How to Grow Microgreens in Hindi: आजकल किचन गार्डन और ऑर्गेनिक खेती का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोग बीमारियों से बचने के लिए जैविक तरीके से उगाई गई चीजों को खा रहे हैं। सेहतमंद खानपान की बढ़ती जागरूकता के बीच माइक्रोग्रीन्स एक पॉपुलर सुपरफूड बन गए हैं। विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर माइक्रोग्रीन्स न केवल इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार होते हैं, बल्कि हृदय, पाचन और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं। इन्हें घर पर बेहद आसान तरीके से उगाया जा सकता है, जिससे हर कोई अपने भोजन में ताजगी और न्यूट्रिशन को बढ़ा सकता है। कम जगह और सीमित संसाधनों में भी माइक्रोग्रीन्स को आसानी से घर पर उगाया जा सकता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि माइक्रोग्रीन क्या होते हैं और इसे कैसे तैयार करें तथा माइक्रोग्रीन्स खाने के फायदे व उगाने की विधि क्या हैं।
माइक्रोग्रीन्स क्या हैं – What are Microgreens in Hindi
माइक्रोग्रीन्स छोटे, कोमल और पोषक तत्वों से भरपूर पौधों के अंकुर होते हैं, जो सब्जियों, जड़ी-बूटियों और अनाजों के बीजों से उगाए जाते हैं। ये अंकुर 7-21 दिनों में तैयार हो जाते हैं और इनमें विटामिन C, E, K, आयरन, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इनका स्वाद हल्का तीखा या मीठा हो सकता है, जिससे वे सलाद, सैंडविच, स्मूदी और अन्य व्यंजनों में स्वाद व पोषण बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
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माइक्रोग्रीन्स उगाने का तरीका – How to Grow Microgreens in Hindi
माइक्रोग्रीन्स को घर पर आसानी से सीडलिंग ट्रे या कम गहराई वाले गमलो में आसानी से उगाया जा सकता है। माइक्रोग्रीन्स कैसे उगाया जाता है?, इसकी उगाने की विधि जानने के लिए दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:-
1. माइग्रोग्रीन्स उगाने के लिए सही बीज खरीदें – Buy the Right Seeds for Growing Microgreens in Hindi
माइक्रोग्रीन्स उगाने के लिए सही बीजों का चयन करना बेहद जरूरी है। हर्ब्स, सब्जियां और अनाज जैसे ब्रोकली, मूली, मेथी, सरसों, धनिया, गेहूं और सूरजमुखी के बीज सबसे अच्छे ऑप्शन हैं। ऑर्गेनिक और केमिकल-फ्री बीज खरीदें ताकि क्रॉप शुद्ध और हेल्दी हो। बीजों को बोने से पहले कुछ घंटों तक पानी में भिगोना अच्छा होता है, क्योंकि यह अंकुरण की प्रक्रिया को तेज कर सकता है।
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2. मिट्टी या कोकोपीट में बीज बोएं – Sow Seeds in Soil or Cocopeat in Hindi
माइक्रोग्रीन्स उगाने का सबसे अच्छा माध्यम कौन सा है? वास्तव में माइक्रोग्रीन्स उगाने के लिए जैविक मिट्टी, कोकोपीट, वर्मीकंपोस्ट या हाइड्रोपोनिक्स विधि का उपयोग किया जा सकता है। कोकोपीट और पॉटिंग मिक्स हल्की और पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जिससे माइक्रोग्रीन्स तेजी से बढ़ते हैं। मिट्टी का उपयोग करने पर ध्यान दें कि वह अच्छी क्वालिटी की हो और उसमें केमिकल न हो। मिट्टी या कोकोपीट को एक ट्रे या गमले में समान रूप से फैलाएं और अधिक सघन न करें ताकि बीजों को उचित मात्रा में ऑक्सीजन और नमी मिल सके।
3. बीज बोने की विधि – Seed Sowing Method in Hindi
हर गार्डनर जानना चाहता है कि माइक्रोग्रीन बीज कैसे लगाएं? बीज बोने के लिए पहले ग्रोइंग मीडियम को हल्का गीला कर लें। बीजों को सतह पर समान रूप से फैलाएं और हल्के हाथों से दबा दें, लेकिन उन्हें मिट्टी में ज्यादा गहराई में न डालें। यदि बीज बहुत घने या बहुत दूर-दूर बोए जाएंगे, तो उचित ग्रोथ नहीं हो पाएगी। अगर आप जानना चाहते हैं कि माइक्रोग्रीन्स को कब तक ढक कर रखना है? तो बता दें कि बीजों को बोने के बाद उन पर हल्की परत डाल सकते हैं। बीजों को रखने के बाद स्प्रे बोतल से पानी छिड़कें ताकि नमी बनी रहे। शुरुआती कुछ दिनों में ट्रे को किसी ढक्कन से हल्का ढककर रखें ताकि नमी बनी रहे और अंकुरण तेज हो।
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4. नमी बनाए रखें और पानी दें – Maintain Moisture and Water Properly in Hindi
मुझे अपने माइक्रोग्रीन्स को कितनी बार पानी देना चाहिए? बीजों को बोने के बाद रोजाना हल्की स्प्रे बोतल से पानी दें, लेकिन अधिक पानी न डालें क्योंकि इससे फफूंद और सड़न की समस्या हो सकती है। ग्रोइंग ट्रे को ऐसी जगह रखें जहां वेंटिलेशन अच्छा हो और पानी का निकास सही तरीके से हो। ज्यादा नमी होने से जड़ें गल सकती हैं, जबकि कम नमी होने पर पौधे सूख सकते हैं। उचित संतुलन बनाए रखने के लिए दिन में दो बार हल्का पानी छिड़कना बेहतर होता है, खासकर गर्म मौसम में।
5. पर्याप्त रोशनी और तापमान – Adequate Light and Temperature in Hindi
यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि माइक्रोग्रीन्स को कितनी धूप चाहिए? इन्हें डायरेक्ट धूप में रखने की बजाय छायादार, रोशनी वाली जगह पर रखें। इनडायरेक्ट धूप या एलईडी ग्रो लाइट का उपयोग भी किया जा सकता है। तापमान 18-24 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। अधिक गर्मी या ठंड इनकी ग्रोथ को प्रभावित कर सकती है। यदि रोशनी पर्याप्त नहीं होगी, तो पौधे लंबे और कमजोर हो सकते हैं। सही प्रकाश और तापमान बनाए रखने से माइक्रोग्रीन्स का रंग, स्वाद और पोषण अच्छी क्वालिटी का बना रहता है।
6. कटाई का सही समय और तरीका – Right Time and Method of Harvesting in Hindi
यह सवाल अक्सर पूछा जाता है कि माइक्रोग्रीन्स की कटाई में कितने दिन लगते हैं? माइक्रोग्रीन्स आमतौर पर 7-14 दिनों के भीतर कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। यह भी जानना जरूरी है कि माइक्रोग्रीन्स कहां से काटें? जब उनके पहले दो पत्ते (कोटिलेडन) पूरी तरह विकसित हो जाएं और पौधे लगभग 2-3 इंच लंबे हो जाएं, तो उन्हें काटा जा सकता है। कटाई के लिए तेज और साफ गार्डनिंग कैंची का उपयोग करें और माइक्रोग्रीन्स को जड़ों के पास से न काटें, बल्कि मिट्टी या कोकोपीट से थोड़ा ऊपर काटें।
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7. माइक्रोग्रीन्स को स्टोर करना और उपयोग – Storage and Use of Microgreens in Hindi
कटाई के बाद माइक्रोग्रीन्स को ताजगी बनाए रखने के लिए सही तरीके से स्टोर करना जरूरी है। इन्हें धोकर हल्का सुखाने के बाद पेपर टॉवल में लपेटकर एयरटाइट कंटेनर में रखें और फ्रिज में स्टोर करें। माइक्रोग्रीन्स को 5-7 दिनों तक ताजा रखा जा सकता है। इन्हें सलाद, सूप, सैंडविच, स्मूदी और जूस में मिलाकर खाया जा सकता है। इन्हें पकाने की बजाय कच्चा खाना ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि अधिक गर्मी से उनके पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं।
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8. माइक्रोग्रीन्स उगाने में आ रही समस्याएं और समाधान – Problems in Growing Microgreens and Their Solutions in Hindi
माइक्रोग्रीन्स उगाने के दौरान कई समस्याएं आ सकती हैं, जैसे फफूंद, अत्यधिक नमी, धीमा अंकुरण या पीले पत्ते। फफूंद से बचने के लिए अच्छी वेंटिलेशन और नियंत्रित नमी बनाए रखें। यदि अंकुरण धीमा हो रहा है, तो बीजों को बोने से पहले कुछ घंटों के लिए पानी में भिगोना चाहिए। अत्यधिक पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं, इसलिए पानी देने का सही संतुलन बनाए रखें। यदि पत्ते पीले हो रहे हैं, तो माइक्रोग्रीन्स को अधिक रोशनी दें।
माइक्रोग्रीन्स के क्या फायदे हैं- What are the benefits of microgreens in Hindi
यह माइक्रोग्रीन्स हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं क्योंकि इनमें सामान्य हरी सब्जियों की तुलना में अधिक पोषक तत्व होते हैं। इनमें भरपूर मात्रा में विटामिन C, E, K, आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। ये हृदय को स्वस्थ रखते हैं और कोलेस्ट्रॉल व ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इनके नियमित सेवन से पाचन तंत्र बेहतर होता है और शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त करने में सहायता मिलती है। माइक्रोग्रीन्स त्वचा और बालों को भी हेल्दी रखते हैं।
माइक्रोग्रीन्स से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
1. क्या घर के अंदर माइक्रोग्रीन्स लगा सकते हैं – How to Grow Microgreens Indoors in Hindi
घर के अंदर माइक्रोग्रीन्स लगाने के लिए उथली ट्रे में कोकोपीट या जैविक मिट्टी भरें। उपयुक्त बीज छिड़ककर हल्का दबाएं और स्प्रे बोतल से पानी दें। ट्रे को रोशनी वाली जगह रखें और नमी बनाए रखें। 7-14 दिनों में माइक्रोग्रीन्स कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं।
2. क्या माइक्रोग्रीन्स केवल एक बार बढ़ते हैं – Do microgreens grow only once in Hindi
हां, अधिकांश माइक्रोग्रीन्स केवल एक बार बढ़ते हैं। कटाई के बाद वे दोबारा नहीं उगते, इसलिए नए बीज बोने पड़ते हैं।
निष्कर्ष:-
माइक्रोग्रीन्स एक पोषण से भरपूर सुपरफूड हैं, जो कम समय और कम जगह में उगाए जा सकते हैं। इनमें विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स की अधिक मात्रा होती है। माइक्रोग्रीन्स को घर पर आसानी से उगाया जा सकता है (How to Grow Microgreens in Hindi), जिससे ताजगी और पोषण बना रहता है। इन्हें सलाद, सूप, स्मूदी और अन्य व्यंजनों में मिलाकर खाया जा सकता है। यदि सही विधि अपनाई जाए, तो यह न केवल सेहत के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि ऑर्गेनिक और सुरक्षित भोजन का एक बढ़िया सोर्स भी बन सकता है।
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