जानें पौधों में सल्फर की कमी के लक्षण और दूर करने के उपाय – Deficiency Of Sulfur In Plants In Hindi

सल्फर, सभी पौधों के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है। पौधे NPK के बाद सबसे ज्यादा इसी पोषक तत्व को अवशोषित करते हैं। सल्फर को गंधक भी कहते हैं। गंधक (सल्फर) की कमी हो जाने से पौधों में हरापन कम होने लगता है, इस स्थिति को क्लोरोसिस (Chlorosis) नाम से जाना जाता है। नई पत्तियों का पीला पड़ना, तने का पतला रह जाना, पौधे की ग्रोथ रुकना, सब्जियां परिपक्व होने में समय लगना, फलियों में कम बीज बनना आदि पौधों में सल्फर की कमी के लक्षण हैं। ये लक्षण यदि आपको पौधों में नजर आते हैं, तो यह आर्टिकल लास्ट तक जरूर पढ़ें।

पौधों के लिए सल्फर क्यों जरूरी है, इसकी जानकारी हमें पौधे में सल्फर के काम/कार्य से मिल जाती है, यदि आप पौधों में सल्फर की कमी के लक्षण, कारण और कमी को दूर करने के उपाय के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस लेख को लास्ट तक जरूर पढ़ें।

पौधों में सल्फर के कार्य क्या हैं – What Is Function Or Role Of Sulfur In Plants In Hindi

सल्फर (Sulphur), सभी पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए आवश्यक नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटेशियम (Npk) के बाद चौथा सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व (Nutrient) है। इसे ही गंधक के नाम से जाना जाता है। यह पोषक तत्व सभी दलहन, तिलहन फसलों और सब्जियों, फलों के लिए आवश्यक होता है।

सभी पौधे हरे भरे रहें, उनकी ग्रोथ अच्छी हो और भरपूर उत्पादन मिले, इसके लिए सल्फर पोषक तत्व काफी जरूरी होता है। आइये जानते हैं पौधों में सल्फर का क्या उपयोग है या उनमें सल्फर का क्या काम/कार्य होता है:

  • सल्फर, पौधों में क्लोरोफिल/पर्णहरित के बनने में सहायता करता है। इससे पौधे की पतियाँ हरी बनी रहती हैं।
  • यह बहुत से प्रोटीन, एंजाइम और विटामिन के निर्माण में सहायक होता है।
  • सल्फर बीज बनने में मदद करता है।
  • पौधे की जड़ों की ग्रोथ बढ़ाता है।
  • फलीदार और दलहनी पौधों जैसे सेम, चना, मटर आदि की जड़ों में ग्रन्थियों के बनने में मदद करता है। ये ग्रन्थियां पौधे को नाइट्रोजन उपलब्ध कराती हैं।
  • सल्फर की वजह से ही प्याज, लहसुन एवं मिर्च में विशेष रंग, गंध और तीखापन होता है। क्योंकि यह सुगंध व तीखापन वाले यौगिक के निर्माण में सहायक है।
  • पौधों में सल्फर की मौजूदगी से नाइट्रोजन और फास्फोरस पोषक तत्वों के अवशोषित होने की क्षमता बढ़ जाती है।
  • तिलहनी फसलों में सल्फर, बीज में तेल बनने की क्रिया के लिये जरूरी होता है।

(और पढ़ें: पौधों में पोषक तत्वों (प्लांट न्यूट्रिएंट्स) के कार्य और कमी के लक्षण…)

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पौधों में सल्फर की कमी के लक्षण – Sulfur Deficiency Symptoms In Plants In Hindi

पौधों में सल्फर की कमी के लक्षण - Sulfur Deficiency Symptoms In Plants In Hindi

अक्सर पौधों में सल्फर की कमी के लक्षण नाइट्रोजन की कमी के समान ही नजर आते हैं। लेकिन एक बड़ा अंतर यह होता है कि नाइट्रोजन की कमी होने पर पौधे के नीचे की तरफ वाली और पुरानी पत्तियां पीली होती हैं, जबकि सल्फर की कमी होने से ऊपरी पत्तियों पर असर दिखाई देता है। चलिए जानते हैं पौधों में सल्फर की कमी को कैसे पहचाने या इसके लक्षण क्या हैं:

  • पौधे की नई और ऊपरी पत्तियां (Younger Leaves) पीली (Chlorosis/Yellow Leaves) पड़ने लगती हैं। जबकि पुरानी पत्तियों का रंग हरा बना रहता है।
  • पत्तियां पीली पड़ने के बाद हल्के लाल रंग (Brownish) की होने लगती हैं।
  • गंधक (सल्फर) की ज्यादा कमी होने पर पूरा पौधा पीला हो जाता है।
  • पौधे का आकार छोटा ही रहता है, उसकी ग्रोथ रुक जाती है। फल या सब्जियां देर से परिपक्व होती हैं।
  • पौधे का तना पतला और कठोर रहता है, वह मोटाई में नहीं बढ़ता है।
  • सल्फर की कमी वाले पौधों में फल कम लगते हैं जिससे उपज आधी रह जाती है।
  • दलहनी और फलीदार पौधों की जड़ों में ग्रंथियां कम बनती हैं। इससे उनमें नाइट्रोजन की भी कमी होने लगती है।
  • फलियों में बीज पूरी तरह से परिपक्व नहीं हो पाते हैं।

पौधों में सल्फर की कमी का कारण – Causes Of Sulfur Deficiency In Plants In Hindi

तेज बारिश के कारण पौधे की मिट्टी में से सल्फर पोषक तत्व बह जाता है। इसके अलावा पौधा जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है, वह मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों को लेता रहता है, अगर गमले में पौधे लगे हैं तो सामान्यतः समय के साथ मिट्टी में सल्फर पोषक तत्व की कमी हो जाती है।

(और पढ़ें: गमले में लगे पौधों की मिट्टी कब और कैसे बदलें…)

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किन पौधों को सल्फर की अधिक जरूरत होती है – What Plants Benefit From Sulphur In Hindi

किन पौधों को सल्फर की अधिक जरूरत होती है - What Plants Benefit From Sulphur In Hindi

वैसे सभी पौधों को थोड़ी मात्रा में सल्फर की जरूरत होती है, लेकिन निम्न पौधे (Plants) ज्यादा सल्फर पोषक तत्व (Heavy Sulphur Feeders) अवशोषित करते हैं:

  1. एलियम सब्जियां (Allium Vegetables) जैसे प्याज, लहसुन, लीक, चाइव्स इत्यादि।
  2. गोभी वर्गीय सब्जियां (Cruciferous Vegetables) जैसे फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स
  3. फलीदार पौधे (Beans) जैसे सेम, फ्रेंच बीन आदि को भी सल्फर खाद की ज्यादा जरूरत होती है।

(और पढ़ें: जनवरी के महीने में गार्डन में लगाए जाने वाले पौधे…)

पौधों को सल्फर पोषक तत्व कैसे मिलता है – How Do Plants Absorb Sulfur In Hindi

सभी पौधे सल्फर के सल्फेट (SO4) फॉर्म को अवशोषित करते हैं। जबकि सल्फर, मिट्टी में मौजूद कार्बनिक पदार्थों जैसे- सूखी पत्तियों या मृत सूक्ष्मजीवों के अवशेष में उपस्थित रहता है। जब इन पदार्थों का अपघटन या ऑक्सीकरण होता है, तब जाकर सल्फर, सल्फेट फॉर्म में बदलता है। और फिर पौधे इस सल्फेट (sulphate) को जड़ों के द्वारा अवशोषित करते हैं।

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पौधों में सल्फर की कमी को कैसे दूर करें – How To Treat Sulfur Deficiency In Plants In Hindi

कोई भी पौधा मिट्टी से सल्फर को सल्फेट (Sulphate) के रूप में लेता है। मार्केट या ऑनलाइन उपलब्ध जिस भी फर्टिलाइजर के नाम के लास्ट में सल्फेट होता है, वे सभी सल्फर की कमी को दूर कर सकते हैं। जैसे मैग्नेशियम सल्फेट, कैल्शियम सल्फेट आदि। हालाँकि आप अपने घर पर निम्न जैविक उर्वरकों का उपयोग कर पौधों में सल्फर की कमी को दूर कर सकते हैं, जैसे:-

1. एप्सम साल्ट फर्टिलाइजर का इस्तेमाल – Treat Sulfur Deficiency With Epsom Salt Fertilizer In Hindi

एप्सम साल्ट फर्टिलाइजर का इस्तेमाल - Treat Sulfur Deficiency With Epsom Salt Fertilizer In Hindi

पौधों के लिए एप्सम साल्ट में मैग्नेशियम और सल्फर पोषक तत्व होते हैं। इसके इस्तेमाल से पौधों में सल्फर की कमी पूरी हो जाती है। इसके इस्तेमाल के लिए 1 लीटर पानी लें और उसमें एप्सम साल्ट की 1/2 टेबलस्पून (8 ग्राम) मात्रा को अच्छे से मिलाएं। अच्छे से मिक्स करने के बाद तैयार घोल को महीने में 1 से 2 बार पौधों की मिट्टी में डालें। इस घोल को पौधों की मिट्टी में तब तक डालें, जब तक कि वह घोल ड्रेन होल से बाहर न निकलने लगे।

(और पढ़ें: पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए ऐसे इस्तेमाल करें, एप्सम साल्ट…)

2. जिप्सम फर्टिलाइजर का प्रयोग – Fix Sulfur Deficiency With Gypsum Fertilizer In Hindi

जिप्सम मुख्य रूप से कैल्शियम सल्फेट (Calcium Sulphate) होता है, यानि इसमें कैल्शियम और सल्फर पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसकी मदद से पौधों में सल्फर की कमी को पूरा किया जा सकता है। जिप्सम फर्टिलाइजर का उपयोग करने के लिए उसके पैकेट पर दिए गये निर्देशों का पालन करें।

(और पढ़ें: घर पर जैविक खाद कैसे बनाएं, जानें आसान तरीके…)

3. सल्फर खाद का उपयोग – Use of Sulphur Manure/Fertilizer In Hindi

सल्फर खाद का उपयोग – Use of Sulphur Manure/Fertilizer In Hindi

गोबर खाद का उपयोग कर पौधों में सल्फर की कमी दूर करने में मददगार होती है। गोबर खाद (cow manure) की मदद से आप पौधों में से सल्फर की कमी आर्गेनिक तरीके से दूर कर सकते हैं। आप पौधे लगे गमले की मिट्टी में 1 से 2 मुट्ठी गोबर खाद मिलाएं।

(और पढ़ें: प्लांट ग्रोथ प्रमोटर फर्टिलाइजर से बढाएं पौधों की ग्रोथ…)

इस आर्टिकल में आपने जाना कि पौधों में सल्फर पोषक तत्व के क्या कार्य/काम होते हैं और इसकी कमी हो जाने से पौधों में क्या लक्षण दिखाई देते हैं। पौधों में सल्फर की कमी को ठीक/दूर करने के उपाय अपनाकर आप सब्जी और फलों का बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। पौधों में सल्फर की कमी से जुड़ा यह लेख अगर आपके काम आया हो तो इसे शेयर करें और जो भी आपका सवाल हो, हमें कमेन्ट में जरूर बताएं।

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