गमले में क्रासुला का पौधा कैसे उगाएं – How to Grow Crassula Plant in a Pot in Hindi

होम गार्डन में घर पर पेड़-पौधे लगाने का चलन बढ़ता ही जा रहा है ऐसे में अधिकांश लोग इनडोर प्लांटिंग के जरिये भी अपने घर में हरियाली जोड़ना पसंद करते हैं तथा इसके लिए मार्केट में पौधों की हजारों किस्में उपलब्ध भी हैं उन्हीं पौधों में से एक है क्रसुला प्लांट, जिसे आप गार्डन में या गमले की मिट्टी में कम देखभाल के साथ आसानी से लगा सकते हैं। क्रासुला के पौधे की विभिन्न किस्में वार्षिक या बारहमासी होती हैं, जो दिखने में छोटे पेड़ जैसे होते हैं तथा इसकी कई किस्में ग्राउंडकवर (Groundcover) वाली होती हैं। होम गार्डन में या गमले में क्रासुला का पौधा कैसे लगाएं (Garden me crassula ka paudha kaise ugaen) तथा कहां लगाएं, कटिंग से क्रासुला के पौधे उगाने की विधि तथा इसकी देखभाल के तरीके संबंधी जानकारी पाने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

अच्छी क्वालिटी के क्रासुला प्लांट का चयन कैसे करें – How to Choose Good Quality Crassula Plant in Hindi

क्रासुला के पौधे बेहतर सकुलेंट प्लांट (succulent plant) होने के साथ अच्छे हाउसप्लांट्स भी होते हैं जो कम देखभाल में भी अच्छी तरह उगाए जा सकते हैं, आप अपनी पसंद के अनुसार इनडोर प्लांट्स के रूप में क्रासुला ओवाटा (Crassula ovata) किस्म का पौधा भी खरीद सकते हैं जो सबसे लोकप्रिय क्रसुला प्लांट होता है जिसे जेड प्लांट के रूप में जाना जाता है। इसके अतिरिक्त क्रासुला की अन्य प्रमुख किस्मों के बारे में नीचे बताया गया है।

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क्रासुला पौधे की किस्में – Crassula Plants Varieties in Hindi

मार्केट में क्रसुला पौधे की अनेक किस्में मौजूद हैं जिन्हें आप अपनी पसंद के अनुसार खरीद सकते हैं, ये रसीले पौधे (succulent plant) अच्छे हाउसप्लांट्स होते हैं जिनकी कुछ किस्मों को आप इनडोर प्लांट्स के रूप में गमले में तथा कुछ किस्मों को अपने गार्डन में आउटडोर सजावटी पौधों के रूप में भी लगा सकते हैं ये सकुलेंट प्लांट (रसीले पौधे) कम देखभाल में भी आसानी से उगाए जा सकते हैं, इसकी कुछ प्रमुख किस्में निम्न हैं:

  • मॉर्गन क्रासुला (Crassula Morgan) – यह पौधा 4 इंच लम्बाई का होता है जिसकी पत्तियां चांदी के समान दिखाई देती हैं तथा इसमें देर वसंत में सुन्दर गुलाबी रंग के फूल खिलते हैं।

मॉर्गन क्रासुला - Crassula Morgan

  • क्रासुला एरोसोल (Crassula erosula) – यह गुच्छेदार सकुलेंट प्लांट 4-8 इंच लम्बा होता है जिसमें सफ़ेद पत्तियां होती हैं तथा सर्दियों में इनका रंग लाल हो जाता है।

क्रासुला एरोसोल - Crassula erosula

  • क्रासुला ओवेटा (Crassula ovata) – जेड प्लांट क्रासुला का सबसे लोकप्रिय उदाहरण  है, जो आसानी से विकसित होने वाला रसीला प्लांट (succulent plant) होता है।

क्रासुला ओवेटा - Crassula ovata

  • परफोरेट क्रासुला (Crassula perforata) – इसे स्ट्रिंग ऑफ बटन्स नाम से जाना जाता है जो एक एक झाड़ीदार रसीला पौधा (succulent plant) है।

परफोरेट क्रासुला - Crassula perforata

  • क्रसुला अरबोरेसेंस (Crassula arborescens) – इसे सिल्वर जेड प्लांट के रूप में भी जाना जाता है, यह एक 4 फीट लम्बाई वाला हरे रंग का सकुलेंट झाड़ीदार प्लांट है।

क्रसुला अरबोरेसेंस - Crassula arborescens

क्रासुला प्लांट कहां उगाएं – Where to Grow Crassula Plants in Hindi

क्रसुला सकुलेंट प्लांट दिन में कम से कम 6 घंटे की धूप पसंद करते हैं लेकिन अत्याधिक तेज धूप के कारण ये झुलस सकते हैं इसीलिए अगर आप क्रासुला के पौधों को इनडोर गमले की मिट्टी में लगाने का विचार बना रहे हैं तो इन्हें अप्रत्यक्ष धूप वाली जगह पर रखें, इसके लिए आप किसी उज्जवल प्रकाशित खिड़की वाली जगह चुन सकते हैं, वही अगर आप क्रसुला की किस्मों को अपने गार्डन में लगाना चाहते हैं तो किसी ऐसे स्थान पर लगाएं जहाँ उसे रोजाना पर्याप्त धूप मिले, लेकिन तेज धूप से बचाया जा सके।

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घर पर क्रासुला का पौधा कैसे लगाएं – How to Plant Crassula at Home in Hindi

  • क्रसुला का पौधा लगाने के लिए उचित जल निकासी वाले गमले या ग्रो बैग का चयन करें।
  • गमले में जैविक खाद युक्त सूखी मिट्टी या पॉटिंग मिक्स (potting soil) भरें, लेकिन ध्यान रखें कि गमला ऊपर से 2-3 इंच खाली रहे।
  • अब गमले की मिट्टी में क्रासुला की चुनी हुई किस्म के छोटे पौधे लगाएं।
  • क्रासुला प्लांट को अच्छी तरह से पानी दें।
  • मिट्टी सूखी दिखाई देने पर ही पौधों को पानी दें, पौधों को अतिरिक्त पानी देने से बचें।
  • गमले की मिट्टी में लगे पौधों को घर या गार्डन में उचित जगह पर रखें।

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क्रासुला के पौधे को कटिंग से कैसे उगाएं – How to Grow Crassula plants from cuttings in Hindi

बारहमासी सकुलेंट (perennial succulents) क्रासुला पौधे की विभिन्न किस्मों को आप घर पर कटिंग से भी आसानी से लगा सकते हैं। आइये जानते हैं कटिंग से क्रसुला के पौधे उगाने के तरीके के बारे में:

  • क्रासुला की चुनी हुई किस्म से जरूरत के अनुसार स्वस्थ पत्तेदार स्टेम (stem) काट लें।
  • स्टेम कटिंग की लंबाई 3-4 इंच या इससे अधिक होनी चाहिए। कटिंग लेने के बाद, इसे कुछ दिनों तक छायादार गर्म स्थान पर रखें, ताकि कटे हुए क्षेत्र पर कैलस (callous) बन जाए, जो तने को सड़ने से रोकने में मदद करता है और रूटिंग को बढ़ाता है।
  • इसके बाद गमले में जैविक खाद युक्त मिट्टी या पॉटिंग साइल (potting soil) भरें और इस मिट्टी में पौधे की कटिंग को लगभग 2 इंच गहरा लगा दें।
  • कटिंग लगाने के बाद गमले की मिट्टी में पानी दें, ताकि कटिंग मिट्टी में स्थापित हो जाए और मिट्टी नम हो जाए, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी में जल भराव से क्रासुला के पौधे ख़राब हो जाते हैं।
  • पौधे लगे गमले को ऐसे स्थान पर रखें, जहां इसे आंशिक धूप प्राप्त हो सके।
  • एक बार जब क्रासुला के कटिंग में जड़ आ जाएं, तो उसे गहराई तक पानी दें ताकि पानी पौधे की जड़ों तक पहुंच जाए।

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क्रासुला प्लांट की देखभाल कैसे करें – Crassula Plant Care in Hindi

बारहमासी क्रासुला के पौधों की देखभाल और रख-रखाव करना बहुत ही आसान होता है आइये जानते हैं इन क्रसुला सकुलेंट प्लांट (succulent plant) की देखभाल करने की कुछ जरूरी टिप्स:

क्रासुला पौधे को पानी देना – Watering a Crassula Plant in Hindi

चूँकि क्रसुला के पौधे डेजर्ट प्लांट्स हैं इसीलिए ये कम पानी में उगना पसंद करते हैं। क्रासुला किस्म के पौधों को अधिक पानी देने से बचना चाहिए, क्योंकि अधिक गीली व ठण्डी मिट्टी में इन पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं। क्रासुला के पौधों को पानी देने के बाद, फिर पानी देने से पहले मिट्टी के सूखने की प्रतीक्षा करें।

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क्रसुला प्लांट के लिए धूप – Sunlight Requirements for Crassula plant in Hindi

सकुलेंट क्रसुला पौधों की अधिकांश किस्में रोजाना दिन में 5-6 घंटे की धूप में उगना पसंद करती हैं ताकि वे अपने वास्तविक रंग को प्रदर्शित कर सकें। गार्डन में लगे हुए क्रासुला के पौधे सुबह की धूप में अच्छी तरह खिलते हैं लेकिन अगर इन पौधों को पूरे दिन पूर्ण सूर्यप्रकाश में रखा जाता है तो पत्तियां झुलस सकती हैं, अत्याधिक गर्मी के समय इन पौधों को धूप से बचाने के लिए कुछ छाया की आवश्यकता होती है। जब घर के अंदर गमले में क्रासुला का पौधा उगाया जाता है, तो इन पौधों को ऐसे स्थान पर रखें जहां पूरे दिन उज्ज्वल अप्रत्यक्ष प्रकाश हो, या दिन के छह घंटे के लिए सीधे सूर्य की किरणें पौधे पर आ सकें।

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क्रासुला पौधों के लिए उचित तापमान और आर्द्रता – Best Temperature and Humidity for Crassula Plants in Hindi

इन पौधों की अधिकांश प्रजातियां हल्की ठण्ड को सहन कर सकती हैं लेकिन अत्याधिक ठण्डे वातावरण में ये पौधे मर सकते हैं, क्रासुला ओवाटा किस्म का पौधा दिन में 18-24°C और रात में 10-13°C के बीच तापमान में अच्छी तरह बढ़ सकता है तथा जेड प्लांट और अन्य क्रासुला प्रजातियां कम आर्द्रता पसंद करती हैं, लेकिन वे बहुत आर्द्र जलवायु में भी अच्छी तरह से जीवित रह सकती हैं।

क्रासुला प्लांट को खाद देना – Best Fertilizer for Crassula plant in Hindi

क्रासुला प्लांट को खाद देना - Best Fertilizer for Crassula plant in Hindi

क्रसुला के पौधे लगाते समय मिट्टी में जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट या पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाना चाहिए, इसके बाद आपको इन पौधों को मध्य वसंत के समय जब वे सक्रिय रूप से बढ़ने लगे तब इन सकुलेंट प्लांट्स (succulent plant) के लिए उपयोग की जाने वाली खाद देना चाहिए।

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क्रासुला प्लांट की छटाई कैसे करें – How to Prune Crassula Plants in Hindiक्रासुला प्लांट की छटाई कैसे करें - How to Prune Crassula Plants in Hindi

 

हालाँकि आपको अपने क्रासुला पौधे की प्रूनिंग करने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन आप इन पौधों के शुरुआती आकार को बनाए रखने और पौधे को सुन्दर बनाने के लिए अपने क्रासुला के पौधों की प्रूनिंग साल में एक बार (वसंत के मौसम में) कर सकते हैं।

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क्रासुला के पौधों की कीट से सुरक्षा – Insect Protection of Crassula Plants in Hindi

आपके गार्डन में लगे हुए क्रसुला के पौधे पालतू जानवरों के लिए जहरीले हो सकते हैं, लेकिन इनडोर गमले में लगे हुए पौधे माइलबग्स (mealybugs) या स्पाइडर माइट्स (spider mites) को आकर्षित कर सकते हैं, अतः जैविक कीटनाशक नीम तेल के उपयोग से इन कीटों को पहली बार में ही पौधे पर हमला करने से रोका जा सकता है।

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इस लेख में आपने जाना कि, अपने घर पर गार्डन या गमले की मिट्टी में बारहमासी क्रासुला पौधों की विभिन्न किस्मों को कैसे लगाएं, सकुलेंट क्रासुला के पौधे लगाने की विधि तथा इसके देखभाल के तरीके क्या हैं, इत्यादि के बारे में। उम्मीद है कि, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। हमारी और भी उपयोगी पोस्ट पढ़ने के लिए Organicbazar.net पेज पर जाएं। यह लेख आपको कैसा लगा, कमेंट में जरूर बताएं।

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