टमाटर होम गार्डन के गमलों में सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली लोकप्रिय और फायदेमंद सब्जियों में से एक है। इसे जितना लोग खाना पसंद करते हैं उतना ही उगाना, क्योंकि यह तेजी से बढ़ने वाली और उगने में सबसे आसान सब्जी है। अक्सर टमाटर उगाते समय अनुभवी गार्डनर भी कुछ ऐसी गलतियाँ कर जाते हैं, जिसकी वजह से टमाटर का पूरा पौधा खराब भी हो सकता है। यह छोटी-छोटी गलतियाँ टमाटर उगाने में बाधा डालती हैं, इसलिए इन गलतियों से बचना आवश्यक है। आज इस लेख में हम टमाटर उगाते समय होने वाली गलतियों (Tomato Growing Mistakes In Hindi) पर चर्चा करेंगे, जिससे आप पौधे को सफलतापूर्वक उगा सकें। गार्डन में टमाटर उगाते या लगाते समय कौन-कौन सी गलतियाँ हो सकती हैं, की जाने वाली कॉमन गलतियां तथा उगाने की इन कॉमन मिस्टेक्स या गलतियों को कैसे सुधारें? जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें।
गमलों में टमाटर लगाते समय की जाने वाली गलतियाँ – Common Mistakes Growing Tomatoes In Containers In Hindi
यदि आप रसीले, स्वादिष्ट और ऑर्गेनिक टमाटरों को खाने के लिए अपने घर में लगाते हैं, तो यह जानना भी आपके लिए बहुत जरूरी है, कि टमाटर जितना उगने में आसान है, इसे स्वस्थ रखने के लिए उतनी ही केयर की आवश्यकता होती है। हम टमाटर के पौधे को लगाते समय कुछ छोटी-छोटी गलतियाँ करते हैं, जो आगे चलकर बड़ा रूप ले लेती हैं, इसलिए पौधे की अच्छी ग्रोथ और बेहतर उत्पादन क्षमता के लिए टमाटर लगाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। आइये जानते हैं- टमाटर उगाने की इन कॉमन मिस्टेक्स या गलतियाँ के बारे में:-
बहुत जल्दी बीज लगा देना – Sow Early Seeds Is Biggest Mistake To Growing Tomato In Hindi
यह टमाटर लगाते समय गार्डनर्स द्वारा की जाने वाली सबसे पहली और कॉमन गलतियों में से एक है। टमाटर के पौधे ठंडे तापमान के प्रति संवेदनशील होते हैं। यदि आप मिट्टी गर्म होने से पहले उन्हें लगा देते हैं, तो इससे उनकी वृद्धि रुक सकती है या पौधे मर भी सकते हैं, इसलिए पौधे को गार्डन में लगाने से पहले मिट्टी के गर्म होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए और उचित तापमान होने पर ही पौधों को लगाना चाहिए।
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गलत जगह पर टमाटर लगाना – Planting Tomatoes In The Wrong Place In Hindi
आमतौर पर टमाटर गर्मियों में अच्छी तरह बढ़ते हैं, लेकिन इन्हें उगने के लिए मिट्टी को ठंडा और नम रखना भी बेहद जरूरी है। अत्यधिक सूखी हुई मिट्टी के कारण पौधा तनावग्रस्त स्थिति में आ सकता है। अतः अपने पौधे को लगाने के लिए ऐसे स्थान को चुनें, जहाँ प्रतिदिन 6 से 8 घंटे की धूप आती हो।
इसके अलावा अपने टमाटर के पौधे को उस स्थान पर लगाने से बचें, जहाँ पिछले समय आलू और मिर्च के पौधे लगाए थे, क्योंकि इससे टमाटर का पौधा कीट व बीमारी से संक्रमित हो सकता है।
पौधे लगाने के लिए छोटे कंटेनर का प्रयोग करना – Use Small Containers Is Common Mistake To Growing Tomato In Hindi
टमाटर एक ऐसा पौधा है, जिसकी जड़ प्रणाली को अच्छी तरह विकसित होने के लिए अधिक मिट्टी की आवश्यकता होती है और अक्सर हम पौधा लगाते समय यह गलती कर देते हैं, कि उसे एक कम गहरे पॉट में लगा देते हैं, जिससे जड़ों को फैलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती और पौधे की वृद्धि रुक जाती है, इसलिए अपने पौधे को परफेक्ट साइज (12 X 12 इंच) के गमले में लगाएं।
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मिट्टी की गुणवत्ता पर ध्यान न देना – Ignoring Soil Quality When Plant Tomato In Hindi
आमतौर पर टमाटर के पौधे उच्च पोषक तत्वों से युक्त, अच्छी जल निकासी वाली, कुछ अम्लीय (6.0 और 6.8 के बीच पीएच) मिट्टी में अच्छी ग्रोथ करते हैं। यदि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होती है, तो इससे पौधे की वृद्धि रुक सकती है और पौधा तनावग्रस्त स्थिति में आ सकता है, इसलिए टमाटर का पौधा लगाने से पहले मिट्टी की जाँच करें और उसे उपजाऊ बनाने के लिए जैविक खाद जैसे- गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट, मस्टर्ड केक, कोकोपीट, पर्लाइट या वर्मीकुलाइट आदि मिलाएं। यह पौधों के स्वस्थ विकास और अधिक मात्रा में फलने के लिए पोषक तत्व प्रदान करेगी।
पौधों को बहुत पास-पास लगा देना – Planting Too Close of Tomato In Hindi
टमाटर को बढ़ने और फलने-फूलने के लिए पर्याप्त जगह की जरूरत होती है। यदि आप उन्हें बहुत पास-पास लगा देते हैं, तो इससे वायु संचरण ठीक तरह से नहीं हो पाता है, जिससे बीमारियों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बन जाता है। अतः पौधों को स्वस्थ रखने के लिए टमाटर की किस्म के अनुसार उन्हें बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करना चाहिए, जिससे पौधे को पर्याप्त धूप और हवा प्राप्त होगी।
(नोट:- टमाटर के पौधों को लगभग 18 से 36 इंच की दूरी पर लगाया जाना चाहिए।)
टमाटर के पौधों को पर्याप्त पानी न देना – Watering Tomato Plants Irregularly Is Common Mistake To Grow In Hindi
यह टमाटर की देखभाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि पानी की अनियमित मात्रा पौधे की वृद्धि और विकास दोनों को प्रभावित कर सकती है। जिस प्रकार कम पानी देने से पौधे की समग्र वृद्धि और उत्पादन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है, उसी प्रकार अधिक पानी देने से पौधा कमजोर और उनमें रूट रॉट, फंगल रोग आदि हो सकते हैं। अतः गमले की मिट्टी को लगातार नम रखने के लिए टमाटर के पौधों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए, लेकिन ओवरवाटरिंग से बचें।
(नोट:- टमाटर को मौसम के अनुसार पानी देना चाहिए, गर्म और शुष्क मौसम के दौरान इसे अधिक पानी की आवश्यकता हो सकती है।)
(यह भी जानें: टमाटर के पौधे में कब, कैसे और कितना पानी देना चाहिए….)
पौधे को उर्वरक सही मात्रा में न देना – Give Wrong Amount Of Fertilizer Is Biggest Mistake To Growing Tomato In Hindi
टमाटर एक हैवी फीडर पौधा है, जिसे अच्छी तरह बढ़ने और फलने-फूलने के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, लेकिन यदि आप पौधे पर ज्यादा या गलत प्रकार के उर्वरक का इस्तेमाल करते हैं, तो इस गलती से टमाटर के पौधे को फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है। अतः लेबल पर दिए गए निर्देशों के अनुसार पौधे को आवश्यकतानुसार जैविक संतुलित उर्वरक जैसे बायो NPK, प्लांट ग्रोथ प्रमोटर, PROM फर्टिलाइजर आदि दें।
टमाटर के पौधे को उचित सहारा न देना – Not Support Tomato Plant Properly In Hindi
चूँकि टमाटर के पौधे सॉफ्ट तने वाले होते हैं, इसलिए उन्हें बढ़ने के लिए सपोर्ट की आवश्यकता होती है। यदि आप उन्हें जमीन पर ही बढ़ने के लिए छोड़ देते हैं, तो इससे पूरे पौधे को पर्याप्त धूप नहीं मिलेगी और मिट्टी के स्पर्श में रहने से पौधे रोग से ग्रसित हो जायेंगे। अतः अपने पौधे की स्वस्थ वृद्धि के लिए क्रीपर नेट, लकड़ी या रस्सी का सहारा देना चाहिए, इससे टमाटर के पौधे को सीधा बढ़ने में मदद मिलती है और तनों के टूटने का जोखिम भी कम होता है।
पौधे की सही तरीके से प्रूनिंग न करना – Improper Pruning of Tomato Plants In Hindi
अपने घर पर लगे टमाटर के पौधे की बहुत कम या बहुत अधिक प्रूनिंग करना भी एक कॉमन मिस्टेक है। बहुत अधिक छंटाई से पौधे की उत्पादन क्षमता कम हो सकती है। टमाटर की determinate varieties की प्रूनिंग न करें, केवल indeterminate plants की ही प्रूनिंग करें। जब आपके पौधे लगभग 8 इंच या उससे अधिक लम्बाई के हो जाते हैं, तब उनकी ऊपरी पत्तियों के साइड से निकलने वाली न्यू ग्रोथ (सकर्स) को पिंच करें, या प्रूनर की मदद से काट दें। इसके अतिरिक्त पौधे की रोगग्रस्त और क्षतिग्रस्त पत्तियों को हटाएं। ध्यान रहे, पौधे में कीट व रोगों के लक्षण को देखने के लिए कुछ पत्तियों का होना बहुत जरूरी है।
(यह भी जानें: टमाटर की अधिक उपज के लिए प्रूनिंग करने का सही तरीका…)
टमाटर के पौधे में कीट और रोग को अनदेखा करना – Ignoring Pests And Diseases In Tomato Plants In Hindi
टमाटर के पौधे कीटों और बीमारियों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं, जिसमें एफिड्स, टमाटर हॉर्नवॉर्म जैसे कीट और फंगल संक्रमण, ब्लाइट जैसे कई रोग हो सकते हैं। अक्सर हम टमाटर के पौधे को उगा लेते हैं, लेकिन उनमें कीट व रोगों की जाँच नहीं करते हैं, जिससे संक्रमण इतना अधिक हो जाता है कि पौधे को बचा पाना संभव नहीं होता है। अपने पौधे की नियमित जांच करें, यदि आपको किसी कीट और बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत कीट व रोग नियंत्रण के जैविक उपाय अपनाएं।
(नोट:- नीम ऑयल एक प्रभावी प्राकृतिक पेस्टीसाइड और फंगीसाइड है, आप इसका स्प्रे करके अपने टमाटर के पौधे को कीटमुक्त व रोगमुक्त रख सकते हैं।)
(यह भी जानें: टमाटर के पौधे पर नीम तेल के उपयोग की सारी बातें…)
इस लेख में आपने टमाटर लगाते/उगाते समय होने वाली या की जाने वाली गलतियाँ कौन सी हैं, उगाने की इन कॉमन मिस्टेक्स के बारे में जाना। उम्मीद है लेख आपको अच्छा लगा हो, इस लेख के सम्बन्ध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।