अंगूर का पौधा घर पर कैसे लगाएं?- How To Grow Grape Vine At Home In Hindi

यदि आप अपने घर पर ताज़े और रसीले अंगूरों को तोड़कर खाना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें कि घर पर अंगूर कैसे लगाये जाते हैं, अंगूर बीज से और कटिंग से कैसे उगाएं, और इसे लगाने के पश्चात् अंगूर का पौधा आपको कितने समय में फल देगा। यदि आप इस पौधे को घर पर उगा रहे हैं, तो यह जान लें कि अंगूर का पौधा एक बारहमासी पौधा है, जो कि लताओं के रूप में फैलता है। भारत के कई राज्यों में इसकी खेती भी जाती है। अंगूर को न सिर्फ खेतों में बल्कि घर पर भी उगाना आसान है, इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आप यह भी जान पाएंगे कि अंगूर का पौधा लगाने का सही समय क्या है, और पौधा उगाने के लिए उचित गमला व मिट्टी कैसी हो, और अंगूर के पौधे की देखभाल कैसे करें।

अंगूर के बीज लगाने का सही समय – Right Time To plant Grape Seeds In Hindi

अंगूर का पौधा ठण्ड की अपेक्षा गर्मी के मौसम में ठीक तरह से ग्रो कर पाता है। यदि आप कटिंग से अंगूर के पौधे को उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए बसंत ऋतु का मौसम सबसे अच्छा होता है। अंगूर का पौधा लगाने के बाद 10-15 दिन में बढ़ना शुरू हो जाता है और लगाने के एक महीने बाद इस बेल को किसी सहारे की आवश्यकता होती है। इस पौधे को मानसून के बाद नही लगाया जाता, क्योंकि इस समय पौधे की ग्रोथ ठीक प्रकार से नहीं हो पाती है। कटिंग से अंगूर का पौधा लगाने का सही समय मार्च-अप्रैल के माह के बीच का होता है।

घर पर अंगूर की बेल लगाने के लिए गमला या पॉट – Best Size Of Pot For Growing Grape Vine In Hindi

घर पर अंगूर की बेल लगाने के लिए गमला या पॉट – Best Size Of Pot For Growing Grape Wine In Hindi

घर पर अंगूर की बेल या पौधा उगाने के लिए हमे एक बड़े साइज़ के मजबूत पॉट या गमले की आवश्यकता होगी, जो कि अंगूर की बेल को ठीक तरह से सहारा दे सके। क्योंकि इन पौधों की लम्बाई अधिक होने के कारण इनकी जड़ें अधिक गहरी व फैली हुई होती है, जो बड़े साइज़ के पॉट में ठीक तरह से आ जाती हैं। इस पौधे को उगाने के लिए हमें एक ऐसा पॉट या गमला चाहिए जो लगभग 16 से 18 इंच गहरा और 18 से 24 इंच चौड़ा हो। आप निम्न साइज़ के गमले या ग्रो बैग में अंगूर के पौधे को उगा सकते हैं:

अंगूर की बेल उगाने के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें – Best Soil For Growing Grape Vines In Hindi

गमले में अंगूर का पौधा उगाने के लिए दोमट मिट्टी आदर्श मानी गई है। इस बेल को उगाने के लिए मिट्टी कुछ मात्रा में अम्लीय या कुछ मात्रा में क्षारीय होना चाहिए, जिसके लिए मिट्टी का Ph 6.5-8.0 के बीच उचित होता है, इसमें अंगूर का पौधा ठीक तरह से ग्रो कर पाता है। जैसे-जैसे मिट्टी अधिक अम्लीय या क्षारीय होती जाती है, अंगूर के फलों का उत्पादक कम हो जाता है। अंगूर की बेल उगाने के लिए हम 50% मिट्टी, में 20% रेत, और 30% गोबर की खाद मिलाकर एक अच्छा मिश्रण तैयार कर सकते हैं। या फिर घर पर अंगूर का पौधा उगाने के लिए रेडीमेड पॉटिंग साइल का भी उपयोग कर सकते हैं, इस मिट्टी में अंगूर का पौधा आसानी से उगता है।

(और पढ़ें: घर पर गमले की मिट्टी कैसे तैयार करें…)

घर पर अंगूर का पौधा कैसे उगाएं – How To Grow Grape Vine At Home In Hindi

घर पर अंगूर का पौधा कैसे उगाएं – How To Grow Grape Vine At Home In Hindi

यदि आप घर पर अंगूर का पौधा उगाने का सोच रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि इस पौधे को लगाने के दो तरीके हैं :

  • कटिंग द्वारा – अंगूर के पौधे को कटिंग द्वारा लगाया जाता है, कटिंग की इस विधि में अंगूर के दूसरे पौधे से कटिंग ली जाती है, और यदि आपके पास कोई कटिंग नहीं है, तो आप इस कटिंग को नर्सरी से भी प्राप्त कर सकते है, फिर उस कटिंग को पानी में रखकर ग्रो किया जाता है और जब कटिंग में से जड़ें निकलनी शुरू हो जाती है हैं , तो उसे किसी गमले या पॉट की मिट्टी में धूप वाले स्थान पर लगाया जाता है या फिर आप कटिंग को सीधे किसी गमले की मिट्टी में भी लगा सकते हैं।
  • बीज द्वारा – इस विधि में अंगूर के पौधे को सीधे बीज द्वारा उगाया जाता है, इसमें अंगूर के बीजों को किसी पॉट या गमले की मिट्टी में लगाया जाता है, जिससे अंगूर का पौधा अंकुरित होता है। बीज द्वारा अंगूर का पौधा ग्रोथ करने में 2 से 8 सप्ताह का समय लगता है।

घर पर अंगूर का पौधा कटिंग द्वारा लगाने से पौधे की ग्रोथ अच्छी होती है कटिंग से अंगूर का पौधा लगाने के 1 वर्ष बाद फल दे सकता है।  कटिंग से अंगूर का पौधा उगाने के लिए आपको पहले पौधे की कटिंग लेनी होगी तो आगे जानते है कि अंगूर के पौधे की कटिंग कैसे लेते हैं।

(और पढ़ें: ग्राफ्टिंग क्या है, और यह कैसे की जाती है…)

अंगूर के पौधे की कटिंग कैसे लें – How to Take Grape Plant Cuttings In Hindi

कटिंग से अंगूर का पौधा उगाने के लिए आपको पौधे के तने की 6 से 8 इंच की कटिंग लेनी होगी। कटिंग लेते समय इस बात का ध्यान रखें, कि हमें पौधे के हार्ड वुड तने की कटिंग लेना है, और उस कटिंग में कम से कम 3 लीफ नोड हों। कटिंग को लीफ नोड के लगभग 1 इंच ऊपर से काटें। अब इस कटिंग के निचले सिरे को रूटिंग हार्मोन्स में या एलोवेरा जैल में कुछ समय के लिए रख दें। ऐसा करने से कटिंग में नई जड़ की वृद्धि तेजी से होती है। कटिंग लेने के बाद अब आप जानेगें कि अंगूर की कटिंग को गमले में कैसे लगाया जाता है।

कटिंग से अंगूर का पौधा कैसे उगाएं –  How to Grow Grape Plant from Cuttings In Hindi

घर पर कटिंग से अंगूर का पौधा उगाने के लिए हमें निम्न स्टेप्स को फॉलो करना होगा;

  • सबसे पहले चुने हुए गमले में मिट्टी भरें, और उसे नम बनाये रखें।
  • गमले के बीचों बीज कटिंग के निचले हिस्से को 3 इंच मिट्टी के अन्दर दबाएं, कटिंग को इस प्रकार दबाना है, कि एक लीफ नोड मिट्टी के अन्दर व दूसरी नेड मिट्टी की सतह पर होना चाहिए।
  • अब गमले की मिट्टी में पानी डालें।
  • कटिंग लगे हुए गमले को धूप वाले स्थान पर रखें, क्योंकि अंगूर के पौधे को ग्रो करने के लिए अधिक धूप की आवश्यकता होती है।
  • अंगूर की बेल को पूर्ण रूप से बढ़ने के लिए 1 से 2 वर्ष या उससे अधिक समय लग सकता है।

यदि आप अपने घर पर बीज से अंगूर उगाना चाहते है तो आगे जानते हैं कि बीज से अंगूर कैसे लगाए जाते हैं

अंगूर के बीज कैसे लगाएं – How To plant Grapes from seed In Hindi

अंगूर के बीज कैसे लगाएं – How To plant Grape from seed In Hindi

यदि आप अपने घर पर अंगूर का पौधा उगाने का सोच रहे हैं, तो इस पौधे को उगाने के लिए आपको निम्न स्टेप्स को फॉलो करना होगा:

  • सबसे पहले अच्छी किस्म के अंगूर के बीजों का चुनाव करें, आप अंगूर के बीज किसी गार्डनिंग स्टोर या ऑनलाइन के माध्यम खरीद सकते हैं या फिर आप घर पर भी बड़े अंगूर को सुखाकर उसके बीज को लगा सकते हैं।
  • अब चुने हुए बीजों में से स्वस्थ बीजों का चयन करना होगा, चयन करने के लिए बीजों को पानी भरे हुए बर्तन में डालें, जो बीज बर्तन की तली में बैठ जाते हैं, वे स्वस्थ है और उन बीजों को आप लगा सकते हैं।
  • अंगूर के बीजों को 24 घंटे के लिए पानी में डूबे रहने दें, फिर उन बीजों को अच्छी तरह धो कर साफ़ कर लें।
  • अब उन बीजों को रेत/वर्मीक्यूलाइट और पीट काई के मिश्रण में या मिट्टी में ½ इंच दबाकर रेफ़्रिजरेटर में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर 3 महीने के लिए रख दें। बीजों को दिसम्बर के महीने में रखें, जिससे वसंत के मौसम तक उन बीजों को किसी गमले या पॉट में लगाया जा सके।
  • इसके बाद चुने हुए गमले में तैयार की हुई मिट्टी भरें, ध्यान रहे कि गमला ऊपर से कम से कम 3-4 इंच खाली हो।
  • गमले के बीचों-बीच कम से कम ½ से 1 इंच की गहराई में अंगूर के बीजों को लगाएं, आप दो से तीन बीजों को एक साथ लगा सकते हैं।
  • बीज लगे हुए गमले में वाटर कैन की मदद से पानी दें, और गमले को 5 से 6 घंटे की धूप वाले स्थान पर रखें।
  • अंगूर के बीजों को अंकुरित होने में 2 से 8 सप्ताह का समय लगता है, इसके लिए नियमित रूप से पौधों को पानी देते रहें।

अंगूर के पौधे की देखभाल कैसे करें – How To Take Care Of Grape Vine In Hindi

अंगूर के पौधे की देखभाल कैसे करें – How To Care Of Grape Vine In Hindi

यदि आपने अपने घर पर अंगूर का पौधा लगाया है, और आप चाहते हैं कि पौधा अधिक मात्रा में फल दे और ठीक तरह से ग्रो करे, तो आपको उस पौधे की देखभाल भी ठीक तरह से करनी होगी। आप निम्न प्रकार से अंगूर के पौधे की देखभाल कर सकते हैं :

सूर्य का प्रकाश – Sun Light For Growing Grape Vine in Hindi

अंगूर की बेल को 7 से 8 घंटे की धूप की आवश्यकता होती है, इसलिए पौधे को ऐसे स्थान पर लगायें, जहाँ दिन भर धूप आती हो। इसके लिए आप इस पौधे को अपने घर के आँगन या फिर छत पर लगा सकते हैं, खुले स्थान पर ये पौधे ठीक तरह से ग्रो कर पाते हैं।

तापमान – Temperature For Growing Grape Vine in Hindi

अंगूर की बेल को उच्च तापमान की आवश्यकता होती है, इसलिए इन पौधों पर ठण्ड में विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। ठण्ड में ये पौधे ग्रोथ नहीं कर पाते हैं, इस पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए 15 से 32 डिग्री सेल्सियस का तापमान एक आदर्श तापमान है।

पानी – Water For Grape Vine In Hindi

गमले में लगे अंगूर के पौधे को अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता नहीं होती, इसके लिये जब गमले या पॉट की मिट्टी सूखी हुई दिखने लगे, तब आप उस गमले में पानी दें। आपको ठण्ड के दिनों में पौधे को अधिक पानी देने से बचना होगा। यदि आपने पौधे को किसी पहाड़ी क्षेत्र में लगाया है, तो अंगूर की बेल को ग्रो करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र की मिट्टी पानी को कम अवशोषित कर पाती है, जिससे पौधे को बार बार पानी देना होता है। ध्यान रहे कि पौधे के केवल रूट ज़ोन में ही पानी दें। अंगूर के पत्तों को गीला करने से बचें, क्योंकि इससे अंगूर की बेल में कई रोग हो सकते हैं।

(यह भी जानें: गर्मियों में गार्डन के पौधों को रखें स्वस्थ, ऐसे करें देखभाल…)

अंगूर की लताओं के लिए सहारा – Support For Grape Vine In Hindi

अंगूर के पौधे बेल के रूप में बढ़ते हैं, इसलिए इस बेल को बढ़ने के लिए सहारे की आवश्यकता होती है। अंगूर की बेल अधिकतम 32 फुट की लम्बाई तक बढ़ सकती है। इस बात का ध्यान रखें कि पौधे की पत्तियां मिट्टी को स्पर्श न कर पायें, मिट्टी के स्पर्श से पत्तियां खराब हो सकती हैं, जो कि पौधे के विकास में एक बड़ी बाधा है। आप अंगूर की लताओं को सहारा देने के लिए बांस की लकड़ी, रस्सी, क्रीपर नेट आदि का उपयोग कर सकते हैं। ध्यान रहे कि बेल में फल लगने के पहले मजबूत सहारे की आवश्यकता होती है, जिससे कि फलों का वजन संभाला जा सके।

उर्वरक – Fertilizer For Grape Vine in Hindi

अंगूर के पौधे के लिए कुछ विशेष उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती, पौधे की ग्रोथ लिए मिट्टी का उचित मिश्रण ही ठीक तरह से काम करेगा। यदि आपका अंगूर का पौधा बढ़ नहीं रहा है, तो आप महीने में एक बार गोबर खाद या नीम केक ऑर्गनिक फ़र्टिलाइज़र दे सकते हैं। यदि अंगूर की बेलें मजबूत और स्वस्थ दिखती हैं तो हो सकता है कि आपको किसी भी प्रकार के उर्वरक देने की आवश्यकता न हो। अंगूर की बेल में अधिक फल लगाने के लिए आप जैविक खाद के रूप में बोन मील या PROM खाद का उपयोग कर सकते हैं।

प्रूनिंग – Pruning Of Grape Vine in Hindi

यदि अंगूर के पौधे की लताएं बहुत लंबी हो जाती हैं, तो अधिक दूरी पर बेल को पर्याप्त पोषक तत्व और धूप नहीं मिल पाती, जिसके कारण पौधे का विकास ठीक तरह से नहीं हो पाता हैं। इसलिए, पौधे की लंबी और बिना फूल वाली लताओं को काट कर अलग कर देना चाहिए। ठण्ड के मौसम में प्रूनिंग करना अच्छा रहता है, क्योंकि इस मौसम में पौधे अधिक वृद्धि नहीं कर पाते हैं।

हर साल पौधे को स्वस्थ रखने और विकास को बढ़ावा देने के लिए वार्षिक रूप से छटाई बहुत महत्वपूर्ण है। पौधे की पत्तियों के निकलने से पहले वसंत ऋतु में पौधे की छटाई अर्थात प्रूनिंग करनी होती है।

(यह भी जानें: गार्डन में पेड़-पौधों की प्रूनिंग कैसे करें, जाने सही तरीका…)

नोट: अंगूर के पौधे की किसी भी प्रकार की मल्चिंग न करें, क्योंकि गीली घांस पौधे की जड़ों को बहुत ठंडा रखती है और अंगूर की जड़ें गर्म रहना पसंद करती हैं

अंगूर की लताओं में लगने वाले कीट और बीमारियाँ – Insect And Diseases Of Grape Vines In Hindi

यदि आपने अपने घर पर अंगूर का पौधा लगाया है, तो उस पौधे में कुछ ऐसे कीट व रोग भी हो सकते है, जो पौधे को वृद्धि करने से रोकते हैं अंगूर के पौधे में लगने वाले रोग व कीट निम्न हैं :

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अंगूर की हार्वेस्टिंग कब करें – When to Harvest Grapes in Hindi

अंगूर की हार्वेस्टिंग कब और कैसे करें – How Can Harvesting Grapes in Hindi

यदि आपने कटिंग से अंगूर का पौधा लगाया है, तो पौधा लगाने के 1 से 3 वर्ष बाद अंगूर की बेल में फल लगने शुरू हो सकते हैं, और यदि आपने बीज से अंगूर के पौधे को उगाया है, तो इस पौधे पर फल लगने में लगभग 3 से 7 वर्ष का समय लग सकता है। जब बेल में लगे अंगूर रसदार, पूर्ण स्वाद वाले और छुने पर आसानी से दब जाते हैं, जब आप उन अंगूरों की कटाई कर सकते हैं। अब आप अंगूर के पके हुए गुच्छों को सावधानी पूर्वक काट लें, गुच्छे को खीचें न, खींचने पर अंगूर की बेल टूट सकती है। आमतौर पर फल लगने के 30-70 दिनों के बाद अंगूरों को तोड़ा जाता है। आप साल में एक बार अंगूर की बेल से अंगूर को हार्वेस्ट कर सकते हैं और एक पौधा कई सालों तक जीवित रह सकता है।

अब तो आप समझ ही गये होंगे कि घर पर अंगूर के पौधे को बीज और कटिंग के माध्यम से कैसे उगाया जाता हैं, पौधा लगाने का सही समय, अंगूर के पौधे कटिंग और बीज से कैसे उगाएं, पौधे की देखभाल और अंगूर के पौधे की हार्वेस्टिंग कैसे की जाती है इत्यादि। यदि इस लेख से सम्बंधित कोई भी सुझाव हों तो आप हमे कमेंट करके बता सकते हैं।

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