How To Stop Seeds From Rotting In Rainy In Hindi: बरसात का मौसम पौधों की नैचुरल ग्रोथ के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन यही मौसम बीज बोने (seed sowing) के लिहाज़ से चुनौतीपूर्ण भी बन जाता है। अधिक नमी, जलभराव और लगातार बारिश की वजह से बीजों के सड़ने (seed rotting) की समस्या आम हो जाती है, जिससे उनका अंकुरण (germination) प्रभावित होता है और प्लांट की शुरुआती ग्रोथ रुक जाती है। खासकर जब बीज पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं ले पाते या फफूंद लग जाता है, तो पौधे उगने से पहले ही खराब हो जाते हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि, बरसात में बीज खराब क्यों होता है, rainy season में बीज को सड़ने से कैसे रोकें (Barsat Me Beej Sadne Se Kaise Bachaye) और बीज सड़ने से बचाने के उपाय क्या हैं, साथ ही जानेंगे कि, कौन-से प्रैक्टिकल स्टेप्स अपनाकर अंकुरण रेट को बेहतर किया जा सकता है।
बरसात में बीजों को सड़ने से बचाने के उपाय – Tips To Prevent Seed Rotting During The Rainy Season In Hindi
बारिश के मौसम में मिट्टी में नमी ज्यादा होती है, जो बीजों को सड़ा सकती है। इसके अलावा भी निम्न कारणों से बीज सड़ सकते हैं, जैसे-
1. बीजों को उपचारित करें – Seed Treatment in Hindi
बरसात में बीजों को सड़ने से बचाने का पहला और सबसे जरूरी उपाय है उनका उचित उपचार। बीज बोने से पहले उन्हें फफूंदनाशक (fungicide) जैसे कैप्टान या थाइरम में 30 मिनट तक भिगोना चाहिए। इससे बीजों पर लगने वाली फफूंद और बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और अंकुरण दर बेहतर होती है। कुछ लोग जैविक उपाय जैसे नीम के पत्तों का अर्क भी इस्तेमाल करते हैं।
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2. ऊँचे और अच्छी जल निकासी वाली जगह चुनें – Choose High and Well-Drained Location in Hindi
बीजों को सड़ने से बचाने के लिए गार्डन या गमले की सतह थोड़ी ऊँची और जलनिकासी अच्छी होनी चाहिए। अगर पानी जमा हो जाता है, तो बीजों के आस-पास की मिट्टी लगातार भीगी रहेगी, जिससे फंगस पैदा होगी और बीज सड़ सकते हैं। ऊँची क्यारियाँ या Raised Beds बनाना इस समस्या का सरल समाधान है।
3. हल्की और भुरभुरी मिट्टी का इस्तेमाल करें – Use Light and Porous Soil in Hindi
भारी और चिकनी मिट्टी बरसात में अधिक देर तक गीली रहती है, जिससे बीजों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। हल्की, भुरभुरी और रेतीली मिट्टी बीजों के लिए ज्यादा उपयुक्त होती है, क्योंकि यह पानी को जल्दी निकाल देती है और हवा का आवागमन बना रहता है, जिससे बीज सड़ते नहीं।
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4. बीजों को ज्यादा गहराई में न बोएँ – Avoid Deep Sowing in Hindi
बरसात में बीजों को ज्यादा गहराई में बोने से वे मिट्टी में ज्यादा देर तक गीले रहते हैं, जिससे उनका सड़ना तय हो जाता है। बीजों को सिर्फ इतनी गहराई में बोना चाहिए कि, वे मिट्टी से ढँक जाएँ, लेकिन हवा और नमी दोनों को बराबरी से प्राप्त कर सकें। आमतौर पर बीज का आकार जितना होता है, उसकी दुगनी गहराई पर्याप्त होती है।
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5. उचित दूरी पर बीज लगाएं – Maintain Proper Spacing in Hindi
बरसात में अगर बीजों को बहुत पास-पास बोया जाए तो नमी लंबे समय तक बनी रहती है और फफूंद का फैलाव तेज हो जाता है। इसलिए बीजों के बीच उचित दूरी रखनी चाहिए जिससे हवा का संचार हो और मिट्टी जल्दी सूखे। इससे न सिर्फ सड़न की संभावना कम होती है, बल्कि पौधों की ग्रोथ भी बेहतर होती है।
6. जैविक फफूंदनाशक का यूज करें – Use Organic Antifungal Solutions in Hindi
अगर आप रासायनिक दवाइयों से बचना चाहते हैं, तो नीम का तेल, ट्राइकोडर्मा (Trichoderma) या छाछ (buttermilk) जैसे जैविक विकल्प अपनाए जा सकते हैं। ये उपाय बीजों की सतह पर मौजूद हानिकारक फफूंद को नष्ट करते हैं और मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीवों को सक्रिय करते हैं। ये न केवल सड़न रोकते हैं बल्कि अंकुरण को भी बेहतर बनाते हैं।
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7. अधिक पानी देने से बचें – Avoid Overwatering in Hindi
बरसात के दौरान अक्सर किसान या गार्डनर अतिरिक्त सिंचाई कर बैठते हैं, जो बीजों के लिए नुकसानदायक होती है। यदि पहले से ही मिट्टी गीली है, तो सिंचाई बिल्कुल न करें। ज्यादा पानी से मिट्टी में ऑक्सीजन की कमी होती है और बीज जल्दी सड़ जाते हैं। अपने गार्डन में नमी की नियमित जांच करते रहना चाहिए।
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8. मल्चिंग का इस्तेमाल करें – Use Mulching in Hindi
बरसात के मौसम में प्लास्टिक शीट, सूखी पत्तियाँ या भूसी से मल्चिंग करने से मिट्टी की सतह पर पानी जमा नहीं होता और बीजों के ऊपर से नमी संतुलित बनी रहती है। यह विधि बीजों को सड़न से बचाने के साथ-साथ खरपतवार (weeds) को भी नियंत्रित करती है और मिट्टी की संरचना को बनाए रखती है।
9. अंकुरित बीजों का इस्तेमाल करें – Use Pre-Germinated Seeds in Hindi
एक असरदार तरीका यह है कि बीजों को पहले 24-48 घंटे पानी में भिगोकर हल्का अंकुरित कर लिया जाए और फिर उन्हें बोया जाए। ऐसे बीज जल्दी उगते हैं और मिट्टी में ज्यादा समय तक नहीं पड़े रहते, जिससे सड़ने की संभावना घट जाती है।
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बरसात में बीजों का अंकुरण रेट कैसे बढ़ाएं – How To Increase Seed Germination Rate During The Rainy Season In Hindi
बीजों को बोने से पहले अगर निम्न बातों का ध्यान रखा जाए, तो अंकुरण रेट बढ़ सकता है-
- बीजों को पहले से अंकुरित करें – बीजों को बोने से पहले हल्के गीले कपड़े में लपेटकर 24–48 घंटे तक रखने से वे पहले ही अंकुरित होने लगते हैं। ऐसे बीज मिट्टी में जल्दी ग्रो करते हैं और अंकुरण रेट बढ़ता है। इस विधि से सड़न की संभावना भी घटती है।
- गर्म पानी ट्रीटमेंट दें – कुछ बीजों को हल्के गर्म पानी (लगभग 40-50°C) में 15–30 मिनट तक भिगोने से उनके ऊपरी कठोर खोल नरम हो जाते हैं और वे आसानी से अंकुरित हो जाते हैं। इससे बीजों के भीतर की जीवनी शक्ति सक्रिय होती है।
- बायो स्टीमूलेंट यूज करें – गर्मी या बारिश के मौसम में अंकुरण को तेज़ करने के लिए बीजों को जैविक उत्तेजक जैसे “सिओनोक्टोबैक्टर”, “पंचगव्य“, या “सी वीड़ एक्सट्रैक्ट” से उपचारित करें। ये उत्पाद बीज की ऊर्जा और मिट्टी में रूट डेवलपमेंट को बढ़ावा देते हैं।
- बेहतर तापमान और नमी बनाए रखें – बीज अंकुरण के लिए आदर्श तापमान और मिट्टी की नमी जरूरी है। बहुत ज्यादा या कम तापमान, और अत्यधिक पानी या सूखी मिट्टी अंकुरण को प्रभावित कर सकती है। मिट्टी में नमी तो बनी रहे, लेकिन जलभराव न हो।
- मिट्टी में जैविक खाद मिलाएँ – मिट्टी में अच्छी मात्रा में सड़ी-गली गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट या जैविक खाद मिलाने से मिट्टी की उर्वरता और पानी सोखने की क्षमता बढ़ती है, जिससे अंकुरण बेहतर होता है और पौधों को शुरुआती पोषण भी मिल जाता है।
- बीज की गुणवत्ता अच्छी हो – अंकुरण दर सीधे बीज की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। प्रमाणित कंपनियों या स्थानीय कृषि केंद्रों से खरीदे गए ताजे, चमकदार और कीट रहित बीज ही बोएँ। पुराने या सड़े-गले बीजों की अंकुरण दर कम होती है। आप अच्छी क्वालिटी के सब्जी, फूल और फल के बीज organicbazar.net से खरीद सकते हैं।
- जर्मिनेशन टेस्ट कर लें – बड़े पैमाने पर बोने से पहले एक छोटा “गर्मी+नमी टेस्ट” करें। कुछ बीजों को कपड़े में लपेटकर गर्म जगह पर रखें और 3–4 दिन बाद अंकुरण प्रतिशत चेक करें। यदि 70% से ऊपर है, तो वही बीज बोएँ।
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निष्कर्ष:
बरसात का मौसम भले ही गार्डनिंग के लिए बेहतर माना जाता है, लेकिन बीजों के अंकुरण और सड़न से जुड़ी समस्याएँ इसे चुनौतीपूर्ण बना देती हैं। यदि हम बीजों को सही तरीके से उपचारित करें, मिट्टी और मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बोवाई करें, और जलनिकासी, मल्चिंग तथा जैविक उपायों को अपनाएँ, तो अंकुरण दर को प्रभावी रूप से बढ़ाया जा सकता है और बीज सड़ने से बचाए जा सकते हैं।
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