Tamatar Fatne Se Rokne Ke Upay In Hindi: अगर आप होम गार्डनिंग के शौकीन हैं और अपने घर की क्यारी या बालकनी में मेहनत से टमाटर उगा रहे हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए बेहद उपयोगी है। अक्सर ऐसा होता है कि पौधों पर लगे सुंदर, लाल-लाल टमाटर अचानक फटने लगते हैं, जिससे न केवल उनकी सुंदरता बिगड़ती है, बल्कि स्वाद और गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। कई लोग सोचते हैं कि यह किसी रोग की वजह से है, लेकिन असल में यह पौधों की देखभाल में हुई कुछ सामान्य गलतियों का परिणाम होता है।
लेकिन अच्छी बात यह है कि थोड़ी सी समझदारी और सही तकनीक अपनाकर आप इस समस्या को पूरी तरह खत्म कर सकते हैं। इस लेख में आप जानेंगे कि टमाटर के फटने का क्या कारण है (Tamatar Fatne Ka Karan In Hindi) और टमाटर फटने से कैसे रोकें, ताकि आपको अपने ही गार्डन से अच्छे और स्वस्थ टमाटर मिलें।
टमाटर फटने के कारण – What Causes Tomatoes To Crack In Hindi
जब पौधे को लंबे समय तक सूखा माहौल मिलता है और फिर अचानक अधिक पानी मिलता है, तो फल का अंदरूनी भाग तेजी से फूलता है लेकिन बाहरी छिलका तुरंत फैल नहीं पाता, जिससे वह फल फट जाता है। इसके अलावा अन्य कारण भी हैं, जैसे –
- अनियमित सिंचाई – कभी ज्यादा पानी देना और कभी बिल्कुल न देना।
- तेज धूप और फिर अचानक बारिश – जब मौसम अचानक ठंडा से गर्म या गर्म से ठंडा हो जाता है, तो फल की बाहरी परत और अंदरूनी भाग अलग-अलग गति से फैलते हैं। इससे फल का छिलका तनाव सहन नहीं कर पाता और फट जाता है।
- मिट्टी में नमी का असंतुलन – बहुत सूखी या बहुत गीली मिट्टी।
- असंतुलित खाद – विशेषकर नाइट्रोजन की अधिकता, टमाटरों को तेजी से बढ़ाती है जिससे फल का छिलका कमजोर होकर फट जाता है।
- मल्चिंग का अभाव – मिट्टी की नमी नियंत्रित नहीं रह पाती।
- गलत किस्म – टमाटर की कुछ किस्में फटने के लिए अधिक संवेदनशील होती हैं।
- फल का अधिक समय तक पौधे पर रहना – अधिक पकने पर भी फल फट सकता है।
- पोषक तत्वों की कमी – कैल्शियम और पोटैशियम की कमी से भी छिलका कमजोर हो जाता है।
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टमाटर फटने से कैसे रोकें, जानें तरीके – How To Prevent Tomatoes From Cracking In Hindi
सही समय पर पानी देना, मिट्टी की नमी को नियंत्रित रखना और पौधों को पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा देना – ये सभी कदम फटे हुए टमाटरों से बचने में मदद करते हैं। आप निम्न उपाय अपनाकर अपने टमाटरों को फटने से रोक सकते हैं या कम कर सकते हैं, जैसे-
1. सही से पानी देना
- रोजाना समान मात्रा में पानी दें, विशेषकर सुबह के समय।
- पौधों को बहुत देर तक सूखा न रहने दें और अचानक अत्यधिक पानी न डालें।
- मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए नमी जांचते रहें और मिट्टी सूखी लगे तो पानी दें, लेकिन जलभराव न होने दें।
- बारिश के दिनों में अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें।
- पानी देने की एक नियमित दिनचर्या बनाएं, जिससे पौधे स्थिर नमी में रहें।
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2. टमाटरों को समय पर तोड़ें
- जैसे ही टमाटर हल्का लाल रंग का दिखने लगे, उसे तोड़ लें।
- पूरी तरह पके हुए फल पौधे पर अधिक समय तक न छोड़ें।
- जल्दी तोड़े गए टमाटर कमरे के तापमान पर भी अच्छी तरह पक जाते हैं।
- इससे पौधा भी हल्का महसूस करता है और नए फलों का विकास बेहतर होता है।
- इस तरह, आप टमाटर फटने की संभावना को कम कर देते हैं और गुणवत्ता बनाए रखते हैं।
3. मल्चिंग करें
मल्चिंग यानी मिट्टी की सतह पर एक परत बनाना, जिससे नमी लंबे समय तक बनी रहती है और तापमान स्थिर रहता है।
- मल्चिंग करने से मिट्टी की नमी समान रहती है, जिससे अचानक बदलाव नहीं होता और फलों के फटने की संभावना कम होती है।
- आप घास, सूखी पत्तियाँ, भूसा या नारियल के छिलके मल्च के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
- इससे खरपतवार भी कम उगते हैं और पौधों की जड़ें ठंडी रहती हैं।
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4. जल निकासी की उचित व्यवस्था करें
- गार्डन या गमले में अच्छा ड्रेनेज सिस्टम बनाएं।
- पानी को ठहरने न दें, इसके लिए हल्की ढलान या निकासी नाली बनाएं।
- ग्रो बैग या गमलों में नीचे छेद अवश्य रखें, ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके। आप गमलों को ड्रेनेज मेट पर भी रख सकते हैं।
- संतुलित नमी फलों के फटने से बचाती है और पौधों को स्वस्थ रखती है।
- आप पौधों को उचित मात्रा में पानी देने के लिए ड्रिप इरीगेशन सिस्टम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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5. जैविक खाद व उर्वरक
- जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, कंपोस्ट और वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें।
- कैल्शियम और पोटैशियम युक्त उर्वरक फलों को मजबूत बनाते हैं, इसके लिए आप पौधों को NPK और बोन मील खाद दे सकते हैं।
- अधिक नाइट्रोजन न दें, इससे केवल पत्तियाँ बढ़ती हैं, फल नहीं।
- हर 15-20 दिन में संतुलित जैविक खाद दें।
- मिट्टी की जांच कर उर्वरक का प्रयोग करें, ताकि पौधों को सभी पोषक तत्व प्राप्त हो सकें।
6. मौसम के बदलाव से पौधों की रक्षा करें
- अचानक धूप या बारिश से बचाने के लिए पौधों के ऊपर शेड नेट, जाली या पॉलीशीट लगाएं। यह छाया और सुरक्षा देता है, जिससे तापमान संतुलित रहता है।
7. फटने-रोधी किस्मों का चयन करें
- ऐसी किस्में चुनें जो नमी और तापमान के अचानक बदलाव को झेल सकें।
- कई किस्में मजबूत छिलके वाली होती हैं, जिनमें फटने की संभावना कम होती है।
नोट – फटने रोधी किस्में लगाने के बाद पौधे की देखभाल करना न भूलें।
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टमाटर फटने पर क्या करें – What To Do If Tomatoes Split In Hindi
अगर आपके टमाटर पहले से फट चुके हैं, तो चिंता की जरूरत नहीं। थोड़ी देखभाल से आप नुकसान कम कर सकते हैं और उनका यूज़ भी कर सकते हैं।
- फटे हुए टमाटर को तुरंत पौधे से तोड़ लें, ताकि वे सड़कर बाकी फलों को नुकसान न पहुंचाएं।
- फटे टमाटर को घरेलू उपयोग में तुरंत इस्तेमाल करें।
- अगर आपके टमाटर सड़ गए हैं, तो उन्हें अलग कर दें।
निष्कर्ष:
टमाटर फटने की समस्या को सही सिंचाई, पोषण और थोड़ी समझदारी से पूरी तरह रोका जा सकता है। समय पर देखभाल और प्राकृतिक उपायों से आप अपने गार्डन से स्वस्थ, सुंदर और चमकदार टमाटर प्राप्त कर सकते हैं।
FAQ
1. क्या टमाटर के पौधों में अधिक पानी देने से दरारें पड़ जाती हैं?
हाँ, बिल्कुल। जब टमाटर के पौधों को अचानक बहुत अधिक पानी मिलता है, तो फल का अंदरूनी भाग तेजी से फूलता है, लेकिन बाहरी छिलका उतनी जल्दी नहीं फैल पाता। इस असंतुलन के कारण फल की सतह पर दरारें पड़ सकती हैं।
2. टमाटर में किस कमी से दरार आती है?
टमाटर में कैल्शियम और पोटैशियम की कमी से फल का छिलका कमजोर हो जाता है, जिससे वह नमी और तापमान के बदलाव को सहन नहीं कर पाता। अगर पौधों को नाइट्रोजन ज्यादा मात्रा में दी जाए, तो भी फलों में दरारें पड़ सकती हैं।
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