ऐसे करेंगे अपने गुड़हल के पौधे की देखभाल, तो खिलेंगे फूल ही फूल – Top 10 Care Tips Of Hibiscus Plant In Hindi

हिबिस्कस को जपाकुसुम और शेरोन का गुलाब के नाम से भी जाना जाता है, जो कि गर्म जलवायु में उगने वाला सजावटी फूल का वार्षिक पौधा है, हालांकि इसकी कुछ हार्डी किस्में बारहमासी भी होती हैं। इसके सुंदर व आकर्षक फूल के पौधे को लोग अपने गार्डन में लगाना पसंद करते हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ विपरीत परिस्थितियों में इस फूल के पौधे की ग्रोथ नहीं हो पाती और फूल नहीं खिलते हैं, इसका मतलब यह है कि, आपके पौधे की देखभाल सही तरीके से नहीं हो पा रही है। यदि आपने अपने होम गार्डन या टेरिस गार्डन में गुड़हल फूल का पौधा उगाया है और किसी कारणवश पौधे की ग्रोथ नहीं हो रही है या फूल नहीं लग रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

गुड़हल या जपाकुसुम के पौधे की देखभाल कैसे करें, हिबिस्कस प्लांट की केयर करने के तरीके व उपाय क्या हैं तथा hibiscus के पौधे की देखभाल के टिप्स जानने के लिए इस लेख को लास्ट तक जरूर पढ़ें।

हिबिस्कस के पौधे की देखभाल के टिप्स – Hibiscus Plant Care Tips In Hindi

गुड़हल अर्थात् हिबिस्कस के पौधे को रोगमुक्त, स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के साथ-साथ, उसमें वृद्धि व अधिक से अधिक फूल खिलने के लिए आपको उसकी देखभाल करनी होगी। आइये जानते हैं, गुड़हल के पौधे की केयर (care) करने की टिप्स के बारे में, जो कि निम्न हैं:-

उचित स्थान – Best Place For Planting Hibiscus Plants In Hindi

उचित स्थान - Best Place For Planting Hibiscus Plants In Hindi

हिबिस्कस या गुड़हल का पौधा गर्म व आर्द्र जलवायु वाला पौधा है, जिसमें गर्मी के मौसम में फूल खिलते हैं। यदि आप इस पौधे को अपने घर पर गमले या गार्डन की मिट्टी में उगाना चाहते हैं, तो पौधे को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहाँ पर्याप्त सूर्य प्रकाश और खुली हवा मिल सके, क्योंकि पौधे की वृद्धि और फूल खिलने के लिए पूर्ण सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है। आप इस पौधे को टेरिस, बालकनी या गार्डन में धूप वाले स्थान पर लगा सकते हैं।

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मिट्टी – Best Soil To Grow Hibiscus Plant In Hindi

मिट्टी - Best Soil To Grow Hibiscus Plant In Hindi

अच्छी तरह से सूखी हुई, नमीयुक्त और कार्बनिक पदार्थों से भरपूर दोमट मिट्टी (जिसका पीएच 5.5 और 6.8 के बीच हो) में गुड़हल के पौधे अच्छी तरह से वृद्धि करते हैं। अगर आपके पास उपजाऊ मिट्टी उपलब्ध नहीं है, तो आप सामान्य मिट्टी में रेत, जैविक खाद (गोबर की खाद और किचिन वेस्ट खाद) और वर्मीकम्पोस्ट मिलाकर मिट्टी तैयार कर सकते हैं। गुड़हल या हिबिस्कस का पौधा लगाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि, मिट्टी अच्छी तरह से नम व पर्याप्त जल निकासी वाली है, क्योंकि जलभराव वाली मिट्टी से पौधे की जड़ें खराब हो सकती हैं। घर पर पॉट में गुड़हल फूल का पौधा उगाने के लिए आप रेडिमेड पॉटिंग सॉइल का उपयोग भी कर सकते हैं, जो अतिरिक्त जल निकासी वाली व पोषक तत्वों से भरपूर होती है।

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मल्चिंग – Mulching Of Hibiscus Plant In Hindi

अधिक गर्मी पड़ने पर पौधे की मिट्टी समान रूप से नम बनाये रखने के लिए आप पौधे की मल्चिंग कर सकते हैं। मल्चिंग के दौरान आप गुड़हल के पौधे लगे गमले की मिट्टी के आस-पास गीली घांस, पुआल आदि बिछा सकते हैं। चूंकि, मल्चिंग के इस्तेमाल से पौधे की मिट्टी में गर्माहट बनी रहती है, इसलिए आप सर्दियों के समय भी पौधे को अधिक ठंड से बचाने के लिए मल्चिंग का सहारा ले सकते हैं।

नोट – आप अधिक ठंड से बचाने के लिए गुड़हल के पौधों को कपड़ा, पॉलीथिन आदि से भी ढक सकते हैं।

खाद व उर्वरक – Fertilizer For Hibiscus Plant In Hindi

खाद व उर्वरक - Fertilizer For Hibiscus Plant In Hindi

हिबिस्कस के पौधे को हरा-भरा बनाए रखने के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करें। आप पौधे की मिट्टी में इन खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे – नीम केक, रॉक फॉस्फेट तथा पोटाश आदि, इनमें उपस्थित पोषक तत्व जैसे – नाइट्रोजन पौधे की ग्रोथ बढ़ाने, फास्फोरस पौधे की जड़ विकसित व सुन्दर फूलों को खिलने तथा पोटेशियम पौधे की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए लिए आवश्यक होते हैं। हिबिस्कस के पौधे की मिट्टी में नियमित समयांतराल से घुलनशील तरल उर्वरक डालें, जिससे की वह मिट्टी में आसानी से और कम समय में मिल सके। गुड़हल के पौधे को ग्रोथ के दौरान व फ्लावरिंग के समय खाद की अधिक आवश्यकता होती है, इसलिए पौधे को समय-समय पर उचित खाद दें। आप पौधे को लिक्विड के रूप में प्लांट ग्रोथ प्रमोटर खाद भी दे सकते हैं।

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पानी – Water For Hibiscus Flower Plant In Hindi

पानी - Water For Hibiscus Flower Plant In Hindi

हिबिस्कस एक गर्म जलवायु वाला पौधा है, जो कि अधिक ठंडे वातावरण को सहन नहीं कर पाता है, इसलिए गुड़हल के पौधे को हमेशा गुनगुना पानी (जैसे नल से तुरंत निकाला गया पानी) दें, क्योंकि अधिक ठंडा पानी इस पौधे को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन पौधे को अधिक गर्म पानी भी न दें, अन्यथा पौधा मुरझा सकता है। गर्म मौसम में इस पौधे को अधिक बार पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए इस समय पौधों को उचित मात्रा में पानी दें, लेकिन ध्यान रखें कि, मिट्टी अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए, ताकि मिट्टी में ओवरवाटरिंग की समस्या न हो। गमले या ग्रो बैग में लगे हिबिस्कस फूल के पौधे को प्रतिदिन तथा गार्डन की मिट्टी में लगे हिबिस्कस को हर दूसरे दिन पानी देना चाहिए। यदि आपने इस पौधे को घर के अन्दर लगाया है, तो जब गमले की मिट्टी सूखी हुई दिखने लगे, तब पौधे को पानी देना चाहिए।

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सूर्य का प्रकाश – Sunlight Requirement Of Hibiscus Plant In Hindi

गुड़हल का पौधा पूर्ण सूर्य प्रकाश में अच्छी तरह से ग्रो करता है, हालांकि यह पौधा आंशिक छाया में भी वृद्धि कर सकता है, लेकिन इस स्थिति में फूल व पौधे अच्छी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं। यदि आपने अपने घर पर इस पौधे को किसी कंटेनर या पॉट में लगाया है, तो आपको पॉट को ऐसे स्थान पर रखना होगा, जहाँ प्रतिदिन 6 से 8 घंटे की धूप आती हो, इसके लिए आप इस पौधे को अपने घर की छत या खुली जगह पर लगा सकते हैं। यदि आप इस पौधे को अपने गार्डन की मिट्टी में लगा रहें हैं, तो इसे ऐसे स्थान पर लगायें, जहाँ पौधे को उचित मात्रा में सूर्य प्रकाश प्राप्त हो सके।

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तापमान – Temperature For Growing Hibiscus Flower Plant In Hindi

हिबिस्कस या गुड़हल गर्म व आर्द्र जलवायु वाला पौधा है, जो 15-35 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर अच्छी तरह ग्रो करता है, हालांकि गुड़हल का पौधा इससे कम और अधिक तापमान को भी सहन कर सकता है, लेकिन इस स्थिति में पौधा फूल नहीं देता है या कम देता है। 24 डिग्री सेल्सियस के आस-पास का तापमान इस पौधे में अधिक फूल खिलने के लिए आदर्श है। यदि आपने इस पौधे को ऐसे क्षेत्र में लगाया हैं, जहाँ का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है, तो आप इसे घर के अन्दर रख सकते हैं।

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प्रूनिंग – Hibiscus Plant Pruning In Hindi

प्रूनिंग - Hibiscus Plant Pruning In Hindi

गुड़हल के पौधे को स्वस्थ बनाए रखने और फूल को अधिक बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर प्रूनिंग करते रहना चाहिए। फ्लावरिंग के बाद हिबिस्कस की प्रूनिंग करने का समय सबसे अच्छा होता है। बारिश के समय गीले पौधे को सूखने व विभिन्न रोगों से पौधों को बचाने के लिए पौधे के आस-पास हवा का प्रवाह बनाये रखने के लिए आप पौधे की प्रूनिंग कर सकते हैं। प्रूनिंग के दौरान पौधे से क्षतिग्रस्त, रोगग्रस्त आदि हिस्सों को काटकर अलग कर दें।

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कीट – How To Prevent Hibiscus Plant From Insects In Hindi

आमतौर पर गुड़हल के पौधे को एफ़िड्स (Aphids), व्हाइटफ्लाइस (Whiteflies) और स्पाइडर माइट्स जैसे कीट हानि पहुंचा सकते हैं। अतः इन कीटों के प्रभाव से बचाने के लिए पौधे की नियमित रूप से जांच करें और कीट संक्रमित पाये जाने पर पौधों पर नीम तेल और जैविक कीटनाशक साबुन के घोल का स्प्रे करें। आप कीटों से छुटकारा पाने के लिए अन्य उपाय भी अपना सकते हैं।

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रोग – Disease Of Hibiscus Plant In Hindi

रोग - Disease Of Hibiscus Plant In Hindi

हिबिस्कस के पौधे में पानी, पोषक तत्वों की कमी या अधिकता तथा मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण निम्न रोग हो सकते हैं, जैसे:

  1. लीफ फंगस (Leaf Fungus)
  2. विल्ट रोग (Wilt Disease)
  3. लीफ स्पॉट (Leaf Spot), आदि।

इन रोगों से बचाव के लिए पौधे की नियमित रूप से जांच करें तथा रोगग्रस्त पाये जाने पर निम्न उपाय करें, जैसे:

  • रोग ग्रस्त भागों को काटकर अलग कर दें।
  • नीम तेल या अन्य उपयुक्त दवा का इस्तेमाल करें।

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उपरोक्त आर्टिकल में आपने जाना कि, गुड़हल अर्थात हिबिस्कस फूल के पौधे की देखभाल की टिप्स कौन-कौन सी हैं तथा गुड़हल के पौधे की देखभाल कैसे करें? उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा। इस लेख से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हों, हमें कमेंट में अवश्य बताएं।

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