लैवेंडर एक खुशबूदार प्लांट है जो आपके गार्डन की खूबसूरती बढ़ाता है, लेकिन कई बार इसमें फ्लावर नहीं आते (lavender phool kyo nahi raha), जिससे गार्डनर परेशान हो जाते हैं। फ्लावर ना आने की प्रॉब्लम के पीछे कई कारण होते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपके लैवेंडर में अच्छा ब्लूमिंग हो (lavender me phool kaise laye) और इसकी ग्रोथ हेल्दी बनी रहे, तो समय पर आपको सही केयर करना जरूरी है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि, लैवेंडर न फूलने के कारण क्या हैं और लैवेंडर प्लांट में फ्लावर लाने के आसान स्टेप्स क्या हैं, ताकि आपका गार्डन खुशबू और कलर से भर जाए।
लैवेंडर के फूल कब खिलते हैं? – When Does Lavender Bloom in Hindi
गार्डन में लगे लैवेंडर में आमतौर पर गर्मियों में फूल आते हैं। भारत में मार्च से जुलाई के बीच लैवेंडर में ब्लूमिंग होती है। ठंडी जगहों पर यह मई-जून में भी फूल दे सकता है। सही सनलाइट, ड्रेनेज वाली मिट्टी और समय पर प्रूनिंग करने से सीजन में लैवेंडर में अच्छा और लगातार ब्लूमिंग होता है।
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लैवेंडर में फूल न आने के कारण – Reasons Why Lavender Is Not Blooming in Hindi
होम गार्डन या टेरेस गार्डन में लगे लैवेंडर के पौधे में फूल न आने के कई कारण हो सकते हैं। यहाँ हम पौधे में फूल न लगने के सामान्य कारणों के बारे में जानेंगे, जो कि निम्न हैं-
- सनलाइट की कमी – लैवेंडर प्लांट को फूल लाने के लिए फुल सनलाइट चाहिए। कम सनलाइट मिलने से ब्लूमिंग रुक जाती है।
- ओवर वाटरिंग– जरूरत से ज्यादा वाटरिंग करने पर रूट सड़ जाते हैं और प्लांट वीक हो जाता है, जिससे फ्लावर नहीं आते।
- सही प्रूनिंग न करना– अगर लैवेंडर की सही टाइम पर प्रूनिंग नहीं की जाती, तो पुरानी ब्रांच में फ्लावर नहीं आते।
- मिट्टी में न्यूट्रिएंट की कमी– लैवेंडर को हल्की और वेल ड्रेन सॉयल चाहिए। हैवी सॉयल या पोषक तत्वों की कमी फ्लावरिंग रोक सकती है।
- अधिक फर्टिलाइजेशन – ज्यादा फर्टिलाइजर देने पर लैवेंडर का ग्रोथ तो बढ़ता है, पर फ्लावर नहीं आते।
- पानी का सही ड्रेनेज न होना– गमले या बेड में ड्रेनेज सिस्टम सही न होने पर भी रूट में पानी भर जाता है, जिससे ब्लूमिंग नहीं होती।
- प्लांट का ओवर एज हो जाना– बहुत पुराने लैवेंडर प्लांट में भी फ्लावर कम आने लगते हैं। समय पर नई कटिंग से नए प्लांट तैयार करें।
लैवेंडर फूल नहीं दे रहा है, तो क्या करें – What to Do If Your Lavender Isn’t Blooming in Hindi
अगर आपका लैवेंडर का पौधा फूल नहीं रहा है, तो आप नीचे बताए गए तरीकों को अपना सकते हैं। चलिए जानते हैं कि, लैवेंडर में फूल लाने के उपाय क्या हैं, जिससे आपका गार्डन खुशबू और फूलों से भर जाए।
1. अच्छी धूप दें – Full Sunlight in Hindi
लैवेंडर प्लांट को फूल लाने के लिए रोजाना 6-8 घंटे फुल सनलाइट देना जरूरी है। अगर आपके गार्डन या बालकनी में धूप कम आती है, तो लैवेंडर की ग्रोथ कमजोर हो जाएगी और ब्लूमिंग नहीं होगी। कोशिश करें कि लैवेंडर को सुबह की साफ धूप मिले। अगर प्लांट इंडोर रखा है तो उसे हफ्ते में 2-3 बार बाहर सन में रखें। अच्छी रोशनी मिलने से लैवेंडर की ब्रांच मजबूत होती हैं और फ्लावरिंग नेचुरली बढ़ जाती है।
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2. ओवर वाटरिंग से बचें – Avoid Overwatering in Hindi
लैवेंडर में ओवर वाटरिंग करने से रूट सड़ जाते हैं और प्लांट कमजोर हो जाता है, जिससे फ्लावरिंग रुक जाती है। लैवेंडर ड्राई कंडीशन पसंद करता है, इसलिए वाटरिंग तभी करें जब मिट्टी ऊपर से 1-2 इंच तक सूखी दिखे। अगर आप गमले में लैवेंडर लगा रहे हैं तो उसमें सही ड्रेनेज हो ताकि पानी जमा न हो। ओवर वाटरिंग से बचकर आप लैवेंडर की हेल्दी ग्रोथ और अच्छा ब्लूमिंग पा सकते हैं।
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3. सही प्रूनिंग करें – Proper Pruning in Hindi
लैवेंडर में समय-समय पर प्रूनिंग करना जरूरी है, ताकि नई ब्रांच निकलें और फ्लावरिंग में सुधार हो। अगर पुरानी और सूखी ब्रांच को हटाया नहीं जाता, तो एनर्जी फ्लावर में जाने के बजाय वेस्ट हो जाती है। हर सीजन में हल्की प्रूनिंग करें और पुराने फ्लावर स्टेम काट दें। प्रूनिंग से लैवेंडर का शेप अच्छा बना रहता है और नए शूट्स निकलने से हेल्दी ब्लूमिंग आती है। यह आसान स्टेप फ्लावरिंग बढ़ाने में बहुत मदद करता है।
4. अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगाएं – Use Well-Drained Soil in Hindi
लैवेंडर को वेल ड्रेन सॉयल चाहिए ताकि एक्स्ट्रा पानी आसानी से निकल जाए और रूट्स हेल्दी रहें। हैवी या क्ले सॉयल में पानी रुक जाता है, जिससे रूट सड़ने लगते हैं और फ्लावरिंग रुक जाती है। अगर आप गमले में लैवेंडर उगा रहे हैं, तो सॉयल में रेत या कोकोपीट मिलाकर ड्रेनेज सुधारें। अच्छी सॉयल लैवेंडर की ग्रोथ को स्ट्रॉन्ग बनाती है और ब्लूमिंग जल्दी लाती है, जिससे गार्डन खूबसूरत दिखता है।
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5. हल्की फर्टिलाइजिंग करें – Light Fertilizing in Hindi
लैवेंडर में ज्यादा फर्टिलाइजर देने से ग्रोथ तो बढ़ती है, लेकिन फ्लावरिंग रुक जाती है। इसलिए हर 15-20 दिन में हल्का लिक्विड फर्टिलाइजर या वर्मी वॉश दें ताकि जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिलें। हेवी फर्टिलाइजेशन से लैवेंडर में पत्ते ज्यादा आ जाते हैं और फ्लावर कम आते हैं। लाइट फर्टिलाइजिंग से प्लांट हेल्दी रहता है, सॉयल में जरूरी मिनरल्स बने रहते हैं और फ्लावरिंग भी अच्छी होती है, जिससे गार्डन की ब्यूटी बढ़ती है।
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6. पर्याप्त जगह रखें – Provide Enough Space in Hindi
लैवेंडर को अच्छी फ्लावरिंग के लिए खुली हवा और स्पेस चाहिए। अगर प्लांट्स को बहुत करीब में लगा देंगे, तो उनमें एयर सर्कुलेशन कम होगा और फ्लावरिंग रुक सकती है। लैवेंडर को प्लांट करते समय एक-एक पौधे में कम से कम 12-18 इंच का स्पेस दें ताकि सनलाइट और हवा हर ब्रांच तक पहुंचे। सही स्पेसिंग से लैवेंडर में नई ग्रोथ आती है, फ्लावर हेल्दी बनते हैं और प्लांट की लाइफ भी बढ़ती है।
7. डेड ब्रांच हटाएं – Remove Dead Branches in Hindi
लैवेंडर प्लांट में सूखी और पुरानी ब्रांच को समय-समय पर हटाना जरूरी है ताकि प्लांट की एनर्जी फ्लावर बनाने में इस्तेमाल हो सके। डेड ब्रांच और पुरानी स्टेम्स फ्लावरिंग को रोकते हैं और प्लांट में इंफेक्शन का रिस्क बढ़ाते हैं। महीने में एक बार अपने लैवेंडर की जांच करें और जो ब्रांच सूखी या ब्राउन दिखे, उसे क्लीन गार्डनिंग टूल से काट दें। इससे नई ब्रांच निकलेंगी और ब्लूमिंग बेहतर होगी।
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8. पॉट चेंज करें – Repot If Needed in Hindi
अगर लैवेंडर गमले में लगाया है और उसमें फ्लावर नहीं आ रहे, तो चेक करें कि रूट्स पॉट में ज्यादा तो नहीं भर गए। ओवर क्राउडिंग होने पर रूट्स को स्पेस नहीं मिलता और फ्लावरिंग रुक जाती है। ऐसे में लैवेंडर को बड़े पॉट में शिफ्ट करें ताकि रूट्स अच्छे से फैल सकें। पॉट चेंज करने से सॉयल फ्रेश होती है, न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं और प्लांट में नई ग्रोथ और फ्लावरिंग आने लगती है।
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9. कीटों से बचाएं – Check for Pests in Hindi
लैवेंडर में कीड़े या फंगस लगने पर फ्लावरिंग रुक सकती है। पत्तियों पर छोटे कीड़े, वेब या डॉट्स दिखें तो नीम ऑयल या माइल्ड ऑर्गेनिक पेस्टिसाइड का इस्तेमाल करें। वीकली इंस्पेक्शन करें ताकि पेस्ट टाइम पर कंट्रोल हो जाएं। पेस्ट और फंगस से बचाकर लैवेंडर की हेल्थ सही रहती है और फ्लावरिंग बनी रहती है। साफ-सफाई और सही मॉनिटरिंग से आपके लैवेंडर में अच्छा ब्लूमिंग बना रहेगा।
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लैवेंडर से रिलेटेड सामान्य प्रश्न
1. मेरा लैवेंडर का फूल सफेद क्यों होता है? – Why Are My Lavender Flowers White in Hindi
लैवेंडर की कुछ वैराइटी जैसे ‘अल्बा’ में नैचुरली सफेद फूल आते हैं। अगर आपका लैवेंडर सफेद फूल दे रहा है, तो यह उसकी किस्म के कारण है। यह कोई प्रॉब्लम नहीं है। अगर पहले पर्पल फूल आते थे और अब सफेद हो गए हैं, तो यह अक्सर न्यूट्रिएंट्स की कमी या पानी ज्यादा देने से भी हो सकता है।
2. लैवेंडर का कौन सा फूल सबसे लंबा होता है – Which Lavender Variety Has the Longest Flowers in Hindi
लैवेंडर की ‘फ्रेंच लैवेंडर’ और ‘लावेंडुला x इंटरमीडिया’ वैराइटी में फूलों की स्पाइक सबसे लंबी होती है। इनमें फूलों की लंबाई 24-30 इंच तक हो सकती है। यह वैराइटी तेज खुशबू और लंबे फ्लावर स्पाइक्स के लिए जानी जाती है, जिससे गार्डन में शानदार लुक आता है।
3. लैवेंडर में अधिक फूल लाने के लिए क्या करें? – What Can I Do to Get More Flowers on My Lavender in Hindi
लैवेंडर में ज्यादा फूल लाने के लिए फुल सनलाइट में रखें, ओवर वाटरिंग से बचें और सीजन में सही प्रूनिंग करें। ड्रेनेज वाली सॉयल यूज करें और लाइट फर्टिलाइजर दें। पुरानी सूखी ब्रांच हटाकर नई ग्रोथ आने दें। यह सभी स्टेप्स फॉलो करने से लैवेंडर में हेल्दी और ज्यादा ब्लूमिंग आती है।
4. मेरा लैवेंडर फूल क्यों नहीं रहा है – Why Is My Lavender Not Flowering In Hindi
लैवेंडर में फूल न आने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी, ओवर वाटरिंग, खराब जल निकासी या सही समय पर प्रूनिंग न करना आदि शामिल है।
निष्कर्ष:
लैवेंडर एक खूबसूरत और खुशबूदार प्लांट है, लेकिन इसमें फूल नहीं आना गार्डनर के लिए चिंता का कारण बन सकता है। इसके लिए सही सनलाइट, लिमिटेड वाटरिंग, प्रूनिंग, वेल ड्रेन सॉयल, लाइट फर्टिलाइजिंग और स्पेसिंग जैसे आसान उपाय बहुत मददगार साबित होते हैं। साथ ही समय-समय पर डेड ब्रांच हटाना, पॉट चेंज करना और पेस्ट कंट्रोल करना भी जरूरी है।
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