लौकी के फूल क्यों झड़ते हैं और इसे कैसे रोकें – Why do Bottle Gourd flower Drop and How to Stop It In Hindi

होम गार्डन में लगे हुए लौकी के पौधों के साथ-साथ कई तरह की सब्जियों वाले पौधों में फूलों का गिरना एक आम समस्या है, जिसमे पौधे पर फूल खिलते तो हैं लेकिन फल बनने से पहले ही वे मुरझाकर या सूखकर झड़ जाते हैं। लौकी के पौधे कई अलग-अलग कारणों से अपने फूल गिरा देते हैं, ऐसा या तो वातावरण विपरीत होने के कारण होता है या अन्य किसी बाहरी समस्या के कारण। इस लेख में हम आपको बताएँगे कि लौकी के फूल क्यों झड़ते हैं और लौकी के फूल गिरने से कैसे बचाएं। आइये जानते हैं लौकी के फूल झड़ने के कारण और फूल गिरने से रोकने के उपाय के बारे में।

लौकी के फूल गिरने का कारण – Causes of bottle gourd flower drop in Hindi

लौकी से फूल गिरने के मुख्यतः दो कारण हो सकते हैं, जैसे:

  1. पर्यावरणीय कारण (Environmental causes)
  2. अन्य सम्भावित कारण (Other potential sources)

लौकी के फूल गिरने के पर्यावरणीय कारण – Environmental reason of the gourd flower drop in Hindi

फल-फूल व सब्जियों वाले पौधे अपनी आवश्यकतानुसार जलवायु में अच्छी तरह पनपते और बढ़ते हैं, लेकिन वातावरण में अचानक परिवर्तन से पौधे तनाव में आ जाते हैं फलस्वरूप पौधों के फूल झड़ने लगते हैं और पौधों में अधिक फल नहीं आ पाते। लौकी के पौधे से फूल गिरने के कुछ पर्यावरणीय कारण निम्न हैं:

  • वातावरणीय तापमान में अधिक कमी या वृद्धि
  • आर्द्रता का स्तर
  • लौकी लगे हुए स्थान पर पोलिनेटर्स की कमी
  • मिट्टी में पानी का स्तर कम या ज्यादा होना
  • मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी या नाइट्रोजन की अधिकता
  • लौकी की बेल पर अधिक फूलों का होना

तापमान – Temperature in Hindi

तापमान कम या ज्यादा होने के कारण लौकी के फूल सूखने लगते हैं तथा सूखकर गिर जाते हैं। लौकी के लिए दिन या रात में तापमान कम या ज्यादा होने के कारण ऐसा होता है। दिन व रात के समय तापमान निम्न तरीके से लौकी के फूल गिरने का कारण बन सकता है।

दिन के समय – लौकी के लिए दिन में 28°C-35°C का तापमान आदर्श माना जाता है। दिन के समय 28°C से कम या 35°C से ज्यादा तापमान होने से फूल झड़ सकते हैं।

रात के समय – रात के समय 18°C से 22°C तक के टेम्प्रेचर में लौकी के फूल सुरक्षित रहते हैं। तापमान 18°C से कम या 22°C से ज्यादा होने की स्थिति में फूल गिर जाते हैं।

नोट – लगातार 4-5 घंटे वातावरण का तापमान 40°C होने पर लौकी का पौधा इसे सहन नहीं कर पाता और फूल गिरने लगते हैं। दिन के समय टेम्प्रेचर 35°C से अधिक तथा रात के समय 18°C से कम होने पर पोलिनेशन (pollination) की प्रक्रिया रुक जाती है क्योंकि पराग (pollen) चिपचिपा और अव्यवहार्य हो जाता है जिसके कारण फूलों में पोलिनेशन नहीं हो पाता और फूलों का खिलना बंद हो जाता है फलस्वरूप लौकी के फूल गिर जाते हैं।

आर्द्रता – Humidity in Hindi

लौकी की बेल को बढ़ने के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है लेकिन लौकी का पौधा अत्याधिक ठण्ड के प्रति बहुत संवेदनशील होता है, वातावरण में आर्द्रता (नमी) की कमी या अधिकता के कारण लौकी के पौधे मुरझाकर सूखने लगते हैं फलस्वरूप पौधे से फूल गिरने लगते हैं।

लौकी के फूल झड़ने के अन्य सम्भावित कारण – Bottle Gourd flowers fall off other causes in Hindi

तापमान व आर्द्रता के अतिरिक्त पौधे की उचित देखभाल न होने के कारण भी लौकी के पौधे से फूल झड़ने लगते हैं, अगर आपके गार्डन में या गमले में लगे हुए लौकी के पौधे से फूल झड़ रहे हैं तो इसके निम्न कारण हो सकते हैं:

पोलिनेटर्स की कमी – Shortage of pollinators in Hindi

लौकी के पौधे में परागण (Pollination) की कमी, फूल गिरने का मुख्य कारण हो सकती है, अगर आपके होम गार्डन में मधुमक्खियां और तितलियां जैसे अन्य पोलिनेटर्स नियमित रूप से नहीं आते हैं, तो आपके गमले की मिट्टी में लगे हुए लौकी के पौधों के फूल सूखकर या मुरझाकर झड़ सकते हैं जिसके फलस्वरूप आपके पौधे में फल भी कम आएंगे।

पोलिनेशन के बाद नर फूलों का गिरना स्वाभाविक है लेकिन अगर आपकी लौकी की बेल से स्वस्थ मादा फूल भी फल बनने से पहले ही गिर जाते हैं तो यह चिंता का विषय है।

मिट्टी में पानी का स्तर – Water level in soil in Hindi

मिट्टी में पानी का स्तर - Water level in soil in Hindi

गमले की मिट्टी में लगे हुए लौकी के पौधे को पर्याप्त मात्रा में पानी न मिलने से पौधा सूख कर या मुरझाकर खराब हो सकता है, अगर लौकी का पौधा लगे हुए गमले की मिट्टी में कम पानी देने से लौकी के पौधे तनाव महसूस करेंगे, फलस्वरूप वह अपने फूल गिरा देंगे।

वहीं दूसरी ओर अगर आपके लौकी के पौधे को जरूरत से अधिक पानी दे दिया जाता है तो पौधे की जड़े सड़ने लगती हैं जिसके कारण भी लौकी की बेल से फल व फूल गिर जाते हैं।

(यह भी जानें: पौधों को पानी देने के 10 गोल्डन रूल…)

पोषक तत्वों की कमी – Nutritional deficiencies in Hindi

पोषक तत्वों की कमी - Nutritional deficiencies in Hindi

अगर आपके गमले की मिट्टी में लौकी के पौधों के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध नहीं हैं तो यह पौधों से फल व फूल गिरने का मुख्य कारण हो सकता है, इसमें नाइट्रोजन की मुख्य भूमिका होती है।

नाइट्रोजन एक बहुत ही आवश्यक पोषक तत्व है जो मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखता है, इसकी अधिकता या कमी से लौकी के पौधे में फलों का उत्पादन प्रभावित होता है। यदि आप गमले की मिट्टी में अत्यधिक नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों को मिला रहे हैं, तो इससे आपके लौकी के पौधे हरे और लम्बे पत्ते उगाएंगे तथा इस स्थिति में वे फलों का उत्पादन करने में असमर्थ रहेंगे।

वहीं दूसरी ओर बहुत कम नाइट्रोजन, आपके लौकी की बेल को छोटा और अविकसित रहने का कारण बनता है जिससे पौधे की शाखाएं इतनी मजबूत नहीं हो पाती कि वे फलों के भारीपन को सह सकें, इसीलिए पौधे अपनी फलधारण क्षमता के अनुसार उन अतिरिक्त फूलों को गिरा देते हैं जो फूल, फलों को बनाने में असमर्थ होते हैं।

(यह भी जानें: पौधों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण और निदान…)

अधिक फूलों का होना – Having more flowers in Hindi

अगर आपके लौकी के पौधे स्वस्थ हैं तथा उनमें फूल अच्छी तरह आ रहे हैं फिर भी पौधों में फूल गिरने के लक्षण दिखाई देते हैं तो यह चिंता करने की बात नहीं है, कई बार लौकी के पौधे अपने स्वास्थ्य को बनाये रखने तथा फलों के बेहतर उत्पादन के लिए अपने ऊपर आये अतिरिक्त व उन कमजोर फूलों को नीचे गिरा देते हैं जो फलों के उत्पादन में असमर्थ होते हैं।

लौकी के फूलों को गिरने से कैसे रोकें – How to stop Bottle gourd flowers from falling off in Hindi

गमले या गार्डन की मिट्टी में लगे लौकी के पौधे से फूल झड़ने की समस्या को रोकने व पौधों को इससे बचाने के लिए आप निम्न तरीके अपना सकते हैं:

  • लौकी के पौधे 18℃ से 35℃ तापमान के बीच अच्छी तरह उगते हैं, इसलिए इन पौधों को उनकी आवश्यकता के अनुसार तापमान देना सुनिश्चित करें, अधिक तापमान होने पर लौकी के पौधे के आस-पास छायादार कपड़े या शेड नेट के उपयोग से पौधे को छाया देना चाहिए।
  • पौधा लगे गमले की मिट्टी में पर्याप्त नमी होना सुनिश्चित करें, इस बात का विशेष ध्यान रखें की गमले की मिट्टी को सूखने न दें तथा जलभराव से बचाएं।
  • लौकी की बेल में फल न आने व फूलों के गिरने का मुख्य कारण पोलिनेशन की कमी होता है इसीलिए अपने लौकी के पौधे के आस-पास पोलिनेटर्स को आकर्षित करके आप फूल झड़ने व फल न आने जैसी समस्या से पौधों को बचा सकते हैं। इसके अलावा आप हैण्ड पोलिनेशन करके भी लौकी के फूलों को गिरने से रोक सकते हैं।
  • अगर आपके लौकी के पौधे पानी के अभाव में तनावग्रस्त हो जाते हैं तो पौधे में आवश्यकता अनुसार पानी देकर आप फूलों के झड़ने की समस्या को रोक सकते हैं।
  • लौकी के पौधों में आवश्यकतानुसार पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व देना सुनिश्चित करें।

(यह भी जानें: मिर्च के फूल क्यों गिरते हैं, जानिए इसे रोकने के उपाय…)

अगर आप अपने होम गार्डन में लगे हुए लौकी के पौधे में लम्बे समय से फूल गिरने व फल न आने जैसी समस्याओं को देख रहे हैं, लेकिन उनसे बचने के तरीकों के बारे में अंजान थे तो आप इन तरीकों को अपनाकर लौकी के फूल झड़ने की समस्या को दूर कर सकते हैं। होम गार्डनिंग से जुड़े महत्वपूर्ण लेख पढ़ने के लिए Organicbazar.net पर विजिट करें।

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