बारिश में पौधे नहीं होंगे खराब, अगर अपनाएगें ये केयर टिप्स – Rainy Season Plant Care Tips In Hindi 

रैनी सीजन अर्थात् मानसून का समय पेड़-पौधों की ग्रोथ व बीज अंकुरण प्रक्रिया के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है, लेकिन इसके साथ ही वह गार्डन में कई प्रकार के कीट व रोगों को भी आमंत्रित करता है, इनमें से कुछ कीट मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार कर पौधों की ग्रोथ बढ़ाने में सहायक होते हैं, तो कुछ गंभीर संक्रमण फैलाते हुए पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बारिश का पानी पौधों के लिए फायदेमंद होता है लेकिन लगातार तेज बारिश के कारण आवश्यकता से अधिक पानी (Over Water) पौधों को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इन्ही सभी कारणों से बारिश के मौसम में गार्डन में लगे पौधों की उचित देखभाल करने की आवश्यकता होती है। इस आर्टिकल में आप बरसात के मौसम में पौधों की देखभाल कैसे करें तथा टॉप 10 रैनी सीजन प्लांट केयर टिप्स के बारे में जानेगें। Barsaat me paudhon ki dekhbhal kaise karen.

बरसात (मानसून) में पौधों की केयर कैसे करें – How To Take Care Of Plants In Rainy Season In Hindi

बारिश के मौसम में पौधों को अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है, मानसून के दौरान पौधों की देखभाल करने के लिए आप निम्न टिप्स व तरीके अपनाकर लगातार हो रही तेज बारिश (Heavy rain) से पौधों को बचा सकते हैं, जैसे:

  • बारिश में पौधों को कीट व रोगग्रस्त होने से बचाएं
  • बरसात के समय पौधों के लिए पानी की आवश्यकताएं पहचाने
  • मानसून के समय प्रूनिंग से करें पौधों का रख-रखाव
  • पौधों को नियमित रूप से खाद व उर्वरक दें
  • बरसात में पौधों की मिट्टी में खरपतवार को उगने से रोकें
  • मिट्टी के कटाव व संकुचन को रोकने के तरीके अपनाएं
  • नन्हे पौधों या कमजोर पौधों को सहारा प्रदान करें
  • पौधों के आस-पास जलभराव को रोकें
  • मिट्टी की गुणवत्ता में करें सुधार
  • गमले या गार्डन की मिट्टी से शैवालों को दूर कर वर्मीकम्पोस्ट मिलाएं

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बरसात में पौधों को सोच-समझ कर दें पानी – Watering Plants In Rainy Season In Hindi

बरसात में पौधों को सोच-समझ कर दें पानी - Watering Plants In Rainy Season In Hindi

मानसून के समय वैकल्पिक रूप से पौधों को पानी देना चाहिए, क्योंकि इस मौसम में पौधों को प्राकृतिक तरीके से पानी की आपूर्ति हो जाती है तथा वातावरण भी आर्द्र होता है, जिसके कारण पौधों को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं होती। बारिश के दौरान अत्यधिक पानी देने से पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं और अंततः पौधे नष्ट हो सकते हैं। इसीलिए बरसात के समय पौधों को पानी तब देना चाहिए जब मिट्टी की ऊपरी परत सूखी दिखाई देती है।

बारिश में पौधों को कीट व रोगग्रस्त होने से बचाएं – Save Your Plants From Pests And Diseases In Rainy Season In Hindi

बारिश में पौधों को कीट व रोगग्रस्त होने से बचाएं - Save Your Plants From Pests And Diseases In Rainy Season In Hindi

मानसून के मौसम में अत्याधिक नमी वाला वातावरण पौधों पर स्लग, चींटियां और घोंघे (snails) जैसे कीट तथा कवक और फफूंदी रोगों के संक्रमण का जिम्मेदार हो सकता है, ये हानिकारक कीट सीडलिंग और पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसीलिए बरसात के समय पौधों को कीट और बीमारियों से बचाने के लिए सप्ताह में एक बार कीटनाशक और कवकनाशी का प्रयोग करना चाहिए।

कीट नियंत्रण के लिए पौधों पर नीम के तेल या 3 जी पेस्टीसाइड जैसे जैविक कीटनाशक का सम्पूर्ण पौधों पर छिड़काव तथा कवक से बचने के लिए हल्दी पाउडर को मिट्टी की ऊपरी परत पर छिड़का जा सकता है।

नोट – बारिश के समय पाए जाने वाले केंचुए मिट्टी के वातन को सुधार कर नाइट्रेट मिलाते हैं, जिसके कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है, इसीलिए मिट्टी से केंचुए अलग नहीं करना चाहिए।

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मानसून के समय प्रूनिंग से करें पौधों की केयर – Pruning Keep Your Plants Healthy In Rainy Season In Hindi

मानसून के समय प्रूनिंग से करें पौधों की केयर - Pruning Keep Your Plants Healthy In Rainy Season In Hindi

प्रूनिंग (Pruning) पौधे में नई वृद्धि और स्वस्थ ग्रोथ को बढ़ावा देने में मदद करती है तथा यह पौधे को किसी भी प्रकार के कीट व रोग संक्रमण को रोकने में भी सहायक होती है। बरसात के मौसम में पौधों की उचित देखभाल के साथ आप अपने होम गार्डन के गमलों में लगे हुए पौधों को आकार देने, नई ग्रोथ को बढ़ाने तथा किसी संक्रमित भाग को हटाने के लिए पौधे की छंटाई कर सकते हैं। प्रूनिंग करते समय ध्यान दें कि प्रूनिंग टूल्स साफ होने चाहिए और किसी भी संक्रमित भाग को हटाने के बाद फिर से प्रूनर्स को अच्छी तरह साफ़ करना चाहिए।

पौधों को नियमित रूप से दें खाद और उर्वरक – Fertilize Your Plants Regularly In Rainy Season In Hindi

पौधों को नियमित रूप से दें खाद और उर्वरक - Fertilize Your Plants Regularly In Rainy Season In Hindi

मानसून के मौसम में भारी बारिश के कारण कई बार मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व पानी के साथ बह जाते हैं, जिसके कारण पौधों को आवश्यकतानुसार पोषक तत्व नहीं मिल पाते, इसीलिए बरसात में अपने पौधों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए उन्हें जरूरी पोषक तत्व नियमित रूप से देते रहना चाहिए, ताकि वे स्वस्थ और बेहतर रूप से ग्रो हो सकें। आप अपने पौधों को पोषक तत्व देने के लिए जैविक खाद, सड़ी हुई गोबर की खाद या धीमी गति से प्राप्त होने वाले जैविक उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं। ग्रोइंग सीजन में पौधों को तुरंत खाद देने के लिए फोलियर स्प्रे फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।

बरसात में खरपतवार नियंत्रण द्वारा रखें पौधों का ध्यान – Save Your Plants From Weeds In Rainy Season In Hindi

बारिश के मौसम में गार्डन या गमले की मिट्टी में खरपतवार भी तेजी से बढ़ते हैं, और वे आपके पौधों से आवश्यक पोषक तत्वों को छीनकर पौधों की ग्रोथ को प्रभावित कर सकते हैं, इसीलिए बरसात के समय अपने पौधों की स्वस्थ ग्रोथ को बढ़ावा देने तथा सही तरीके से पौधों की देखभाल करने के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करते रहें, ताकि हानिकारक खरपतवारों को हटाया जा सके।

मिट्टी के कटाव व संकुचन को रोकने के करें उपाय – Soil Erosion Prevention In Rainy Season In Hindi

मिट्टी के कटाव व संकुचन को रोकने के करें उपाय - Soil Erosion Prevention In Rainy Season In Hindi

मानसून के मौसम के दौरान लगातार तेज बारिश से मिट्टी में कटाव होने की सम्भावना बढ़ जाती है, जिसके कारण आपके पौधों को भी नुकसान हो सकता है। इसके अलावा भारी बारिश के प्रभाव से और गमले में पानी के भरने से आपके गार्डन की मिट्टी गीली और सघन हो सकती है, जिससे उगने वाले पौधों के लिए आक्सीजन के आदान-प्रदान व वायु परिसंचरण के लिए छेद नहीं बचते हैं। इसीलिए मिट्टी के कटाव से बचने तथा मिट्टी को संकुचित होने से रोकने के लिए विशेष रूप से आवश्यक है…. गमलों को ऐसी जगह ले जाना जहां भारी बारिश से पौधे क्षतिग्रस्त न हों। इसके आलावा आप मल्चिंग करके भी मिट्टी के कटाव और सघनता को रोकने में सफल हो सकते हैं।

बारिश के मौसम में कमजोर पौधों को सहारा दें – Support Your Young Plants In Rainy Season In Hindi

बारिश के मौसम में कमजोर पौधों को सहारा दें - Support Your Young Plants In Rainy Season In Hindi

मानसून के समय तेज हवाओं के कारण कुछ कोमल तथा युवा पौधों को बाहरी सहारे की आवश्यकता होती है, ताकि उन्हें गिरने या टूटने से बचाया जा सके, इसके लिए पौधों को किसी लकड़ी या जालीदार तार या क्रीपर नेट से सहारा देना चाहिए। इसके साथ ही छोटे पौधों और सीडलिंग को तेज बारिश (heavy rain) से बचाते हुए पर्याप्त नमी देने के लिए रेन कवर से ढंकना चाहिए, इसके लिए प्लास्टिक शीट कवर के स्थान पर छिद्रित शीटकवर का उपयोग करना एक अच्छा विकल्प है ताकि पौधों को प्राकृतिक रूप से बारिश के पानी में मौजूद हाइड्रोजन पेरोक्साइड व अन्य पोषक तत्व प्राप्त हो सकें।

(और पढ़ें: बारिश के मौसम में गार्डन में लगाए जाने वाले पौधे…)

पौधों के आस-पास जलभराव को रोकें – Prevent Over Watering Around Plants In Rainy Season In Hindi

होमगार्डन या आउटडोर गमलों में उचित जलनिकासी व्यवस्था न होने के कारण बरसात के समय अक्सर जलभराव की समस्या देखी जा सकती है, जिसके कारण आपके पौधों में रूट रोट व अन्य फंगल इन्फेक्शन होने की सम्भावना बढ़ जाती है, इसीलिए मानसून के समय अपने पौधों की देखभाल करते हुए गमलों तथा गार्डन में ओवरवाटरिंग की समस्या रोकने के लिए अच्छी जलनिकासी वाली मिट्टी तथा अतिरिक्त पानी गमले से बाहर निकालने के लिए ड्रेनेज होल वाले गमले में पौधों को लगाना चाहिए। यदि आपके गार्डन में जलभराव हो रहा है तो इसे रोकने के लिए आप खुदाई कर पतली जलनिकासी नाली बना सकते हैं, या फिर गार्डन के गमलों को ड्रेन मेट पर रखकर पानी के ठहराव की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

मिट्टी की गुणवत्ता में करें सुधार – Improve Soil Quality In Rainy Season In Hindi

मिट्टी की गुणवत्ता में करें सुधार - Improve Soil Quality In Rainy Season In Hindi

अगर आपके पौधे लगे हुए गार्डन या गमले की मिट्टी पुरानी हो चुकी है या पोषक तत्व रहित चिकनी मिट्टी में पौधे लगे हुए हैं तो आपको मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने की जरूरत है, क्योंकि बरसात की तेज बारिश (heavy rain) व लगातार पानी से चिकनी मिट्टी में जलभराव (Overwatering) की समस्या होने की सम्भावना अधिक होती है, जिसके कारण आपके पौधों को काफी नुकसान हो सकता है। गार्डन की मिट्टी में सुधार करने तथा मिट्टी को अच्छी जलनिकासी वाली सूखी मिट्टी बनाने के लिए मिट्टी में कोकोपीट, रेत, वर्मीक्यूलाइट या पर्लाइट आदि मिलाना चाहिए।

बारिश के दौरान मिट्टी से शैवाल को हटाएं – Remove Algae From Soil In Rainy Season In Hindi

बारिश के मौसम में मिट्टी से अच्छी तरह पानी का रिसाव न होने के कारण या नम जमीन पर हरे रंग के शैवाल या काई उग जाती है और अगर इन्हें समय पर नहीं हटाया गया, तो गार्डन के पौधे सड़ सकते हैं। इसलिए बारिश में पौधों को सड़ने से बचाने के लिए समय-समय पर जमीन पर लगे हुए काई या शैवालों के हरे धब्बों को हटाना जरूरी है, ताकि पौधों के लिए आसपास का वातावरण साफ हो और पौधों का स्वस्थ विकास हो सके।

बरसात के समय गार्डनिंग करने के लिए आवश्यक सामग्री यहाँ से खरीदें:

पॉटिंग मिट्टी
ड्रेनज मेट
वर्मीक्यूलाइट
पेर्लाइट
कोकोपीट
हैंड ट्रावेल
शेड नेट
प्रूनर

उपरोक्त आर्टिकल में आपने जाना कि मानसून अर्थात् बरसात के समय पेड़-पौधों को स्वस्थ रखने के लिए पौधों की देखभाल कैसे करना चाहिए। इसके साथ ही बारिश के पानी से पौधों को बचाने के लिए पौधों के रखरखाव के तरीके तथा टॉप 10 रैनी सीजन प्लांट केयर टिप्स इत्यादि को जाना।

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