किसी भी पौधे में फूल खिलने, फल लगने तथा बीज बनने में पॉलिनेशन की अहम भूमिका होती है। यदि पौधों में पॉलिनेशन ठीक तरह से न हो पाए, तो उनका फूलना-फलना संभव नहीं होता है। पौधों में पॉलिनेशन होना और इसकी कमी, को समझ पाना कुछ मुश्किल होता है, क्योंकि यह कोई रोग या बीमारी नहीं है, जिसे सीधे देखकर पता लगाया जा सके, बल्कि यह एक प्रक्रिया होती है, जो फूलों के परागों में होती है, इसलिए इसका पता सीधे देखकर नहीं लगाया जा सकता है। हालाँकि परागण हुआ है या नहीं, इसे देख पाना मुश्किल है, लेकिन पौधों में इसकी कमी के कुछ लक्षण देखे जा सकते हैं, जिनके बारे में हम इस लेख में बतायेंगे।
पॉलिनेशन क्या है, पौधों में पॉलिनेशन या परागण की कमी के लक्षण और दूर करने के उपाय क्या हैं? पॉलिनेशन की कमी की पहचान कर उसे दूर कैसे करें? जानने के लिए आर्टिकल पूरा पढ़ें।
पॉलिनेशन क्या है – What Is Pollination In Plants In Hindi
परागण (Pollination) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें पौधों में फूल खिलते हैं, फल बनते हैं और उन फलों के द्वारा बीज निर्मित होते हैं अर्थात किसी पौधे का विस्तार होने के लिए उनमें पॉलिनेशन होना बहुत जरूरी है। इस प्रक्रिया में फूलों के पराग उनके नर भाग से मादा भाग में स्थानांतरित होते हैं, जिसके परिणामस्वरुप फूलों से बीज बनने शुरू होते हैं।
कुछ पौधों के एक ही फूल में नर तथा मादा दोनों भाग होते हैं, जिससे उनमें हवा के माध्यम से पॉलिनेशन होता है तथा कुछ के एक फूल में मादा तथा दूसरे फूल में नर भाग होता है, जिससे उनमें पॉलिनेशन किसी पोलिनेटर जैसे- मधुमक्खी, पतंगे, तितली, भौरें आदि के माध्यम से होता है।
आइये जानते हैं- पौधों में पॉलिनेशन की कमी से किस तरह के लक्षण या संकेत दिखाई देते हैं?
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पौधों में पॉलिनेशन की कमी के लक्षण – Symptoms Of Lack Of Pollination In Plants In Hindi
पौधों में ठीक तरह से परागण (पॉलिनेशन) न होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं:-
- फूलों का अच्छी तरह से न खिलना।
- बिना फल बने फूलों का खिलकर गिर जाना।
- फलों की उत्पादन क्षमता कम होना।
- फल अनियमित आकार का होना।
- फल पूरी तरह से विकसित हुए बिना गिर जाना।
- छोटे आकार के फल तथा अविकसित सब्जियां होना।
- गुच्छों की संख्या कम होना।
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फूलों का अच्छी तरह से न खिलना – Poor Flowering In Plants Due To Lack Of Pollination In Hindi
अगर पौधे में फूल पूरी तरह से नहीं खिल रहे हैं, तो यह पॉलिनेशन की कमी का संकेत हो सकता है। किसी भी पौधे में फूल शुरुआती अवस्था में छोटे होते हैं तथा जब उन फूलों में पॉलिनेशन हो जाता है, तब वह पूरी तरह से खिलने लगते हैं और फिर बीज बनाते हैं। यदि उनमें पॉलिनेशन नहीं होता है, तो वह फूल अविकसित ही रहते हैं और झड़ने लगते हैं।
बिना फल बने फूलों का खिलकर गिर जाना – Flower Drop Without Fruit Due To Lack Of Pollination In Hindi
परागण (पॉलिनेशन) की कमी के कारण यह लक्षण अधिकांशतः सब्जियों के पौधे में देखने को मिलते हैं। इन पौधों में फूल तो आते हैं, लेकिन फल बनने से पहले ही वह फूल झड़ जाते हैं, जिससे पौधे की अच्छी ग्रोथ तथा स्वस्थ रहने के बावजूद भी उसमें फल नहीं लगते हैं।
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फलों की उत्पादन क्षमता कम होना – Low Production Capacity In Plants Due To Lack Of Pollination In Hindi
पॉलिनेशन की कमी का असर सबसे पहले फलों की उत्पादन क्षमता पर दिखाई देता है। जो फूल अच्छी तरह पॉलिनेटेड हो जाते हैं, वह फल बनाने लगते हैं तथा जिन फलों में पॉलिनेशन नहीं होता है, तो वह फल का निर्माण नहीं कर पाते और अंततः सूखकर पौधे से गिर जाते हैं।
फल पूरी तरह से विकसित हुए बिना गिर जाना – Drooping Of Fruit Due To Lack Of Pollination In Hindi
पॉलिनेशन के अभाव से फल पूरी तरह से विकसित हुए बिना ही जमीन पर गिर जाते हैं, यह स्थिति अधिकांशतः करेले के पौधे में देखने को मिलती है। पॉलिनेशन की कमी होने से यह फल छोटे आकार में पककर जमीन पर गिर जाते हैं।
फल अनियमित आकार का होना – Irregular Fruit Shape Due To Lack Of Pollination In Hindi
आपने कभी-कभी लौकी, ककड़ी आदि सब्जियों में पॉलिनेशन की कमी के इस लक्षण को देखा होगा। वास्तव में इन सब्जियों का आकार लंबा तथा बेलनाकार होता है, लेकिन जब इनमें पॉलिनेशन की कमी होती है, तो इनके आकार में बदलाव जैसे एक तरफ से पतला होना, फलों का लम्बाई में न बढ़कर मुड़ जाना आदि दिखाई देने लगते हैं।
छोटे आकार के फल तथा अविकसित सब्जियां होना – Having Small Fruits And Undeveloped Vegetables Due To Lack Of Pollination In Hindi
कभी-कभी पॉलिनेशन की कमी होने से पौधे में सब्जी व फल तो लग जाते हैं, लेकिन वह अन्य फलों की अपेक्षाकृत आकार में छोटे तथा अविकसित (अपरिपक्व) होते हैं।
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गुच्छे छोटे तथा उनकी संख्या कम होना – Reduction In Number Of Clusters In Plants Due To Lack Of Pollination In Hindi
यदि आप किसी गुच्छेदार फल के पौधे जैसे- चेरी टमाटर, अंगूर, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी आदि के पौधों में पॉलिनेशन की कमी का पता लगाना चाहते हैं, तो इसका सबसे बड़ा संकेत यह है, कि इन फलों के पौधों में फल के गुच्छे कम संख्या में होंगे तथा जितने भी गुच्छे होंगे, वह छोटे आकार के होंगे।
पॉलिनेशन की कमी को दूर कैसे करें – How To Increase Pollination In Plants In Hindi
गार्डन के पौधों में पॉलिनेशन की कमी को कैसे पहचानें, जानने के बाद, आइये अब जानते हैं- पॉलिनेशन की कमी को दूर कैसे करें? पौधों में पॉलिनेशन की कमी को दूर करने के उपाय कुछ इस प्रकार हैं:-
- गार्डन तैयार करते समय फलों व सब्जियों के साथ पोलिनेटर्स को आकर्षित करने वाले पौधे अर्थात फ्लावर प्लांट्स भी लगाएं।
- पौधों के बीज उचित दूरी बनाए रखें, जिससे उनके आसपास हवा का प्रवाह अच्छी तरह बना रहे।
- कुछ पौधे जैसे- टमाटर, लौकी, गिलकी आदि में आप हैंड पॉलिनेशन भी कर सकते हैं, अर्थात पौधों को हिलाकर या टूथब्रश की मदद से परागों को स्थानांतरित कर सकते हैं।
- एक ही स्थान पर अलग-अलग प्रकार के पौधे लगाएं अर्थात कम्पेनियन प्लांटिंग करें।
- अपने पौधों की उचित देखभाल करें।
- गार्डन में रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग कम से कम करें, यह कीटनाशक हार्मफुल कीटों के साथ लाभकारी कीटों को भी दूर करते हैं।
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इस लेख में आपने जाना पॉलिनेशन क्या है, पौधों में पॉलिनेशन की कमी के लक्षण, संकेत क्या हैं तथा परागण की कमी की पहचान कैसे करें? इसके अलावा आपने यह भी जाना कि पॉलिनेशन की कमी को दूर करने के उपाय या दूर कैसे करें। अगर हमारा यह लेख आपको पसंद आया हो, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें तथा लेख के संबंध में आपके सुझाव हमें कमेंट करके बताएं।