अगर आप घर में गार्डनिंग करते हैं, तो आपने देखा होगा कि प्लांट को कीड़े और बीमारियां जल्दी पकड़ लेती हैं। ये कीट धीरे-धीरे पौधों की पत्तियां, तना, जड़ खराब कर देते हैं। कई लोग तुरंत मार्केट से केमिकल वाला स्प्रे लेकर छिड़क देते हैं, लेकिन ये उपाय हर बार सुरक्षित नहीं होते। ये दवाइयां पौधे के साथ मिट्टी और हमारे स्वास्थ्य पर भी असर डालती हैं। इसीलिए गार्डनर घरेलू उपायों को ज़्यादा अपनाने लगे हैं। घर में मौजूद चीज़ें कीटों और बीमारियों से लड़ने में बहुत मददगार होती हैं। न तो इनका कोई साइड इफेक्ट होता है और न ही ज्यादा खर्च आता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि पौधों के कीट और रोग दूर करने के उपाय क्या हैं, पौधे से कीट कैसे हटाएं? तो अगर आप चाहते हैं कि आपके पौधे हमेशा हरे-भरे और स्वस्थ रहें, तो यह जानकारी आपके बहुत काम की है।
पौधों को कीट और बीमारी से कैसे बचाएं – How To Control Pests And Diseases In Plants In Hindi
अक्सर गार्डनिंग करते समय पौधे में कीड़े और रोग लग जाते हैं, जो हमारे पौधों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुचाते हैं। इस लेख में पौधों को कीट और रोगों से कैसे बचाया जा सकता है?, के तरीके बताये गए हैं जिन्हें इस्तेमाल कर आप अपने गार्डन को कीट व रोगमुक्त बना सकते हैं। पौधों को कीट और बीमारी से कैसे बचाएं?, के उपाय निम्न प्रकार हैं:-
1. नीम का तेल स्प्रे – Neem oil spray in Hindi
नीम का तेल पौधों के लिए सबसे असरदार जैविक कीटनाशक माना जाता है। यह लगभग सभी प्रकार के कीटों जैसे एफिड, व्हाइटफ्लाई, मीलिबग, और थ्रिप्स पर असर करता है। एक लीटर पानी में 5-10 मिली नीम का तेल और थोड़ा लिक्विड सोप मिलाकर स्प्रे बनाएं और इसे सप्ताह में दो बार पौधों पर छिड़कें। यह कीड़ों को दूर रखने के साथ-साथ पत्तियों पर सुरक्षा परत भी बनाता है। नीम का तेल प्राकृतिक है और पौधों को नुकसान पहुंचाए बिना कीटों को खत्म करता है।
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2. लहसुन और मिर्च का घोल – Garlic and chili solution in Hindi
लहसुन और लाल मिर्च दोनों में प्राकृतिक कीटनाशक गुण होते हैं। 10-12 लहसुन की कलियां, 2-3 हरी या सूखी मिर्च और थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे एक लीटर पानी में घोलकर छान लें और स्प्रे की तरह इस्तेमाल करें। यह घोल कीड़ों को दूर भगाने और फंगल संक्रमण से बचाने में बहुत असरदार होता है। इस घोल की तीखी गंध से कीट पास नहीं आते और पौधों को नुकसान नहीं होता।
3. दही या छाछ का प्रयोग – Use of curd or buttermilk in Hindi
छाछ या खट्टा दही में लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं जो हानिकारक फंगल संक्रमण को खत्म करने में मदद करते हैं। एक भाग छाछ को चार भाग पानी में मिलाकर स्प्रे बनाएं और सप्ताह में एक बार पत्तियों पर छिड़कें। यह विशेष रूप से पत्तों पर लगने वाले सफेद फफूंदी (पाउडरी मिल्ड्यू) से बचाव करता है। दही का घोल पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है और मिट्टी के अच्छे बैक्टीरिया को प्रोत्साहित करता है।
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4. लकड़ी की राख (भूसी) का छिड़काव – Sprinkling of wood ash (husks) in Hindi
लकड़ी या गोबर की राख में पोटाश और अन्य खनिज तत्व होते हैं, जो मिट्टी को पोषक बनाते हैं और कीटों को भगाने में मदद करते हैं। पौधों की जड़ों के पास और पत्तियों पर हल्की मात्रा में राख छिड़कने से कीट दूर रहते हैं, विशेषकर स्लग और एफिड जैसे कीट। यह नमी सोख लेती है जिससे फंगस पनप नहीं पाता। राख का प्रयोग बारिश के बाद या सुबह के समय करना अच्छा होता है।
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5. हल्दी का घोल – Turmeric solution in Hindi
हल्दी में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुण होते हैं। 1 लीटर पानी में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर इसका स्प्रे तैयार करें। यह घोल पत्तों पर फफूंदी, जड़ सड़न और अन्य संक्रमण को रोकने में सहायक होता है। यह पौधों को बाहरी घावों से भी सुरक्षित रखता है। हल्दी का प्रयोग हफ्ते में एक बार करना सुरक्षित और प्रभावी होता है।
6. प्याज का रस स्प्रे करें – Onion juice spray in Hindi
प्याज की तीखी गंध और इसके रसायन कई कीटों को दूर रखते हैं। 2-3 प्याज को पीसकर उसका रस निकालें और एक लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। इसमें चाहें तो लहसुन का रस भी मिला सकते हैं। यह स्प्रे एफिड, कैटरपिलर और थ्रिप्स जैसे कीटों को भगाता है। प्याज का रस पौधों के लिए बिल्कुल सुरक्षित होता है और इसका असर 2-3 दिनों तक बना रहता है।
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7. साबुन पानी का स्प्रे – Soap water spray in Hindi
साधारण बर्तन धोने वाले लिक्विड साबुन को पानी में मिलाकर बना स्प्रे एफिड, व्हाइटफ्लाई और मीलिबग को मारने में असरदार होता है। एक लीटर पानी में 1 चम्मच लिक्विड साबुन मिलाएं और अच्छे से मिलाकर स्प्रे करें। यह कीटों के शरीर की बाहरी परत को खराब कर देता है जिससे वे मर जाते हैं। ध्यान रखें कि साबुन की मात्रा अधिक न हो, वरना पौधे की पत्तियां झुलस सकती हैं।
8. तुलसी के पत्तों का घोल – Basil leaf solution in Hindi
तुलसी के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। 15-20 तुलसी के पत्तों को पानी में पीसकर छान लें और उस पानी को स्प्रे की तरह इस्तेमाल करें। यह घोल विशेष रूप से मच्छरों, मक्खियों और छोटे कीड़ों को पौधों से दूर रखने में मदद करता है। तुलसी की खुशबू कीड़े दूर भगाती है और पौधों को ताजगी देती है।
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9. दूध और पानी का स्प्रे – Milk and water spray in Hindi
गाय या भैंस के कच्चे दूध को पानी के साथ मिलाकर बनाया गया स्प्रे पौधों पर फफूंदी और वायरस को दूर रखने में मदद करता है। 1 भाग दूध और 2 भाग पानी मिलाकर सप्ताह में एक बार छिड़कें। यह खासकर टमाटर और भिंडी जैसे पौधों पर लगने वाले वायरस से बचाव करता है। दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड पत्तियों की सतह को साफ करता है और उन्हें मजबूत बनाता है।
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10. केले के छिलके की खाद – Banana peel compost in Hindi
केले के छिलकों में पोटैशियम और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं जो प्लांट की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। छिलकों को बारीक काटकर मिट्टी में दबा दें या पानी में भिगोकर उसका स्प्रे तैयार करें। इससे पौधे अंदर से मजबूत होते हैं और कीटों का प्रभाव कम होता है। यह उपाय फूलों और फलदार पौधों के लिए खासतौर से फायदेमंद होता है।
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कीट दूर करने से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न –
1. पौधों से सफेद कीड़े कैसे निकाले जाते हैं – How to remove white pests from plants in Hindi
पौधों से सफेद कीड़ों (जैसे मीलिबग या व्हाइटफ्लाई) को हटाने के लिए सबसे पहले प्रभावित हिस्से को साफ पानी से धोना चाहिए। इसके बाद नीम का तेल (5 ml) और हल्का लिक्विड साबुन (2-3 बूंद) एक लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। यह कीटों को दूर भगाने में असरदार होता है। आप लहसुन और मिर्च का घोल भी छिड़क सकते हैं, जिससे सफेद कीड़े पत्तियों से हट जाते हैं। भारी संक्रमण होने पर कीटों को हाथ या ब्रश से निकालें। यह प्रक्रिया हफ्ते में 2 बार दोहराएं ताकि कीट दोबारा न आएं।
2. काले कीड़ों को भगाने के क्या उपाय हैं – How to get rid of black insects in Hindi
काले कीड़ों (जैसे ब्लैक बीटल या एफिड्स) को भगाने के लिए नीम का तेल सबसे असरदार उपाय है। 5-10 ml नीम तेल को 1 लीटर पानी और कुछ बूंद साबुन के साथ मिलाकर पौधों पर छिड़कें। इसके अलावा लहसुन, प्याज और मिर्च का पेस्ट बनाकर पानी में घोलें और स्प्रे करें। यह तीखी गंध काले कीड़ों को दूर करती है। राख का छिड़काव भी इन कीड़ों को भगाने में मदद करता है। पौधों के आस-पास तुलसी या गेंदा जैसे पौधे लगाने से भी कीटों से प्राकृतिक सुरक्षा मिलती है। ये उपाय नियमित रूप से अपनाएं।
निष्कर्ष:-
पौधों को कीटों और रोगों से बचाना हर गार्डनर के लिए बहुत जरूरी है। रासायनिक कीटनाशकों के बजाय अगर हम घरेलू और प्राकृतिक उपाय अपनाएं, तो न केवल पौधे स्वस्थ रहेंगे, बल्कि मिट्टी और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। नीम का तेल, लहसुन-मिर्च का घोल, राख, दही, हल्दी जैसे आसान और सस्ते उपायों से हम कीटों को दूर कर सकते हैं और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इन उपायों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये हमारी सेहत और जैव विविधता पर कोई बुरा असर नहीं डालते।
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