सभी गार्डनर्स जानते हैं कि, बरसात का मौसम पेड़ पौधों की ग्रोथ के लिए सबसे अच्छा समय होता है और इस मौसम में हम अपने गार्डन में कई प्रकार के फल-फूल, हर्ब्स व सब्जियां लगाते हैं, ताकि हमें ताजी व केमिकल फ्री सब्जियां आसानी से प्राप्त हो सकें। लेकिन मानसून के दौरान कम तापमान व अत्यधिक आर्द्रता (नमी) के कारण हमें अपने होम गार्डन में लगे वेजिटेबल प्लांट्स को स्वस्थ बनाए रखने व भारी बारिश के दौरान उन्हें सुरक्षित रखने के लिए विशेष तरीके से देखभाल करने की जरूरत होती है। इस आर्टिकल में आप बारिश के मौसम में सब्जियों वाले पौधों की देखभाल कैसे करें, के बारे में विस्तार से जानेंगे। बारिश या बरसात के मौसम में टेरेस गार्डन में लगी सब्जियों की देखभाल करने के तरीके तथा मानसून वेजिटेबल केयर टिप्स (Monsoon Vegetables Care Tips Hindi) क्या हैं, के बारे में जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
रैनी सीजन गार्डन में सब्जियों की देखभाल कैसे करें – Vegetables Plants Care In Rainy Season Garden In Hindi
अपने होम गार्डन या टेरेस गार्डन में लगी सब्जियों की केयर करने तथा मानसून गार्डनिंग करते समय पेड़ पौधों को स्वस्थ व हरा भरा बनाए रखने के लिए निम्न टिप्स फॉलो करें, जैसे:
- टेरेस गार्डन में उचित जलनिकासी की व्यवस्था करें।
- बारिश में तेज हवाओं से बचाने के लिए सब्जियों के पौधों को सहारा दें।
- बरसात में समय-समय पर सब्जियों की प्रूनिंग करें।
- बारिश के समय वेजिटेबल प्लांट्स के आस-पास मल्च करें।
- मानसून गार्डनिंग में सब्जियों को नियमित रूप से खाद व उर्वरक दें।
- रैनी सीजन गार्डन में सब्जियों को जरूरत पड़ने पर पानी दें।
- मानसून के दौरान कीट व रोगों से सब्जियों का बचाव करें।
टेरेस गार्डन में उचित जल निकासी की व्यवस्था करें – Proper Drainage For Rainy Vegetables Care In Hindi
बरसात के मौसम में लगातार तेज बारिश के कारण कई बार हमारे गमले या गार्डन की मिट्टी में लगे पेड़ पौधों के आस-पास जलभराव होने लगता है, जिसके कारण सब्जियों के पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं और सड़ जाती हैं। फलस्वरूप पौधा नष्ट भी हो जाता है। इसीलिए मानसून से पहले अपने वेजिटेबल गार्डन में सब्जियों की देखभाल करने के लिए उचित जलनिकासी की व्यवस्था करना चाहिए, ताकि वे स्वस्थ तरीके से बढ़ सकें। टेरेस गार्डन में बेहतर ड्रेनेज सिस्टम मैनेज करने के लिए निम्न बातों का विशेष ध्यान रखें, जो निम्न हैं।
- सब्जियां लगाने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली रेतीली दोमट मिट्टी का उपयोग करें।
- पौधे लगाने से पहले गमले या ग्रो बैग में अतिरिक्त जलनिकासी के लिए ड्रेनेज होल्स चेक करें।
- बारिश के दौरान गमलों को किसी ऊँचे स्थान या ड्रेनेज मेट पर रखें।
- पौधों को उनकी पानी की आवश्यकता के अनुसार उचित क्रम में व्यवस्थित करें, इसके लिए आप गमले में पौधों के नाम के लेवल भी लगा सकते हैं।
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सब्जियों के पौधों को सहारा दें – Support Vegetables Plant In Rain Time In Hindi
मानसून के मौसम में न केवल जलभराव बल्कि इस समय चलने वाली तेज हवाओं के झोंके से पौधों के कोमल तने व शाखाएं टूट जाती हैं। पौधे की टूटी फूटी शाखाओं पर कीट व रोगों का हमला होने के कारण कई बार पौधा मर भी जाता है और वेजिटेबल प्लांट को काफी नुकसान होता है। बारिश के समय बेल वाली सब्जियों तथा अन्य सब्जी के पौधों को सहारे की जरूरत होती है, ताकि वे बिना किसी नुकसान के तेजी से बढ़ सकें। अतः बरसात के समय सब्जियों के पौधों को तेज हवाओं से बचाने के लिए क्रीपर नेट या मजबूत लकड़ी का सपोर्ट देना चाहिए, ताकि वे स्वस्थ फलते-फूलते रहें। इसके अलावा छोटे व कोमल पौधों को तेज बारिश के पानी से बचाने के लिए रेनकवर से ढँक देना चाहिए।
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गमले या ग्रो बैग |
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गोबर खाद |
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प्लांट ग्रोथ प्रमोटर |
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एप्सम साल्ट |
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रॉक फॉस्फेट |
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नीम तेल |
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क्रीपर नेट |
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प्रूनर |
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स्प्रे पंप |
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वॉटर केन |
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स्टिकी ट्रैप |
बरसात में सब्जियों की प्रूनिंग का रखें खास ध्यान – Proper Pruning For Vegetable Plant Care In Monsoon Garden In Hindi
वर्षा ऋतु के पहले सब्जियों वाले पौधों की छंटाई अर्थात् प्रूनिंग, पौधों को सही आकार देने और सब्जियों की स्वस्थ ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए की जाती है। लेकिन अगर आप बरसात आने से पहले अपने टेरेस गार्डन में लगे पौधों की कटाई-छंटाई नहीं कर पाए हैं, तो बारिश हो जाने के बाद जब मौसम साफ हो जाता है तब आप अपने पॉटेड प्लांट्स की प्रूनिंग कर सकते हैं। सब्जियों के किसी भी संक्रमित भाग को हटाने या सूखी व मुरझाई हुई पत्तियों को पौधों से काटने के लिए आप किसी भी समय प्रूनिंग कर सकते हैं। सब्जियों की छंटाई करने के लिए प्रूनर्स, स्टेनलेस स्टील सीजर्स या अन्य गार्डनिंग टूल्स का उपयोग करना चाहिए। गार्डनिंग टूल्स का इस्तेमाल करने से पहले उन्हें साफ जरूर करें।
(यह भी जानें: जानें पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए प्रूनिंग करने का सही समय…)
मल्चिंग से करें मानसून वेजिटेबल केयर – Monsoon Vegetable Care From Mulching In Hindi
मानसून सीजन में लगातार तेज बारिश होने के कारण गमले की मिट्टी से पोषक तत्व बहने तथा मिट्टी का कटाव होने की संभावना अधिक होती है, जिसके कारण सब्जियों के पौधों को बढ़ने के लिए आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते और पौधों की ग्रोथ रुकने लगती है। इन सभी समस्याओं से पौधों को बचाने के लिए मल्चिंग की जानी चाहिए। बारिश के मौसम में सब्जियों के पौधों के आस-पास मल्च करने के लिए आप गन्ने की छीलन, लकड़ी की छाल व घास आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि, इस समय भारी मल्चिंग करने से पौधों में दीमक लग सकती है, इसीलिए हल्के कार्बनिक पदार्थों से ही मल्चिंग करें।
(यह भी जानें: भारी बारिश में पौधों की देखभाल कैसे करें…)
बारिश में सब्जियों को खाद देने का रखें ध्यान – Best Fertilizer For Vegetable Plants In Monsoon Season In Hindi
टेरेस गार्डन में लगे पेड़-पौधों को बारिश के दौरान बढ़ने के लिए नियमित रूप से खाद व उर्वरकों की आवश्यकता होती है, क्योंकि बरसात में पौधे तेजी से ग्रो करते हैं तथा फलते-फूलते हैं। लेकिन लगातार बारिश के तेज पानी से मिट्टी के साथ पोषक तत्व बह जाने के कारण पौधों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता और उनकी ग्रोथ प्रभावित होती है, इन सभी नुकसानों से अपने टेरेस गार्डन में लगी सब्जियों व अन्य पौधों को बचाने के लिए आवश्यकतानुसार खाद व उर्वरक देना चाहिए। बारिश के दौरान पौधों में आप दानेदार उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं तथा बारिश रुक जाने के बाद पौधों को तुरंत पोषक तत्व देने के लिए आप फोलियर स्प्रे फर्टिलाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप प्रोम खाद, रॉक फॉस्फेट और प्लांट ग्रोथ प्रमोटर खाद पौधों को दे सकते हैं।
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सब्जियों को आवश्यकता अनुसार दें पानी – Watering Vegetables In Rainy Season In Hindi
टेरेस गार्डन में लगी हुई सब्जियों तथा अन्य पौधों को बरसात के दौरान अधिक बार पानी देने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि पौधों को बारिश का पानी प्राप्त होता रहता है और बारिश रुक जाने के बाद भी पौधों की मिट्टी में नमी मौजूद रहती है, जिससे पौधों की ग्रोथ अच्छे से होती है। लेकिन इसका अर्थ ये बिल्कुल नहीं है कि, आपको अपने टेरेस गार्डन में लगे पौधों या सब्जियों को पानी नहीं देना है। मानसून के दौरान जब लगातार कई दिनों तक बारिश न हो या पौधों के आस-पास की मिट्टी की ऊपरी परत सूखी दिखाई दे, तब पौधों को पानी देना चाहिए। पौधों को पानी देने के लिए आप वाटरिंग केन का उपयोग कर सकते हैं।
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बारिश में सब्जियों को कीटों और रोगों से बचाएं – Protect Vegetables From Pests And Diseases In Rain Time In Hindi
हम सभी अच्छे से जानते हैं कि, बरसात के समय पौधों की ग्रोथ तेजी से बढ़ने के साथ-साथ सब्जियों वाले पौधों में कई तरह के कीट व रूट रोट (root rot) और फंगस (fungus) जैसे रोग लगने की संभावना अधिक होती है। ऐसा मिट्टी में ओवरवाटरिंग व अधिक नमी के कारण होता है। इन कीट तथा रोगों के संक्रमण के कारण सब्जियों के पौधों की ग्रोथ काफी प्रभावित होती है, इसीलिए पौधों में किसी भी प्रकार का संक्रमण पाये जाने पर तुरंत उचित कीटनाशक या कवकनाशी का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए आप नीम तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो पेस्टीसाइड तथा फंगीसाइड दोनों के रूप में प्रभावी तरीके से काम करता है। इसके अतिरिक्त आप कीटनाशक साबुन, सिरका स्प्रे, 3 जी पेस्टीसाइड या अन्य होममेड पेस्टीसाइड का उपयोग कर सकते हैं।
(यह भी जानें: बारिश में पौधों को फंगल इन्फेक्शन से बचाएं, अपनाएं ये तरीके…)
उपरोक्त आर्टिकल में आपने जाना कि, मानसून के मौसम अर्थात् बारिश में सब्जियों वाले पौधों की देखभाल कैसे करना चाहिए। आप भी बरसात में अपने टेरेस गार्डन में लगे हुए पौधों की देखभाल करने के लिए मानसून गार्डनिंग वेजिटेबल केयर टिप्स या बरसात में पौधों की देखभाल करने के तरीके अपनाकर सब्जियों की स्वस्थ ग्रोथ को प्रोत्साहित कर सकते हैं। गार्डनिंग से रिलेटेड और भी लेख पढ़ने के लिए Organicbazar.net पेज पर जाएं।