कुकुरबिटेसी परिवार के पौधे के अंतर्गत विभिन्न कद्दू वर्गीय सब्जियां जैसे खीरा, तरबूज, खरबूज, तुरई आदि आती हैं। यह अधिकतर गर्मी या बरसात के मौसम में उगाई जाने वाली सब्जियां हैं। इन बेल वाली सब्जियों को अधिकतर लोग अपने घरों या गार्डन में उगाते हैं, लेकिन कभी-कभी मौसम के उतार चढ़ाव, नमी की अधिकता और पानी की कमी या अधिकता के कारण, इन सब्जियों के पौधे विभिन्न प्रकार के रोगों से संक्रमित हो जाते हैं, जिसके कारण वह पौधे उचित वृद्धि नहीं कर पाते और कभी-कभी नष्ट भी हो सकते हैं। यदि आपने इन कुकुरबिट वेजिटेबल प्लांट्स को उगाया है, तो आपको यह जानना होगा कि कद्दू वर्गीय पौधे या कुकुरबिटेसी सब्जियों के पौधों में होने वाले रोग कौन-कौन से हैं और इन रोगों से बचाव के उपाय क्या हैं। कद्दू वर्गीय सब्जियों के रोग और नियंत्रण के तरीक जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
कुकुरबिटेसी सब्जियों में होने वाले रोग और उनसे बचाव के उपाय – Common Disease Of Cucurbitaceous Vegetable In Hindi
कद्दू वर्गीय परिवार की सब्जियों को प्रभावित करने वाले रोग निम्न हैं:-
- डाउनी मिल्ड्यू (Downy mildew)
- पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery mildew)
- कुकुंबर मोज़ेक (Cucumber mosaic)
- सरकोस्पोरा लीफ स्पॉट (Cercospora leaf spot)
- फुसैरियम विल्ट या फ्यूजेरियम विल्ट (Fusarium wilt)
आइए जानते हैं सब्जियों के पौधे में लगने वाले प्रमुख रोग और उनके नियंत्रण के उपाय के बारे में:
(यह भी जानें: कद्दू वर्गीय (कुकुरबिट्स) सब्जियां और उगाने से सम्बंधित जानकारी…..)
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डाउनी मिल्ड्यू रोग – Disease Of Cucurbit Vegetables Downy mildew In Hindi
प्राभावित पौधे – लौकी, स्क्वैश, कद्दू, खरबूजे और ककड़ी आदि।
कोमल फफूंदी अर्थात डाउनी मिल्ड्यू, कद्दू वर्गीय सब्जियों के पौधों को बहुत अधिक प्रभावित करने वाला फंगस रोग है, जो स्यूडो पेरोनोस्पोरा क्यूबेंसिस (Pseudoperonospora cubensis) फंगस के कारण होता है। यह रोग पौधे को सभी अवस्था में प्रभावित कर सकता है। इस रोग के कारण पौधे की पत्तियों पर धब्बे दिखाई देने लगते हैं और वे पीली होकर गिर जाती हैं। डाउनी मिल्ड्यू से प्रभावित पौधे ठीक तरह से वृद्धि नहीं कर पाते और उन सब्जियों के पौधों में अच्छे फल नहीं लग पाते हैं।
डाउनी मिल्ड्यू रोग के नियंत्रण के उपाय – Control Of Downy Mildew Disease Of Cucurbitaceous Vegetable In Hindi
डाउनी मिल्ड्यू रोग से कुकुरबिट वेजिटेबल या कद्दू वर्गीय सब्जियों को निम्न तरीकों से बचाया जा सकता है:-
- प्रूनर की मदद से पौधों की प्रूनिंग करें, जिससे कि उनके आसपास हवा का प्रवाह बना रहे।
- पौधों को सुबह के समय पानी दें, जिससे पानी देने के दौरान उस पौधे को सूखने का पर्याप्त समय मिल सके।
- पौधे की पत्तियों पर जैविक कवकनाशी या नीम तेल का छिड़काव करें, यह डाउनी मिल्ड्यू के लिए सबसे अच्छा फंगीसाइड है।
- शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर, संक्रमित हिस्से को पौधों से काट कर अलग कर दें।
- इस रोग से बचने के लिए 1 चौथाई पानी और 1 चम्मच बेकिंग सोडा का घोल बनाकर पौधों पर स्प्रे करें।
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पाउडरी मिल्ड्यू रोग – Disease Of Cucurbit Vegetables Powdery mildew In Hindi
प्राभावित पौधे – कद्दू, लौकी, खीरा, तुरई, करेला
पाउडरी मिल्ड्यू, जिसे खस्ता फफूंदी भी कहा जाता है, यह कुकुरबिटेसी परिवार की सब्जियों से सम्बंधित एक फंगस रोग है, जो पौधे की नई ग्रोथ को प्रभावित करती है। इस रोग के प्रभाव से पौधों की पत्तियां भूरे या सफ़ेद रंग की होकर सूख जाती हैं, जिससे कि पौधा समय से पहले नष्ट हो जाता है। पाउडरी मिल्ड्यू रोग के संक्रमण के कारण फल पूर्णतः विकसित नहीं होते और अनियमित आकार के हो जाते हैं।
पाउडरी मिल्ड्यू रोग के नियंत्रण के उपाय – Control Of Powdery mildew Of Cucurbitaceous Vegetable In Hindi
पौधों पर इस रोग का संक्रमण अधिक फैल जाने पर नियंत्रित नहीं किया जा सकता, लेकिन शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर आप कुछ उपाय अपना सकते है। पाउडरी मिल्ड्यू रोग से कुकुरबिट वेजिटेबल प्लांट को निम्न तरीकों से बचाया जा सकता है:-
- इस रोग से बचने के लिए, पौधे की प्रतिरोधी किस्म के बीजों को लगाएं।
- पौधे लगाने के लिए धूप और उचित हवा प्रवाह वाला स्थान चुनें।
- इस रोग के शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर, पौधों के संक्रमित हिस्से को काट कर अलग कर दें।
- पौधे पर जैविक फंगीसाइड का स्प्रे करें।
- पौधे लगाने के लिये पर्याप्त धूप वाला स्थान चुनें।
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कुकुम्बर मोजेक रोग – Cucumber Mosaic Disease Of Cucurbit Vegetables In Hindi
प्राभावित पौधे – खीरा, कद्दू, लौकी, लोबिया, टमाटर, मिर्च आदि।
कुकुम्बर मोजेक, यह कुकुरबिट वेजिटेबल या कद्दुवर्गीय सब्जियों में एक वायरस के कारण होने वाली बीमारी है, जो पौधों में एफिड्स, माइट्स जैसे अन्य कीटों के माध्यम से फैलती है। इस रोग के प्रभाव के कारण पत्तियों पर हरे और पीले रंग धब्बे दिखाई देने लगते हैं और पत्तियाँ नीचे की ओर मुड़कर अनियमित आकार की हो जाती हैं। कुकुम्बर मोज़ेक रोग के संक्रमण के कारण पौधा अच्छी तरह नहीं बढ़ पाता और उस पर अनियमित आकार के फल लगते हैं।
कुकुम्बर मोजेक रोग के नियंत्रण के उपाय – How To Control Cucumber Mosaic Disease In Hindi
इस रोग का कोई संभावित उपचार नहीं है, यदि आपका पौधा कुकुम्बर मोजेक रोग से अधिक संक्रमित हो गया है, तो उस पौधे को काट कर नष्ट कर देना चाहिए। ध्यान रहे कि पौधे के संक्रमित हिस्से को पूरी तरह गार्डन से हटा दें, नहीं तो यह बाकि पौधों को भी संक्रमित कर सकता है। कुकुरबिट वेजिटेबल प्लांट में इस रोग के शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर आप निम्न उपाय अपना सकते हैं:-
- पौधे के संक्रमित हिस्से की प्रूनिंग करते समय, प्रत्येक कट के बाद प्रूनर को कीटाणुरहित करें।
- इस रोग से बचने के लिए बीजों की रोग प्रतिरोधी किस्म लगाएं।
- पौधे लगाते समय रोगमुक्त बीज खरीदें।
- खरपतवार को कम करने के लिए गार्डन के पौधों की मल्चिंग करें।
- गार्डन में पोलिनेटर्स को आकर्षित करने वाले पौधे उगाएं, क्योंकि कुछ पोलिनेटर्स एफिड्स जैसे अन्य कीटों को खाते हैं।
- मोजेक वायरस के प्रति अतिसंवेदनशील पौधों के बीज को लगाने से पहले फंगीसाइड सॉल्यूशन में भिगोएं, जिससे कि वह कीटाणुरहित हो सके।
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सरकोस्पोरा लीफ स्पॉट रोग – Cercospora leaf spot Disease Of Cucurbit Vegetables In Hindi
प्राभावित पौधे – तरबूज, खरबूजा और सबसे अधिक प्रभावित खीरा
सरकोस्पोरा लीफ स्पॉट, कद्दू वर्गीय सब्जियों का एक प्रमुख रोग है, जो सरकोस्पोरा सिट्रुलिना (Cercospora citrullina fungus) कवक के कारण होता है। इस रोग की शुरुआत में पौधे की पत्तियों पर हरे और बैंगनी रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, धीरे-धीरे यह धब्बे बड़े आकार के हो जाते हैं और पत्तियां पीली होकर सूख जाती हैं। यह रोग कभी-कभी पौधे के फलों को भी प्रभावित करता है।
सरकोस्पोरा लीफ स्पॉट रोग के नियंत्रण के उपाय – How to Control Cercospora leaf spot In Hindi
कद्दू वर्गीय सब्जियों को सरकोस्पोरा लीफ स्पॉट रोग से बचाने के उपाय निम्न हैं:-
- पौधों में नमी को कम करने के लिए, शाम के समय पानी देने से बचें।
- गार्डन के पौधों को नियमित रूप से पानी दें, लेकिन ओवरवाटरिंग से बचें।
- पौधों के आसपास वायु का प्रवाह बनाएं रखने के लिए पौधों की प्रूनिंग करें।
- संक्रमित पौधों पर जैविक फंगीसाइड, जैसे- नीम के तेल का छिड़काव करें।
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फुसैरियम विल्ट रोग – Cucurbitaceous Vegetable Disease Fusarium Wilt In Hindi
प्राभावित पौधे – तरबूज, खीरा, खरबूज, स्क्वैश आदि
फुसैरियम विल्ट बीमारी, मुख्य रूप कुकुरबिटेसी परिवार की सब्जियों को प्रभावित करती है। यह एक फंगल डिसीस है, जो फुसैरियम ऑक्सीस्पोरम (Fusarium oxysporum) फंगस के द्वारा फैलायी जाती है। इस रोग का प्रभाव पहले पौधे की पुरानी पत्तियों पर दिखाई देता है और जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, नई पत्तियां भी प्रभावित होने लगती हैं। इस रोग के संक्रमण के कारण पत्तियां मुरझाकर झड़ने लगती हैं, जिससे पौधे पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते और अंततः मर भी सकते हैं।
फुसैरियम विल्ट रोग के नियंत्रण के उपाय – How to Control Fusarium Wilt In Hindi
यह फंगल रोग गर्म मौसम के दौरान पौधों में अधिक प्रभावी होता है। आइए जानते हैं कुकुरबिटेसी परिवार की सब्जियों को फुसैरियम विल्ट रोग से बचने के उपाय, जो कि निम्न हैं:-
- पौधे लगाते समय फुसैरियम विल्ट रोग की प्रतिरोधी किस्म को चुनें।
- इस रोग से संक्रमित हिस्से को काट कर नष्ट कर दें, लेकिन इस बात ध्यान रखें, कि प्रत्येक कट के बाद प्रूनर को अच्छी तरह साफ़ कर लें।
- नाइट्रोजन की अधिक मात्रा, इस रोग के प्रति संवेदनशील होती है, इसलिए नाइट्रोजन युक्त उर्वरक की जगह जैविक खाद का उपयोग करें।
- पहले से फुसैरियम विल्ट रोग से संक्रमित मिट्टी में कुकुरबिट या कद्दूवर्गीय वेजिटेबल्स को लगाने से बचें।
- यदि इस रोग से आपका पौधा बहुत अधिक प्रभावित हो गया है, तो उस पौधे को काट कर नष्ट कर दें और फिर से पौधा लगाने से पहले मिट्टी को सोलराइस या स्टरलाइज करें।
(यह भी जानें: पौधों में मिट्टी से होने वाले रोग (मृदा जनित रोग), लक्षण और रोकथाम के उपाय…..)
इस आर्टिकल में आपने जाना, कि कद्दू वर्गीय पौधे या कुकुरबिटेसी सब्जियों के पौधों में होने वाले रोग कौन-कौन से हैं और इन रोगों से सब्जियों को बचाव के उपाय क्या हैं। आशा करते हैं यह लेख आपको पसंद आया होगा, इस लेख से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हों, हमें कमेंट में अवश्य बताएं।
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