहले लगाया जाना चाहिए तथा कुछ सब्जियां जैसे टमाटर और मिर्च, यह गर्म मौसम में अच्छी तरह उगती हैं, इन्हें मिट्टी गर्म हो जाने पर ही बाहर ट्रांसप्लांट करना चाहिए। आप सीडलिंग को निम्न समय पर ट्रांसप्लांट कर सकते हैं:-
- पत्तियों का सेट तैयार हो जाने के बाद – बीज अंकुरित होने के बाद अंकुरों में बीज पत्र आते हैं तथा बीज पत्र के बाद पत्तियों का नया सेट तैयार हो जाता है। एक बार जब पत्तियों का नया सेट तैयार हो जाता है, तब यह संकेत बताता है, कि सीडलिंग ट्रांसप्लांटिंग के लिए तैयार है।
- अंकुरित पौधों का आकार – जब आपकी सीडलिंग के छोटे पौधों की लंबाई लगभग 4 से 8 इंच हो जाती है, तब यह वह समय है जब आप उन्हें बाहर ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
- पर्याप्त जड़ विकास हो जाने पर – ट्रांसप्लांटिंग से पहले, पौधों की जड़ के विकास का आकलन करना महत्वपूर्ण है। सीडलिंग ट्रे से कुछ पौधे उठाएं और जड़ों की स्थिति की जांच करें। यदि जड़ प्रणाली अच्छी तरह से विकसित हो गई है तो आप पौध को ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
- बाहरी परिस्थितियाँ और अनुकूल मौसम होने पर – पौधे को ट्रांसप्लांट करने से पहले अपने क्षेत्र की बाहरी परिस्थितियों और मौसम पर विचार करें। जिस प्रकार बहुत ठंडा तापमान पौधों को मार सकता है, उसी प्रकार बहुत अधिक तापमान से भी पौधे झुलस सकते हैं। अतः पौधे की ग्रोइंग कंडीशन के अनुकूल मौसम होने की प्रतीक्षा करें।
(यह भी जानें: ग्रो बैग में गार्डनिंग करने के लिए 5 जरूरी टिप्स…)
(नोट:- जब बाहर का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो तभी सीडलिंग को ट्रांसप्लांट करना सही होता है।)
सीडलिंग को हार्ड करें – Harden Off The Seedlings In Hindi
आमतौर पर छोटे-नन्हें पौधों को अनुकूल परिस्थितियों में उगाया जाता है, जिससे इन्हें बाहर ट्रांसप्लांट करने से पहले सीडलिंग हार्डनिंग प्रक्रिया अपनाई जाती है। यदि आप उन्हें सीधे गार्डन में ट्रांसप्लांट कर देंगे, तो वह अधिक तापमान और सीधी धूप को सहन नहीं कर पायेंगे, जिससे उनकी ग्रोथ भी प्रभावित हो सकती है। अतः इस ट्रांसप्लांटिंग शॉक को कम करने के लिए अपनी सीडलिंग को ट्रांसप्लांट करने के 7 से 10 दिन पहले प्रति दिन कुछ घंटों की धूप दिखाएं और मिट्टी को लगातार नम रखें। इसके बाद आप पौध को प्रत्यारोपित कर सकते हैं।
आइये अब जानते हैं- सीडलिंग को गमले या ग्रो बैग में ट्रांसप्लांट कैसे करें?
सीड ट्रे से सीडलिंग को ट्रांसप्लांट कैसे करें – How To Transplant Seedling From Seed Tray In Hindi
यदि आप सीडलिंग को ट्रांसप्लांट करने जा रहे हैं, तो हम आपको बता दें, कि इसे ट्रांसप्लांट करने का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है, इससे पौधे धीरे-धीरे धूप के संपर्क में आते हैं। आप अपनी सीडलिंग को बादल वाले दिन अर्थात जिस दिन तेज धूप न हो, उस दिन भी ट्रांसप्लांट कर सकते हैं। सीड ट्रे से सीडलिंग को ट्रांसप्लांट करने के कुछ स्टेप्स निम्न हैं:-
- सबसे पहले गमले या ग्रो बैग में पॉटिंग मिक्स भरें।
- पौधे लगाने से पहले सुनिश्चित करें, कि मिक्सचर नम हो।
- अब मिट्टी में पौधे के रूटबॉल से बड़ा होल बनाएं।
- सीडलिंग ट्रे से पौधे को तने से पकड़कर सावधानीपूर्वक बाहर निकालें।
- इसके बाद पौधे को उचित गहराई में लगाएं।
- पौधे के आसपास मिट्टी डालें, जिससे वह बिना किसी सहारे से स्थापित हो जाए।
- गमले में पौधा लगाने के बाद वाटर कैन की मदद से गहराई से पानी दें।
- सीडलिंग ट्रांसप्लांटिंग के कुछ दिनों बाद पौधे को अच्छी तरह बढ़ने के लिए जैविक संतुलित उर्वरक जैसे प्लांट ग्रोथ प्रमोटर, बायो NPK, सीवीड फर्टिलाइजर आदि दें।
(यह भी जानें: प्लांट रिपॉटिंग के दौरान न करें यह गलतियाँ, मर सकता है पौधा…)
अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर – FAQ And Their Answer In Hindi
प्रश्न:- टमाटर की सीडलिंग को ट्रांसप्लांट कब करें?
उत्तर:- आमतौर पर बीज अंकुरण के लगभग 6-8 सप्ताह बाद, जब पौधे 6 से 8 इंच के हो जाते हैं तथा उनमें 4-6 पत्तियाँ विकसित हो जाती हैं, तब आप उन्हें ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
प्रश्न:- क्या सभी सीडलिंग को एक जैसे ट्रांसप्लांट किया जाता है?
उत्तर:- अधिकांशतः सीडलिंग को एक जैसे ट्रांसप्लांट किया जाता है, लेकिन कुछ पौधे जैसे टमाटर और स्ट्रॉबेरी इन्हें कुछ अलग तरह से ट्रांसप्लांट किया जाता है, टमाटर को अधिक गहराई तथा स्ट्रॉबेरी को कम गहराई में लगाया जाता है।
प्रश्न:- क्या रोपाई से पहले पौध की निचली पत्तियों को हटा देना चाहिए?
उत्तर:- हाँ ट्रांसप्लांटिंग से पहले पौध की अधिक निचली पत्तियों को, जो मिट्टी के संपर्क में आ रही हों, उन्हें हटा देना चाहिये। इससे बेहतर वायु प्रवाह और बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
(यह भी जानें: गार्डनिंग टूल्स और उनके उपयोग की जानकारी…)
इस लेख में आपने जाना, सीड ट्रे से पौध या सीडलिंग को ट्रांसप्लांट कब और कैसे करें? रोपाई को ट्रांसप्लांट करने का सही समय के बारे में। यदि हमारा लेख आपको पसंद आया हो, तो अपने दोस्तों को शेयर करें तथा लेख के सम्बन्ध में अपने सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।