बारिश के सीजन की शुरुआत होने पर गार्डन में पेड़-पौधे लगाने के साथ-साथ सीजन के ख़त्म हो जाने के बाद होम गार्डन की देखभाल करना भी जरूरी होता है। मौसम के अनुसार पौधों की जरूरत अलग-अलग होती है, जैसे बारिश के दौरान पौधों की प्रूनिंग न करना ही सही रहता है, लेकिन बारिश के बाद पौधों की प्रूनिंग करना जरूरी है। मानसून के बाद मिट्टी की गुड़ाई और पौधों को खाद देने जैसी कई बातों का ध्यान भी रखना होता है। इसी वजह से इस आर्टिकल में हम आपको मानसून खत्म होने के बाद गार्डन की देखभाल करने के बारे में बताने जा रहें हैं। बारिश के बाद गार्डन में कौन से काम करना चाहिए तथा मानसून के बाद पौधों की देखभाल करने के टिप्स क्या हैं? जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
मानसून के बाद का सीजन कब से कब तक रहता है – Post Monsoon Months In India Hindi
मानसून के बाद का मौसम अर्थात पोस्ट मानसून का समय अक्टूबर से नवम्बर तक रहता है और यह आमतौर पर भारत में लौटते हुए मानसून का समय होता है। इस सीजन को पतझड़ का सीजन (Fall season) भी कहा जाता है। इस समय आकाश साफ (cloudless) होने लगता है और तापमान गिरने लगता है।
बरसात के बाद गार्डन की देखभाल करने की टिप्स – Garden Maintenance Tips After Rainy Season Hindi
मानसून का सीजन ख़त्म हो गया है, अब आपके मन में जरूर यह सवाल उठ रहा होगा कि गार्डन में मानसून के बाद क्या-क्या काम करने होते हैं, जिससे कि पौधों की ग्रोथ अच्छे से होती रहे? बारिश का सीजन खत्म हो जाने के बाद आप अपने होम गार्डन में निम्न काम कर सकते हैं:
- एनुअल प्लांट्स को होम गार्डन से हटा दें
- खरपतवारों को हटा दें
- गमले की मिट्टी को ढीला करें
- गमलों में ड्रेनेज ठीक करें
- मिट्टी के ऊपर दिखने वाली जड़ों को ढकें
- पेरेनियल प्लांट्स की प्रूनिंग करें
- नई मल्चिंग करें
- पौधों को फर्टिलाइज करें
- कीट नियंत्रित करें
- हरी नेट हटाएं
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वार्षिक पौधों को हटाएं – Remove Annual Plants After Monsoon Season Hindi
बरसात के सीजन में आपने जो भी फल, फूल, हर्ब्स या सब्जी के वार्षिक पौधे लगा रखें हैं, उन सभी पौधों की हार्वेस्टिंग कर लें। इसके बाद जिन वार्षिक पौधों ने ग्रोथ करना बंद कर दिया है या उनमें फल या सब्जी का उत्पादन नहीं हो रहा है तो उन्हें उखाड़ कर अलग कर दें। जिन पौधों में अभी भी पैदावार हो रही है उन्हें लगा रहने दें।
Note- यदि वार्षिक और बारहमासी पौधे एक साथ लगें हैं, तो वार्षिक पौधों को अलग करते समय बारहमासी पौधों की जड़ों को नुकसान न पहुंचे, इस बात का ध्यान रखें।
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मिट्टी की गुड़ाई करें – Tilling Soil After Ending Rainy Season Hindi
मानसून का सीजन ख़त्म हो गया है और आपने वार्षिक पौधों को गार्डन से हटा दिया है, तो अब आपको मिट्टी को तैयार करना चाहिए, ताकि उनमें नए पौधे लगाये जा सकें। गमले की मिट्टी को दोबारा उपजाऊ बनाने या गार्डन की मिट्टी तैयार करने के लिए:
- बारहमासी या वार्षिक पौधे जो अभी भी ग्रोथ कर रहें हैं, उन पौधों की मिट्टी की अच्छे से गुड़ाई करें, ताकि उसमें एयर फ्लो बना रहे। बारिश के कारण पौधों की मिट्टी कॉम्पैक्ट हो जाती है और ऐसी स्थिति में जड़ें ठीक से ऑक्सीजन, पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाती हैं, इसी वजह से बारिश के बाद पौधों की गुड़ाई करना जरूरी होता है।
- मिट्टी में एयर फ्लो बनाये रखने के लिए गार्डन फोर्क की मदद से मिट्टी में होल भी कर सकते हैं।
- वार्षिक पौधों को हटाने के बाद जिस मिट्टी में वे पौधे लगे थे, आप उस मिट्टी का उपयोग बड़े गमलों की तली में डालने के लिए कर सकते हैं और गमले के ऊपरी भाग को फ्रेश पॉटिंग मिक्स से भर सकते हैं।
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गमले या ग्रो बैग के ड्रेन होल चेक करें – Check Drainage Holes In Pots After Monsoon Hindi
मानसून के बाद होम गार्डन के गमलों की जांच करें, यदि उनका ड्रेनेज होल (जल निकासी वाला छेद) मिट्टी से बंद हो गया हो, तो पेंचकस की मदद से मिट्टी को निकाल दें। ड्रेनेज होल बंद होने से गमले में पानी भरा रह सकता है, जो कि पौधों के लिए नुकसानदायक होता है।
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खरपतवारों को हटाएं – Remove Weeds After Rainy Season Hindi
बारिश के सीजन में मिट्टी अधिकतर समय नम बनी रहती है, और खरपतवार नम मिट्टी में तेजी से उगती हैं। खरपतवार मिट्टी में से पोषक तत्वों को लेने लगती हैं और इस तरह इनके कारण मुख्य पौधे की ग्रोथ रुक जाती है या धीमी हो जाती है। यदि मानसून के बाद आपके होम गार्डन में लगे पौधों की मिट्टी में खरपतवार उगी दिखाई दे, तो उन्हें तुरंत हाथ से उखाड़ कर अलग कर दें। इस काम को करने के लिए आप वीडिंग टूल्स, खुरपा आदि का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
(यह भी जानें: खरपतवार हटाने के लिए आवश्यक गार्डनिंग टूल्स….)
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पौधे की जड़ों की जांच करें – Check Plant Roots After Rainy Season Hindi
मानसून का सीजन खत्म होने के बाद पौधों की मिट्टी को चेक करें, यदि तेज बारिश के कारण पौधे की जड़ें मिट्टी के ऊपर आ गयी हों, तो उन्हें मिट्टी से ढकना जरूरी होता है। यदि जड़ों को नहीं ढका गया, तो वे सूख जाती हैं और इससे पौधा भी मुरझाने लगता है। जड़ों को ढकने के लिए आप मिट्टी के अलावा खाद (गोबर खाद या कम्पोस्ट) का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
पौधों की प्रूनिंग करें – Pruning Of Plants After Rainy Season Hindi
पोस्ट मानसून सीजन द्विवार्षिक या बारहमासी पौधों की प्रूनिंग करने का सबसे सही समय होता है। तेज लगातार बारिश और आंधी-तूफ़ान के कारण पौधों के लम्बे तने झुक जाते हैं और टूट जाते हैं। टूटने के बाद भी कई बार तने पौधे से जुड़े रहते हैं। ऐसी स्थिति में पौधो में रोग लगने का खतरा अधिक रहता है, इसीलिए उन टूटी हुई शाखाओं की प्रूनिंग करना सही रहता है। अतः बारिश के बाद अक्टूबर-नवम्बर के महीने में पौधों की सूखी, मुरझाई हुई शाखाओं तथा टूटे हुए तने को प्रून कर देना चाहिए।
(यह भी जानें: पौधों की कटाई छटाई करने के लिए बेस्ट प्रूनिंग टूल्स….)
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पौधों को रिपॉट करें – Repotting Plants After Rainy Season Hindi
यदि मानसून के बाद गमलों में लगे पौधों की मिट्टी में फंगस या काई लग गयी हो और पौधों कि पत्तियां पीली पड़ रहीं हों, उसकी ग्रोथ रुक गयी हो, तो ऐसे में पौधे को रिपॉट करना सही रहता है। नई फ्रेश पॉटिंग मिक्स में पौधे को रिपॉट करने से वह फिर से हेल्दी हो जाता है और ग्रोथ करने लगता है।
(यह भी जानें: बड़े पौधों को रिपॉट कैसे करें, जानें आसान टिप्स….)
उर्वरकों का इस्तेमाल – Fertilizing Plants After Rainy Time Hindi
बारिश के कारण मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्व पानी में बह जाते हैं, इसीलिए मानसून ख़त्म होने के बाद पौधों की ग्रोथ को बरकरार रखने के लिए उनमें खाद या अन्य उर्वरकों को डालना जरूरी होता है। इस समय आप ठंड या स्प्रिंग सीजन में ग्रोथ करने वाले बारहमासी पौधों में फर्टिलाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
(यह भी जानें: गार्डन में लगे हुए पौधों को खाद कैसे दें….)
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नई मल्चिंग करें – New Mulching On Plants After Rainy Season Hindi
बारिश से पहले पौधों की मिट्टी के ऊपर बिछाई गयी मल्चिंग यानि घास, या पत्तों को हटा दें। और नई घास, पुआल या पत्तों से पौधों की फिर से मल्चिंग कर दें। मल्चिंग करने से बारहमासी पौधों की मिट्टी ठंड के समय भी थोड़ी गर्म बनी रहती है। इसके अलावा मल्चिंग करने से खरपतवार नहीं उग पाती और पौधों की सिंचाई करने पर मिट्टी बहती भी नहीं है।
ग्रीन नेट हटाएं – Remove Green Shade Net In Post Monsoon Season Hindi
यदि आपने तेज बारिश से पौधों को बचाने के लिए पौधों के ऊपर ग्रीन नेट से छाया की थी, तो उस ग्रीन नेट को अब अलग कर सकते हैं, ताकि पौधों को पर्याप्त धूप मिल सके।
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कीट नियंत्रण करें – Pest Control In Plants After Rainy Season Hindi
यदि बारहमासी पौधों पर कीट लग गए हों, तो आप उन पर नीम तेल कीटनाशक का छिडकाव कर सकते हैं। बड़े कीटों जैसे स्लग और केटरपिलर को हाथ या चिमटी से अलग कर सकते हैं। पौधों पर पानी की तेज धार चलाकर भी छोटे कीटों जैसे एफिड्स को दूर किया जा सकता है।
(यह भी जानें: पौधों के पत्ते खाने वाले कीड़ों को हटाने के उपाय….)
इस आर्टिकल में बारिश का मौसम खत्म होने के बाद गार्डन में किये जाने वाले कामों के बारे में बताया गया है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा, यदि इससे सम्बंधित आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो उसे कमेन्ट जरूर करें।
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